खांसी (Cough In Hindi) :
जब किसी व्यक्ति के गले , फेफड़े आदि में कफ जैसे दूसित पदार्थ इकठ्ठे हो जाते हे तो वो पदार्थ खांसी के द्वारा बाहर निकाले जाते है इसी परिक्रिया को खांसी कहते है। या फिर आयुर्वेद के अनुसार, जब कफ सूखकर फेफड़ों और श्वसन अंगों पर जम जाता है तो खांसी होती है।
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सांस लेते समय भौंकने जैसी आवाज करता है। यह बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया कहलाने वाले जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु व्यक्तियों के बीच श्वसन क्रिया से निष्कासित जीवाणु से फैलती है।
यह तब होता है जब संक्रमण युक्त व्यक्ति खांसते या छींकते हैं। यह संक्रमण युक्त व्यक्तियों के शारीरिक द्रवों से संपर्क होने से भी फैलता है जैसे नाक का पानी गिरना।
आयुर्वेद में इसका बहुत अच्छा इलाज है उपचार जो आपको नीचे बताये गये है हर उपचार से आपकी खांसी 100% ठीक हो जाएगी। आयुर्वेद से इलाज करने में आपको बहुत ही फायदा है क्योंकि एक तो डॉ. से बच जाते है और उसकी एलोपेथी मेडिसिंस से।
खांसी के प्रकार (Types Of Cough In Hindi) :
खांसी भी कई प्रकार की होती है। जैसे – 1. पित्त की खांसी, 2. हॉन्किंग कफ, 3. क्षय खांसी, 4. सूखी खांसी, 5. क्षतज खांसी
1. पित्त की खांसी :- जब व्यक्ति को पित्त की खांसी होती है तो इसमें उसकी आवाज ख़राब हो जाती है और इसके साथ-साथ जब रोगी को बुखार आता है तो साथ में मुहं पर भी सुजन आती है, अधिक प्यास लगती है और मुहं कडवा रहता है।
2. हॉन्किंग कफ :- जब व्यक्ति को हॉन्किंग कफ की खांसी होती है तो रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे की कफ उसके मुहं में चिपटा हुआ हो और इसके साथ-साथ ही सर में दर्द होता है और खांसने पर गाढ़ा कफ निकलता है और गले में खुजली रहती है इत्यादि।
3. क्षय खांसी :- जब व्यक्ति को क्षय की खांसी होती है तो व्यक्ति का शरीर सूखने लगता है और पूरे शरीर के अंगों दर्द रहता है और जब रोगी को खांसी होती है तो कफ के साथ खून भी आता है और जब रोगी को बुखार चढ़ता है तो शरीर में बैचेनी तथा जलन महसूस होती है।
4. सूखी खांसी :- जब व्यक्ति को सूखी खांसी होती है तो रोगी का मुहं सूख जाता है और साथ ही गला भी बैठ जाता है और खांसी बढ़ जाने के साथ आवाज में परिवर्तन के साथ शुष्क खांसी होती है जिसमें कफ नहीं निकलता है और इसके साथ-साथ ही पेट और सिर में दर्द भी रहता है।
5. क्षतज खांसी :- इसमें रोगी के फेफड़ों में घाव हो जाता है और फिर खांसी होने लगती है इसके कई कारण हैं जैसे – अधिक waight लिफ्टिंग करना, जरूरत से ज्यादा महनत करना, खान-पान पर अच्छे से ध्यान न देना इत्यादि इसके कुछ लक्षण भी हैं जैसे – रोगों को स्वांस लेने मैं तकलीफ होती है, प्यास जरूरत से ज्यादा लगती है, गले और ह्रदय में दर्द होता है।
खांसी के लक्षण (Cough Symptoms In Hindi) :-
वैसे तो अलग-अलग खांसी के अलग-अलग लक्षण होते हैं मुख्य रूप से खांसी दो प्रकार की होती है। एक तो सूखी खांसी होती है और दूसरी गीली खांसी अथार्त जो खांसी बलगम के साथ होती है।
सूखी खांसी के लक्षण : सूखी खांसी में व्यक्ति की छाती, गले में दर्द होता है। इस खांसी में बलगम नहीं निकलता है और यह खांसी थोड़े-थोड़े समय पर आती रहती है।
बलगम वाली खांसी के लक्षण : बलगम वाली खांसी के साथ खांसने पर बलगम साथ में आता है। इस खांसी में सर में दर्द रहता है और जब बलगम निकल जाता है तो व्यक्ति को राहत महसूस होती है।
खांसी के कारण (Cough Causes In Hindi)
- ध्रूमपान ( जैसे बिंडी, सिगरेट इत्यादि ) इसका सबसे बड़ा कारण है।
- सर्दी भी इसका एक मुख्य कारण है।
- जल्द बाजी में खाना खाना इत्यादि।
- मौसम में अचानक बदलाव होना, जैसे धूल, धुआं और प्रदूषण के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है।
- गले में वायरल शोध के कारण।
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खाँसी के घरेलू उपचार (Home Remedies For Cough In Hindi)
1. खांसी का हल्दी और दूध से इलाज :
सभी प्रकार की खांसी के लिए ये सबसे बेस्ट तरीका है एक गिलास में थोडा सा गर्म दूध लेना जो की पिने लायक हो फिर उसमें एक चम्मच हल्दी मिला दे फिर उस दूध को अच्छी तरह से फेंटे ताकि हल्दी अच्छे से दूध में मिल जाए फिर दूध को रोगी को पिला दें। ऐसा करने से 2 दिन मैं ही खांसी खत्म हो जाती है।
अगर हल्दी को दूध में मिला के नही पिया जाता तो आप आधी चम्मच हल्दी लेके खांसी वाले व्यक्ति को लिटाकर उसका मुँह खोलकर वो आधी चम्मच हल्दी उसके गले में डाल दें ऐसा करने से भी खांसी बंद हो जाती है और साथ ही टोंसिल की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है इतनी ताकत होती है इस प्राक्रतिक हल्दी में।
2. अदरक और हल्दी करती हैं खांसी का इलाज :
अगर खांसी ज्यादा है तो अदरक का एक छोटा सा पीस लेके उसे आग पर भून के उसपे थोड़ी सी हल्दी डालकर उसे मुह में चूसना सुरु कर दो। इससे सबसे बड़ी से बड़ी खांसी भी ठीक हो जाती है हॉन्किंग कफ जैसी खांसी भी इससे ठीक हो जाती है। यह भी एक सबसे अच्छा नुस्खा है हर प्रकार की खांसी से निजात पाने के लिए।
3. शहद से खांसी का इलाज :
यह भी एक अच्छा नुस्खा है खांसी को ठीक करने का आपको शहद लेना है 10 ग्राम और अदरक का रस भी 10 ग्राम लेना है अब इन दोनों को मिला लें अब इस पेस्ट को चाटें इस नुस्खे को कम से कम दिन में 3-4 बार प्रयोग करें।
4. आंवले का छिलका है खांसी में फायदेमंद :
अगर आपको खांसी बहुत है तो आंवले के छिलके को सुखाकर उसको पीसकर उसका चूर्ण बना लें और फिर बराबर मात्रा में मिश्री भी मिला लें अब इस मिश्रण में से 5-6 ग्राम सुबह ताजे पानी के साथ लें ऐसा करने से पुरानी से पुरानी खांसी ठीक हो जाएगी।
5. मुलेठी से खांसी का इलाज :
मुलेठी भी खांसी में बहुत लाभ पहुंचाती है सबसे पहले आपको थोड़ी सी मुलेठी लेनी है अगर ले सको तो थोड़ी सी कालीमिर्च लेनी है या इन दोनों को बराबर मात्रा में ले लो अब इनको पीस लें फिर इसमें थोडा सा गुड मिला लें अब इनकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें अब इनमें से 2-2 गोली सुबह-साम लेनी है। – Mulethi Ke Fayde
खांसी के लिए कुछ अन्य उपचार (Some Other Treatments For Cough)
1. एक और अच्छी दवाई है खांसी के लिए तुलसी , अदरक , काली मिर्च , लॉन्ग की चाय बनाके रोगी को पिलाये इससे भी खांसी में आराम मिलता है।
2. आनर का जूस गर्म करके पिने से भी खांसी ठीक हो जाती है।
3. अदरक गर्म करके खाने से भी खांसी ठीक हो जाती है। काली मिर्च के चूसने भी खांसी ठीक हो जाती है।
4. गर्म पानी से गरारे भी कर सकते है।
5. खांसी होने पर सेंधा नमक की डली को आग पर अच्छे से गरम कर लीजिए। जब नमक की डली गर्म होकर लाल हो जाए तो तुरंत आधा कप पानी में डालकर निकाल लीजिए। सोने से पहले इस पानी को पीने से खांसी में काफी आराम मिलता है।
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खांसी के लिए परहेज (Avoiding Cough In Hindi)
1. ठंडे खाद्य पदार्थ न खाएं :- जिन लोगों को खांसी होती है उन लोगों को ठंडे खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए। यह माना जाता है कि आज तक इस बात का पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है कि ठंडे खाद्य पदार्थ खाने से खांसी तेज होती है या फिर और ज्यादा बढ़ जाती है।
2. तला हुआ भोजन न खाएं :- तेलीय भोजन को खाने से खांसी अधिक सक्रिय हो जाती है। जब भोजन को तेल में ज्यादा देर तक पकाया जाता है तो एक्रोलिन यौगिक का जन्म होता है। यह एलर्जी की तरह काम करता है और खांसी को और अधिक बढ़ाता है। इससे गले में खरास हो जाती है और बाद में खुजली भी होने लगती है।
3. धुम्रपान न करें :- धुम्रपान की वजह से ही खांसी होती है। इससे हमारे गले में जलन पैदा होती है और खांसी को ठीक नहीं होने देता है। अगर आप धुम्रपान नहीं करते आपके आस-पास कोई धुम्रपान करता है तब भी खांसी बनी रहती है।
4. कैफिन युक्त पेय पदार्थ न पियें :- जिन लोगों को अम्लता की वजह से खांसी होती है उन लोगों को कैफिन युक्त पेय पदार्थ नहीं खाने चाहियें। कैफिन से भोजन नली ढीली बन जाती है। इसी वजह से भोजन की नली में अम्ल ज्यादा मात्र में जाने लगता है।
खांसी के लिए सीरप (Cough Syrup In Hindi) :
1. काफोहिस्ट : Kafohist – इसे व्यस्क 1-2 चम्मच दिन में तीन बार लें। इसे बालक 1/2 -1 चम्मच दिन में तीन बार लें।
2. आयरो कफ सीरप : Ayro Cough Syp. – इसे व्यस्क 1-2 चम्मच दिन में तीन बार लें। इसे बालक 1/2 -1 चम्मच दिन में तीन बार लें।
3. कफसिन : Kafsin – इसे व्यस्क 2-2 चम्मच दिन में तीन बार लें। बालक 1-1 चम्मच दिन में तीन बार लें।
4. पुष्करामृत : Pushkaramrith – इसे 15-20 मिलीलीटर दिन ममे 2-3 बार भोजन के बाद दें।
5. श्वासारी : Shwasari – इसे 10-30 मिलीलीटर दिन में तीन बार लें।