हर्पीज-जोस्टर क्या है-Herpes Zoster In Hindi
हर्पीस जोस्टर यानि शिंगल्स एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें हमारी त्वचा पर पानी भरे हुए छोटे-छोटे दाने निकलने लगते हैं। जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति के शरीर के एक हिस्से में एक तरफ बहुत सारे दाने निकल आते हैं जिनमें बहुत अधिक दर्द होने लगता है।
यह बीमारी चिकन पॉक्स के वायरस वेरिसेला जोस्टर वायरस की वजह से होती है। शरीर पर एक जगह पर दाने निकलने पर रोगी को दर्द और बुखार हो जाता है। त्वचा पर दाने निकलने की वजह से रोगी को त्वचा में खुजली, जलन और दर्द पैदा होने लगता है जिसकी वजह से सुन्नपन या झनझनाहट होने लगती है।
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यह एक संक्रमण बीमारी होती हिया जो आमतौर पर उसी व्यक्ति को होती है जिसे पहले चिकन पॉक्स हो चूका हो या फिर उस व्यक्ति को चिकन पॉक्स का एक्सपोजर हुआ हो। अगर यह वायरस पहले से ही आपके शरीर में मौजूद होता है तो आप इस बीमारी से आसानी से ग्रस्त हो सकते हैं।
अगर आपको चिकन पॉक्स हुआ है और वह ठीक भी हो गया हाही तो यह वायरस नर्वस सिस्टम में चला जाता है जिसकी वजह से वह व्यक्ति वहीं पर सुस्तावस्था में पड़ा रहता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है तो यह वायरस नर्वस सिस्टम के रास्ते से होता हुआ हमारी त्वचा तक पहुंच जाता है जिसका उम्र बढने के साथ-साथ खतरा भी बढ़ जाता है।
हर्पीज-जोस्टर के प्रकार-Types of Herpes Zoster In Hindi
1. ओरल हर्पीज : इस तरह के हर्पीज में व्यक्ति के मुंह के आसपास ठंडे छाले हो जाते हैं इसलिए इसे ओरल हर्पीज कहते हैं।
2. जेनिटल हर्पीज : इस तरह के हर्पीज में व्यक्ति को जिस जगह पर दर्द, खुजली होती हैं तो वह क्षेत्र प्रभावित हो जाता है और वहां पर छाले पड़ जाते हैं।
हर्पीज-जोस्टर के लक्षण-Herpes Zoster Symptoms In Hindi
1. घाव होना : इस रोग में व्यक्ति के चेहरे के हिस्सों पर दाने निकल आते हैं जो विशेष रूप से होठ या आँखों के आसपास अधिक देखे जाते हैं। ये मुंह के अंदर घाव की तरह भी हो सकते हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति की आँखों को बहुत नुकसान होता है। चेहरे पर होने वाले इन दानों में मवाद पड़ने लगती है जिसे ठीक होने में कई दिन लग जाते हैं।
2. बुखार आना : जब व्यक्ति को उसके चेहरे पर घाव हो जाते हैं तो इनकी वजह से उनकी मांसपेशियों और सिर में दर्द पैदा हो जाता है जिसके साथ-साथ उसे बुखार भी आने लगता अहि जो इस रोग का बहुत ही सामान्य लक्षण होता है।
3. लसिका ग्रंथी बढना : जब किसी व्यक्ति को हर्पीज जोस्टर का संक्रमण घेर लेता है है या उसके शरीर में हर्पीज जोस्टर का संक्रमण प्रवेश कर जाता है तो उस व्यक्ति की लसिका ग्रंथि में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से वह बढ़ जाती है और उसमें बहुत अधिक दर्द और बैचेनी रहती है।
4. खुजली होना : अगर किसी व्यक्ति को हर्पीज जोस्टर का रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति के शरीर पर एक अजीब तरह की खुजली और जलन होने लगती है जिसके ब्वाद उसके शरीर पर घाव और फफोले बन जाते हैं।
हर्पीज-जोस्टर के कारण-Herpes Zoster Causes In Hindi
1. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से : जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है तो हमारा शरीर किसी भी तरह के संक्रमण से आसानी से ग्रस्त हो जाता है। इस रोग के संक्रमण भी हमारे नर्वस के रास्ते से होकर हमारी त्वचा तक पहुंचते हैं जिसकी वजह से त्वचा में खुजली, जलन, दर्द और सुन्नपन की समस्या होने लगती है। इस रोग में त्वचा के जिस भाग पर दाने निकलने वाले होते हैं उस भाग पर कुछ दिनों पहले से ही दर्द होने लगता है।
2. संक्रमण से : हर्पीज जोस्टर एक संक्रमण बीमारी है जी हर्पीज सिंफ्लेक्स वायरस की वजह से या एच-एस.वी. की वजह से फैलता है। इस रोग के संक्रमण सिर्फ त्वचा को ही नहीं बल्कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है जिससे बचने के लिए बहुत अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
3. चिकन पॉक्स एक्सपोजर से : यह रोग सिर्फ उसी व्यक्ति को होता है जिसे पहले चिकन पॉक्स हो चुका हो। यह रोग उस व्यक्ति को भी हो जाता है जिसे पहले चिकन पॉक्स का एक्सपोजर हो गया हो। असल में चिकन पॉक्स ठीक होने के बाद यह हमारे नर्वस सिस्टम में चला जाता है और सालों तक वहीं पड़ा रहता है।
4. संपर्क से : जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति से इस रोग के फैलने का बहुत अधिक खतरा रहता है क्योंकि यह रोग संपर्क से अधिक फैलता है। जब बीमार व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति किसी भी प्रकार से संपर्क कर लेता है तो इस रोग के लक्षण स्वस्थ व्यक्ति में भी नजर आने लगते हैं।
5. सेक्स से : अगर आप किसी से संबंध स्थापित करते हैं लेकिन संबंध स्थापित करते समय कंडोम का प्रयोग नहीं करते हैं तो दूसरे व्यक्ति के शरीर का संक्रमण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है जिसकी वजह से भी व्यक्ति को हर्पीज जोस्टर की समस्या हो सकती है।
हर्पीज-जोस्टर का इलाज-Herpes Zoster Treatment In Hindi
1. हल्दी के प्रयोग से इलाज :
अगर आपको यह रोग हो गया अहि जिसकी वजह से आपकी त्वचा पर सफेद पानी के बहुत सारे दाने निकल आये हैं जो अब घाव में बदल गए हैं तो आप हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि हल्दी में घाव को ठीक करने के गुण पाए जाते हैं इसके लिए आप हल्दी को शरीर के उस भाग पर लगायें जिस भाग पर घाव हो गए हैं क्योंकि इससे आपकी घाव की समस्या ठीक हो जाएगी।
2. जैतून के तेल के प्रयोग से इलाज :
अगर आपके शरीर पर दाने निकल आये हैं और वे फुटकर घाव में बदल गए हैं तो आप जैतून के तेल के प्रयोग से इन्हें ठीक कर सकते हैं क्योंकि जैतून के तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो त्वचा के जख्मों को ठीक करने में मदद करते हैं। आप जैतून के तेल को प्रतिदिन घाव पर लगायें।
3. सेब के सिरके के प्रयोग से इलाज :
अगर आप हर्पीज जोस्टर के संक्रमण से ग्रस्त हैं तो आप सेब के सिरके का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो संक्रमण को अधिक फैलने से रोकते हैं। दर्द और परेशानी वाली जगह पर आप सेब के सिरके को पानी में मिलाकर लगाएं या इसे पानी के साथ मिलाकर इसका सेवन कर लें क्योंकि इससे संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है और इस रोग को बढने से रोका जा सकता है।
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4. सोडा के प्रयोग से इलाज :
आपने बेकिंग सोडा का नाम तो सुना ही होगा क्योंकि यह हर रसोई में पाया जाता है। बेकिंग सोडा एक प्राकृतिक रूप से कीटाणुनाशक के समान काम करता है। आप सोडा को पानी में मिलाकर इसमें रुई का एक टुकड़ा डुबायें और इसे अपने शरीर के प्रभावित भाग पर लगायें इससे आपकी दर्द और खुजली की समस्या ठीक हो जाएगी।
5. एलोवेरा के प्रयोग से इलाज :
सभी लोग एलोवेरा के बारे में जानते हैं क्योंकि इसके सौंदर्य बढ़ाने के साथ-साथ रोगों को नष्ट करने के भी बहुत से उपाय किए जाते हैं। आप एलोवेरा जेल के पेस्ट को उस जगह पर लगायें जहाँ पर दाने निकलकर उनमें से पानी निकल गया हो और उसमें दर्द और खुजली होने लगी हो।
हर्पीज-जोस्टर से बचाव के उपाय-Prevention of Herpes Zoster In Hindi
- रोगी को नहाने के लिए ठंडे पानी की जगह पर गर्म पानी का प्रयोग करना चाहिए।
- रोगी को अपने घाव को बार-बार धोना नहीं चाहिए गीला रखने की जगह पर उसे सूखा रखना चाहिए।
- रोगी को अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को दिन में जितना हो सके पानी पीना चाहिए ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो सके।
- रोगी को चुस्त और दबाव वाले कपड़ों की जगह पर ढीले कपड़े पहनने चाहिएं।
- रोगी को अपने घाव की बर्फ से सिंकाई करनी चाहिए।
- अगर आप अपने घाव को छूते हैं तो उससे पहले अपने हाथों को धो लेना चाहिए।
- अगर कोई महिला गर्भवती है तो उसे शिंगल्स वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
- अगर रोगी को पहले से ही किसी तरह की एलर्जी है तो उसके बारे में डॉ से जरुर पूंछना चाहिए।
- रोगी को शारीरिक संबंधी स्थापित करते समय कंडोम का प्रयोग करना चाहिए और अपनी कंडोम को किसी के भी साथ शेयर नहीं करना चाहिए।
- बहुत अधिक लोगों से यौन संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए क्योंकि इससे भी यह समस्या बढ़ जाती है।
हर्पीज-जोस्टर में क्या खाएं-Eat In Herpes Zoster In Hindi
- रोगी को फूलगोभी, पत्तागोभी, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को शहद, जैतून का तेल, सेब का सिरका, टी ट्री ऑइल, आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को दालें, मछली, मुलेठी की जड़, सोडा, टर्की, चिकन आदि का सेवन करना चाहिए।
हर्पीज-जोस्टर में क्या न खाएं-Do Not Eat In Herpes Zoster In Hindi
- अगर किसी को यह रोग हो जाता है तो उसे मूंगफली, चॉकलेट, शक्कर, बादाम आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।