हिस्टीरिया क्या है-Hysteria In Hindi
हिस्टीरिया एक मानसिक विकार है जिससे ग्रस्त व्यक्ति को एक बहुत ही अजीब तरह का भ्रम हो जाता है। इस रोग में व्यक्ति को किसी शारीरिक कमी के बिना ही रोगी को बार-बार यह रह-रहकर मस्तिष्क या दिमाग के साथ तंत्रिका तंत्र से जुड़े बहुत गंभीर लक्षण पैदा हो जाते हैं।
हिस्टीरिया एक बहुत ही गंभीर समस्या होती हैं जिसमें रोगी का बार-बार दम घुटता है जिसकी वजह से वह बेहोश हो जाता है। यह रोग स्त्रियों को होता है लेकिन जब इस रोग के दौरे पड़ते हैं तो उसके हाथ-पैर अकड़ जाते हैं और उसके चेहरे की आकृति भी बिगड़ने लगती है जिसकी वजह से वह बिना किसी कारण के ही चिल्लाने लगती है। इसमें रोगी खुद से ही कुछ बडबडाती रहती है और दूसरों को मारना-पीटना शुरू कर देती है।
हिस्टीरिया के लक्षण-Hysteria Symptoms In Hindi
1. चिंतित होना : इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति बहुत अधिक जिद्दी और गुस्सैल होते हैं और जब कोई बात या चीज उनके मन के अनुरूप नहीं होती है तो वे बहुत परेशान हो जाते हैं। जब यह स्थिति अधिक समय तक बनी रहती है तो व्यक्ति बेकाबू हो जाता है।
2. बेहोश होना : जब कोई व्यक्ति इस रोग से ग्रस्त हो जाता है तो उस व्यक्ति को दौरे पड़ने लगते हैं और वह अचानक से या धीरे-धीरे अचेत हो जाता है और जमीन पर गिर जाता है। दौरे पड़ने पर उस व्यक्ति की सांसे चलती रहती हैं लेकिन उसे ऐसा लगता है जैसे वह मर गया हो।
3. दांत भिचना : जब किसी व्यक्ति को हिस्टीरिया रोग के दौरे पड़ते हैं तो उस व्यक्ति का पूरा शरीर तो ढीला पद जाता है लेकिन उस व्यक्ति के दांत बहुत ही कसकर भिंच जाते हैं जो कुछ समय के बाद अपने आप ही खुल जाते हैं।
4. शरीर में ऐंठन होना : इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति को बार-बार या रह-रहकर हाथों और पैरों में झटके लगते हैं जो उसके पूरे शरीर में भी महसूस किये जा सकते हैं। इन झटकों के बाद उस व्यक्ति का पूरा शरीर ऐंठन का शिकार हो जाता है।
5. व्यवहार बदलना : जिस व्यक्ति को इस रोग के दौरे पड़ते हैं उस व्यक्ति को बेहोश हुए कई मिनटों से लेकर कई घंटे भी हो सकते हैं लेकिन कुछ घंटों के बाद रोगी अपने आप उठकर खड़ा हो जाता है और ऐसे दिखाता है जैसे उसे कुछ हुआ ही नहीं था।
6. दम घुटना : इसके दौरे पड़ने पर कोई भी व्यक्ति बहुत जोर-जोर से सांसे लेने लगता है और बार-बार अपनी छाती और गला पकड़ता है। रोगी को देखने वाले व्यक्ति को ऐसा लगता अहि जैसे उसका दम घुट रहा हो।
7. लकवा मारना : इस रोग में कभी-कभी ऐसा होता है कि व्यक्ति के हाथ और पैरों में लकवा मार जाता है और उसका शरीर ढीला पड़ जाता है जिसकी वजह से रोगी कुछ घंटों तक चल या फिर नहीं पाता है।
8. आवाज न निकलना : इस रोग में व्यक्ति के गले से अचानक से आवाज आनी बंद हो जाती है। कभी-कभी ऐसा होता है कि व्यक्ति चीखता है चिल्लाता है लेकिन ज्यादातर मामलों में व्यक्ति आवाज निकलनी बंद हो जाती है और अपनी आँखों को बंद करके वह पूरी तरह से चुप हो जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
9. दौरे पड़ना : जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति को इस रोग के दौरे पड़ने लगते हैं जो इस रोग का एक प्रमुख लक्षण होता है। इस रोग में रोगी को दिन में कई बार दौरे पड़ते हैं। ऐसा व्यक्ति किसी भी चीज को देखकर एक दम चुप और शांत हो जाता है।
हिस्टीरिया के कारण-Hysteria Causes In Hindi
1. तनाव के कारण : जब किसी व्यक्ति के चेतन या चेतन मन में किसी तरह का तनाव रहता है तो इससे भी यह रोग हो सकता है। जब व्यक्ति के पास तनाव से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं बचता है तो उस व्यक्ति को इसके दौरे पड़ने लगते हैं।
2. कमजोर व्यक्तित्व से : जब कोई व्यक्ति ऐसी घटना देख लेता है जो उसके मन में घर कर लेती है या बुरी तरह से दिमाग को प्रभावित कर देती है तो इससे व्यक्ति का ह्रदय या मन कमजोर हों लगता है जिसकी वजह से व्यक्ति का काम नहीं हो पाता है और वह इस रोग से ग्रस्त हो जाता है।
3. संभोग से : जब किसी व्यक्ति या महिला के साथ सेक्स का दमन किया जाता है तो उसको इस रोग के दौरे पड़ने लगते हैं। जब कोई व्यक्ति या स्त्री अपनी सेक्स की भावना को बता या जाहिर नहीं कर पाती है या दबा लेती है तो उसे इस रोग के दौरे पड़ने शुरू हो जाते हैं।
4. सदमे से : जब किसी व्यक्ति को बहुत ही गहरा सदमा लगता है तो इससे भी उस व्यक्ति को यह रोग हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति के पति, सन्तान, परिवार जन आदि में से किसी की मृत्यु हो गई है तो इससे उसे बहुत गहरा सदमा लगता अहि जिसकी वजह से उसे इस रोग के दौरे पड़ सकते हैं।
हिस्टीरिया का इलाज-Hysteria Treatment In Hindi
1. शहद के सेवन से इलाज :
अगर आप इस रोग के दौरान पड़ने वाले दौरों से परेशान हो चुके हैं तो आप प्रतिदिन दिन में दो बार एक-एक चम्मच शहद का सेवन करके इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं क्योंकि शहद में इस रोग को कम करने के गुण पाए जाते हैं।
2. जामुन के सेवन से इलाज :
अगर कोई व्यक्ति हिस्टीरिया रोग से ग्रस्त हो गया है जिसकी वजह से उसे दौरे पड़ने लगे हैं तो ऐसे व्यक्ति को प्रतिदिन जामुन का सेवन करना चाहिए क्योंकि जामुन में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हिं जो इस रोग से लड़ने में मदद करते हैं।
3. केला के सेवन से इलाज :
इस रोग के होने पर आप केले के तने का ताजा रस लेकर उसका दिन में दो या तीन बार सेवन करें इससे आपकी हिस्टीरिया की समस्या ठीक हो जाएगी क्योंकि इस रोग में इस रस को रामबाण माना जाता है।
4. नींबू के सेवन से इलाज :
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए आप सबसे पहले गर्म पानी लें। अब इसमें नींबू का रस, नमक, जीरा, भूनी हुई हींग और पुदीना अच्छी तरह से मिलाएं। अब इसका सेवन प्रतिदिन दिन में एक बार करने से आपकी दौरे पड़ने की समस्या ठीक हो जाएगी।
5. लहसुन के सेवन से इलाज :
अगर आपको इस रोग के दौरे पड़ते हैं तो आप पतली-पतली लहसुन को छीलकर रख लें। अब लहसुन से चार गुना दूध और पानी लें। अब इन सभी को मिलकर मंद आंच पर तब तन पकने दें जब तक दूध आधा न रह जाए। ठंडा होने पर इस दूध को छान लें और थोडा-थोडा करके इसे पीते रहें इससे आपकी दौर पड़ने की समस्या ठीक हो जाएगी।
हिस्टीरिया से बचाव के उपाय-Prevention of Hysteria In Hindi
- इसके रोगी कको बहुत ही सावधान और प्यार के साथ रखना चाहिए।
- हो सके तो रोगी को मस्तिष्क या मन को मजबूत बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
- अगर रोगी को दौरा पड़ रहा है तो उसके अनावश्यक कपड़ों को निकालकर उसे ऐसी जगह पर लिटा दें जहाँ पर भरपूर हवा आती हो और उसके हाथ और पैरों की मालिश करें।
- अगर रोगी बेहोश हो गया है तो उसके अंगूठे के नाखून पर अपना कोई नाखून चुभाएँ क्योंकि ऐसा करने से मरीज को जल्दी होश आ जाएगा।
- बेहोश होने पर रोगी के चेहरे पर ठंडे पानी के छीटे मारने चाहिएं।
- रोगी को ऐसे भोजन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए जो तामसिक हो।
- रोगी को प्रतिदिन नियमित रूप से अपने व्यायामों का अभ्यास करना चाहिए।
- रोगी को अपने मन की बैटन को अपने दोस्त, पति, माता, या एनी लोगों के साथ साझा करना चाहिए।
- इसके रोगी को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
हिस्टीरिया में क्या खाएं-Eat In Hysteria In Hindi
- रोगी को जामुन, मौसमी, अनार, संतरा, केला, सीताफल, चुकंदर, अनार, सेब, खीरा, अंजीर, पपीता, आदि फलों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को अदरक, नींबू, प्याज, लहसुन, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को शहद, छाछ, मट्ठा, नारियल पानी, गाय का दूध, आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को नमक, छोटी इलायची, लौंग, सौंफ, काली मिर्च, अजवाइन, हींग, धनिया, आदि मसालों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को गेंहूँ की चपाती, पुराने चावल, मूंग की दाल, दलिया, मसूर की दाल, आदि अनाजों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को केसर, किशमिश, बादाम, आदि मेवों का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को आंवले का मुरब्बा आदि का सेवन करना चाहिए।
हिस्टीरिया में क्या न खाएं-Do Not Eat In Hysteria In Hindi
- रोगी को चाय, कॉफी, मदिरा, तंबाकू, गुटखा, आचार, खटाई, कोको, सफेद शक्कर, लाल मिर्च, तेल, गुड, अंडा, मांस, मछली, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।