यह रोग बार-बार उभरता रहता है और फेफड़ों को धीरे-धीरे गला देती है। इस रोग में स्वास नली में संक्रमण होने की वजह से मोती सी दीवार का निर्माण हो जाता है जो हवा को रोक देती है।
इस रोग से फ्लू होने का खतरा भी रहता है। यह बीमारी अधिक लंबे समय तक चलती है जैसे – महीने में ज्यादा दिनों तक, साल में तीन या चार महीनों तक रहना। इस बीमारी में बलगम वाली खांसी जारी रहती है।
इस बीमारी के रोगी साँस से संबंधित बहुत सी समस्याओं का सामना करते हैं और यह स्तिथि साल के अलग-अलग भागों में कभी बेहतर तो कभी बदतर हो जाती है।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के कारण-Chronic Bronchitis Causes In Hindi
1. धुम्रपान से : जो व्यक्ति धुम्रपान करता है वह व्यक्ति इस रोग से ग्रस्त हो सकता है लेकिन जब वह दूसरे व्यक्तियों के बीच बैठकर धुम्रपान करता है तो वह अपने आसपास वालों को भी इस रोग से ग्रस्त कर देता है क्योंकि इस रोग के होने का मुख्य कारण धुम्रपान को माना जाता है।
2. वायु प्रदूषण से : आज के लोग गंदगी बहुत रखते हैं और घर बनवाने में भी बहुत अधिक धूल उड़ती है जिसकी वजह से वायु में धूल कण बहुत अधिक हो जाते हैं। और भी बहुत से कारण होते हैं जिसकी वजह से वायु में धूल और विषाक्त गैसों का मिलान हो जाता है जिससे भी इस रोग के होने का खतरा रहता है।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण-Chronic Bronchitis Symptoms In Hindi
1. खांसी होना : रोगी को सुबह के समय उठने पर बहुत तेज खांसी होती है और बलगम आना शुरू हो जाता है। शुरू में तो यह समस्या बहुत सामान्य होती है लेकिन साँस उखड़ने पर यह बहुत अधिक गंभीर हो जाती है। रोगी को बलगम का रंग सफेद, पीला, भूरा, हरा होने लगता है।
2. चेहरे का रंग बदलना : जब रोगी को यह समस्या हो जाती है तो उसे बहुत अधिक खांसी होती है जिसकी वजह से उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जब व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो व्यक्ति के चेहरे का रंग नीला पड़ जाता है।
3. थकान होना : इसमें रोगी को काम करने से बहुत अधिक थकावट होती रहती है और उसके शरीर में सांसों की कमी हो जाती है और उसके सीने में भी बेचैनी होती रहती है। रोगी को हमेशा थकान महसूस होती रहती है।
4. बुखार आना : जब व्यक्ति को अचानक मौसम में परिवर्तन की वजह से ठंड लग जाती है तो उसके शरीर का तापमान बढने लगता है जिसकी वजह से उसे हमेशा हल्का-हल्का बुखार बना रहता है जो इस रोग के होने के लक्षण हैं।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस का इलाज-Chronic Bronchitis Treatment In Hindi
1. नींबू पानी के सेवन से इलाज :
नींबू पानी में क्षारीय पदार्थ पाए जाते हैं जो बलगम को खत्म करने में मदद करते हैं। आप थोडा सा नींबू का रस लें और उसे एक गिलास पानी में मिला लें।
अब इस मिश्रण को पी जाएँ लेकिन इसे पीने के बाद लेटे नहीं बल्कि खुली हवा में टहलने के लिए जाएँ। ऐसा करने से आपकी क्रोनिक ब्रोंकाइटिस रोग की समस्या ठीक हो जाएगी।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस से बचाव के उपाय-Prevention of Chronic Bronchitis In Hindi
- रोगी को धुम्रपान न करने दें क्योंकि धुम्रपान के संपर्क में आने से यह और अधिक गंभीर हो सकती है।
- रोगी को लेसदार पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि लेसदार पदार्थ बलगम बनाता है।
- रोगी को अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।