1. पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व, आदमी और औरत दोनों की समान भागीदारी के बिना संभव नहीं होता है क्योंकि दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ-साथ किसी भी देश के विकास के लिए समान रूप से जिम्मेदार है।
2. महिलाएं पुरुषों से अधिक महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि महिलाओं के बिना मानव जाति की निरंतरता के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं जिसका मुख्य कारण यह है कि महिलाएं ही मानव को जन्म देती हैं।
3. प्राचीनकाल से ही लडकियाँ भारत में बहुत प्रकार के अपराधों से पीड़ित हैं जिनमें सबसे बड़ा अपराध कन्या भ्रूण हत्या है जिसमें अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिंग परीक्षण के बाद लडकियों को माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है।
4. प्राचीन समय से ही देखा जा रहा है कि लडकियों को खाना बनाने और गुड़ियों के साथ खेलने में शामिल होने की मान्यता होती है जबकि लडके शिक्षा और अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल होते हैं जिससे ऐसी पुरानी मान्यताओं से लोग महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने को आतुर हो जाते हैं।
5. महिलाओं पर होने वाले अपराधों के परिणाम स्वरूप समाज में बालिकाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है।
6. भारत में कन्या भ्रूण हत्या अस्पतालों में लिंग परीक्षण के बाद गर्भपात के माध्यम से किया जाने वाला एक बहुत ही भयानक अपराध है और यह भयानक कार्य भारत में लडकियों की अपेक्षा लडकों की अधिक चाह की वजह से उत्पन्न हुआ है जिसकी वजह से इस समस्या ने भारत में बहुत हद तक कन्या शिशु लिंग अनुपात में कमी की है।
7. भारत देश में महिला लिंग अनुपात में भारी कमी सन्1991 की राष्ट्रिय जनगणना के बाद देखी गई थी लेकिन बाद में 2001 की राष्ट्रिय जनगणना के बाद इसे समाज की एक बिगडती हुई समस्या के रूप में घोषित किया गया था क्योंकि उस समय महिलाओं की आबादी में साल 2011 तक कमी जारी रही थी।
8. भारत में कन्या शिशु के अनुपात को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या प्रथा पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया था।
9. भारत सरकार के द्वारा की गई जनगणना के अनुसार सन् 2001 में मध्य प्रदेश में लडकियों/लडकों का अनुपात 932/1000 था और 2011 में यह अनुपात 912/1000 तक कम हो गया था जिसका अर्थ यह निकलता है कि यह समस्या आज तक जारी है और अगर इसी तरह भ्रूण हत्या होती रही तो आने वाले 2021 तक यह संख्या 900/1000 तक कम हो जाएगी।
10. बेटी बचाओ बेटी पढाओ एक ऐसी योजना है जिसका अर्थ होता है कन्या शिशु को बचाओ और इन्हें शिक्षित करो जिसमें भारतीय सरकार के द्वारा 22 जनवरी, 2015 को कन्या शिशु जागरूकता का निर्माण करने के लिए और महिला कल्याण में सुधार करने के लिए शुरू किया गया था।
11. बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को बड़ी रेलियों, दीवार लेखन, टीवी विज्ञापनों, होर्डिंग, लघु एनिमेशन, वीडियो फिल्मों, निबंध लेखन, वाद-विवाद आदि गतिविधियों को आयोजित करके लोगों में फैलाया गया था क्योंकि इस अभियान को बहुत से सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों द्वारा समर्थित किया गया है।
12. बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना देश की बेटियों की आने वाली जिंदगी को सुधारने वाली मुहीम और हमारे देश की भविष्य लिखने वाली अहम कलम है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बहुत ही सुरक्षित वातावरण लाएंगी।
13. बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को समाज के हर वर्ग के लोगों ने बहुत ही प्रोत्साहित किया है।
14. हमारे समाज में आज भी ऐसे बहुत से घर या परिवार हैं जहाँ पर लडकियों को बराबर नहीं समझा जाता है, लडके-लडकियों में भेदभाव किया जाता है और लडकियों को परिवार में वह दर्जा नहीं मिलता है जिसकी वे हकदार होती हैं।
15. बहुत से घरों में लडकियों को अपने ही परिवार में अपने पक्ष को रखने का अधिकार भी नहीं दिया जाता है क्योंकि उन्हें इस काबिल नहीं समझा जाता है कि वे अपने जीवन के निर्णय स्वंय ले सकें।
16. लडकियों को वस्तु की तरह समझा जाता है जिन्हें स्नेह भावना, प्यार और ममता बस एक सपने के समान लगता है जिसकी वजह से इन सभी कुरीतियों को खत्म करने और समाज के मनोभाव को सुधारने के लिए ही बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को चलाया गया है।
17. सरकार द्वारा लडकियों को बचाने और शिक्षित करने के लिए बहुत से कदम उठाए गये हैं जिसके विषय में सबसे बड़ी पहल बेटी बचाओ बेटी पढाओ है जिसे बहुत ही सक्रिय रूप से सरकार, एनजीओ, कॉर्पोरेट समूहों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों ने आगे बढ़ाया है।
18. बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत की है जिसके तहत लड़कियों की पढाई और शादी के लिए सरकार पैसे मुहैया कराएगी।
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19. बेटियों की रक्षा करने के लिए सन् 1961 से कन्या भ्रूण हत्या एक गैर कानूनी अपराध है और लिंग परीक्षण के बाद गर्भपात कराना प्रतिबंधित कर दिया गया है।
20. सभी सार्वजनिक स्थानों पर लडकियों के लिए रक्षा और सुरक्षा आयोजित करवाई जाएगी जिसके साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनो द्वारा महिला स्कूलों में शौचालय के निर्माण से अभियान में मदद की जाएगी।
21. बालिकाओं और महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध और अत्यचार हमारे भारत देश के विकास के रास्ते में बहुत बड़ी बाधा है जिन्हें कम करने के लिए ही बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना की शुरुआत की गई है।
22. बेटी किसी भी क्षेत्र में लडकों की तुलना में कम सक्षम नहीं होती है और लडकियाँ लडकों की अपेक्षा अधिक आज्ञाकारी, कम हिंसक और अभिमानी साबित होती हैं क्योंकि लडकियाँ अपने माता-पिता की और उनके कार्यों की अधिक परवाह करने वाली होती हैं।
23. एक महिला अपने जीवन बहुत सारे किरदार निभाती है एक महिला अपने जीवन में माता, पत्नी, बेटी, बहन आदि की भूमिका निभाती है।
24. प्रत्येक मनुष्य को यह सोचना चाहिए कि उसकी पत्नी किसी और आदमी की बेटी है और भविष्य में उसकी बेटी किसी और की पत्नी होगी इसीलिए हर किसी को महिला के प्रत्येक रूप का सम्मान करना चाहिए।
25. एक लडकी अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को भी बहुत ही वफादारी से निभाती है जो लडकियों को लडकों से अधिक विशेष बनाती है क्योंकि लडकियाँ मानव जाति के अस्तित्व का परम कारण होती हैं।
26. हमारे समाज में कन्या भ्रूण हत्या बढती ही जा रही है जिसकी वजह से हमारे देश का भविष्य एक चिंताजनक विषय बन चुका है लेकिन इस अभियान के द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध आवाज उठाई गयी है।
27. बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के द्वारा समाज में लडकियों को लडकों के समान अधिकार दिलाए जा सकते हैं।
28. आज के समय में हमारे समाज में लडकियों के साथ अनेक प्रकार के अत्याचार किये जा रहे हैं जिनमें से दहेज प्रथा भी एक है लेकिन इसके साथ-साथ लडकियों को समाज में कन्या भ्रूण हत्या का सामना भी करना पड़ता है।
29. लडकियों को पैदा होने से पहले गी मार दिया जाता है लेकिन अगर कोई लडकी पैदा भी हो जाती है तो जन्म के बाद उसे बहुत सारे सामाजिक अत्याचारों का सामना करना पड़ता है जैसे – लडकियों को शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रखना, उन्हें समाज में अपने सही अधिकारों से वंचित रखना आदि।
30. बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के द्वारा हम अपनी बेटियों को पढ़-लिखकर अपने सपनों को हासिल करने का मौका दे सकते हैं जो भविष्य में कन्या भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा को ना कहने की हिम्मत देगा।
31. बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान हमारे देश के प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया एक मुख्य अभियान है जिसका यह सपना है कि लडकियों को उनका अधिकार मिले और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें।
32. भारत के प्रत्येक नागरिक को कन्या शिशु बचाओ के साथ-साथ इनका समाज में स्तर सुधारने के लिए प्रयास करना चाहिए और लडकियों को उनके माता-पिता द्वारा लडकों के समान समझा जाना चाहिए जिसके साथ-साथ उन्हें सभी कार्यक्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने चाहिए।
33. बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को लोगों द्वारा एक विषय के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए ये एक सामाजिक जागरूकता का मुद्दा है जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि लडकियाँ पूरे संसार के निर्माण की शक्ति रखती हैं।