बदलते समय के साथ बहुत से लोग इंटरनेट के साथ जुड़ रहे हैं। हमारे जीवन के कई काम अब इंटरनेट के माध्यम से आसान हो गए हैं। इंटरनेट के माध्यम से हम पूरी दुनिया से जुड़ सकते हैं और सोशल साइट्स के माध्यम से अपने दोस्त एवं रिश्तेदारों के संपर्क में रह सकते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इंटरनेट का प्रयोग पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।
आप इस बात का अनुमान भी नहीं लगा सकते हैं कि आपके पीठ पीछे आपका पर्सनल डाटा चुराया जा सकता है। इस केस में VPN का प्रयोग किया जाता है। VPN आपके पर्सनल डाटा को सुरक्षित करने के साथ-साथ और कई काम कर सकता है। इंटरनेट की दुनिया आज बहुत अधिक विकसित हो चुकी है और बिना इंटरनेट के हम फेसबुक, ट्विटर और whatsapp के बारे में सोच भी नहीं सकते।
VPN क्या होता है :
VPN एक नेटवर्क टेक्नोलॉजी है जिसका पूरा नाम virtual private network है, जिसमें Public Internet Network मे सिक्योर कनेक्शन बनाया जाता है। बहुत सी companies, educational institutions एवं government organization रिमोट users को अपने प्राइवेट नेटवर्क को सेक्युरली connect करने के लिए VPN Technology का use करती है।
इसमे रिमोट यूजरस को इंटरनेट की मदद से अपने नेटवर्क को एक्सेस देने के लिए रिमोट यूजरस के कनेक्शन से ऑफिस नेटवर्क तक VPN टनल बनायीं जाती हैं। Private नेटवर्क create करने का VPN एक सस्ता एवं अच्छा तरीका है। VPN से बड़े अंतर की मल्टीपल साइटस् को कनेक्ट किया जा सकता है।
VPN में यूजर्स प्राइवेट नेटवर्क को सिक्युरली कनेक्ट कर पब्लिक नेटवर्क पर डाटा शेयर कर सकते है। तकनीकी रूप से वीपीएन कनेक्शन (LAN) लोकल एरिया नेटवर्क के सभी लाभ देता है, यह ऐसा ही होता है जैसा कई ऑफिसेस में होता है लेकिन यह बिना वायर के होता है।
VPN एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा प्राइवेट और पब्लिक नेटवर्क जैसे – hotspot, wi-fi और internet के लिए एक सुरक्षा और गोपनीयता का उपयोग किया जाता है। VPN का प्रयोग सेंसिटिव डाटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। VPN के प्रयोग से प्राइवेसी बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि यूजर का IP पता VPN Providers के द्वारा बदल दिया जाता है।
इससे यह होता है कि जब आपका ip addreass हैकर को पता नहीं होता है और वह आपका डिवाइस कभी हैक नहीं कर पाएगा और इस तरह से आप इंटरनेट की दुनिया में आसानी से सुरक्षित ब्राउजिंग कर सकते हैं और साथ-ही-साथ आप अपने डाटा और जानकारी को भी सुरक्षित कर पाते हैं।
फ्री VPN सर्विस प्रयोग करने के नुकसान और फायदे :
फ्री वीपीएन में आपको कोई पैसे देने की आवश्यकता नहीं है अथार्त इसमें आपको जो भी फीचर मिलेगा वो आप फ्री में यूज कर सकते हैं। यदि आप कोई भी ब्लॉक वेबसाइट यूज करना चाहते हैं तो आप फ्री वीपीएन का यूज कर सकते हैं। फ्री वीपीएन में आपको एड्स और शो होंगे या फिर आप कुछ लिमिटेड बैंडविड्थ ही यूज कर सकते हैं।
यदि आपका डाटा हाइली कॉंफिडेंटली है तो फ्री वीपीएन का यूज करना सही नहीं है क्योंकि फ्री वीपीएन प्रोवाइड करने वाली कंपनी आपके डाटा को दूसरे लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं अपने फायदे के लिए।
पेड़ वी पी एन सर्विस प्रयोग करने के फायदे :
यदि आप एक वीपीएन सर्विस को खरीदते हैं तो ऐसे में आपका डाटा पूरा सेव रहता है। पेड वीपीएन सर्विस कंपनी आपके किसी भी तरह के डेटा को किसी के साथ शेयर नहीं करता है। वीपीएन पेड सर्विस में आपको अनलिमिटेड बैंडविड्थ के साथ और भी बहुत सारे मिलेंगे।
कंप्यूटर में VPN का प्रयोग :
आप कंप्यूटर में वीपीएन को मैन्युअली यूज कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको एक आईपी एड्रेस और यूजर नेम तथा पासवर्ड की आवश्यकता होगी जो आपको इंटरनेट में फ्री में मिल जाएगा। आप इसे खरीद भी सकते हैं लेकिन यहाँ मैं आपको सबसे बेस्ट तरीका बताऊंगा कि कैसे आप एक फ्री वीपीएन जो ओपेरा कंपनी के द्वारा प्रोवाइड किया गया है जो एकदम सेफ और बेस्ट है और बिलकुल फ्री है।
सबसे पहले आपको अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में ओपेरा डेवलोपर सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करना है। सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करने के बाद इसे ओपन करें फिर आप ऊपर की साइड मेनू में क्लिक करके सेटिंग्स में क्लिक करें। अब सेटिंग के भीतर Privacy & Security पर क्लिक करें उसके बाद VPN के ऑप्शन में enable VPN पर टिक करना है।
उसके बाद आपके ओपेरा ब्राउजर में वीपीएन इनेबल अथार्त एक्टिवेट हो जाएगा इसके बाद आप इसी ब्राउजर के भीतर किसी भी ब्लॉक वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं। जैसे ही आप इनेबल करते हैं तब VPN एक्टिव हो जाएगा उसके बाद ब्राउजर के URL के पास VPN लिखा हुआ आएगा उस पर क्लिक करके वीपीएन को ऑन-ऑफ कर सकते हैं इसके साथ ही आप लोकेशन भी बदल सकते हैं।
मोबाइल में VPN का प्रयोग :
यदि आप मोबाइल में VPN प्रयोग करना चाहते हैं तो यह बहुत ही आसान है। आपको प्ले स्टोर में बहुत सारे एप्स मिल जाएंगे जो बिलकुल फ्री हैं। इसमें आपको किसी भी यूजर आईडी पासवर्ड की आवश्यकता नहीं होती है। यह एप आपके फोन में अपने आप VPN की सभी सेटिंग्स को सेटअप कर देता है। फिर आप वीपीएन यूज के सकते हैं।
सबसे पहले अपने स्मार्ट फोन में टच VPN एप को इनस्टॉल करें। इस एप को आप डाऊनलोड पर क्लिक करके इनस्टॉल कर सकते हैं। इनस्टॉल करने के बाद आपको एप ओपन करना है और उसके बाद लोकेशन सेलेक्ट करना है। उसके बाद कनेक्ट पर क्लिक करें जैसे ही आप कनेक्ट पर क्लिक करोगे वैसे ही आपके फोन पर VPN एक्टिवेट हो जाएगा।
सारांस :
VPN एक virtual private network होता है जिसकी सहायता से आप अपने डेटा को encrypt कर सकते हैं। वीपीएन की सहायता से आप किसी भी ब्लॉक वेबसाइट को कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं और वीपीएन की सहायता से आप अपना आईपी एड्रेस बदल कर किसी भी वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं अथार्त यह प्रोसेस एक सेफ प्रोसेस होता है और इसका यूज अधिकतर बिजनेस में किया जाता है। पढाई की वेबसाइट जैसे – स्कूल या कॉलेज की वेबसाइट, बड़ी-बड़ी कंपनी आदि में VPN यूज किया जाता है। VPN को आप मोबाइल कंप्यूटर दोनों में यूज कर सकते हो।
VPN काम कैसे करता है :
आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में जो इंटरनेट काम में लेते हैं उसका एक IP address assign किया होता है। IP address से आपके डिवाइस की लोकेशन का पता चल सकता है। जैसे ही आप ब्राउजर में कोई भी वेबसाइट खोलते है तो वह रिक्वेस्ट उस वेबसाइट के सर्वर तक आपकी IP address के साथ पहुंच जाती है।
इसी तरह से उस सर्वर को आपके डिवाइस का लोकेशन पता चलता है। IP को वेरीफाई करने के बाद वह सर्वर अपना डाटा आपके डिवाइस तक भेज देता है। अब इस कनेक्शन में किसी तरह की सिक्योरिटी मौजूद नहीं होती है। VPN इंटरनेट पर आपके द्वारा किए जाने वाले सभी कामों को सुरक्षित करता है।
VPN का प्रयोग करके आप इंटरनेट पर लगे restriction को भी एक्सेस कर सकते हैं जिसका अर्थ है कि जिस वेबसाइट को देखने की आपको आज्ञा नहीं मिली या आपकी कंट्री द्वारा उस वेबसाइट को ब्लॉक किया गया है आप उसे भी एक्सेस कर सकते हैं। दो टेक्नोलॉजी हैं जिनके माध्यम से VPN कनेक्शन को connect किया जा सकता है जिससे डाटा पब्लिक नेटवर्क पर सुरक्षित तरीके से ट्रांसमिट किया जाता है।
By Tunneling : Tunneling का अर्थ होता है पब्लिक नेटवर्क पर एक ऐसा टनल क्रिएट करना जिसमें पूरे पैकट को दूसरे पैकेट में पब्लिक नेटवर्क पर ट्रांसमिट किया जाता है। इसमें encapsulating प्रोटोकॉल इस प्रकार चुना जाता है कि डेटा पब्लिक नेटवर्क पर ट्रांसमिट होते वक्त दूसरे कंप्यूटर या नेटवर्क डिवाइसेस इसे समझ न सकें। encryption के द्वारा हम डेटा को स्क्रैम्बल कर सकते हैं जिससे कि उसको केवल Receiver ही समझ सकता है।
By Encryption: tunneling मतलब होता है, पब्लिक नेटवर्क पर एक ऐसा टनल क्रिएट करना जिसमें पूरे पैकट को अन्य पैकेट में पब्लिक नेटवर्क पर ट्रांसमिट किया जाता है| इसमें encapsulating प्रोटोकॉल इस तरह से चुना जाता है, कि डेटा पब्लिक नेटवर्क पर ट्रांसमिट होते समय अन्य कंप्यूटर या नेटवर्क डिवाइसेस इसे समझ न सकें|
VPN नेटवर्क प्रोटोकॉल :
समय के साथ-साथ कुछ प्रोटोकॉल और सिक्योरिटी फीचरस भी बढ़ रहे हैं उनमें से कुछ प्रोटोकॉल इस प्रकार हैं –
1. IP security : इसे अक्सर इंटरनेट कनेक्शन को सिक्योर करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
2. PPTP : Point-To-Point Tunneling Protocol एक टेक्नोलॉजी है जिसे VPN क्रिएट करने के लिए प्रयोग किया जाता है। PPTP windows 95 के समय से है। PPTP की खास बात यह है कि वह हर मेजर ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ सरलता से सेट हो जाता है लेकिन अभी कुछ समय पहले ही PPTP की सुरक्षा को लेकर बहुत से सवाल उठाए गए थे। PPTP अभी भी मजबूत है लेकिन पूरी तरह से सिक्योर नहीं है। यह encryption नहीं करता बल्कि यह केवल डाटा पैकट्स को टनल और एनकैप्सूलेटस् करता है।
3. L2TP : Layer 2 Tunneling protocol एक टेक्नोलॉजी है जो PPP प्रोटोकॉल का एक्सटेंशन है जो आईएसपी को VPN ऑपरेट करने के लिए सक्षम बनाता है।
4. SSL (Secure Sockets Layer) और TLS (Transport Layer Security) : SSL और TLS एक VPN कनेक्शन क्रिएट करते हैं जहाँ वेब ब्राउजर क्लाइंट के रूप में काम करता है और यूजर्स को पूरे नेटवर्क के एक्सेस की जगह विशिष्ट एप्लीकेशन का एक्सेस होता है। SSL और TLS प्रोटोकॉल का प्रयोग सबसे ज्यादा ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों और सर्विस प्रोवाइडर द्वारा किया जाता है।
5. SSH (Secure Shell) : SSH को Secure Socket Shell के रूप में भी जाना जाता है। यह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिससे एडमिनिस्ट्रेटर सिक्योरली रिमोट कंप्यूटर एक्सेस कर सकते हैं। सिक्योर शैल इंटरनेट जैसे असुरक्षित नेटवर्क पर दो कंप्यूटरों के मध्य स्ट्रोंग ऑथेंटिकेशन और एन्क्रिप्टेड डाटा कम्युनिकेशन करवाता है।
6. Open VPN : Open VPN एक SSL based VPN है जो बहुत प्रसिद्ध हो रहा है। यह सॉफ्टवेयर फ्रीली अवेलेबल है, SSL एक mature encription protocol है और Open VPN एक सिंगल UDP YA TCP पोर्ट पर चलाया जा सकता है जो इसे बहुत ही फ्लेक्सिबल बना देता है।
7. L2TP/IP Sec : L2TP/IP Sec PPTP की तुलना में अधिक सिक्योर है। सबसे अच्छी सुविधा देने के लिए L2TP/IPSec दो प्रोटोकॉल को एक साथ लागू करता है जिसमें L2TP tunnel create करता है और IPSec एक secure channel provide करता है।
How To Change Location In Mobile By Using VPN :
अपने मोबाइल में VPN से अपनी location बदलना बहुत ही आसान है उसके लिए आपको इंटरनेट पर बहुत सारी एप्लीकेशन मिल जाएंगी जो आपको अपनी इंटरनेट लोकेशन बदलने में सहायता करता है। आप एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर से सरलता से डाउनलोड करके अपनी इंटरनेट लोकेशन बदल सकते हैं और किसी भी कंट्री से इंटरनेट सर्फ कर सकते हैं।
Setting Up a VPN :
VPN की स्थापना एक सीधी प्रक्रिया है। यह एक उपयोगकर्ता नाम और सर्वर पता दर्ज करने में अक्सर उतना आसान होता है। प्रमुख स्मार्टफोन PPP और L2TP / IPsec प्रोटोकॉल का उपयोग करके वीपीएन कॉन्फिगर कर सकते हैं। सभी प्रमुख operating systems PPTP VPN connections को कॉन्फिगर कर सकते हैं। OpenVPN और L2TP / IPsec प्रोटोकॉल को क्रमशः एक छोटा ओपन सोर्स एप्लिकेशन (ओपन वीपीएन) और प्रमाणपत्र डाउनलोड करने की आवश्यकता होती है।
VPN के प्रकार :
VPN मुख्यत तीन प्रकार का होता है वो हैं – Site-to-Site VPN, PPTP VPN, IPsec.
1. Site-to-Site VPN : इस VPN को use करते समय इसमें कोई भी डेडिकेटेड लाइन use नहीं कर सकते हैं। इसमें एक ही ऑर्गेनाइजेशन के अलग-अलग साइटस्, जिसमें हर एक का अपना नेटवर्क होता है, VPN बनाने के लिए एक साथ कनेक्ट होते हैं। केवल एक बात को छोडकर site-to-site VPN लगभग PPTP जैसा ही होता है। PPTP के विपरीत रूटिंग, एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन दोनों अंत पर रूटर में बनाया जाता है जो एक हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर पर आधारित हो सकता है।
2. PPTP VPN: PPTP का मतलब Point-to-Point Tunneling Protocol है। यह बहुत ही आम और व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला वीपीएन प्रोटोकॉल है। इसका डिसएडवांटेज यह है कि यह encryption प्रदान नहीं करता और इसमें यूजर्स मौजूदा इंटरनेट कनेक्शन पर VPN पर पासवर्ड ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर, VPN नेटवर्क को कनेक्ट करते हैं। इसके लिए अतिरिक्त हार्डवेयर की जरूरत नहीं होती और इसके फीचर्स अक्सर सस्ते एड-ऑन सॉफ्टवेयर के रूप में उपलब्ध होते हैं।
3. IPsec VPN : यह एक भरोसेमंद प्रोटोकॉल है जो रिमोट साइट से सेंट्रल साइट पर टनल सेटअप करता है। जैसा कि इसका नाम बाताता है कि यह आईपी ट्रैफिक के लिए डिजाइन किया गया है। IPSec के लिए महंगे, समय लेने वाले क्लाइंट इंस्टालेशन्स की आवश्यकता होती है और इसी वजह से यह इसका सबसे बड़ा डिसएडवांटेज माना जाता है।
VPN के फायदे :
VPN के बहुत से फायदे होते हैं जिनमें से कुछ फायदे इस प्रकार हैं –
1. Original IP को Replace करना : VPN को ऐसा बनाया गया है कि वह इंटरनेट पर आपके original IP address को बदलकर एक fake IP address बना देता है जिससे हैकर आपको ट्रेस न कर सकें और इस प्रकार आप बिना किसी डर के इंटरनेट पर आराम से काम कर सकते हैं।
2. Data encrypt करना : VPN की मदद से आप अपने डाटा को आसानी से स्थानांतरित कर सकते हैं। जब आप अपने डाटा को इंटरनेट के माध्यम से ट्रांसफर करते हैं और अगर आपके डिवाइस में VPN न हो तो वह आसानी से ट्रेस हो सकता है लेकिन VPN होने की वजह से यह पूर्ण रूप से सिक्योर होता है। VPN encryption प्रदान करने का सबसे मजबूत टूल है।
3. Censorship : ऐसी जगह या देश जहाँ पर आप अपने विचारों को खुलकर व्यक्त नहीं कर सकते या आपके विचारों को व्यक्त करने में पाबंदी हो वहां VPN का प्रयोग सबसे अच्छा उपाय है जिसमें आप बिना किसी डर के अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं और कोई भी आपके IP address को एक्सेस नहीं कर पाएगा।
4. WI-FI connection को protect और secure करना : जब आप पब्लिक wi-fi या hotspot प्रयोग करते हैं तो आपके डाटा के हैक होने के चांसेस बहुत अधिक बढ़ जाते हैं लेकिन VPN आपके ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी को inprove करने और आपके IP address को invisible करने में आपकी सहायता करता है।
5. Privacy : VPN की सहायता से आप आपकी ID को छुपा सकते हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि VPN डिवाइस की IP को बदल देता है इससे आपका लोकेशन छुपा रहेगा।
6. Security : VPN आपके डाटा को एन्क्रिप्ट करता है। इसकी सहायता से आप सुरक्षित तरीके से इंटरनेट पर काम कर सकते हैं। ऑनलाइन transaction जिसमें आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी वहां पर VPN का प्रयोग करना बहुत फायदेमंद साबित होगा।
7. Blocked sites का access : यदि आपके इंटरनल प्रोवाइडर ने कुछ साइट्स ब्लॉक की हुई हैं तो VPN की सहायता से आप उसे ओपन कर सकते हैं।
VPN को कनेक्ट कैसे करें :
आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल दोनों पर ही VPN का इस्तेमाल कर सकते हैं हालाँकि आजकल के सभी स्मार्ट डिवाइसेस में VPN connection का option होता है जिससे आप कुछ सेटिंग्स करने पर VPN से कनेक्ट हो सकते हैं। लेकिन सॉफ्टवेयर की सहायता से आप एक क्लिक में सरलता से VPN से कनेक्ट हो सकते हैं। आप फ्री या पेड में से कोई भी VPN service को चुन सकते हैं।
VPN का प्रयोग :
VPN को अधिकतर कॉलेजों में प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसमें admins downloading stream को लॉक करके रखा जाता है ताकि विद्यार्थी डाउनलोडिंग न कर सकें और इससे विद्यार्थियों को समस्या होती है और जब उनके पास कोई और उपाय नहीं रहता है तब वह VPN इनस्टॉल कर लेते हैं जिससे वह जो चाहें चला सकते हैं।
VPN आपके के लिए फायदेमंद है क्योंकि सबसे पहले सिक्योरिटी के लिए ही बनाया गया था अब सिक्योरिटी तो हर कोई प्रयोग करना चाहेगा इसलिए यह धीरे-धीरे बढ़ता गया और आज बहुत अधिक विकसित हो चुका है तथा बहुत सारे लोग इसे प्रयोग करते हैं। जब भी आप VPN एक्टिव करके इंटरनेट चलाते हैं तो आपके द्वारा की गई प्रत्येक गतिविधि सिक्योर रखी जाती है जिससे कोई भी हैकर आपके डाटा को न ही चुरा पाएगा और न ही नष्ट कर पाएगा।