पहले समय में निमोनिया को एक बहुत ही खतरनाक बीमारी के रूप में जान जाता था और आज के समय में जब यह बीमारी अपना गंभीर रूप ले लेती है तो जानलेवा हो जाती है। यह समस्या बहुत ही कम संख्या में लोगों और बच्चों को होती है।
यह समस्या आमतौर पर बच्चों और बड़ी उम्र के लोगों में ही देखी जाती है लेकिन यह समस्या किसी भी उम्र और लिंग के व्यक्ति को हो सकती है। निमोनिया एक फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगस की वजह से होता है।
इस र्पोग के होने पर व्यक्ति के फेफड़ों की वायुकोष्ठिका में सूजन हो जाती है और उसमें एक तरह का तरल पदार्थ भर जाता है। यह रोग शुरुआत में अल्वियोली नाम के छोटे-छोटे वायु कूपों को प्रभावित करता है।
कई बार तो ऐसा होता है कि निमोनिया गंभीर रूप धारण कर लेता है और ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति की बहुत अधिक बुरी हालत हो जाती है और उसकी जान भी जा सकती है।
एक तरह से देखा जाए तो यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है लेकिन बूढ़े, बच्चों और ऐसे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हों या जिन लोगों क प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो। ऐसे लोगों के लिए यह बीमारी बहुत अधिक खतरनाक हो सकती है।
निमोनिया के लक्षण-Pneumonia Symptoms In Hindi
1. सीने में दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को निमोनिया की समस्या होती है तो उस व्यक्ति के सीने में बहुत तेज दर्द होता है। व्यक्ति को इतना तेज दर्द होता है कि उसे साँस लेने में भी बहुत मुश्किल होती है। व्यक्ति को साँस तेज ऑटो हैं जिसके साथ सीने और पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है।
2. होठों का रंग बदलना : जब किसी व्यक्ति को निमोनिया की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति के शरीर में पानी और ऑक्सीजन की बहुत अधिक कमो हो जाती है जिसकी वजह से रोगी के नाखूनों और होठों का रंग नीला पड़ने लगता है।
3. खांसी होना : जब किसी व्यक्ति को निमोनिया की समस्या होती है तो उस व्यक्ति को खांसी आने के साथ-साथ कफ आने की समस्या हो जाती है और कफ की आवाज भी आने लगती है। व्यक्ति के कफ का रंग हरा, भूरा होता है और कफ के साथ खून की मात्रा भी आती है।
4. बुखार आना : जब किसी व्यक्ति को बहुत अधिक ठंड का एहसास होता है और शरीर में कंपकंपी बनी रहती है तो उस व्यक्ति को ठंड लग जाती है जिसकी वजह से उसके सिर में दर्द रहने लगता है। जब व्यक्ति को बहुत अधिक सिरदर्द की समस्या होती है तो व्यक्ति के शरीर का तापमान भी बढने लगता है।
5. साँस लेने में परेशानी होना : आपने अक्सर देखा होगा कि जब पांच साल या उससे भी कम उम्र के बच्चों को निमोनिया की समस्या होती है तो उस बच्चे को साँस लेने में बहुत समस्या होती है जिसके साथ-साथ उसे दूध पीने में भी बहुत समस्या होती है। बच्चा सुस्त भी होने लगता है।
6. सर्दी-जुकाम होना : जब भी छोटे बच्चों को निमोनिया की समस्या होती है तो उन्हें शुरू में हल्के-हल्के सर्दी-जुकाम की समस्या रहती है जिसकी वजह से उन्हें सोने में भी समस्या होती है और यह समस्या बाद में निमोनिया में परिवर्तित हो जाती है। जब यह समस्या निमोनिया में बदल जाती है तो बच्चे को साँस लेने में भी समस्या होती है।
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निमोनिया के कारण-Pneumonia Causes In Hindi
1. बैक्टीरिया से : हमारे आस पास के वातावरण में बहुत से ऐसे बैक्टीरिया, वायरस और कवक रहते हैं जो हमारी नाक, मुंह के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं लेकिन हमें दिखाई नहीं देते हैं। ये हमारे फेफड़ों में पहुंचकर निमोनिया के संक्रमण को छोड़ देते हैं जिससे हमारे फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं।
2. धुम्रपान से : आज के लोग या जवान धुम्रपान करना बहुत ही अच्छा समझते हैं लेकिन यह उनके स्वास्थ्य और दूसरे लोगों के लिए भी बहुत अधिक हानिकारक होता है क्योंकि यह हमारे फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। जब व्यक्ति धुम्रपान करता है तो इस रोग के होने का खतरा रहता है।
3. रोगों से : जब किसी व्यक्ति को दमा, मधुमेह, सर्दी, इन्फ्लूएंजा, एड्स आदि रोग होते हैं उन्हें इस रोग के होने का बहुत अधिक खतरा रहता है क्योंकि इन रोगों की वजह से रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है जिससे वे किसी भी रोग से आसानी से ग्रस्त हो जाते हैं।
निमोनिया का इलाज-Pneumonia Treatment In Hindi
1. लहसुन के सेवन से इलाज :
अगर रोगी को निमोनिया की समस्या है तो आप लहसुन का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इससे आपकी समस्या ठीक हो जाएगी। आप एक कप दूध लें और उसमें चार कप पानी डाल दें और इसमें आधा चम्मच पिसा हुआ लहसुन डाल दें। अब इसे तब तक उबालें जब तक यह एक चौथाई न रह जाए और इस मिश्रण को दिन में तीन बार पिएं।
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2. तिल के सेवन से इलाज :
अगर रोगी को निमोनिया की समस्या हो गयी है तो आप उन्हें तिल का सेवन करने के लिए दे सकते हैं। आप एक चम्मच तिल लें और उन्हं पानी में डालकर उबाल दें। अब इसमें एक चम्मच अलसी के बीज डालकर उबालें फिर इसका सेवन करें।
3. तुलसी के सेवन से इलाज :
अगर व्यक्ति अपनी बार-बार होने वाली निमोनिया की समस्या से परेशान हो चुके हैं तो आप तुलसी का सेवन कर सकते हैं। आप तुलसी के चार या पांच पत्ते लें और उसके थोड़ी सी मिश्री और दो पत्ते पीपल के मिला लें और इसे पानी के साथ सेवन करें इससे आपकी निमोनिया की समस्या ठीक हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त आप तुलसी के बीस पत्ते, पांच काली मिर्च, दो लौंग, एक चुटकी हल्दी और अदरक लें। अब इन सभी चीजों को एक कप पानी में डाल दें और गैस पर उबलने के लिए रख दें। इस पानी को तब तक उबालें जब तक यह आधा न रह जाए अब इस पानी का दिन में दो बार सेवन करें।
4. गाजर के रस के सेवन से इलाज :
अगर आपको या किसी व्यक्ति को निमोनिया की समस्या हो गई है तो आप उसे गाजर का रस पीने की सलाह दे सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास गाजर का रस लें और उसमें लाल मिर्च डाल दें और उसका सेवन करें क्योंकि लाल मिर्च में कैप्सासिन पाया जाता है जो साँस की नली से बलगम को हटाने में बहुत मदद करता है जो निमोनिया के रोगी के लिए बहुत जरुरी होता है।
5. नीम के सेवन से इलाज :
अगर आपको निमोनिया की समस्या हो गई है तो आप नीम का सेवन कर सकते हैं क्योंकि नीम में कीटाणुओं और संक्रमण को हटाने के गुण पाए जाते हैं। आप नीम, तुलसी और अडूसा के पत्ते ले।
अब इन पत्तों को एक साथ एक कप पानी के साथ उबालें और इसे तब तक उबालें जब तक यह आधा कप न रह जाए। अब इसे छानकर मिश्री मिला लें और चाय की तरह इसका सेवन कर लें।
निमोनिया से बचाव के उपाय-Prevention of Pneumonia In Hindi
- आजकल बच्चे ठीक तरह से और पेट भरकर नहीं खाते हैं जिसकी वजह से उनमें पोषण की कमी हो जाती है जिससे निमोनिया का बैक्टीरिया आसानी से उन्हें अपनी चपेट में ले लेता है इसलिए बच्चों को इस बीमारी के दौरान अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए।
- रोगी को धुम्रपान न करने दें क्योंकि धुम्रपान करते समय धुएँ के अनावरण से और अंदर पहुंचने से यह समस्या बहुत अधिक बढ़ जाती है।
- रोगी को अपनी स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इससे निमोनिया के खतरे को कम किया जा सकता है।
- रोगी को छः महीने के दौरान बच्चे को स्तनपान निमोनिया को रोकने में जरुरी है, स्तनपान के दूध में पोषक तत्व होते हैं जिसमें बच्चे को विकास की बहुत जरुरत होती है।
निमोनिया में क्या खाएं-Eat In Pneumonia In Hindi
- रोगी को परवल, तोरई, करेला, फलियाँ, ब्रोकली, टमाटर, गाजर, शिमला मिर्च, पालक, प्याज, पत्तागोभी, फूलगोभी, ककड़ी, लहसुन, कुलथी, अदरक, मूली, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को सेब, एवोकाडो, चुकंदर, आलूबुखारा, नाशपाती, बेरी, अनार, आंवला, संतरा, खरबूज, आदि फलों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को दूध, मक्खन, दलिया, चाय, शहद, घी, गाय का मूत्र, तेल, आदि का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को पोदीना, हींग, लाल मिर्च, मेथी दाना, हल्दी, काली मिर्च, आदि मसालों का सेवन करना चाहिए।
निमोनिया में क्या न खाएं-Do Not Eat In Pneumonia In Hindi
- अगर व्यक्ति को निमोनिया रोग हो गया है तो उसे खटाई, पीठी, मैदा, तरबूज, मांस, मछली, पान आदि का सेवन नहीं करने देना चाहिए।