दस्त या डायरिया-(Loose Motion In Hindi) :
दस्त जिसको हम इंग्लिश में (losse motion) भी कहते है। ये पेट की बीमारी से उत्पन्न होते है। क्युकी जितनी भी बीमारी होती है वो सभी पेट से ही होती है अगर हमरा पेट सही है तो हमें कोई भी बीमारी छू नहीं सकती। जब व्यक्ति के दस्त लगते है तो उसको कई परेसनियो का समाना करना पड़ता है | बार बार उसे टॉयलेट जाना पड़ता है | इसका दूसरा नाम (Diarrhoea) भी है तो जब भी आपको दस्त हो तो आप डॉ. के पास न जाकर अपना इलाज घर पर ही कर सकते है इसका आयुर्वेद में बहुत अच्छा इलाज है ये इलाज जो नीचे बताया गया है इससे एक ही खुराक मैं दस्त बंद हो जाते हैं।
दस्त या डायरिया के प्रकार (Types Of Diarrhea In Hindi) :
डायरिया की दो स्थितियां होती हैं- एक, जिसमें दिन में पांच बार से अधिक मल त्याग करना पड़ता है या पतला मल आता है। इसे डायरिया की गंभीर स्थिति कहा जा सकता है। आनुपातिक डायरिया में व्यक्ति सामान्यतः जितनी बार मल त्यागता है उससे कुछ ज्यादा बार और कुछ पतला मल त्यागता है।
उग्र अतिसार– उग्र अतिसार का कारण प्रायः आहारजन्य विष, खाद्य विशेष के प्रति असहिष्णुता या संक्रमण होता है। कुछ विषों से भी, जैसे संखिया या पारद के लवण से, दस्त होने लगते हैं।
जीर्ण दस्त – जीर्ण दस्त बहुत कारणों से हो सकते है। आमाशय अथवा अग्न्याशय ग्रंथि के विकास से पाचन विकृत होकर अतिसार उत्पन्न कर सकता है। आंत्र के रचनात्मक रोग, जैसे अर्बुद, संकिरण आदि, अतिसार के कारण हो सकते हैं।
जीवाणुओं द्वारा संक्रमण तथा जैवविषों द्वारा भी अतिसार उत्पन्न हो जाता है। इन जैवविषों के उदाहरण हैं रक्तविषाक्तता (सेप्टिसीमिया) तथा रक्तपूरिता (यूरीमिया)। कभी निःस्रावी (एंडोक्राइन) विकार भी अतिसार के रूप में प्रकट होते हैं, जैसे ऐडीसन के रोग और अत्यवटुकता (हाइपर थाइरॉयडिज्म)।
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दस्त या डायरिया के लक्षण-(Diarrhea Symptoms In Hindi) :
1. मतली होना : जब किसी व्यक्ति को ऐसा लगता है की उसे मतली होने वाली है या बैचेनी होती है तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि उसे दस्त होने वाले हो सकते हैं।
2. पेट दर्द : जब भी किसी व्यक्ति को दस्त होने की समस्या होती है तो उसे पेट दर्द होता है जो असहनीय होता है। पेट में दर्द होना बहुत आम बात होती है लेकिन अधिक दर्द होना हानिकारक हो सकता है।
3. ऐंठन होना : अक्सर देखा जाता है कि जब भी किसी को दस्त की समस्या होती है तो उसे पेट में ऐंठन होने लगती है। यह ऐंठन बहुत पीड़ादायक होती है।
4. सूजन होना : जब किसी को दस्त के दौरान पेट में अधिक दर्द होता है तो उसके पेट पर सूजन भी हो सकती है। जब किसी के पेट पर सूजन हो तो यह दस्त की वजह से भी हो सकता है।
5. निर्जलीकरण : बार-बार मलत्याग की वजह से रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसकी वजह से वह कमजोरी और निर्जलीकरण का शिकार हो जाता है।
6. बुखार आना : जिस भी व्यक्ति को दस्त की समस्या होती है उसके शरीर का तापमान हर समय थोडा बढ़ा रहता है लेकिन जब इस समस्या को अधिक समय हो जाता है तो उसके शरीर का तापमान बढने लगता है।
7. मलत्याग में खून : जब कोई व्यक्ति दस्त से ग्रस्त होता है तो अक्सर देखा जाता है कि किस-किसी के मलत्याग के दौरान खून भी आने लगता है और जब इस बात को अधिक समय हो जाता है तो यह बीमारी बवासीर में भी बदल सकती है।
8. मलत्याग की इच्छा : जिसे दस्त की समस्या होती है अक्सर उसे मलत्याग करने की इच्छा होती है और बार-बार मलत्याग के लिए आना पड़ता है और मल त्याग में मल बहुत अधिक आता है जिसमें पानी की मात्रा मल की मात्रा से अधिक होती है।
9. वजन घटना : जब आपको कमजोरी सी लगने लगे, बार-बार मलत्याग के लिए जाना पड़े और वजन भी घट जाए तो समझ लेना चाहिए कि उसे दस्त या डायरिया की समस्या है।
10. प्यास लगना : जब किसी व्यक्ति को बार-बार मलत्याग करना पड़ता है तो उसके शरीर से पानी की मात्रा कम हो जाती है और उसे बार-बार प्यास लगती है। रोगी के होंठ सूखने लगते हैं बार-बार पानी पीने की इच्छा होती है।
दस्त या डायरिया के कारण-(Reasons For Diarrhea In Hindi) :
दस्त होने का सबसे आम कारण एक विषाणु है, जिसका नाम है रोटावायरस। यह विषाणु अंतड़ियों को संक्रमित करता है, जिससे गैस्ट्रोएंटेराइटिस होता है। यह आंत की अंदरुनी परत को क्षति पहुंचाता है। इस क्षतिग्रस्त परत से तरल पदार्थ का रिसाव होता है और पोषक तत्वों का समाहन किए बिना भोजन इसमें से निकल जाता है। कुछ कारण इसके ऐसे भी हैं जैसे-
1. संक्रमण से : जो लोग संक्रमण जैसे जीवाणु, वायरल, परजीवी रोगों से ग्रस्त होते हैं उन्हें दस्त की समस्या हो सकती है। जिस व्यक्ति को संक्रमण की समस्या होती है उन्हें दस्त की समस्या होना आम बात होती है।
2. इंफेक्शन से : जिन लोगों को किसी-न-किसी चीज से इंफेक्शन होता है उन्हें दस्त की समस्या हो सकती है क्योंकि ये रोग इंफेक्शन से भी हो सकता है।
3. रोगों से : जिन लोगों को कोलन कैंसर, लिम्फोमा, सूजन, आंत्र रोग, विपुटीशोथ, सीलिएक जैसे रोग होते हैं उन्हें दस्त की समस्या हो सकती है क्योंकि इन्हें पेट से संबंधित समस्याएं होती हैं।
4. दूषित पानी से : आज के समय में लोग फ्रिज में या खुला पानी रखते हैं जिससे पानी दूषित हो जाता है और पीने के लायक नहीं रहता है। ऐसे पानी को पीने की वजह से लोगों को दस्त की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
5. बैक्टीरिया से : दस्त बैक्टीरिया से होने वाली समस्या भी है क्योंकि कैम्पिलोबैक्टर, सैल्मोनेले, शिगेला जीव जैसे बैक्टीरिया से भी दस्त होते हैं। ऐसे लोगों को जो बैक्टीरिया से ग्रस्त होते हैं उन्हें दस्त जल्दी होते हैं।
6. दवाईयों से : बहुत से लोग दवाईयां लेते हैं जो दस्त के मुख्य कारन हो सकते हैं। जो लोग कैंसर की दवाईयां, ब्लडप्रेशर की दवाईयां, पेनकिलर, गाउट दवाईयां, वजन घटाने की दवाईयां लेते हैं उन्हें भी दस्त की समस्या हो सकती है।
7. अस्वच्छता से : आज के लोग बहुत आलसी हो गए हैं अपने आसपास सफाई रखना पसंद नहीं करते हैं जिसका बुरा असर उनकी सेहत पर होता है। जब बैक्टीरिया उनके शरीर के अंदर जाते हैं तो उन्हें दस्त की समस्या हो जाती है।
8. पानी की कमी से : जब किसी व्यक्ति को दस्त होते हैं तो उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है क्योंकि बार-बार मलत्याग करने पर पानी अधिक मात्रा मलत्याग के माध्यम से बाहर मिकल जाती है और उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
दस्त रोकने के उपाय-(Diarrhea/Loose Motion Treatment In Hindi) :
अगर आपका पेट ख़राब है और दस्त हो गये है तो आप आधा चम्मच जीरा खूब चबा के खाओ फिर ऊपर से एक गिलाश गर्म पानी पी लें एक ही खुराक में दस्त बंद हो जाते है।
1. दूध व् नीबू से उपचार :
अगर आपको बहुत ज्यादा दस्त हो … हर एक दो मिनट में आपको टोयेलेट जाना पड़ रहा है तो आधा कफ कच्चा दूध लेके फिर उसमें थोडा सा नीबू डालकर उसे पी जाओ ध्यान रखें की आपको ये दूध फटने से पहले पीना है बस एक ही खुराक में कितने भी तेज दस्त हो सब ठीक हो जाते है। इससे डायरिया/डिसेंट्री भी ठीक हो जाती है।
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2. बेल पत्र से उपचार :
एक और अच्छी दवा है बेल पत्र के पेड़ पर जो फल होते है उसका गुदा चबाके खा लो फिर ऊपर से थोडा सा गनगुना पानी पे ले इससे भी दस्त बंद हो जाते है इसे ही इसका बेल का पाउडर आता है उसमेसे एक चम्मच की फंकी ले लो गुनगुने पानी के साथ इससे भी दस्त ठीक हो जाते है।
3. ओ.आर.एस. के सेवन से उपचार :
ओ.आर.एस. पानी का घोल होता है जो पानी, नमक और ग्लूकोज स मिलकर बना होता है। इसे पीने से मल कड़ा नहीं रहता और साथ ही दस्त में भी बहुत आरामदायक होता है। इसे पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और न ही कमजोरी होती है।
4. पानी के सेवन से उपचार :
जब बार-बार मलत्याग करना पड़ता है शरीर बहुत कमजोर हो जाता है और पानी की कमी की वजह से चक्कर भी आने लगते हैं ऐसे में जितना हो सके पानी पीना चाहिए क्योंकि पानी की पूर्ति होने से चक्कर नहीं आते और दस्त में भी थोडा आराम होता है।
5. चाय के सेवन से उपचार :
जिन लोगों को दस्त की समस्या होती है उन्हें अदरक वाली चाय बनाकर पीनी चाहिए क्योंकि इससे बहुत आराम मिलता है। अदरक वाली चाय के सेवन से पेट में दर्द और ऐंठन में आराम होता है और पेट हल्का भी होने लगता है।
4. चावलके सेवन से उपचार :
अगर आप दस्त से ग्रस्त हैं तो आपको चावल का सेवन करना चाहिए क्योंकि चावल बहुत फायदेमंद होते हैं ये हमारी आँतों की गति को थोडा कम कर देते हैं जिसकी वजह से दस्त में भी बहुत आराम होता है दस्त आने की गति भी मंद हो जाती है।
6. दही के सेवन से उपचार :
जिन लोगों को दस्त की समस्या होती है उन्हें दही का सेवन करना चाहिए क्योंकि दही में जो बैक्टीरिया पाए जाते हैं वो डायरिया के बैक्टीरिया के समाप्त कर देते हैं और दस्त भी रुक जाते हैं इसलिए अगर आप दस्त से ग्रस्त हैं तो दही का सेवन कर सकते हैं।
6. केला के सेवन से उपचार :
जिन लोगों को दस्त हैं उन्हें केले का सेवन करना चाहिए क्योंकि केले में भरपूर मात्रा में पौटेशियम और पेक्टिन तत्व पाया जाता है जो डायरिया के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। इसलिए जिसे भी दस्त की समस्या हो उसे केले का सेवन करना चाहिए यह आपके लिए बहुत लाभदायक होता है।
दस्त या डायरिया से बचाव के उपाय-(How To Save From Diarrhea In Hindi) :
- जितना हो सके ओ.आर.अस का घोल पिए।
- खाने की चीजो को अच्छी तरह से धोकर खायें।
- हल्के भोजन का सेवन करें जेसे चावल, दाल, और फलो का सेवन भी कर सकते है।
- आराम करना चाहिए।
- सुबह -२ प्राणायाम जेसे कपालभाती, आलोम-बिलोम करने चाहिए।
- चाय का प्रयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
- दही, छाय(मट्ठा) इनका सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
दस्त या डायरिया में क्या खाएं (What To Eat In Loose Motion) :
जिस व्यक्ति को दस्त की समस्या होती है उसे केला, दही, खिचड़ी, सेब, ओटमील, आलू, शुगर युक्त पदार्थ, नारियल पानी, मक्खन, संतरा, अनार, तरबूज, सफेद चावल, मुरब्बा, मट्ठा, बाजरा, बकरी का दूध, नींबू, ओउदिना, घिया, तोरी, टिंडे, मूंग की दाल, गाजर, दलिया आदि का सेवन करना चाहिए।
दस्त या डायरिया में क्या न खाएं (Do Not Eat In Loose Motion) :
जिन लोगों को दस्त की समस्या होती है उन्हें देरी प्रोडक्ट, वसायुक्त पदार्थ, मसालेदार भोजन, कॉफी, फैटी फूड, कैफीन, शराब, प्याज, मक्का, खट्टे फल, अनानास, चेरी, जामुन, अंजीर, अंगूर, सोडा, मांस, फलों का रस, ब्रोकली, पिज्जा, बर्गर, कोल्डड्रिंक, पेठा, ककड़ी, टमाटर, समोसा, पेटीज, बंदगोभी, बींस, फूल गोभी, चाय आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।