हम सभी के शरीर में ह्रदय होता हो जो हमारे शरीर में खून को साफ करने के विभिन्न हिस्सों में पहुँचाने का काम करता है लेकिन जब हमारे ह्रदय को अपनी जरुरत के अनुसार खून नहीं मिल पाता है तो ऐसी स्थिति ही हार्ट फेल (फेलियर) कहलाती है।
इस स्थिति में ह्रदय के आस-पास जो नसें होती हैं उनके द्वारा खून का संचार ठीक तरह से नहीं हो पाता है। इस स्थिति का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों, पैरों और पेट पर पड़ता है। इसे हार्ट फेल (फेलियर) सीएचएफ के नाम से भी जाना जाता है।
हार्ट फेल (फेलियर) के कारण-Heart Failure Causes In Hindi
1. मोटापे से : जब भी आप बाहर या बाजार की तरफ जाते होंगे तो आपने देखा होगा कि बहुत से लोग समोसे और चांट आदि सभी चीजों की दुकानें लगाकर खड़े रहते हैं और बहुत से लोग उनके आसपास ये सभी चीजें खाते रहते हैं लेकिन वे यह ध्यान में देते हैं कि ऐसी चीजों से उनके स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इससे उनका वजन बढने लगता है और उन्हें मोटापे की वजह से बहुत सी समस्याएं हो जाती हैं जिनमें से एक यह समस्या है।
2. कोलस्ट्रोल से : अगर किसी व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर उचित रहता है तो वह व्यक्ति बहुत सी समस्याओं से मुक्त रहता है लेकिन जब व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर अधिक होने लगता है तो उस व्यक्ति को बहुत सी बीमारियाँ जिनमें सबसे अधिक ह्रदय की बीमारियाँ होती हैं उस व्यक्ति को घेर लेती हैं।
3. उच्च रक्तचाप से : किसी व्यक्ति का बीपी या रक्तचाप नियंत्रण में नहीं रहता है तो उस व्यक्ति को बहुत सी समस्याएं हो जाती हैं जब व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है तो उसके शरीर में खून का प्रवाह बहुत तेज हो जाता है जो इस बीमारी के होने का कारण बनता है।
4. मधुमेह से : अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह की समस्या है और उस व्यक्ति को ह्रदय से संबंधित समस्या भी है तो उस व्यक्ति को बहुत ही सावधानी बरतनी पडती है लेकिन जब व्यक्ति का मधुमेह का स्तर बढ़ जाता है तो यह इस समस्या का एक कारण बन सकता।
5. धुम्रपान से : जब किसी व्यक्ति को धुम्रपान की आदत हो जाती है तो उसकी यह आदत बहुत ही मुश्किल से छूटती है लेकिन इसका सेवन करने से बहुत से रोगों का आगमन हो जाता है जिनमें सबसे प्रमुख ह्रदय के रोग होते हैं क्योंकि धुम्रपान इस रोग के होने का एक मुख्य कारण होता है।
हार्ट फेल (फेलियर) के लक्षण-Heart Failure Symptoms In Hindi
1. साँस लेने में कठिनाई : जब किसी व्यक्ति को यह रोग होता है तो वह जब भी कोई शारीरिक गतिविधि करता है तो उस गतिविधि के दौरान उसे साँस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है जिसमें कभी-कभी उसे पूरा साँस नहीं आता है।
2. थकान होना : जब व्यक्ति को कन्जेस्तिव कड्रीयक रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति को कोई भी छोटा काम करने या आराम करते समय भी थकान महसूस होती रहती है। व्यक्ति को हमेशा एक तरह से बिना काम करे ही थकन का एहसास होता रहता है।
3. शरीर में दर्द : जब किसी व्यक्ति के ह्रदय को उसकी जरुरत के हिसाब से खून नहीं मिल पाता है तो उसके शरीर की नसों में खून एक जगह पर जमा होने से दबाव पड़ता है जिसकी वजह से उसकी मांसपेशियों, टखनों, पैरों आदि में सूजन आ जाती है और साथ-ही-साथ दर्द भी होने लगता है।
4. पेट पर सूजन आना : अगर किसी व्यक्ति को हार्ट फेल (फेलियर) की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति को पेट पर सूजन आ जाती है क्योंकि यह समस्या सबसे अधिक फेफड़ों, पैरों और पेट वाले हिस्सों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
5. खांसी होना : अगर आपके ह्रदय को अपनी जरुरत के हिसाब से खून नहीं मिल पाता है तो इससे बहुत से रोगों का जन्म होता है। इसमें आपके गले में घरघराहट होने लगती है और आप अपनी खांसी को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और आपको लगातार खांसी होती रहती है।
हार्ट फेल (फेलियर) से बचाव के उपाय-Prevention of Heart Failure In Hindi
- शराब का सेवन ह्रदय के लिए नुकसानदायक होता है इसलिए जितना हो सके रोगी को शराब से दूर रखना चाहिए।
- रोगी को बाहर का या घर का कोलेस्ट्रोल युक्त भोजन नहीं करने देना चाहिए।
- रोगी को जितना हो सके अपनी नींद को पूरा करना चाहिए। आधी नींद में उठाना नहीं चाहिए।
- रोगी को धुम्रपान न करने की सलाह और चेतावनी देनी चाहिए।
- अगर रोगी को मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या है तो उसे इन दोनों को नियंत्रित रखना चाहिए।
- रोगी को नियमित रूप से प्रतिदिन सुबह के समय व्यायाम करन चाहिए।
- रोगी को जितना हो सके मानसिक विकारों से दूर रखकर आराम करने देना चाहिए।
- रोगी के भोजन में ज्यादा नमक नहीं होना चाहिए यह उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है।