सिर चकराना (वर्टिगो) क्या है-Vertigo In Hindi
चक्कर आना एक बहुत ही आम समस्या होती है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है लेकिन यह अधिकतर बड़ी उम्र के लोगों में अधिक देखी जाती है। कई बार ऐसा होता कि व्यक्ति को एक दिन में कई बार चक्कर आते हैं जिसकी वजह सी उस व्यक्ति को पूरी दुनिया गोल-गोल घूमती हुई दिखाई देती है जो आपमें वर्टिगो रोग के कारण हो सकता है।
वर्टिगो लैटिन भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है चक्कर आना। एक तरह से देखा जाए तो इसका यह नाम इसके लक्षण की वजह से पड़ा है क्योंकि इसमें व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे पूरी दुनिया घूम रही है। आप तो बिलकुल स्थिर रहते हैं लेकिन आपको ऐसा लगता अहि जैसे वातावरण चक्कर लगा रहा हो।
जब कोई व्यक्ति ऐसी स्थिति में आढ़ा या तिरछा देखता है तब भी उसे सब कुछ घूमता दिखाई देता है। कई बार तो ऐसा भी हो जाता है कि व्यक्ति को चक्कर आने के साथ-साथ उल्टियाँ भी आने लगती है और जी भी मिचलाने लगता है। कई बार व्यक्ति को चक्कर लो बीपी या एनीमिया यानि की खून की कमी की वजह से भी आ सकते हैं।
Also Read : Plumonary Tuberculosis In Hindi , Renal Colic In Hindi
चक्कर आना एक ऐसा शब्द है जो कई सारी संवेदनाओं को एक साथ प्रकट करता है। कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति को संवेदनाएं खराब महसूस होती हैं जिसकी वजह से उसे अपने आसपास की सभी चीजें घूमती हुई दिखाई देती हैं।
इस समस्या में व्यक्ति के दिमाग तक खून ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है जिसकी वजह से उसे अपने शरीर का भार महसूस नहीं होता है जिसकी वजह से उसे अपनी आँखों से थोड़ी देर के लिए कुछ भी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता है।
सिर चकराना (वर्टिगो) के प्रकार-Types of Vertigo In Hindi
1. ऑब्जेक्टिव : जब किसी व्यक्ति को इस तरह के चक्कर आने की समस्या होती है तो उस व्यक्ति क सभी चीजें घूमती हुई नजर आती हैं।
2. सब्जेक्टिव : इस तरह के चक्कर की समस्या में व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि वह खुद ही घूम रहा हो।
3. स्यूडो वर्टाइगो : इस तरह के रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे उसके सिर के अंदर कुछ घूम रहा हो।
सिर चकराना (वर्टिगो) के लक्षण-Vertigo Symptoms In Hindi
1. कमजोरी होना : जब किसी व्यक्ति को सिर चकराने की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति के शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है और उसे हल्केपन का अनुभव होने लगता है। उसे जमीन हिलती हुई नजर आती है जिसकी वजह से उसका शरीर पिला पड़ जाता है और वह गिर जाता है। व्यक्ति का पूरा शरीर पसीने से नहा जाता है।
2. बीमार लगना : जब कोई व्यक्ति अचानक से सिर चकराने की समस्या से ग्रस्त हो जाता है तो उस व्यक्ति को पूरी दुनिया घूमती हुई नजर आती है जिसकी वजह से उसे भावनात्मक रूप से बीमार होने का एहसास होने लगता है।
3. उल्टियाँ होना : जब किसी व्यक्ति को चक्कर आने वाले होते हैं तो उस व्यक्ति का अपने आप अचानक से जी मिचलाने लगता है और एक समय ऐसा भी आता है जिसमें उसे उल्टियाँ हो जाती हैं जिसके बाद उसे चक्कर आने लगते हैं या उसका सिर चकराने लगता है। जानिए : उल्टी का इलाज
4. कान बंद होना : जब किसी व्यक्ति को यह समस्या होती है तो उस व्यक्ति के कान बंद हो जाते हैं उसे कुछ भी सुनाई नहीं देता है क्योंकि यह एक नॉन कैंसर ट्यूमर होता है जो आमतौर पर उन तंत्रिकाओं में होता है जो कान के अंदरूनी भागों और दिमाग से जुड़ा हुआ होता है।
5. सिरदर्द होना : जब किसी व्यक्ति को सिर चकराने की समस्या होती है तो उस व्यक्ति को इतने अधिक चक्कर आते हैं कि व्यक्ति भी बेहोश हो जाता है। व्यक्ति को टहलने, खड़े होने यहाँ तक कि इधर उधर जाने में भी बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। यह भी पढ़ें : सिर दर्द के उपाय
6. धुंधला दिखाई देना : जब व्यक्ति सुबह के समय अचानक चक्कर आ जाने की वजह से उसके आँखों की नसें कुछ देर के लिए दब जाती हैं जिसकी वजह से रोगी को स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता और उसे देखने में बहुत अधिक समस्या होती है।
सिर चकराना (वर्टिगो) के कारण-Vertigo Causes In Hindi
1. बीपी लो से : जब किसी व्यक्ति का रक्तचाप उच्च होकर अचानक से या एक दम से निचे गिर जाता है या कम हो जाता है तो इसका असर उसके दिमाग पर पड़ता है जिसकी वजह से व्यक्ति को सभी चीजें घूमती हुई नजर आती हैं जिसे चक्कर आना कहते हैं। जानिए : लो बीपी के लक्षण
2. अधिक व्यायाम से : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक थकाऊ या दिन के अनुसार अधिक व्यायाम कर लेता है तो उस व्यक्ति के दिमाग में खून का संचार अचानक से तेज होकर कम हो जाता है जिसकी वजह से भी उस व्यक्ति का सिर चकराने लगता है।
3. एनीमिया से : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती है तो उस व्यक्ति के दिमाग को उसकी आपूर्ति के अनुसार खून नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से उसके दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है और उस व्यक्ति का सिर चकराने लगता है।
4. मानसिक तनाव से : जब कोई व्यक्ति बहुत अधीन चिंता, तनाव या डर महसूस करता है तो उस व्यक्ति के शरीर में खून का प्रवाह कम से अचानक से तेज हो जाता है जिसकी वजह से उसे उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाती है जिसकी वजह से भी उसका सिर चकराने लगता है।
5. कान के संक्रमण से : अगर आपको कान का संक्रमण हो गया है तो इससे भी आपका सिर चकराने लगता अहि क्योंकि कान भी हमारे दिमाग से ही जुड़ा होता है और जब हमारा कान संक्रमित हो जाता है तो संक्रमण अंदर जाकर हमारे दिमाग को भी प्रभावित करने लगता है।
सिर चकराना (वर्टिगो) का इलाज-Vertigo Treatment In Hindi
1. खरबूज के बीज के सेवन से वर्टिगो का इलाज :
अगर आपका सिर बार-बार चकरा रहा है तो आप खरबूजे के बीजों का सेवन कर सकते हैं इसके लिए आप सबसे पहले खरबूजे के कुछ बीज लें और इन्हें गाय के घी में अच्छी तरह से भून लें। जब ये अच्छी तरह से सिक जाएँ तो इनका चूर्ण बना लें और इसका सेवन दिन में दो बार करें इससे आपकी यह समस्या ठीक हो जाएगी। यह भी पढ़ें : खरबूजे के बीज के फायदे
2. आंवला के सेवन से वर्टिगो का इलाज :
बार-बार सिर चकराने की समस्या को ठीक करने के लिए आप कुछ सूखे हुए आंवला लें और उन्हें पीसकर उनका चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण में धनिए का कुछ चूर्ण मिला लें और अब इस चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलकर छान लें। अब इसका सेवन करें इससे आपकी सिर चकराने की समस्या ठीक हो जाएगी। जानिए : आंवला के फायदे
3. लौंग के सेवन से वर्टिगो का इलाज :
आपने लौंग के बारे में तो सुना ही होगा क्योंकि इसका धर्मिक रूप से बहुत अधिक महत्व होता है लेकिन औषधीय रूप में भी इसका बहुत अधिक महत्व होता है। सबसे पहले आप एक कप पानी में दो या तीन लौंग डालकर उसे उबालें और पानी उबलने के बाद इस पानी को पी जाए।
4. तुलसी के सेवन से वर्टिगो का इलाज :
अगर आपको चक्कर की बहुत अधिक समस्या हो रही है तो आप तुलसी के रस का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसमें एंटी बायोटिक गुण पाए जाते हैं जो रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। आप तुलसी एक रस में थोड़ी सी चीनी मिलाकर या शहद मिलाकर खाने से आपकी चक्कर आने की समस्या ठीक हो जाएगी। यह भी पढ़ें : तुलसी के फायदे
5. लौकी के प्रयोग से वर्टिगो का इलाज :
लौकी की समस्या होने पर आप पककर सूखी हुई लौकी लें और उसे डंठल की तरह से काट लें ताकि उसके अंदर का खोखलापन आसानी से दिखाई दे सके। अगर उसका गूदा सुखा हुआ हो तो उसे निकाल दें।
अब इसमें पानी को भरकर इसे ऐसे ही रख दें और बाद में साफ कपड़े से छान लें। अब इस पानी को किसी बर्तन में डालें और इसमें अपनी नाक डुबाकर रखें और जोर से साँस खींचे ताकि पानी नाक के साथ अंदर जा सके। पानी को खींचने के बाद अपनी नाक को नीची करके आराम करें इससे आपकी चक्कर की समस्या ठीक हो जाएगी।
सिर चकराना (वर्टिगो) से बचाव के उपाय-Prevention of Vertigo In Hindi
- अगर रोगी को चक्कर आने लगें तो उसे तुरंत लेट जाना चाहिए और अपने सिर के निचे तकिया जरुर लगाना चाहिए।
- रोगी को अपने मन को शांति देने के लिए प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
- अगर रोगी को बार-बार चक्कर आते है तो उसे अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए।
- अगर रोगी को बहुत काम है और काम करना जरुरी है तो उस व्यक्ति को हर काम को धीरे-धीरे करना चाहिए।
- रोगी को ऐसे पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए जिससे उन्हें एलर्जी हो क्योंकि इससे उन्हें चक्कर आ सकते हैं।
- रोगी को जितना हो सके दिन में पानी पीना चाहिए ताकि उनके शरीर में पानी की कोई कमी न हो।
- रोगी को अपने शरीर की मुद्रा में एक साथ या अचानक से परिवर्तन करने से बचना चाहिए।
- रोगी को लेटने के तुरंत बाद एक साथ खड़ा नहीं होना चाहिए बल्कि धीरे-धीरे खड़ा होना चाहिए।
- रोगी को खड़े होने के लिए लाठी या किसी चीज का सहारा लेकर ही खड़ा होना चाहिए।
- रोगी को जितना हो सके टीवी से दूरी बनाकर रखनी चाहिए ताकि उनकी आँखों को कोई नुक्सान न पहुंचे।
- रोगी को कभी भी पिछली सीट पर बैठकर सफर नहीं करना चाहिए।
- रोगी को सफर करते समय किताबें नहीं पढनी चाहियें।
सिर चकराना (वर्टिगो) में क्या खाएं-Eat In Vertigo In Hindi
- रोगी को नींबू का रस, दूध, दही, घी, मक्खन, नारियल पानी, ठंडा पानी, आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को तरबूज, आंवला, चुकंदर, खरबूज, मौसमी, आदि फलों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को नींबू, अदरक, टमाटर, मूली, खीरा, फलियाँ, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को धनिया, हल्दी, काली मिर्च, लौंग, इलायची, आदि मसालों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को बादाम, छुआरा, आदि मेवों का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को बतासे, खरबूज के बीज, तुलसी, पनीर, का सेवन करना चाहिए।
सिर चकराना (वर्टिगो) में क्या न खाएं-Do Not Eat In Vertigo In Hindi
- अगर आपका सिर चकराता है तो आपको चाय, कॉफी, मांस, रेड वाइन, चॉकलेट्स, पनीर, के सेवन से बचना चाहिए।