चिंता क्या है-Anxiety In Hindi
आपने अक्सर ऐसा देखा होगा कि व्यक्ति कहता रहता है कि सब उच्च गलत हो गया, अब क्या होगा, कुछ समझ नहीं आ रहा है, अब मैं क्या करूँ, मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है? ऐसे विचार दुनिया में अधिकतर लोगों को आते हैं जिसकी वजह से उन्हें हमेशा अपने साथ कुछ गलत या बुरा होने की आशंका रहती है।
वह व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को लेकर बिना बात के ही घबराता रहता है और चिंता से ग्रस्त रहता है जो चिंता विक्षिप्त के लक्षण हो सकते हैं। हर व्यक्ति के जीवन में ऐसा एक दिन जरुर आता है जिसमें मजबूत-से-मजबूत दिल का इंसान भी चिंता से ग्रस्त हो जाता है।
कभी जब व्यक्ति के जीवन में मुश्किल आ जाती है तो ऐसा होना बहुत ही आम बात होती है लेकिन जब यह समस्या बहुत अधिक दिनों या महीनों तक बनी रहती है तो उस व्यक्ति को इसकी आदत बन जाती है जो इस रोग में बदल जाती है। इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति का अपने मन पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है वह बहुत कोशिश करता है लेकिन इससे बाहर नहीं निकल पाता है।
चिंता के प्रकार-Anxiety Types In Hindi
1. जनरलाइज्ड एंग्जाइटी डिसऑर्डर : इस तरह के विकार में लोग बहुत अधिक चिंता करते हैं। ये लोग इतनी अधिक चिंता और तनाव लेते हैं कि अगर कोई चिंता या उत्तेजना बढ़ाने का कारण न होते हुए भी ये उस कारण को उत्पन्न कर लेते हैं।
2. ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर : इस तरह के विकार में व्यक्ति लगातार सोचता और डरता रहता है जिसकी वजह से वह बहुत सी अजीब आदतों को विकसित कर लेता है।
3. पैनिक डिसऑर्डर : इस विकार से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा ऐसा लगता है जैसे उनकी साँस रुक रही है और उन्हें हार्ट अटैक आ रहा है।
4. पोस्ट ट्रोमेटिक स्ट्रेस : यह एक ऐसा विकार होता है जिसमें व्यक्ति को किसी तीव्र आघात वाली घटना के बाद बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। इसमें व्यक्ति को बार-बार अप्रिय घटनाएँ याद आती रहती हैं जिसकी वजह से उसके शरीर में भावनात्मक उन्नत आ जाती है।
5. सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर : इस तरह के विकार में व्यक्ति सामाजिक जीवन में बहुत अधिक सावधान रहता है क्योंकि उसे ऐसा लगता है कि सभी लोगों का ध्यान उस पर है।
चिंता के लक्षण-Anxiety Symptoms In Hindi
1. पेट में हलचल होना : इसमें व्यक्ति को बहुत अधिक चिंता होती है और जब उससे कोई बात उसके विरुद्ध की जाती है तो उसे अचानक से बहुत अधिक गुस्सा आ जाता अहि जिसकी वजह से उसके पेट में हलचल मचने लगती है।
2. कमजोरी आना : इस रोग के होने पर व्यक्ति को बहुत अधिक थकावट होती होती है और वह उसका कुछ भी खाने का मन नहीं करता है जो प्रक्रिया कुछ दिन चलने की वजह से व्यक्ति में बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है।
3. मानसिक रोग होना : अगर आपको चिंता विक्षिप्त रोग हो गया है तो आपको मानसिक विकार जैसे- घबराहट, डर, चिंता, आदि हो जाएँगे जिसकी वजह से आप रात के समय सोते-सोते अचानक से उठ जाते हैं।
4. मांसपेशियों में सूजन आना : इस रोग में व्यक्ति की मांसपेशियां सूजन का शिकार हो जाती है और उसके पैर भी अपने आप कांपने लगते हैं जिसके बाद वह धीरे-धीरे ठंडा पड़ने लगता है और कभ-कभी बेहोश भी हो जाता है।
चिंता के कारण-Anxiety Causes In Hindi
1. अपूर्ण कार्य से : अगर आपका कोई काम पूरा नहीं होता है या आधा रह जाता है तो आप हर समय उस काम के बारे में सोचते रहते हैं। वह आधा या अधुरा काम आपको बार-बार परेशान करता है जिसकी वजह से आपको चिंता होने लगती है लेकिन जब यह समस्या अधिक समय तक रहती है तो व्यक्ति को चिंता विक्षिप्त रोग हो जाता है।
2. विफलता से : अगर कोई व्यक्ति किसी एक काम कोई बार-बार लगातार करता है लेकिन फिर भी उस काम को पूरा नहीं कर पाता है उसे सिर्फ विफलता मिलती है तो इससे उन्हें उस काम के बारे में बहुत चिंता होने लगती है उन्हें ऐसा लगता है कि वे किसी भी तरह से इस काम को पूरा करें।
3. अकेलेपन से : जब कोई व्यक्ति अकेला रहता है या किसी के साथ अपना समय नहीं बाँटना चाहता है तो उस व्यक्ति को अकेले रहने की आदत हो जाती है और वह अपने मन की बातों को दूसरे लोगों तक नहीं पहुंचा पाता जिसकी वजह से उसे चिंता विक्षिप्त रोग हो सकता है।
चिंता का इलाज-Anxiety Treatment In Hindi
1. ब्लूबेरी के सेवन से इलाज :
अगर आपको चिंता विक्षिप्त की समस्या है तो आप ब्लूबेरी और एकै बेरीज का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इनमें उच्च एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पाई जाती है जिसके सेवन से आप अपने मन के स्तर को बढ़ा सकते हैं और तनाव पैदा करने वाले होर्मोन को कम करके चिंता से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
2. कैमोमाइल टी के सेवन से इलाज :
अगर आपको चिंता विक्षिप्त की समस्या है तो आप कैमोमाइल टी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसमें एंटी-इफ्लेमेंटरी और शांत रहने वाले गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से इसे दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
आप एक कप पानी लें और इसमें सूखे हुए कैमोमाइल के दो या एक चम्मच मिलाएं और इसे अच्छी तरह से उबाल लें। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलकर इसका दिन में दो बार सेवन करें इससे आपकी समस्या ठीक हो जाएगी।
3. नींबू बाम के सेवन से इलाज :
नींबू बाम एक जड़ीबूटी है जिसका प्रयोग चिंता और तनाव को कम करके नींद लाने के लिए किया जाता है। आप नींबू बाम की चाय का सेवन करके इससे छुटकारा पा सकते हैं क्योंकि यह तंत्रिका तंत्र को उत्तेहित करती है।
चिंता विक्षिप्त से बचाव के उपाय-Prevention of Anxiety In Hindi
- रोगी को ऐसे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जिनसे इस रोग के बढने की संभावना हो।
- रोगी को मन को शांति देने वाले व्यायाम का प्रयोग करना चाहिए।
- रोगी को अगर घर में या कमरे में घुटन हो रही हो तो आप ऐसे स्थान पर जाएँ जहाँ पर शांति और शुद्ध वातावरण हो।
- रोगी को अपनी नींद को पूरा करना चाहिए क्योनी इससे भी चिंता विक्षिप्त रोग बढ़ सकता है।
- रोगी को जितना हो सके आराम करना चाहिए सोचकर अपने दिमाग पर जोर नहीं देना चाहिए।
- अगर रोगी का मन स्थिर नहीं है तो उसे अपने मन के भावों को लिखना शुरू कर देना चाहिए।
- रोगी को अपनी धुम्रपान करने की लत को छोड़ देना चाहिए और धुम्रपान करने वाले लोगों से भी दूर रहना चाहिए।
- रोगी को संगीत सुनना चाहिए क्योंकि इससे भी चिंता के विकार को ठीक किया जा सकता है।
चिंता में क्या खाएं-Eat In Anxiety In Hindi
- रोगी को ब्लूबेरी, बेरी, स्ट्रोबेरी, आदि फलों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को बादाम, अखरोट, आदि मेवों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को केफिर, किमची, ऊलोंग टी, कैमोमाइल टी, ग्रीन टी, आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को पालक, गाजर, आलू, ब्रोकली, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को गेंहूँ, डार्क चॉकलेट, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज, मछली, आदि का सेवन करना चाहिए।
चिंता में क्या न खाएं-Do Not Eat In Anxiety In Hindi
- जिन लोगों को चिंता विक्षिप्त रोग हो जाता है उन्हें कॉफी, चीनी, आइसक्रीम, कुकीज, एल्कोहल, शराब, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।