जब किसी व्यक्ति या औरत को हड्डियों से जुडी समस्या हो जाती है तो उसे रुमेटाइड अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है। यह भी एक तरह का गठिया रोग ही होता है लेकिन यह रोग अपने लक्षण बहुत ही मुश्किल से पहचान में देता है। यह रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में बहुत अधिक देखने को मिलता है।
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एक तरह से देखा जाए तो यह समस्या बढती उम्र के साथ महिलाओं में देखने को मिलती है। हम सभी की प्रतिरक्षा प्रणाली प्रोटीन, बायोकेमिकल्स और कोशिकाओं से मिलकर बनी होती ही जो शरीर को रोगों से बचाने के काम करती है लेकिन कभी-कभी प्रतिरक्षा प्रणाली में गडबडी हो जाती है जिसकी वजह से शरीर में जो प्रोटीन होते हैं वो खत्म हो जाते हैं जिसकी वजह से रुमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या हो जाती है।
एक तरह से देखा जाए तो यह समस्या सिर्फ जोड़ों में ही होती है लेकिन सही समय पर इलाज न कराने की वजह से यह समस्या फेफड़ों में भी फैल जाती है। औरतों में यह समस्या प्रसव के बाद या होर्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से होती है। यह रोग व्यक्ति के जोड़ों को प्रभावित करता है। इस रोग के होने पर जोड़ों का आकार बदल जाता है क्योंकि इसमें जोड़ टेढ़े हो जाते हैं और कभी-कभी तो इनकी क्षति भी हो सकती है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण-Rheumatoid Arthritis Causes In Hindi
1. बढती उम्र से : महिलाओं और पुरुषों को यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बढती उम्र की वजह से इस समस्या के होने का बहुत अधिक खतरा रहता है। रुमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या अधिकतर महिलाओं को 40 साल के बाद हो जाती है।
2. बच्चे को जन्म न देने से : आपने अक्सर देखा होगा कि बहुत अधिक उम्र होने पर भी या किसी वजह से महिलाएं बच्चे को जन्म नहीं देते हैं या किसी महिला ने बच्चे को जन्म नहीं दिया है उन लोगों को यह समस्या होने का बहुत अधिक खतरा रहता है।
3. धुम्रपान करने से : जो महिलाएं धुम्रपान करती है उन महिलाओं को यह समस्या हो सकती है लेकिन ऐसी महिलाएं जिस बच्चे को जन्म देती हैं उस बच्चे को भी इस रोग के होने का खतरा बना रहता है।
4. वजन बढने से : आजकल की महिलाओं में बढ़ता मोटापा भी आज के लिए चिंता का विषय होता है क्योंकि इससे भी यह समस्या हो सकती है। जब किसी ऐसी महिला को यह रोग हो जाता है तो उस महिला का वजन अपने आप ही कम होने लगता है लेकिन वह इससे भी ग्रस्त हो जाता है। जानिए : वजन कम करने के घरेलू उपाय
5. खराब प्रतिरक्षा प्रणाली से : जब किसी व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उस तरह से काम नहीं करती है जिस तरह से उसे काम करना चाहिए तब यह बीमारी भी हो सकती है क्योंकि जब सफेद रक्त कोशिकाएं जीवाणु और विषाणु का शिकार कर लेती है जिसकी वजह से वे स्वस्थ ऊतकों को भी अपना शिकार बना लेती हैं।
6. एंजाइम से : जब किसी व्यक्ति को यह बीमारी होती है तो इसमें सिनोवियम या जोड़ ऊतक में सिनोवियल झिल्ली में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से उसमें जलन होने लगती हिया जिसकी वजह से उसमें एंजाइम निकलने लगते हैं जो समय के साथ मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हैं।
रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण-Rheumatoid Arthritis Symptoms In Hindi
1. बुखार आना : जब किसी व्यक्ति को जोड़ो में दर्द की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति को जोड़ों में दर्द रहता है। जब वह हिलने-डुलने की कोशिश करता है तो उस व्यक्ति को बहुत अधिक परेशानी होती है जिसकी वजह से उसकी नसों पर दबाव पड़ता है जिससे भी शरीर का तापमान बढने लगता है। बुखार होने पर व्यक्ति को पसीने बहुत अधिक आते हैं। यह भी पढ़ें : एक ही खुराक में बुखार का खात्मा
2. कमजोरी आना : जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति को भूख नहीं लगती है जिसकी वजह से उसके शरीर में कमजोरी आने लगती है। व्यक्ति को बिना किसी काम के ही थकान महसूस होने लगती है और अचानक से ही उसे एनर्जी में कमी महसूस होने लगती है।
3. मांसपेशियों में दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को यह समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति के हाथों और पैरों में झुनझुनी और सुनसुनी होने लगती है। व्यक्ति के जोड़ों में अकडन और सूजन आ जाती है जिसकी वजह से भी व्यक्ति को दर्द होने लगता है। व्यक्ति को सीने में भी दर्द होने लगता है।
4. आँखों में ड्राइनेस होना : जब किसी व्यक्ति को इस तरह के अर्थराइटिस की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति को कुछ भी खाने पीने का मन नहीं करता है जिसकी वजह से उसके शरीर में पानी की और बहुत से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिसकी वजह से उसकी आँखों में ड्राइनेस हो जाती है।
5. वजन कम होना : इस रोग के होने पर व्यक्ति को भोजन से अरुचि हो जाती है उसे कुछ भी खाने का मन नहीं करता है जिसकी वजह से उसका शरीर कमजोर होने लगता है। व्यक्ति के शरीर में बहुत से पोषक तवों की कमी हो जाती है जिसकी वजह से उसका वजन अचानक से कम हों लगता है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस का इलाज-Rheumatoid Arthritis Treatment In Hindi
1. सोडा के सेवन से इलाज :
अगर आप रुमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या से परेशान हो चुके हैं तो आप सोडा का सेवन कर सकते हैं। सबसे पहले आप एक गिलास पानी लें और उसमें आधा या एक तिहाई की मात्रा में बेकिंग सोडा मिलाएं। इस सोडा का सेवन दिन में एक बार करने से आपकी यह समस्या सिर्फ दो हफ्तों में ठीक हो जाती है।
2. हल्दी के सेवन से इलाज :
आपने हल्दी के बारे में तो सुना ही होगा क्योंकि यह हमारे शरीर के जख्मों को भरने के साथ-साथ हमारे शरीर को संक्रमण से भी बचाता है। आप एक गिलास दूध लें और उसे उबाल लें। अब इस दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर इसका सेवन करें इससे आपकी जोड़ों की समस्या ठीक हो जाएगी।
3. लहसुन के सेवन से इलाज :
अगर आप अपनी जोड़ों की समस्या से परेशान हैं तो लहसुन का सेवन कर सकते हैं इसके लिए आप लहसुन की दो या तीन कलियाँ लें। अब इन कलियों को एक कप या एक गिलास दूध में डालें और उस दूध को उबाल लें। आप इस दूध का सेवन करें इसके अतिरिक्त आप लहसुन के रस को कपूर के साथ मिलाकर अपनी कमर की मालिश कर सकते हैं क्योंकि इससे भी आपको कमरदर्द में बहुत लाभ मिलेगा। जानिए : लहसुन के फायदे और नुकसान
4. मशरूम के सेवन से इलाज :
जब किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो उस व्यक्ति को यह रोग हो जाता है ऐसे में आप मशरूम का सेवन कर सकते हैं क्योंकि मशरूम में विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। यह आमतौर से सूर्य की किरणों में पैदा किया जाता है इसलिए इसमें विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। आप जब प्रतिदिन मशरूम का सेवन करते हैं तो आपकी हड्डियाँ मजबूत हो जाती हैं जिससे आप इस रोग को ठीक या कम कर सकते हैं।
5. संतरा के जूस के सेवन से इलाज :
अगर आपको बार-बार अर्थराइटिस की समस्या हो गई है तो आप संतरे के जूस का सेवन कर सकते हैं। आप संतरे के जूस का सेवन करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन डी पाई जाती हिया जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। आप प्रतिदिन एक गिलास संतरे के जूस का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। यह भी पढ़ें : संतरा के फायदे और नुकसान
रूमेटाइड आर्थराइटिस से बचाव के उपाय-Prevention of Rheumatoid Arthritis In Hindi
- रोगी को धुम्रपान करने से रोकना चाहिए क्योंकि इससे इसके बढने का खतरा रहता है।
- रोगी के जोड़ों की गति को बनाएं रखने के लिए उसे प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
- रोगी को हो सके तो कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इससे वजन भी कम हो जाता है।
- रोगी को स्वस्थ और पोष्टिक भोजन करना चाहिए।
रूमेटाइड आर्थराइटिस में क्या खाएं-Eat In Rheumatoid Arthritis In Hindi
- रोगी को स्ट्रोबेरी, अंगूर, संतरा, मौसमी, केला, ब्लेक्बेरी, ब्लूबेरी, रसबेरी, एल्डरबेरी, आलूबुखारा, सेब, चेरी, अमरुद, नाशपाती, नारियल, तरबूज, खरबूज, आदि फलों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को मूली, गाजर, मेथी, शकरकंद, शलजम, कद्दू, बैंगन, प्याज, खीरा, ककड़ी, मटर, मशरूम, टमाटर, धनिया, हरी मिर्च, लाल शिमला मिर्च, फलियाँ, मसूर, अदरक, पालक, राजमा, ब्रोकली, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को दूध, ग्रीन टी, अलसी का तेल, संतरा का रस, केनोला का तेल, डार्क चॉकलेट, जैतून का तेल, आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को अखरोट, टोफू, बादाम, आदि मेवों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को हल्दी, आदि मसालों का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को तुलसी के बीज, अंडे, पनीर, टेंग, अलसी के बीज आदि का सेवन करना चाहिए।
रूमेटाइड आर्थराइटिस में क्या न खाएं-Do Not Eat In Rheumatoid Arthritis In Hindi
- जिस रोगी को यह रोग हो जाए उन्हें दही, मछली, पालक, केक, बिस्किट, चीनी, पेस्ट्री, काला चना, जंक फूड, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।