पद्मासन क्या है :-
पद्मासन का अर्थ होता है कमल या कमल का आसन | इस आसन को करने से व्यक्ति के शरीर की स्थिति कमल के समान बन जाती है इसलिए इसे पद्मासन कहा जाता है | अगर इसका हम नियमित अभ्यास करे तो हम पूरी जिन्दगी निरोगी रह सकते हैं | इसे अंग्रेजी में Lotus position के नाम से जाना जाता है | आयें जानते हैं इससे होने वाले लाभों के बारें में और इसे कैसे किया जाये :-
पद्मासन करने की विधि :-
पहली स्थिति :- सबसे पहले समतल जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर पालथी मारकर बैठ जाएँ |
दूसरी स्थिति :- अब अपने दायें पैर के ऊपर अपना बायाँ वाला पैर रखें और जितना हो सके अपने दोनों पैरों को नाभि तक लाने की कोशिश करें |
तीसरी स्थिति :- कमर और गर्दन को बिलकुल सीधा रखें |
चौथी स्थिति :- अब अपने हाथों की कोहनियाँ अपने घुटनों पर रखें ध्यान रहे की अपने दोनों कंधे समान हों |
पांचवी स्थिति :- अब कुछ देर तक इसी इस्थिति में रहें आखें बंद करके सांस को सामन्य लेते रहें |
छटवी स्थिति :- अब अपने बाएं पैर के ऊपर दायाँ वाला पैर रखें इस प्रिक्रिया को 5-6 बार दोहरायें |
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पद्मासन योग करने का समय :-
इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 5-10 बार करे|
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पद्मासन के लाभ :-
1. सकारात्मक सोच बढाने हेतु :- इस आसन के नियमित अभ्यास से हम अपनी स्मरणशक्ति व् सकारात्मक सोच बढ़ा सकते हैं। जब हमारी सोच सकारात्मक बन जाती है तो उसके परिणाम भी सकारात्मक आने लगते है ।और इसके साथ-साथ ही इसके अभ्यास से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं।
2. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद :- उच्च रक्तचाप को के रोगियों के लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी हैं।हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है।
3. मेरूदंड लचीला बनता है :- इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से मेरूदंड लचीला व मजबूत बनता है जिससे बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है और उसकी रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है।मानव शरीर रचना में ‘रीढ़ की हड्डी’ या मेरुदंड पीठ की हड्डियों का समूह है जो मस्तिष्क के पिछले भाग से निकलकर गुदा के पास तक जाती है। इसमें ३३ खण्ड होते हैं। मेरुदण्ड के भीतर ही मेरूनाल में मेरूरज्जु सुरक्षित रहता है।
4. पेट की चर्बी को करता है कम :- यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है ।पेट की चर्बी या शरीर के अन्य भागों की चर्बी, वसा की एक विशेष रूप से हानिकारक प्रकार है जो आपके अंगों के आसपास जमा होती है।
अन्य फायदे:-
1- इस आसन का नियमित अभ्यास करने से ध्यान केन्द्रित होता है |
2- यह आसन ध्यान के लिए बहुत अच्छा आसन है |
3- यह गर्दन लचीला व् मजबूत बनाता है |
4- यह आसन पाँवों की वातादि अनेक व्याधियों को दूर करता है
5- श्वसन क्रिया को सम रखता है।
6- इन्द्रिय और मन को शांत एवं एकाग्र करता है |
पद्मासन करते समय की सावधानियां बरतें :-
घुटनों के दर्द , कमरदर्द, साइटिका और ओस्टियो अर्थराइटिज व सूजन से परेशान लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए | यह आसन हमेसा खाली पेट करना चाहिए |
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