1. हमारे जीवन का उद्देश्य प्रसन्न रहना है।
2. प्रेम और करुणा आवश्यकताएं हैं, विलासिता नहीं। उनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती।
3. मेरा धर्म बहुत सरल है। मेरा धर्म दयालुता है।
4. कभी-कभी लोग कुछ कहकर अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं, और कभी-कभी लोग चुप रहकर अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं।
5. अपनी क्षमताओं को जानकार और उनमे यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
6. हम बाहरी दुनिया में कभी शांति नहीं पा सकते हैं, जब तक कि हम अंदर से शांत न हों।
7. मंदिरों की आवश्यकता नहीं है, न ही जटिल तत्वज्ञान की। मेरा मस्तिष्क और मेरा ह्रदय मेरे मंदिर हैं, मेरा दर्शन दयालुता है।
8. पुराने मित्र छूटते हैं, नए मित्र बनते हैं। यह दिनों की तरह ही है। एक पुराना दिन बीतता है, एक न्य दिन आता है। महत्वपूर्ण यह है कि हम उसे सार्थक बनाएं: एक सार्थक मित्र या एक सार्थक दिन।
9. यह जरुरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना संभव हो अच्छा करें। इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आएंगी।
10. नींद सबसे अच्छा चिंतन है।
11. जब कभी संभव हो दयालु बने रहिए। यह हमेशा संभव है।
12. जब आप कुछ गंवा बैठते है तो उससे प्राप्त शिक्षा को न गंवाएं।
13. एक छोटे से विवाद से एक महान रिश्ते को घायल मत होने देना।
14. प्रसन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है। ये आप ही के कर्मों से आती है।
15. सहिष्णुता के अभ्यास में, आपका शत्रु ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक होता है।
16. अगर आप यह सोचते हैं कि आप बहुत छोटे हैं तो एक मछार के साथ सोकर देखिए।
17. जब तक हम अपने आप से सुलह नहीं कर लेते तब तक दुनिया से भी सुलह नहीं कर सकते।
18. प्रेम और करुणा आवश्यकताएं हैं,विलासिता नहीं उनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती।
19. अगर आपकी कोई विशेष निष्ठा या धर्म है, तो अच्छा है। लेकिन आप उसके बिना भी जी सकते हैं।
20. अपनी क्षमताओं को जानकार और उनमे यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
21. हम बाहरी दुनिया में कभी शांति नहीं पा सकते हैं, जब तक कि हम अंदर से शांत न हों।
22. हम धर्म और ध्यान के बिना रह सकते हैं, लेकिन हम मानव स्नेह के बिना जीवित नहीं रह सकते।
23. अपनी क्षमताओं को जानकार और उनमें यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
24. अगर आप दूसरों को खुश देखना चाहते है तो सहानुभूति को अपनाईये। अगर आप खुश होना चाहते हैं तो सहानुभूति अपनाईये।
25. मंदिरों की आवश्यकता नहीं है, न ही जटिल तत्वज्ञान की। मेरा मस्तिष्क और मेरा ह्रदय मेरे मंदिर हैं, मेरा दर्शन दयालुता है।
26. अगर आप दूसरों की मदद कर सकते हैं, तो अवश्य करें, अगर नहीं कर सकते तो कम से कम उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाईए।
27. अगर आप दूसरों को प्रसन्न देखना चाहते हैं तो करुणा का भाव रखें। अगर आप खुद प्रसन्न रहना चाहते हैं तो भी करुना का भाव रखें।
28. कभी-कभी लोग कुछ कहकर अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं, और कभी-कभी लोग चुप रहकर अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं।
29. सभी प्रमुख धार्मिक परम्पराएँ मूल रूप से एक ही संदेश देती है-प्रेम, दया और क्षमा, महत्वपूर्ण बात यह है कि ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा होनी चाहियें।
30. अगर आपकी कोई विशेष निष्ठा या धर्म है, तो अच्छा है। लेकिन आप उसके बिना भी जी सकते हैं।
31. जब कभी संभव हो दयालु बने रहिए। यह हमेशा संभव है।
32. अपनी सफलता को जज करो कि इसे पाने के लिए तुमने क्या खो दिया।
33. आशावादी बनो इससे तुम अच्छा महसूस करोगे।
34. चुप रहना कभी-कभी सबसे अच्छा जवाब देना है।
35. तुम्हारा उद्देश्य किसी दुसरे से अच्छा होना नहीं बल्कि जैसे तुम पहले थे उससे अच्छा होना, होना चाहिए।
36. एक खुला दिल ही खुले दिमाग की तरह होता है।
37. जब अज्ञान हमारा मास्टर बन जाता है तो सच्ची शांति की कोई उम्मीद नहीं रहती।
38. एक छोटे से विवाद से किसी भी रिश्ते को टूटने मत देना।
39. एक सच्चा हीरो वही होता है जो खुद के गुस्से और दुष्कर्म को परास्त करता है।
40. समय बिना रुके बीतता चला जाता है। जब हम गलतियाँ करते है तो हम समय को नहीं बदल सकते और बदलकर दोबारा कोशिश नहीं कर सकते, हम सिर्फ वर्तमान समय का अच्छे से अच्छा उपयोग ही कर सकते है।
41. आपका जितना पाया और जितना दिया उसके आधार पर अपनी सफलता को परखिए।
42. जब आपको इस बात का अंदाजा हो के आपने गलती की है तो उसे सुधारने के लिए तुरंत निर्णय लीजिये।
43. न ही कोई अंतरिक्ष स्टेशन और न ही कोई प्रबुद्ध दिमाग दिन को समझ सकता है।
44. एक को परास्त करना युद्ध में हजारो को परास्त करने से बेहतर है।
45. अपने दुश्मनों को तभी हरा सकता हूँ जब मैं पहले उन्हें अपना दोस्त मानू।
46. मानव धर्म और ध्यान के बिना रह सकता है, लेकिन स्नेह और प्रेम के बिना जीवित नहीं रह सकता।
47. अगर आपके लिए आपके संबंध, आपकी जरूरतों से ज्यादा हैं तो यह बहुत अच्छी बात है।
48. आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपने जो पाया है, उसके बदले में आपने क्या और कितना दिया है।
49. छोटा सा विवाद बड़े-बड़े रिश्तों में दूरियां पैदा कर सकता हैं और कभी-कभी उन्हें तोड़ भी सकता है।
50. जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों की अलग तरह से करते हैं।
51. मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।
52. दूसरों के व्यवहार से अपने मन की शांति नष्ट न करें।
53. जब तक हम अपने आप से सुलह नहीं कर लेते तब तब दुनिया से भी सुलह नहीं कर सकते।
54. अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए सबसे बुद्धिमान बात दूसरों का ख्याल रखना है।
55. खुशी बनी बनाई नहीं मिलती। यह आपके कार्यों से आती हैं।
56. चिंता किसी समस्या का समाधान नहीं है। अगर किसी मुश्किल का हल निकल सकता है तो उसके लिए चिंता करों करें। अगर हल नहीं निकल सकता तो चिंता करके भी कोई फायदा नहीं।
57. सिर्फ दिन गुजारना ही जिंदगी नहीं है वो तो जानवर भी गुजार देते हैं।
58. उस समय आप सब कुछ कर पाएंगे, जिस समय आप अपनी क्षमताओं को जान लेंगे।