पद्मासन का अर्थ होता है कमल या कमल का आसन। पद्मासन एक बैठकर की जाने वाली योग मुद्रा है जिसमें घुटने विपरीत दिशा में रहते हैं। इस आसन को करने से व्यक्ति के शरीर की स्थिति कमल के समान बन जाती है इसलिए इसे पद्मासन कहा जाता है। अगर इस का हम नियमित अभ्यास करें तो हम पूरी जिन्दगी निरोगी रह सकते हैं। चीनी और तिब्बती मान्यताओं में कमल आसन को वज्र आसन भी कहते हैं। आयें जानते हैं इससे होने वाले लाभों के बारें में और इसे कैसे किया जाये :-
पद्मासन से पहले यह आसन करें
1- ऊर्ध्व पद्मासन
2- पिण्डासन
3- मत्स्यासन
4- उत्तान पादासन
5- शीर्षासन
6- बद्ध पद्मासन
पद्मासन करने से पहले आवश्यक बातें
1- अगर आपको अपने दोनों पैरों को मोड़कर बैठने में परेशानी हो रही है तो आप अर्ध पद्मासन में बैठ सकते हैं इसमें आप किसी भी पैर को विपरीत जांघ पर रखकर आसन कर सकते हैं।
2- पद्मासन को करने के लिए शरीर में लचीलेपन की जरुरत होती है और जब तक शरीर में लचीलापन न आ जाए तब तक अर्ध पद्मासन का ही अभ्यास करना चाहिए।
3- अगर आपसे पद्मासन नहीं किया जा सरह है तो आप चौकड़ी मारकर या सुखासन में बैठ सकते हैं।
पद्मासन करने की विधि
1- सबसे पहले समतल जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर पालथी मारकर बैठ जाएँ और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
2- अब अपने दायें पैर के ऊपर अपना बायाँ वाला पैर रखें और जितना हो सके अपने दोनों पैरों को नाभि तक लाने की कोशिश करें।
3- कमर और गर्दन को बिलकुल सीधा रखें।
4- अब अपने हाथों की कोहनियाँ अपने घुटनों पर रखें ध्यान रहे कि आपके दोनों कंधे समान हों।
5- अब कुछ देर तक इसी स्थिति में रहें आखें बंद करके सांस को सामान्य लेते रहें।
6- अब अपने बाएं पैर के ऊपर दायाँ वाला पैर रखें इस प्रिक्रिया को 5-6 बार दोहरायें।
पद्मासन के लिए मुद्रा
मुद्राएँ शरीर में ऊर्जा के संचार को बढ़ाने में मदद करते हैं और अगर ये मुद्राएँ पद्मासन के साथ की जाएँ तो इससे आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। सभी मुद्राएँ एक-दूसरे से भिन्न होती हैं उसी तरह इनसे मिलने वाले लाभ भी भिन्न होते हैं। पद्मासन में बैठे हुए आप चिन मुद्रा, चिन्मयी मुद्रा, आदि मुद्रा या ब्रह्म मुद्रा आदि करके अपने आसन में अधिक और गहराई से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इन मुद्राओं को करके आप शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार अनुभव कर सकते हैं।
पद्मासन से होने वाले लाभ
1- यह आसन विचलित मन को शांत करता है।
2- इस आसन का नियमित अभ्यास करने से ध्यान केन्द्रित होता है।
3- यह आसन ध्यान के लिए बहुत अच्छा आसन है।
4- इसको करने से लो ब्लड प्रेसर में लाभ मिलता है।
5- यह गर्दन और रीढ़ की हड्डी को लचीला व् मजबूत बनाता है।
6- वजन कम करने में मदद करता है।
7- यह आसन पाँवों की वातादि अनेक व्याधियों को दूर करता है।
8- श्वसन क्रिया को सम रखता है।
9- इन्द्रिय और मन को शांत एवं एकाग्र करता है।
10- इसे करने से स्मरण शक्ति व् विचार शक्ति बढती है।
11- इस आसन से पाचन क्रिया में सहायता मिलती है।
12- यह गर्भवती महिलाओं के प्रसव में मदद करता है।
13- यह मासिक चक्र की परेशानी को दूर करता है।
14- इस आसन से जमा विशेले पदार्थ और संक्रमण खून के तेज प्रवाह के साथ बह जाते हैं जिससे बिमारियों का खतरा कम हो जाता है।
पद्मासन करते समय की सावधानियां बरतें
1- घुटनों के दर्द , कमरदर्द, साइटिका और ओस्टियो अर्थराइटिज व सूजन से परेशान लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
2- यह आसन हमेसा खाली पेट करना चाहिए।
3- अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर नहीं लगाना चाहिए।
4- वैरिकोज नस की स्थिति में इस आसन को नहीं करना चाहिए।
पद्मासन के बाद ये आसन करें
1- उत्प्लुति या तुलासन
2- शवासन