शवासन क्या है :-
शवासन एक योग है | यह दो शब्दों के योग से बना है, शव + आसन = शव आसन या शवासन। जिसमें शव = मुद्रा और आसन = स्थिति अथार्त इस आसन को करते समय व्यक्ति के शरीर के स्थिति मुर्दे की तरह बन जाती है | इस आसन का उपयोग प्रायः योगसत्र को समाप्त करने के लिए किया जाता है। इस लिए इसको शवासन योग कहा जाता है | और यह योग पीठ के बल लेटकर किया जाता है | आयें जानते हैं इसके लाभ और इस योग को करने की विधि |
शवासन योग को करने की विधि :-
पहली स्थिति :- सबसे पहले स्वच्छ-साफ व हवादार स्थान पर दरी या चटाई बिछा कर उस पर पीठ के बल लेट जाएँ और अपने दोनों घुटनों मैं थोडा फासला रखें |
दूसरी स्थिति :- अब अपने दोनों पैरों के पंजे बाहर और एडि़याँ अंदर की ओर रखें|
तीसरी स्थिति :- दोनों हाथों को शरीर से लगभग कुछ दूरी पर रखें और अपने दोनों हाथों की अंगुलियाँ मुड़ी हुई, गर्दन सीधी रखनी है |
चौथी स्थिति :- अब अपनी आखें बंद कर लें और अपने पैर के अँगूठे से लेकर सिर तक का भाग बिलकुल ढीला छोड़ दें |
पांचवी स्थिति :- अब अपने मन को श्वास-प्रश्वास के ऊपर लगाएं और मन के द्वारा यह महसूस करना है कि दोनों नासिकाओं से श्वाशस अंदर जा रही है और बाहर आ रही है।
छटवी स्थिति :- जब श्वास अंदर जाती है तब नासिका के अग्र में हलकी-सी ठंडक महसूस होती है और जब हम श्वास बाहर छोड़ते हैं तब हमें गरमाहट की अनुभव होती हैं। इस गर्माहट व ठंडक को अनुभव करना है |
सातवी स्थिति :- इस तरह नासाग्रस से क्रमश: सीने तथा नाभि पर ध्यान केंद्रित करें। मन में उल्टी गिनती गिनते जाएँ। 50 से लेकर 1 तक। यदि गलती हो जाए तो फिर से 50 से शुरू करें। ध्यान रहे की आपका ध्यान सिर्फ शरीर से लगा हुआ होना चाहिए, मन में चल रहे विचारों पर नहीं।
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शवासन योग करने का समय :-
इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 5-10 बार करे|
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शवासन योग के फायदे :-
1. सुगर की बीमारी में फायदेमंद :- सुगर के रोगियों के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक है । डायबिटीज या मधुमेह उस चयापचय बीमारी को कहा जाता है, जहाँ व्यक्ति जिसमे व्यक्ति के खून में शुगर (रक्त शर्करा) की मात्रा जरुरत से ज्यादा हो जाती है| sugar ka ilaj
2. तनाव से मुक्ति पाने के लिए :- तनाव कम करने और मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए इस आसन का अभ्यास करना बहुत ही जरूरी है। चिकित्सा शास्त्र डिप्रेशन का कारण मस्तिष्क में सिरोटोनीन, नार-एड्रीनलीन तथा डोपामिन आदि न्यूरो ट्रांसमीटर की कमी मानता है।
3. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद :- उच्च रक्तचाप को के रोगियों के लिए भ्रामरी प्राणायाम बहुत ही उपयोगी हैं।हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है।
4. बौद्धिक क्षमता बढती है:- जिन बच्चों की बुध्धि में विकास नही होता ही उन्हें यह आसन नियमित रूप से करना चाहिए। क्यूंकि ये बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इंसान की बौद्धिक क्षमता के स्तर पर जीनों का प्रभाव पड़ता है।
5. सकारात्मक सोच बढाने हेतु :- इस आसन के नियमित अभ्यास से हम अपनी स्मरणशक्ति व् सकारात्मक सोच बढ़ा सकते हैं। जब हमारी सोच सकारात्मक बन जाती है तो उसके परिणाम भी सकारात्मक आने लगते है ।और इसके साथ-साथ ही इसके अभ्यास से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं।
6. एकाग्रता को बढाता है :- मन और मस्तिषक की एकाग्रता बढती है ।हालांकि एकाग्रता को बढ़ाना एक मुश्किल काम है, पर यह नामुमकिन नहीं है. एकाग्रता को बढ़ाने के लिए ढृढ़ता बेहद जरूरी है|
शवासन योग के अन्य फायदे:-
1. नीद अच्छी आती है |
2. मन शांत हो जाता है |
3. यह आसन आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
4. शवासन योग को करने से याददाश्त वापस आ जाती है |
5. क्रोध की भावना और चिड़चिड़ा पन खत्म हो जाता है |
6. शारारिक व् मानसिक थकान को दूर करता है |
शवासन योग करते समय सावधानी बरतें :-
1. यह योग हमेसा खाली पेट करें सुबह – सुबह |
2. श्वास की स्थिति में शरीर को हिलाना नहीं चाहिए।
3. ध्यान केन्द्रित करना चाहिए |
4. अंत में अपनी चेतना को शरीर के प्रति लेकर आएँ।
5. आँखें बंद रखनी चाहिए।
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