साइटिका क्या है-Sciatica In Hindi
साइटिका नस रूट से शुरू होकर स्पाइनल कोड तक जाती है जिसे नर्व कहा जाता है। यह समस्या किसी खास नर्व के मार्ग में होती है। इस रोग में एक से ज्यादा नर्व में फैलने की समस्या हो जाती है। इससे कोई भी नर्व प्रभावित हो सकती है। यह एक बहुत ही जटिल और क्रॉनिक तकलीफ की स्थिति होती है जिसमें वास्तविक समस्या खत्म हो जाने के बाद भी दर्द स्थायी रूप से बना रहता है।
इस दर्द के शुरू और इस रोग को पहचानने में कुछ दिनों से लेकर कुछ महीने भी लग जाते हैं। जब नर्व पर थोडा सा भी नुकसान पहुंचता है या पुरानी चोट ठीक हो जाने के बाद भी यह दर्द शुरू हो सकता है। इस रोग में होने वाला दर्द बिलकुल असहनीय होता है। इसके रोगी को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Also Read : Migraine In Hindi , Headace In Hindi
इस रोग में रोगी को अपनी पीठ के निचले हिस्से से अपने नितंब क्षेत्र से होते हुए आपके निचले अंगों में बहने वाले दर्द का सामना करना पड़ता है तो यह आमतौर पर साइटिका ही होता है। यह रोग हमारी साइटिक तंत्रिका को नुकसान या चोट की वजह से होता है। जो लोग टेबल या कंप्यूटर पर बैठकर काम करते हैं उन्हें इस रोग में होने वाला दर्द बहुत अधिक परेशान करता है।
इससे उनकी नसों में तनाव पैदा होने लगता है जिसमें पीठ और पैर में भी दर्द होने लगता है। जब नसों के फाइबर इससे प्रभावित होते हैं तो पैर की उँगलियों को हिलाना भी मुश्किल होता है और उसे अपने पैरों को उठाने में भी बहुत अधिक तकलीफ होती है। जब यह रोग गंभीर हो जाता है तो व्यक्ति को खड़े रहने और चलने में बहुत परेशानी होती है।
साइटिका के प्रकार-Types of Sciatica In Hindi
1. लंबर स्पाइनल स्टेनोसिस : इस तरह के साइटिका में पीठ के निचले हिस्से की रोध की हड्डी संकरी हो जाती है जिसकी वजह से साइटिका की समस्या हो जाती है।
2. स्पॉनडिलोलिस्थेसिस : यह एक ऐसी समस्या होती है जिसमें डिस्क स्लिप नीचे से कशेरुकाओं के आगे निकल जाती है।
3. रीढ़ में ट्यूमर : यह तंत्रिका में साइटिका का ही एक कारण होता है।
4. संक्रमण : यह रोग आमतौर पर रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है।
5. कौड़ा एक्विना सिंड्रोम : यह इस रोग की सबसे अधिक गंभीर स्थिति होती है लेकिन एक तरह से देखा जाए तो यह जल्द होता नहीं है लेकिन जब होता है तब रोध की हड्डी के निचले हिस्से की तंत्रिकाओं को प्रभावित कर देता है इसलिए इसके उपचार की बहुत ही जरुरत होती है।
साइटिका के लक्षण-Sciatica Symptoms In Hindi
1. मांसपेशियां कमजोर होना : जब कोई व्यक्ति इस रोग से ग्रस्त हो जाता है तो उस व्यक्ति के शरीर का प्रभावित भाग की गति और कार्य प्रणाली मांशपेशियों की कमजोरी, दर्द और नर्व की क्षति की वजह से अवरुद्ध हो जाती हैं। इसमें होने वाला दर्द अचानक से उठता है और बहुत तेज होता है व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे कोई नुकीली चीज चुभ रही हो जिसके साथ-साथ उसे जलन भी होने लगती है।
2. दबाने पर दर्द होना : जब व्यक्ति अपनी नर्व को दबाने या छूने की कोशिश करता है तो उसे बहुत तेज दर्द का एहसास होता है जिसकी वजह से उसे चलने-फिरने में भी बहुत परेशानी होती है। इसमें व्यक्ति का हिलना-डुलना भी बदतर हो जाता है।
3. नर्व में दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को यह समस्या हो जाती है तो इसमें प्रभावित नर्व के रास्ते में बहुत अधिक दर्द और जलन होती है और यह दर्द बार-बार होता है जिसकी वजह से यह दर्द व्यक्ति की पूरी नर्व में फैल जाता है।
4. हाथ-पैर सुन्न होना : इस रोग में साइटिक तंत्रिका के रास्ते में टांगों और पैरों में सुन्नता और कमजोरी हो जाती है। इसमें व्यक्ति के पैरों का हिलना-डुलना और पैरों का महसूस होना भी बंद हो जाता है। इसमें व्यक्ति के पैरों और उंगलियों में एक बहुत ही दर्दनाक झुनझुनी भी शामिल हो जाती है।
5. नियंत्रण न रहना : अगर आप इस रोग से ग्रस्त हो गए हैं तो आप अपने शरीर पर नियंत्रणहीनता का अनुभव बहुत ही आसानी से कर सकते हैं क्योंकि यह हमारे मूत्राशय या अंत को नियंत्रित करने में बिलकुल अक्षमता दिखाती है।
साइटिका के कारण-Sciatica Causes In Hindi
1. रसायनों से : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक मात्रा ड्रग्स, रसायनों का सेवन कर लेता है या उसके शरीर में रसायन प्रवेश कर जाते हैं तो इसकी वजह से व्यक्ति के पूरा शरीर प्रभावित हो जाता है जिससे भी साइटिक रोग हो जाता है।
2. मधुमेह से : जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की समस्या हो जाती है तो इससे भी व्यक्ति को इस रोग के होने का बहुत अधिक खतरा रहता है क्योंकि यह हमारे शरीर के उस हिस्से को प्रभावित करता है जहाँ से हमारा शरीर ब्लड शुगर का प्रयोग करता है जिसकी वजह से तंत्रिका के क्षतिग्रस्त होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।
जानिए : मधुमेह के घरेलू नुस्खे
3. संक्रमण से : जब कोई व्यक्ति शिंगल्स, सिफलिस और लाइम डिजीज आदि के संक्रमण से ग्रस्त हो जाते हैं तो वह व्यक्ति इस रोग के संक्रमण से आसानी से ग्रस्त हो सकता है क्योंकि ये संक्रमण उस व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं।
4. नर्व पर दबाव से : जब कोई व्यक्ति अपनी पीठ पर बहुत अधिक भार ढोता है या लंबे समय तक गाड़ी चलाता है तो बहुत अधिक देर बैठने की वजह से उनकी नजदीकी आँखों की रक्त नलिकाओं पर दबाव पड़ने लगता है जिसकी वजह से उसकी नर्व पर सूजन आ जाती है जिसकी वजह से उसकी नर्व में दर्द होने लगता है।
5. उम्र बढने से : यह रोग अधिकतर बढती उम्र में होती है और ऐसे व्यक्ति को इस रोग में दर्द का सामना करना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि इसमें दर्द बहुत अधिक तीव्र होता है जिसकी वजह से वह व्यक्ति अपने रोज का काम भी नहीं कर पाता है। यह रोग रीढ़ की हड्डी में परिवर्तन की वजह से भी हो सकता है क्योंकि उम्र बढने के साथ-साथ व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी में भी बदलाव होते हैं जिसमें उसकी रीढ़ की हड्डी खिसक जाती हिया या हड्डी में गांठ बन जाती है जो इस रोग के होने का मुख्य कारण होती है।
6. वेस्टर्न टॉयलेट से : जब कोई व्यक्ति वेस्टर्न टॉयलेट का बहुत अधिक प्रयोग करता है तो उस व्यक्ति को सही मुद्रा में न बैठने की वजह से यह रोग हो जाता है जिसकी वजह से वह बहुत परेशान हो जाता है।
7. मोटापे से : जब किसी व्यक्ति का वजन बहुत अधिक होता है या हो जाता है तो उस व्यक्ति का पूरा वजन उसकी रीढ़ की हड्डी पर होता है जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी पर तनाव बढ़ जाता है और रीढ़ की हड्डी का भी परिवर्तन हो जाता है जिसकी वजह से भी यह रोग हो सकता है। जानिए : मोटापे को कम करने के घरेलू नुस्खे
साइटिका का इलाज-Sciatica Treatment In Hindi
1. हरसिंगार के सेवन से साइटिका का इलाज :
हरसिंगार एक बहुत ही सुंदर पेड़ होता है जिस पर सुंदर फूल लगते हैं इसका प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इस पेड़ के पत्तों को इस रोग के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है इसके लिए आप इस पेड़ के थोड़े से पत्ते ले लें।
अब इन पत्तों को साफ करके पानी में उबाल लें। जब पानी आधे से थोडा सा अधिक रह जाए तो उसे उतारकर ठंडा होने के लिए रख दें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो इसका सेवन दिन में दो बार करें इससे आपकी यह समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
2. अजवाइन के सेवन से साइटिका का इलाज :
अगर आपको साइटिका की समस्या है तो आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं क्योंकि अजवाइन में प्राकृतिक एंटी इफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं जो इस रोग से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। सबसे पहले आप थोड़ी सी अजवाइन लें और इसे पानी में डालकर उबालें। इसके उबलने के बाद इसके ठंडा होने पर इसे छानकर इसका सेवन करें इससे आपकी साइटिका की समस्या ठीक हो जाएगी।
3. फ्रोजन मटर के प्रयोग से साइटिका का इलाज :
अगर आपको साइटिका रोग की वजह से बहुत अधिक दर्द होता है तो आप मटर को छीलकर उसे फ्रीजर में रख दें और जब मटर जम जाए तो उसे निकालकर किसी तौलिये या मोटे कपड़े में बांधकर उस जगह पर लगाएं जिस जगह पर दर्द होता हो इससे आपकी नसों की सूजन कम हो जाएगी और दर्द में भी बहुत राहत मिलेगी।
4. लहसुन के सेवन से साइटिका का इलाज :
अगर किसी व्यक्ति को साइटिका की समस्या हो गई है तो वह लहसुन का सेवन कर सकता है इसके लिए आप लहसुन की कलियों को छोटे-छोटे हिस्सों में काटकर दूध में डालकर उबालें। जब दूध उबल जाए तो उसके ठंडा होने पर उसमें थोडा सा शहद मिलाकर उसका सेवन करें इससे आपकी समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
5. खीर के सेवन से साइटिका का इलाज :
अगर आप अपनी साइटिका की समस्या से परेशान हो चुके हैं तो आप लहसुन से बनी हुई खीर का सेवन करके इससे छुटकारा पा सकते हैं इसके लिए आप दूध और लहसुन की कुछ कलियाँ ले लें।
अब इन कलियों को चाकू से छोटे-छोटे हिस्सों में काट लें। इसके बाद इन टुकड़ों को दूध में डालकर उबाल लें और उबलने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने के बाद इसका सेवन कर लें इससे आपकी साइटिका की समस्या ठीक हो जाएगी।
साइटिका से बचाव के उपाय-Prevention of Sciatica In Hindi
- रोगी को अपने बैठने, खड़े होनर और चलने का तरीका सही रखना चाहिए।
- रोगी को प्रतिदिन नियमित रूप से ऐसे व्यायाम करने चाहिएं जो रीढ़ की हड्डियों को ताकत और लचीलापन देते हों।
- रोगी अगर कोई भारी सामान उठाता है तो उसे इस तरह से उठाए जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी पर जोर न पड़े।
- रोगी को बैठने के लिए कुर्सी का प्रयोग करना चाहिए ताकि वह अपनी पीठ को सीधा रख सके।
- रोगी को धुम्रपान करने से रोकें और शरीर के वजन को एक स्वस्थ स्तर पर बनाए रखें।
- अगर रोगी को दर्द हो रहा है तो रोगी को हल्के गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए क्योंकि इससे दर्द में बहुत राहत मिलती है।
- अगर हो सके तो रोगी को धूप में भी बैठना चाहिए क्योंकि धूप सकने से विटामिन डी मिलती है।
- रोगी को अपने आप को बदलते मौसम और सर्दियों से बचाना चाहिए और उनके अनुकूल ही कपड़े भी पहनने चाहिएं।
- रोगी को अधिक समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े होने से बचना चाहिए।
साइटिका में क्या खाएं-Eat In Sciatica In Hindi
- रोगी को सेंधा नमक, अजवाइन, काली मिर्च, काला नमक, मेथी दाना, लौंग, हल्दी, आदि मसालों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को मटर, लहसुन, मशरूम, बींस, गाजर, नींबू, आलू, गोभी, पालक, करेला, लौकी, टिंडे, बथुआ, मेथी, ब्रोकली, टमाटर, सेम, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को दही, दूध, सरसों का तेल, शहद, आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को एवोकाडो, खुबानी, केला, सेब, पपीता, संतरा, अंगूर, अंजीर, आंवला, आदि फलों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को अखरोट, मुनक्का, किशमिश आदि मेवों का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को मांस, मछली, चावल, जिगर, पनीर, अंडे, मक्खन, आदि का सेवन करना चाहिए।
साइटिका में क्या न खाएं-Do Not Eat In Sciatica In Hindi
- इस रोग के होने पर आप गाय के दूध, मूली, अरबी, खटाई, मिठाई, आचार, राजमा, छोले, आदि के सेवन से बचें।