पोलियो क्या है-Polio (Poliomyelitis) In Hindi
आमतौर पर देखा जाए तो पोलियो की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है लेकिन इसका संक्रमण पांच साल से छोटी उम्र के बच्चों को बहुत अधिक प्रभावित करता है। पोलियो की बीमारी को पोलियोमाइलाइटिस या शिशु अंगघात के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस बीमारी से कई ऐसे राष्ट्र हैं जो प्रभावित हो चुके हैं।
एक तरह से देखा जाए तो दुनिया के बहुत से देशों में इस समस्या से छुटकारा पाया जा चूका है लेकिन अभी भी कुछ ऐसे देश हैं जो इस समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। यह एक संक्रमण रोग है जो मुख्य रूप से वायरस की वजह से फैलता है।
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इसका वायरस मुंह के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है और हमारी रीढ़ की हड्डी में मौजूद तंत्रिकाओं, कोशिकाओं और आँतों को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है और नष्ट करने लगता है।
कभी-कभी तो ऐसा होता है कि जब किसी के शरीर में इसका वायरस प्रवेश कर जाता है तो उस व्यक्ति को या बच्चे को टांगों में लकवा हो जाता है जिसकी वजह से उसका पूरा भविष्य अंधकार से घिर जाता है। यह वायरस अपनी संख्या को बढ़ाने के लिए एक व्यक्ति के माध्यम से दूसरे व्यक्तियों में फैलने लगता है।
पोलियो के प्रकार-Polio (Poliomyelitis)Types In Hindi
1. रीढ़ की हड्डी का पोलियो : यह रोग रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को प्रभावित करने की जगह पर रीढ़ की हड्डी की प्रणाली को प्रभावित करता है। यह अधिक गंभीर नहीं होता है।
2. बुल्बर पोलियो : इस तरह का पोलियो मस्तिष्क तंत्र और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है जिसकी वजह से शरीर को लकवा भी मार सकता है।
3. बल्बोंस्पाइनल : इस तरह का पोलियो रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है। इस रोग की वजह से लकवा या खतरनाक बीमारी भी हो सकती है इसलिए इसे पैरालिटिक के रूप में भी जाना जाता है।
पोलियो के लक्षण-Polio (Poliomyelitis) Symptoms In Hindi
1. पेट दर्द होना : जिस व्यक्ति को पोलियो का संक्रमण हो जाता है तो ये सबसे अधिक व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी की कोशिकाओं, तंत्रिकाओं और आँतों को बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित करती हैं जिसकी वजह से उस व्यक्ति को पेट में दर्द होने लगता है।
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2. बुखार आना : पोलियो की समस्या होने पर व्यक्ति को बहुत अधिक तेज सिरदर्द होने लगता है जिसकी वजह से व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे उसके सिर की नसें फट जाएंगी ऐसी स्थिति में व्यक्ति के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है और उसे बुखार की समस्या हो जाती है।
3. थकान होना : अगर आपको या किसी और व्यक्ति को पोलियो की समस्या हो गई है तो उस व्यक्ति के शरीर के हर हिस्से में दर्द होता है जिसकी वजह से उसे बिना कोई काम किए ही थकान महसूस होने लगती है।
4. लकवा मरना : इस रोग के होने पर व्यक्ति की मांसपेशियों में अकडन और कमजोरी हो जाती है जिसकी वजह से उसकी गर्दन और पीठ वाले क्षेत्रों में कठोरता आ जाती है। एक समय ऐसा भी आता है जब उस व्यक्ति को लकवा भी मार जाता है।
5. निगलने में कठिनाई होना : जब किसी व्यक्ति को अपने शरीर के एक हाथ या पैर में या शरीर के पूरे आधे हिस्से में लकवा मार जाता है तो उसकी भोजन नली का आधा भाग नहीं कर पता है जिसकी वजह से उस व्यक्ति को भोजन निगलने में बहुत परेशानी होती है।
6. उलटी होना : इस रोग में व्यक्ति को लकवा मारने से पहले गले में खराश होने लगती है और उसे इतनी खराश और खांसी होती है कि उसे साँस लेने में भी परेशानी होने लगती है। इसमें व्यक्ति को कभी-कभी खांसी की वजह से खांसी के साथ-साथ उल्टियाँ भी हो जाती है।
पोलियो के कारण-Polio (Poliomyelitis) Causes In Hindi
1. संक्रमण से : पोलियो रोग का संक्रमण किसी भी व्यक्ति के मुंह से प्रवेश करके उसके शरीर तक पहुंचता है और उस व्यक्ति की आँतों को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है। जब यह संक्रमण हमारे शरीर में कुछ घंटों तक रह जाता है तो उसके कुछ देर बाद ही व्यक्ति को लकवा या फालिज मार जाता है।
2. संपर्क से : जब किसी व्यक्ति को पोलियो रोग हो जाता है और उस व्यक्ति के संपर्क में कोई और व्यक्ति आ जाता है तो इस रोग के कीटाणु दूसरे व्यक्ति के भी शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर देते हैं।
3. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से : जब किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो उस व्यक्ति को किसी भी तरह का संक्रमण आदि से घेर लेता है जिसकी वजह से उसे बहुत सी समस्याएं होती हैं जिनमें से एक पोलियो की समस्या भी है।
4. टीकाकरण न कराने से : जब कोई बच्चा बचपन में पोलियो के टीके नहीं लगवाता है या वह पोलियो के टीकाकरण से वंचित रह जाता है तो बहुत सी परिस्थितियों में वह पोलियो के संक्रमण से ग्रस्त हो जाता है जिसकी वजह से उसे लकवा भी मार सकता है।
पोलियो से बचाव के उपाय-Prevention of Polio (Poliomyelitis) In Hindi
- रोगी को अपनी मांसपेशियों को आरण कराने के लिए दवाईयों का सेवन करना चाहिए।
- अगर रोगी को मूत्र पथ में संक्रमण है तो उसके लिए एंटी बायोटिक दवाईयों का प्रयोग करें।
- अगर आपकी मांसपेशियों और जोड़ों में अकडन हो गी है तो उस भाग की सिंकाई करके उसे आराम पहुंचाना चाहिए।
- रोगी को अपनी जीवन शैली को स्वस्थ रखना चाहिए ताकि उसे कोई भी रोग न हो सके।
- रोगी को अगर यह समस्या सर्दियों में होती है तो उसे अपने शरीर को गर्म बनाए रखना चाहिए।
- रोगी को जितना हो सके धुम्रपान करने से बचना चाहिए और अपने फेफड़ों की रक्षा करनी चाहिए।
पोलियो में क्या खाएं-Eat In Polio (Poliomyelitis) In Hindi
- रोगी को जैतून का तेल, नारियल तेल, सूरजमुखी का तेल, दूध, दही, आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को मांस, चिकन, पनीर, आदि का सेवन करना चाहिए।
पोलियो में क्या न खाएं-Do Not Eat In Polio (Poliomyelitis) In Hindi
- जिस व्यक्ति को पोलियो की समस्या हो जाती है उसे शक्कर, सोडा, आदि के सेवन से बचना चाहिए।