यूरिनरी रिटेंशन (मूत्रावरोध) क्या है-(Urinary Retention in Hindi) :
आपने अक्सर देखा होगा जब भी कोई व्यक्ति रात के समय एक दम से या अचनक उठ जाता है तो उसका ब्लैडर पूरी तरह भरा हुआ होता है। व्यक्ति बाथरूम में जाकर मूत्रत्याग करने की कोशिश करता है लेकिन उसे एक बूंद भी मूत्रत्याग नहीं होता है जिसकी वजह से आपके पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होता है।
किसी भी व्यक्ति या औरत के शरीर से मूत्र अपने आप नहीं टपकता है बल्कि ब्लैडर इसे एक निश्चित शक्ति के साथ बाहर की ओर फेंकता है। पेशाब या मूत्र को बाहर निकालने के लिए दो चीजों की जरुरत होती है एक मसल्स और खुला रास्ता।
जब इन दो चीजों में से एक भी खराब हो जाती है या किसी वजह से इनमें गडबडी हो जाती है तो व्यक्ति को मूत्रत्याग करने या पेशाब करने में बहुत अधिक परेशानी होती है। जब किसी व्यक्ति के मूत्र मार्ग में कोई रूकावट आ जाती है तो पेशाब रुक-रुक कर आता है या बिलकुल ही नहीं आता।
इस समस्या में रोगी को पेशाब न आना, कम पेशाब आना या पेशाब में जलन, पीला रंग का पेशाब, मूत्र संक्रमण और दर्द आदि समस्याएं हो जाती हैं। हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं जिनका काम हमारे शरीर के खून से एसिड की मात्राओं और विषेले पदार्थों को बाहर निकालना है।
यह सभी अनावश्यक पदार्थों को ब्लैडर में इकट्ठा कर देती है और मूत्र के रूप में बाहर निकालती है। जब किसी वजह से मूत्रत्याग नहीं हो पाता है तो ब्लैडर में दबाव पड़ने लगता है और मूत्र अधिक समय तक इकट्ठा रहने से वहां पर बैक्टीरिया बनने लगता है और इंफेक्शन भी हो जाता है। बहुत बार देखा जाता है कि दबाव की वजह से पेशाब उल्टा किडनी की ओर चला जाता है जिससे किडनी खराब भी हो सकती है।
यूरिनरी रिटेंशन के प्रकार-(Urinary Retention Types in Hindi) :
1. तीव्र मूत्र प्रतिधारण : इस प्रकार की समस्या अचानक से होती है और यह बड़ी परेशानी और दर्द उत्पन्न कर सकती है। तीव्र मूत्र प्रतिधारण के साथ कोई भी व्यक्ति बिलकुल भी पेशाब नहीं कर पाता है और तत्काल आपातकालीन इलाज की जरुरत के लिए एक संभावित जीवन धमकी चिकित्सा स्थिति है।
2. गंभीर मूत्र प्रतिधारण : यह एक बहुत लंबे समय तक चलने वाली स्थिति हो सकती है। क्रोनिक मूत्र संरक्षण के साथ लोग पेशाब कर सकते हैं लेकिन ये लोग आने ब्लैडर को पूरी तरह खाली नहीं कर पाते हैं। जब तक दूसरी समस्याओं में मूत्र असंयम, मूत्र पथ के संक्रमण की तरह पेश आती है तब तक यह स्थिति होती है।
यूरिनरी रिटेंशन के कारण-(Urinary Retention Causes in Hindi) :
1. गुर्दे की पथरी से : जब किसी व्यक्ति को गुर्दे में या किडनी में पथरी की समस्या होती है तो कभी-कभी उसकी पथरी किडनी या गुर्दे से निकलकर मूत्रमार्ग में आ जाती है जिसकी वजह से मूत्रावरोध की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
2. बढती पौरुषग्रंथी से : जब किसी पुरुष की पौरुष ग्रंथि बढने लगती है तो उसका आकार बढने लगता है जिसकी वजह से उसके ब्लैडर पर दबाव पड़ता है और कभी-कभी उसकी मूत्राशय की नली भी दब जाती है जिसकी वजह से भी मूत्रावरोध की समस्या हो जाती है।
3. कैंसर से : अगर किसी व्यक्ति को मूत्राशय का किडनी में कैंसर की समस्या है और वह उसकी दवाईयां ले रहा है या उसे पता नहीं है तो कैंसर के लक्षणों में उसे मूत्रावरोध की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
4. मूत्रमार्ग कूटप्रद से : जब किसी व्यक्ति को मूत्रमार्ग कूटप्रद की समस्या हो गई है तो हो सकता है कि आपको मूत्रावरोध या पेशाब रुक-रुक कर आने की समस्या हो सकती है।
5. हर्निया से : जब किसी व्यक्ति को हर्निया की समस्या हो जाती है तो उसे बहुत से कष्टों का सामना करना पड़ता है जिसमें उसे मूत्रावरोध की समस्या भी हो सकती है।
6. कब्ज से : जब किसी व्यक्ति को बहुत अधिक समय तक या जल्दी-जल्दी कब्ज होने की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति को मूत्र रुक-रुक कर या बूंद-बूंद करके मूत्र आने की समस्या हो सकती है।
7. दुर्घटना से : जब किसी व्यक्ति या औरत को मूत्राशय या गुप्तांग में दुर्घटना की वजह से चोट या घाव हो जाता है तो हो सकता है कि उसे मूत्रावरोध की समस्या भो हो जाती है।
8. मूत्र संक्रमण होने से : जब किसी व्यक्ति को किसी कारण या किसी वजह से मूत्र संस्थान में संक्रमण हो गया है तो ये हमारी किडनी और मूत्राशय पर प्रभाव डालते हैं जिसकी वजह से मूत्र के रुक-रुक कर आने की समस्या हो सकती है।
9. खून के थक्कों से : जब किसी व्यक्ति के मूत्राशय में खून के थक्के जमने लगते हैं तो इन थक्कों की वजह से भी रोगी को मूत्र करने में परेशानी होती है या मूत्र नहीं कर पाता है।
यूरिनरी रिटेंशन के लक्षण-(Urinary Retention Symptoms in Hindi) :
1. ब्लैडर में दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को मूत्रावरोध या मूत्र में रुकावट की समस्या हो जाती है तो उसके ब्लैडर में मूत्र इकट्ठा होता रहता है जिसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव पड़ता है और उसके ब्लैडर में दर्द होने लगता है।
2. मूत्रत्याग की इच्छा : रोगी का ब्लैडर भर जाता है और उस पर दबाव भी पड़ने लगता है जिसकी वजह से ब्लैडर में दर्द पोर बहुत अधिक तीव्र गति से मूत्रत्याग की इच्छा होने लगती है।
3. निचले भाग में सूजन : जब ब्लैडर में बहुत अधिक मूत्र एकत्रित हो जाता है तो ब्लैडर पर दबाव पड़ने लगता है जिसकी वजह से ब्लैडर में दर्द होने लगता है और जब यह दर्द बहुत अधिक समय तक रहता है तो ब्लैडर में सूजन भी आ जाती है।
4. किडनी में गड़बड़ी होना : जब किसी व्यक्ति के शरीर में किसी प्रकार की गडबडी हो जाती है तो भी उसे मूत्रावरोध की समस्या हो जाती है जिसकी वजह से उसके ब्लैडर पर प्रभाव पड़ता है और जब अधिक समय तक मूत्रत्याग नहीं हो पाता है तो मूत्र उल्टा उसकी किडनी को प्रभावित करता है।
5. पेशाब न होना : रोगी को मूत्र करने की बहुत इच्छा होती है और उसका ब्लैडर भी पूरी तरह भरा होता है और उसकी ब्लैडर में सूजन भी आ जाती है लेकिन वह मूत्र नहीं कर पाता है। रोगी को तत्काल पेशाब करने की इच्छा होती है लेकिन पेशाब नहीं कर पाता है।
यूरिनरी रिटेंशन का इलाज-(Urinary Retention Treatment in Hindi) :
1. अजवाइन का सेवन :
अगर किसी व्यक्ति को मूत्रावरोध की समस्या हो गई है तो आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं क्योंकि अजवाइन ठंडी प्रकृति की होती है जिसका सेवन करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
आप यह समस्या होने पर रोगी को आधी चम्मच अजवाइन का पाउडर लें और उसमें शहद मिलाकर सेवन करें इससे आपकी यह समस्या ठीक हो जाएगी। आप अजवाइन का सेवन सिरके के साथ भी करके मूत्र बंद होने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
2. राई का सेवन :
जब किसी व्यक्ति को मूत्रावरोध की समस्या हो गई है तो आप राई का सेवन कर सकते हैं। आप एक ग्राम राई और कलमी शोरा को पीस लें और उसमें दो ग्राम खांड या शक्कर मिला लें और इसका सेवन हर दो घंटे के अन्तराल में करें इससे आपकी मूत्रावरोध की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
3. प्याज का सेवन :
अगर किसी व्यक्ति को पेशाब बूंद-बूंद करके आने की समस्या हो गई है तो वह प्याज का सेवन कर सकता है क्योंकि इसके सेवन से पेशाब के प्रवाह को खोला जा सकता है। आप थोड़ी सी प्याज को पानी में डाल दें और उसे उबालकर ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने के बाद इसमें थोडा सा शहद मिलाकर उसका दिन में दो या तीन बार सेवन करें इससे आपकी मूत्रावरोध की समस्या ठीक हो जाएगी।
4. मूली का सेवन :
अगर आपकी किडनी में संक्रमण हो गया है या किसी और वजह से आपका पेशाब रुक-रुक कर आता है तो आप मूली का सेवन कर सकते हैं। आप मूली के रस का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
5. गुड का सेवन :
अगर आपको मूत्रावरोध की समस्या हो गई है तो आप गुड का सेवन कर सकते हैं क्योंकि गुड में ऐसे तत्व और गुण पाए जाते हैं जो मूत्रावरोध को ठीक करने में मदद करता है। आप दिन में दो बार गर्म दूध के साथ गुड का सेवन करके पेशाब के रुक-रूक कर की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
6. जामुन का सेवन :
अगर आप मूत्र की रूकावट या मूत्रावरोध की समस्या से परेशान हो गए हैं तो आप जामुन का सेवन कर सकते हैं क्योंकि जामुन में ऐसे गुण और तत्व उपस्थिति होते हैं जो हमारे शरीर के अनेक रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। सबसे पहले आप कुछ जामुन के बीज लें और उन्हें पीसकर उनका पाउडर बना लें।
अब आधे कम जामुन के पाउडर को एक कप दही में मिलाकर उसका सेवन कर लें। इसके सेवन से जिन लोगों को यूरिन न आने की और बूंद-बूंद करके यूरिन आने की समस्या है उनकी समस्या ठीक हो जाएगी।
7. नींबू का प्रयोग :
अगर आपको किसी वजह से पेशाब खुलकर नहीं आ रहा है तो आप नींबू का प्रयोग कर सकते हैं। आप नींबू के बीजों को लेकर उनका पेस्ट बना लें और इसे अपने पेट पर ब्लैडर या नाभि के आस-पास की जगह पर लगायें। इस लेप को लगाने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आना शुरू हो जाएगा।
8. तुलसी का सेवन :
पेशाब की रूकावट की समस्या होने पर आप तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसके सेवन से पेशाब की रुकावट की समस्या खत्म हो जाएगी। आप तुलसी की कुछ पत्तियां लें और उन्हें एक कप पानी में डालकर उबाल लें और ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने के बाद इसमें थोडा सा शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें इससे आपकी पेशाब की रुकावट की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
9. शहतूत का सेवन :
अगर आपको अपने मूत्र के रंग के पीला होने की समस्या है या आपको पीले रंग का मूत्र आ रहा है तो आप शक्कर में शहतूत के रस को मिलाकर उसका सेवन करें क्योंकि इसमें गंदे पेशाब को साफ करने के गुण पाए जाते हैं जिससे यह पेशाब के रंग को भी पीले की जगह पर सफेद कर देता है।
10. लौकी का सेवन :
अगर आपको पेशाब की रुकावट की समस्या हो गई है तो आप लौकी के रस का सेवन कर सकते हैं क्योंकि लौकी के एक बार सेवन करने से ही पेशाब की रुकावट की समस्या ठीक हो जाएगी। आप आधा गिलास पानी लें और उसमें आधा गिलास लौकी का रस मिला लें।
अब इसमें चार चम्मच पीसी हुई मिश्री लें और मिला दें। इसके बाद इसमें थोडा सा बहुत ही कम मात्रा में कलमी शोर मिलाकर सेवन कर लें इससे आपकी पेशाब की रुकावट इ समस्या ठीक हो जाएगी। इसका सेवन दिन में एक बार करें लेकिन अगर आपकी पेशाब की रुकावट की समस्या ठीक नहीं होती है तो आप इसे एक घंटे के अंतराल पर दुबारा ले सकते हैं।
11. नारियल पानी का सेवन :
अगर आप अपनी पेशाब की रुकावट की समस्या से बहुत परेशान हो गए हैं तो नारियल पानी का सेवन करें क्योंकि नारियल पानी में मूत्र विकारों को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। आप नारियल पानी और पालक का रस समान मात्रा में ले लें और इसे मिलाकर सेवन कर लें इससे आपकी पेशाब की रुकावट की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
12. गोपी चंदन का प्रयोग :
अगर आपको पेट में दर्द हो रहा है और सुजन भी आ गई है और यह सब पेशाब की रुकावट या मूत्रावरोध की वजह से हो रहा है तो आप गोपी चंदन का प्रयोग कर सकते हैं। आप गोपी चंदन लेकर उसे पीस लें और अपने ब्लैडर पर या नाभि के आस-पास लगाएं इससे आपकी पेशाब की रुकावट ठीक हो जाएगी और पेशाब भी खुलकर आएगा।
यूरिनरी रिटेंशन में क्या खाएं-(Eat In Urinary Retention in Hindi) :
- जिन लोगों को मूत्रावरोध की समस्या है उन्हें कॉफी, सेब, सोया, ब्रोकली, फूलगोभी, अजवाइन, राई, पीपल, एरंड, सज्जीखार, सौंफ, जवाखार, कपूर, जौखार, कांच, ढ़ाक, मूली, गुड, नींबू, चीनी, तरबूज, जीरा, खरबूजा, अदरक, अनानास, नारियल पानी, तुलसी, ककड़ी, दूध, शलगम, केला, घी, सौंठ, मिश्री, धनिया, बतासे, शहतूत का रस, प्याज, मछली, मक्खन, वनस्पति तेल, गेंहू, टमाटर, ईसबगोल, बथुआ, अनार, पालक, आंवला, बेल, गाजर, लौकी, तुरई, टिंडा, परवल, मेथी, चौलाई, कुलफा, अरहर, मलका, मसूर, मोठ, लोबिया, पपीता, नारंगी, संतरा, चीकू आदि का सेवन करना चाहिए।
यूरिनरी रिटेंशन क्या नही खाएं-(Do Not Eat In Urinary Retention In Hindi) :
- जिन लोगों को मूत्रावरोध की समस्या हो जाती है उन्हें शराब, मसालेदार खाना, लाल मिर्च, मिठाई, तेल, खटाई, आचार, मैथुन, कैफीन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।