कैथा (Kaitha Fruit) :
कैथा का वैज्ञानिक नाम Feronia limonia है। कैथा एक पेड़ है जिसके फल का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। मान्यता है कि तपस्या करने गए ध्रुव ने फलाहार के तौर पर इसे लिया था। कैथा एक बहुत ही पौष्टिक फल है। कैथा का पेड़ सामान्यतः सभी स्थानों पर देखने को मिलता है, परंतु खास तौर पर यह शुष्क स्थानों पर उगने वाले फल है यह 23 से 35०C तक के तापमान पर भी बड जाते हैं।
कैथा लगभग सभी तरह की मिट्टी में लगाया जाता है सूखे क्षेत्रों में यह आसानी से बड जाता है। जब पौधा संभाल जाता है तो उसकी देखभाल की कम जरुरत पड़ती है और फूल आने के 10 से 12 महीने में फल तैयार हो जाते हैं, पौष्टिकता के साथ-साथ इसकी औषधीय की दृष्टि से भी बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। कैथी की जेली एक तरह का मीठा और थोडा कसिला खाद्य पदार्थ है जो कैथे के पेक्टिन से तैयार किया जाता है।
ओसमोसिस की क्रिया द्वारा द्वारा चीनी की अधिक मात्रा को मिलाकर और कम ph मान इसकी संग्रहणक्षमता को बढ़ा देती है इसका मीठा हल्का खट्टा स्वाद बच्चों और महिलाओं के लिए अत्यधिक मनभावित साबित हुआ है। कैथे को कच्चा और पक्का दोनों तरह से ही खाया जाता है। कच्चा फल हल्का कैसेला और पका हुआ फल खट्टा-मीठा होता है। कच्चा फल देखने में ग्रे-सफेद मिश्रित हरे रंग और पका फल भूरे रंग का होता है।
कैथा फल का उपयोग (Use Of Kaitha Fruit In Hindi) :
कैथ विटामिन बी-12 का अच्छा स्त्रोत है। मध्य भारत में इसके द्वारा तैयार खाद्य पदार्थों को अच्छा और पौष्टिक माना जाता है इसके द्वारा तरह-तरह के खाद्य पदार्थ तैयार किये जाते हैं जैसे – जैम, जेली, अमावट, शर्बत, चॉकलेट और चटनी ग्रामीण स्तर पर व्यवसाय का एक अच्छा साधन साबित हो सकता है।
कैथा फल के औषधीय गुण (Medicinal Properties Of Kaitha fruit In Hindi) :
कैथा प्रतिरोधक क्षमता को दृढ करता है, यह पाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखता है, यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करता है। कैथा स्कर्वी रोग से बचाव में सहायक है। कैथा शोथरोधी, ज्वरनाशक, दर्दनाशक, कैंसररोधी, मधुमेहरोधी, घावपूरक, पेशाब बढ़ाने वाला, जिवानुरोधी है।
कैथे के बीज ह्रदय रोग और सर दर्द के लिए फायदेमंद होते हैं। कैथ के बीजों का तेल फीका, ग्राही और मीठा होता है और पित्त, कफ, हिचकी, उल्टी और चूहे के जहर को खत्म करता है। कैथे के फुल जहर के प्रभ्वओं को नष्ट करते हैं। कैथे के पत्ते उल्टी, दस्त और हिचकी रोग में लाभकारी होता है।
कैथे के विभिन्न नाम (Different names of Kaitha In Hindi) :
कैथे को विभिन्न क्षेत्रों में अलग नाम से पुकारा जाता है। इसे बंगाली में कठबेल, गुजरती में कोथू, कन्नड़ में बेले, मलयालम और तमिल में विलम पजम, मराठी में कवथ, उड़िया में कैथा, तेलगु में वेलेगा पंडु, एलागाकाय, हिंदी में बिलिं या कटबेल, संस्कृत में कपित्थ, कुचफल, गंधफल, चिरपाकी, बैशाख नक्षत्री, दधिफल, कहते हैं।
कैथे के पोषक तत्व (Kaitha Nutrients In Hindi) :
कैथे में विटामिन सी, फ्रूट एसिड, प्रोटीन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, फोस्फोरस, जिंक, विटामिन बी-1, विटामिन बी-2, फाइटोकेमिकल्स, एलकेलोइड, पॉलीफेनोल आदि पोषक तत्व पाए जाते है।
कैथे के फायदे (Benefits Of Kaitha Fruit) :
1. दमा में फायदेमंद कैथा (Beneficial Kaitha in asthma) :
पके हुए कैथे का 12 ग्राम रस लेकर उसमे थोडा शहद मिलाकर सेवन करने से दम के रोगी को बहुत लाभ मिलता है।
2. कर्ण शूल में फायदेमंद कैथा (Beneficial Kaitha in Karna Shool) :
कैथे के रस में बिजोरा नींबू का रस मिलाकर, थोडा गर्म करके काम में कुछ बुँदे टपकने से कर्ण शूल में बहुत फायदा मिलता है। कैथ कान की किसी भी समस्या के लिए लाभकारी होता है। कैथा के पेड़ की जड़, कान की किसी भी समस्या और दर्द को ठीक करने के लिए उपयोग की जाती है।
3. पाचन क्रिया में फायदेमंद कैथा (Beneficial Kaitha in digestion) :
पाचन क्रिया के लिए कैथा बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि यह आँतों के कीड़ों को ख़त्म करने में सहायता करता है। यह पाचन से जुडी समस्याओं के लिए एक बहुत ही अच्छा फल है। इसके ताने और शाखाओं में फेरोनो गम नाम का गोंड जैसा पदार्थ होता है। इसमें टैनिन होने की वजह से यह सूजन को कम करने के लिए लिया जाता है इसके रोचक गुण भी कब्ज से बचने में मदद करते हैं।
4. ब्लड प्यूरिफिकेशन में फायदेमंद (Beneficial Kaitha in Blood Purification) :
50 मिलीग्राम कैथे का रस गर्म पानी और चीनी के साथ मिला लें। इस मिश्रण को खून को साफ और विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए पीने की सलाह दी जाती है। इससे लीवर और गुर्दे पर तनाव कम हो जाता है, जो विषाक्त पदार्थों से हमारे शरीर को सुरक्षित रखते हैं।
5. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial Kaitha in Diabetes) :
कैथा के पेड़ के तने और शाखों में फेरोनी गम नाम की गोंद होती है। यह गोंद खून में शर्करा के प्रवाह, स्त्राव और संतुलन को प्रबंधित करने में मदद करके डायबिटीज का मुकाबला करने में मदद करती है। यह गोंद इन्सुलिन और ग्लूकोज के स्तर को प्रबंधित करके, डायबिटीज को बढने से रोकता है। कैथ के बीजों की गिरी को 300 ग्राम की मात्रा में कूट-छानकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम पानी के साथ 30 दिनों तक सेवन करें इससे मधुमेह में बहुत फायदा मिलता है।
6. श्वसन समस्याओं में फायदेमंद (Beneficial Kaitha in respiratory problems) :
कैथ के पेड़ की पत्तियां लोगों को जुकाम और श्वसन से संबंधित समस्याओं से बचने में मदद करती है। ये गले में खराश और खांसी का इलाज करने में भी मदद करती है। ये पत्तियां कफ को कम करने में मदद करती हैं और श्वसन तंत्र में काफ को बनने से रोकती है।
7. एनर्जी बढ़ाने में फायदेमंद (Beneficial Kaitha in Boost Energy) :
सौ ग्राम कैथा के गूदे दे 140 कैलोरी प्राप्त होती है और इसमें मौजूद पोषक तत्व अंगों और मेटाबोलिज्म के लिए फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है जिसकी वजह से यह शरीर के किसी भी घाव को तेजी से हील कर सकता है और मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है इसके अतिरिक्त यह शरीर की उर्जा को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
8. किडनी रोग में फायदेमंद (Beneficial Kaitha in Kidney Disease) :
किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों को कैथा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाले गुण होते हैं जिससे किडनी को बहुत से रोगों से बचाया जा सकता है।
9. लीवर की समस्याओं के लिए फायदेमंद (Beneficial Kaitha for Liver Problems) :
कैथा में बीटा कैरोटीन की भी बहुत मात्रा पाई जाती है। यह तत्व लीवर की समस्याओं का इलाज करने में सहायक होता है। इसमें थाइमिन और रिबोफ्लिविन होते हैं। यह फल कार्डियाक टॉनिक के रूप में काम करता है।
10. हिचकी में फायदेमंद (Beneficial Kaitha in hiccups) :
साफ कसीस को कैथ के फलों के गूदे के साथ मिलाकर चाटने से हिचकी में बहुत फायदा होता है। एक चम्मच कैथ का रस और एक चम्मच आंवले का रस मिलाकर पीने से हिचकी आणि बंद हो जाती है। कैथ के फल का चूर्ण और साफ कसीस 120-120 मिलीग्राम की मात्रा में चार से छ: ग्राम शहद के साथ सेवन करने से हिचकी में फायदा होता है।
कैथा के कुछ प्रभावशाली फायदे (Some Effective Benefits Of Kaitha In Hindi) :
1. विषैले कीड़े द्वारा काटने में फायदेमंद : बारिश में अक्सर लोगों को विषैले कीड़े काल लेते हैं लेकिन अगर कैथे का गुदा कीड़े द्वारा काटी गई जगह पर लगाने से बहुत फायदा होता है।
2. पित्त बढने से रोकने में फायदेमंद : कैथे का फल पित्त बढने से रोकने में मदद करता हैकैथे के गुदे को चीनी के साथ मिलाकर खाने से पित्त की अधिकता कम होती है।
3. पीलिया में फायदेमंद : कैथे के कोपले का रस निकलकर गाय के दूध में मिलाकर 50 ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
4. प्रदर में फायदेमंद : कैथ को प्रदर रोग के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। कैथ के कोपल और बांस के कोपल को एक साथ पीसकर शहद के साथ सेवन करने से प्रदर रोग में बहुत लाभ मिलता है।
5. धातुदोष में फायदेमंद : कैथ की कोपलों का चूर्ण बना लें और चीनी मिले दूध के साथ मिलकर सेवन करें। इससे धातुदोष दूर हो जाता है और वीर्य बढ़ता है।
6. चूहा काटने में फायदेमंद : जब चूहा काट लेता है तो उसका जहर हमारे शरीर में फैलने लगता है। जब आपको चूहा काट ले तो कैथ के बीजों के तेल को कटे हुए स्थान पर लगाने से जहर उतर जाता है।
7. भूख न लगने पर फायदेमंद : कैथ के फलों का गूदा, सोंठ, कालीमिर्च, पीपल का चूर्ण, शहद और चीनी को मिलाकर रोज सेवन करने से भूख बढती है।
8. दस्त में फायदेमंद : कैथ के 3 ग्राम बीजों को भूनकर दस्त रोग से पीड़ित लोगों को देने से दस्त बंद हो जाते हैं। कैथ के फल का सेवन करने से दस्त रोग ठीक हो जाता है। आम और कैथ के कोमल पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण तीन से छ: ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार पीना चाहिए। इससे बार-बार दस्त आने बंद हो जाएंगे।
9. मलेरिया को दूर रखने में फायदेमंद : थाई म्यांमार सीमा क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा कैथा की लुगदी को कॉस्मेटिक में घटक के रूप में उपयोग की जाती है। इस क्षेत्र को अक्सर डेंगू और मलेरिया से प्रभवित मन जाता है। अध्धयनों के मुताबिक गर्भावस्था में औरतों की त्वचा पर इसकी लुगदी पर रेपेलेंट के मिश्रण को लगाने से यह मलेरिया फ़ैलाने वाले मच्छरों से उनकी रक्षा करता है।
10. आँखों के रोगों के लिए फायदेमंद : कैथ के पत्तों और डंडी को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण शहद के साथ मिलाकर आँख में लगाने से आँखों से सभी रोग दूर हो जाते हैं।
11. गले के रोगों के लिए फायदेमंद : कैथ के पके हुए फलों के गूदे को खाने से गले के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
12. पेट दर्द में फायदेमंद : कैथ का गोंद 120 से 240 मिलीग्राम की मात्रा में पिने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
13. पेचिश में फायदेमंद : 80 ग्राम कैथ के फलों का गूदा, 60 ग्राम शर्करा, अनारदाना, इमली, बेलगिरी, धाय के फूल, अजमोद और छोटी पीपल 3-3 ग्राम, कालीमिर्च, जीरा, धनिया, पिपलमूल, काला नमक अजवायन, दालचीनी, इलायची के बीज, तेजपात, नागकेशर, चित्रमूल और सोंठ एक-एक ग्राम लें। इन सभी को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण रोज सुबह शाम पेचिश क्व रोगी को देने से रोग ठीक हो जाता है।
कैथा के नुकसान (Side Effects Of Kaitha Fruits In Hindi) :
1. पेट के लिए नुकसानदायक : किसी भी अन्य भोजन या फल की तरह, हमें कैथा के सेवन के दौरान कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से पेट की समस्या भी हो सकती हैं इसलिए गैस्ट्रिक परेशानियों वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
2. एलर्जी वालों के लिए नुकसानदायक : इसके अतिरिक्त अग्गर आपने कभी पहले कैथा का सेवन नहीं किया है तो आपको कैथा से एलर्जी है या नहीं इसकी जाँच करने के बाद ही कैथा का सेवन करें क्योंकि कुछ लोगों को कैथे से एलर्जी भी हो सकती है।