आमवात ज्वर स्ट्रेप्टोकोकस नाम के बैक्टीरिया से होता है लेकिन इसके शुरुआत के दौर को स्कारलेट फीवर के नाम से जाना जाता है। जब इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो रूमेटिक फीवर होने की संभावना रहती है।
यह रोग होने से शरीर का इम्यून सिस्टम असंतुलित हो जाता है और वह अपने स्वस्थ टिश्यूज को नष्ट करने लगता है। लोगों का संपर्क बाहरी वातावरण में बहुत अधिक रहता है जिसकी वजह से बैक्टीरिया उनके कमजोर शरीर पर हमला कर देते हैं।
यह रोग अधिकतर बच्चों को होता है। इस रोग में बच्चों की हड्डी के जोड़ अधिक प्रभावित होते हैं। इस रोग में रोगी के पेशाब का रंग काला हो जाता है और जीभ भी फटी और खुरदरी हो जाती है। रोगी की आँखें चढ़ी हुई सी रहती और उसे बुखार की समस्या आठ दिनों में आती है।
आमवात ज्वर के कारण-Rheumatic Fever Causes In Hindi
1. गले में संक्रमण होने से : जब किसी व्यती के गले में स्ट्रेप्टोकोकस नाम का संक्रमण हो जाता है तो उस व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है जिससे उसके गले की अंदरूनी परत में सूजन और जलन होने लगती है जिसकी वजह से उन्हें आमवात ज्वर की समस्या हो जाती है।
2. बार-बार बुखार होने से : अगर किसी व्यक्ति को आमवात ज्वर या रूमेटिक बुखार के बार-बार होने की समस्या हो जाती है तो इसकी वजह से उन्हें रूमेटिक ह्रदय रोगों के होने की संभावना बनी रहती है जिसकी वजह से भी उन्हें आमवात ज्वर की समस्या हो जाती है।
3. अधिक उपवास करने से : जब कोई व्यक्ति या औरत बहुत अधिक उपवास या वृत करता है या बहुत अधिक समय तक अपने मल या मूत्र के वेग को रोके रखता है तो उस व्यक्ति को आमवात ज्वर की समस्या हो जाती है।
आमवात ज्वर के लक्षण-Rheumatic Fever Symptoms In Hindi
1. साँस फूलना : कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति की लेटने पर या व्यायाम करने पर उसकी सांसे फूलने लगती हैं जिसकी वजह से उसे अपने श्वसन संबंधी समस्या होने का खतरा रहता है लेकिन यह समस्या आमवात ज्वर में भी हो जाती है।
2. बुखार आना : अगर किसी व्यक्ति को किसी तरह का संक्रमण हो जाता है तो वह उसके पूरे शरीर को संक्रमित कर देता है जिसकी वजह से भी उस व्यक्ति को आमवात ज्वर या बुखार आने की समस्या हो सकती है। यह भी पढ़ें : बुखार का रामबाण इलाज
3. नींद से जागना : जब किसी व्यक्ति को आमवात ज्वर की समस्या होती है तो वह व्यक्ति अचानक नींद से जाग जाता है और खड़ा होने या बैठने के मन करता है जो आमवात ज्वर के लक्षणों में से एक हो सकता है।
4. सूजन आना : कभी-कभी होता है कि व्यक्ति को उसकी त्वचा में गांठें बनने लगती हैं और उसके चेहरे के साथ-साथ पैरों पर भी सूजन (Sujan Ka Ilaj) आ जाती है जो आमवात ज्वर की वजह से हो सकता है क्योंकि ये सभी इसके लक्षण होते हैं।
5. थकान होना : अगर किसी व्यक्ति को बहुत अधिक थकन होती है जिसकी वजह से उसे कमजोरी और बेहोशी की समस्या भी हो जाती है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को आमवात ज्वर की समस्या हो गई हो।
6. धडकन बढना : जब किसी व्यक्ति को यह समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति को घबराहट होने लगती है जिसकी वजह से उसके दिल की धडकनें तेज हो जाती हैं जो आमवात ज्वर का ही एक लक्षण भी हो सकता है।
आमवात ज्वर के घरेलु उपाय-Rheumatic Fever Treatment In Hindi
1. अदरक के सेवन से इलाज :
अगर आपको आमवात ज्वर की समस्या हो गई है तो आप अदरक का सेवन कर सकते हैं। आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में तुलसी का रस, शहद और अदरक का रस ले लें और इन्हें मिलाकर दिन में दो बार इस रस का सेवन करें इससे आपकी बुखार की समस्या ठीक हो जाएगी।
2. काली मिर्च के सेवन से इलाज :
अगर आप आमवात ज्वर की समस्या से परेशान हो गए हैं तो आप काली मिर्च का सेवन कर सकते हैं। आप तुलसी के पत्तों और काली मिर्च को समान मात्रा में लेकर उन्हें कूट पीसकर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े में थोडा सा नमक मिलाकर उसे पी लें इससे आपकी आमवात ज्वर की समस्या ठीक हो जाएगी।
3. तुलसी के सेवन से इलाज :
अगर आपके बच्चे को या किसी सदस्य को आमवात ज्वर की समस्या हो गई है तो आप उसे तुलसी का सेवन करने के लिए दे सकते हैं। आप थोड़ी सी तुलसी की जड़ को लेकर उसे थोड़े से पानी में उबालकर काढ़ा बना लें और इसका दिन में दो बार सेवन करें इससे आपकी समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी। Janiye – Tulsi Ke Fayde Aur Nuksan
4. धतूरे के प्रयोग से इलाज :
अगर आपको आमवात ज्वर की समस्या हो गई है तो आप धतूरे का प्रयोग करें इससे आपकी आमवात ज्वर की समस्या ठीक हो जाएगी। आप धतूरे के कुछ पत्ते ले लें और उस पर थोडा सा एरंड का तेल चुपड़ लें और उसे अपने जोड़ों पर होने वाली सूजन पर लगाकर बांध लें और ऊपर से उस पर नमक की गर्म पोटली से सेक करें इससे आपकी आमवात ज्वर की समस्या ठीक हो जाएगी।
5. करेला के सेवन से इलाज :
आप करेला के छिलकों को निगल लें और बाकी के बचे हुए भाग को आग पर कुछ देर रखकर उसका भुरता बना लें। जब भुरता बनकर तैयार हो जाए तो उसमें थोड़ी सी शक्कर मिला लें और गर्म-गर्म रोगी को खाने के लिए दें। इसका सेवन रोगी को दिन में दो बार कराने से आमवात ज्वर की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी लेकिन इसे 100 ग्राम की मात्रा में ही खिलाना चाहिए।
6. मेथी के सेवन से इलाज :
अगर आप आमवात ज्वर की समस्या से परेशान हैं तो आप मेथी को पीसकर उसका चूर्ण बना लें और इसका सेवन पानी के साथ करें इससे आपकी आमवात ज्वर की समस्या ठीक हो जाएगी इसके अतिरिक्त आप मेथी और सौंठ का चूर्ण बनाकर उसका गुड के साथ दिन में दो बार सेवन करें इससे आपकी सभी समस्याएं ठीक हो जाएंगी।
7. लहसुन के सेवन से इलाज :
अगर आप आमवात ज्वर की समस्या से परेशान हैं तो आप लहसुन का सेवन करें। आप लहसुन, सोंठ और निर्गुंडी को समान मात्रा में लेकर उसे पानी में क्वाथ बनाकर सेवन करें इससे आपकी समस्या ठीक हो जाएगी। यह भी पढ़ें – Lahsun Ke Fayde Aur Nuksan
8. सौंठ के सेवन से इलाज :
किसी व्यक्ति को आमवात ज्वर की समस्या होने पर उसे सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली और गिलोय आदि सभी को समान मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण का दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करने से आपकी आमवात की समस्या ठीक हो जाएगी।
9. एरंड के तेल के प्रयोग से इलाज :
अगर आप अपने बच्चे की या परिवार के किसी सदस्य की आमवात की समस्या से परेशान हो गए हैं तो आप उसे एरंड के तेल की थोड़ी सी मात्रा का सुबह के समय बिना कुछ भी खाए-पिए सात दिनों तक लेने से आपकी समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी। जानिए : Arandi Ke Tel Ke Fayde Aur Nuksan
10. गोखरू के सेवन से इलाज :
अगर आपको आमवात ज्वर में दर्द की समस्या है तो आप गोखरू के सेवन से अपने इस दर्द को कम कर सकते हैं। आप गोखरू के फल और सोंठ को समान मात्रा में लेकर उसे गोखरू से दुगनी मात्रा में पानी में डालकर उबालें क्योंकि इसे पीने से आपकी दर्द की समस्या ठीक हो जाएगी।
आमवात ज्वर से बचाव के उपाय-Prevention of Rheumatic Fever In Hindi
- अगर रोगी को 101 डिग्री तक बुखार हो जाता है तो उसे तुरंत डॉ के पास ले जाना चाहिए।
- अगर आपके किसी एक बच्चे को यह संक्रमण हो गया है तो अपने दूसरे बच्चे को उस बच्चे से दूर ही रखें।
- यह समस्या सप्ताह से लेकर महीने भर में खत्म हो जाती है लेकिन अगर न हो तो ध्यान रखें कि आपके ह्रदय को कोई नुकसान न पहुंचे।
- रोगी को एंटीबायोटिक दवाईयों का सेवन करने के लिए देनी चाहियें।
- प्रति दो घंटे के बाद अपने बच्चे के शरीर के तापमान को थर्मामीटर से चेक करें और नोट कर लें।
- रोगी के इलाज को बीच में नहीं छुड़वाना चाहिए और उसकी दवाईयों को निश्चित समय पर देना चाहिए।
- रोगी के आसपास या उसके कपड़ों को धुला हुआ और साफ-सुथरा रखना चाहिए।
आमवात ज्वर में क्या खाएं-Eat In Rheumatic Fever In Hindi
- जिस व्यक्ति को यह समस्या हो उसे लहसुन, गोभी, अरबी, टमाटर, करेला, बथुआ, मेथी, चौलाई, लौकी, अदरक, आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को हल्दी, मेथी, अजवाइन, हरड, सोंठ, एरंड, काली मिर्च आदि मसालों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को हरीतकी, गुग्गुलु, अश्वगंधा, असगंध, कचूर, पुनर्नवा, गोखरू, निर्गुंडी, मुंडी, गिलोय, तले जडीबुटी का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को अंगूर, सेब, पपीता, आदि का सेवन करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त रोगी को गुड, चावल, दाल, चना, आदि का सेवन करना चाहिए।
आमवात ज्वर में क्या न खाएं-Do Not Eat In Rheumatic Fever In Hindi
- जिस रोगी को आमवात ज्वर की समस्या हो उस व्यक्ति को शराब, बीयर, आम, तला भुना मांस, शीतल खाद्य पदार्थ आदि का सेवन नहीं करने देना चाहिए।