पवनमुक्तासन क्या है :-
पवन मुक्तासन एक योग है और तीन शब्दों से मिलकर बना है पवन + मुक्त + आसन = पवन मुक्तासन जिसमें पवन = वायु , मुक्त = छुटकारा और आसन = मुद्रा अथार्त इस योग की क्रिया द्वारा दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। इसी कारण इसे पवन मुक्तासन योग कहते हैं | ह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है | और अंग्रेजी मैं इसे Gas Release pose भी कहा जाता है | आयें जानते हैं इसके लाभ और इसे कैसे किया जाए |
पवनमुक्तासन योग को करने की विधि :-
पहली स्थिति :- सबसे पहले स्वच्छ-साफ व हवादार स्थान पर दरी या चटाई बिछा कर उस पर पीठ के बल लेट जाएँ यानी की शवासन योग की स्थिति में लेट जाएँ।
दूसरी स्थिति :- अब धीरे धीरे अपने घुटनों को मोड़कर तलवे को ज़मीन पर टिकाएं |
तीसरी स्थिति :- अब अपने दोनों हाथों से घुटने को ऊपर से पकड़ें और सांस लेते हुए पैर के घुटनों को सीने से लगाएं और 20-25 सेकेंड तक सांस रोक कर रखें |
चौथी स्थिति :- फिर अपने दोनों घुटनों को दोनों हाथों से मुक्त करें फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को सीधा करके सामान्य स्थिति में लौट आएं | इस क्रिया को 4-5 बार दुहराएं एक एक कर के दोनो पैरो से करे |
पवनमुक्तासन योग करने का समय :-
इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 5-10 बार करे|
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पवनमुक्तासन योग के लाभ :-
1. पेट की चर्बी को करता है कम :- यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है ।पेट की चर्बी या शरीर के अन्य भागों की चर्बी, वसा की एक विशेष रूप से हानिकारक प्रकार है जो आपके अंगों के आसपास जमा होती है।
2. पेट के सभी रोग से मुक्ति :- इस आसन का अभ्यास करने से पेट के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं ।पेट के रोग कई सारे और रोगों का कारण बन सकते हैं। पेट के कुछ आम रोग हैं एसिडिटी, जी मिचलाना और अल्सर इन सभी रोगों से निजत पायी जा सकती है।
1. उदर रोग के लिए बहुत ही लाभप्रद है।
2. गैसटिक, पेट की खराबी में लाभ मिलता है।
4. कमर दर्द, गठिया रोग को सही करने में लाभ दायक होता है |
5. मेरूदंड और कमर के नीचे के हिस्से में मौजूद तनाव दूर होता है।
6. स्त्रीरोग अल्पार्त्तव, कष्टार्त्तव रोगों में फायदेमंद है |
9. आँतों पर दबाव बढ़ने से गैस आदि की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। – Gas Ka Ilaj
10. शरीर से आलस खत्म होता है |
11. मन शांत होता है |
12. शरीर हल्का हो जाता है|
13. इस योग क्रिया के अभ्यास से पेट की वायु शीघ्र निकल जाती है|
14. रक्त का संचार हृदय व फेफड़ों की ओर बढ़ जाता है।
15. इससे हृदय को बल मिलता है और फेफड़ों की सक्रियता बढ़ती है|
16. अस्थमा, सांस फूलना आदि रोग ठीक हो जातें हैं | – Asthma Ka Ilaj In Hindi
पवनमुक्तासन को करते समय सावधानी बरतें :-
1. पवन मुक्तासन योग खाली पेट करना चाहिए |
2. कमर या पेट में अधिक दर्द हो तो यह आसन न करें।
3. सामान्य दर्द हो तो सुविधानुसार सिर उठाकर घुटने से नासिका न लगनी चाहिए |
4. केवल पैरों को दबाकर छाती से स्पर्श करना चाहिए |
5. स्त्रियों को मासिक के समय यह योग नहीं करना चाहिए |
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