मूत्र मार्ग का संक्रमण (यूरिन इन्फेक्शन)-(UTI In Hindi) :
हमारा शरीर एक फैक्ट्री की तरह काम करता है जिस तरह एक फैक्ट्री में कई तरह के केमिकल बनाए जाते हैं और दवाईयां बनाते समय उससे निकलने वाले अनावश्यक पदार्थों को बाहर फेंक दिया जाता है उसी तरह हमारे शरीर के द्वारा ग्रहण किए गए भोजन के अनावश्यक पदार्थ इकट्ठे होते रहते हैं और उसे निकालना भी जरुरी हो जाता है जिस काम को किडनी करती है।
किडनी हमारे खून से अनावश्यक तत्वों को निकालकर ब्लेडर में जमा कर देती है और उसे मूत्र के रूप में बाहर निकाल देता है। मूत्र संक्रमण मूत्र से संबंधित अंगों में होने वाला संक्रमण है। जब कीटाणु पेशव से जुड़े अंगों में चले जाते हैं तो वहाँ पर संक्रमण हो जाता है इसी वजह से पेशाब में दर्द, जलन होते हैं।
महिलाओं के बीच में यूटीआई होता है जिसे मूत्र संक्रमण भी कहते हैं। यह महिलाओं के मूत्र मार्ग में कहीं भी हो सकता है। पेशाब में संक्रमण का असर किडनी पर पड़ता है लेकिन जब समस्या बहुत गंभीर हो जाती है तो किडनी फेलियर भी हो जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर में उपस्थित हानिकारक पदार्थ हमारे शरीर से बाहर निकलने की जगह पर हमारे शरीर में घुलने लगते हैं।
जब बहुत अधिक देर तक पेशाब रोककर रखा जाता है तो पेशाब का रंग गहरा होने लगता है जो मूत्र संक्रमण का कारण होता है। जब व्यक्ति के द्वारा अधिक प्रेशर के बाद भी मूत्रत्याग नहीं किया जाता है तो यह उल्टा किडनी की तरफ चला जाता है।
यह सबसे अधिक सामान्य और प्रचलित वेस्टर्न स्टाइल के बाथरूम या टायलेट की वजह से होता है जहाँ पर इस के संक्रमण का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है। यह समस्या अधिकतर 16 से 40 साल तक बहुत अधिक देखी जा सकती है।
यूरिन इन्फेक्शन के कारण-(Urinary Tract Infection (UTI) Causes In Hindi) :
1. संभोग से : जब दो लोगों के मध्य में यौन संबंध स्थापित होते हैं और वे यौन संबंध स्थापित करने के बाद मूत्र त्याग नहीं करते हैं तो उन्हें मूत्र संस्थान के संक्रमण के होने का बहुत अधिक खतरा रहता है क्योंकि यौन संबंध स्थापित करते समय उनके शरीर में संक्रमण के कण चले जाते हैं जिसकी वजह से भी मूत्र संस्थान का संक्रमण हो सकता है।
2. मधुमेह से : अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही मधुमेह की समस्या है तो उस व्यक्ति मूत्र संस्थान के संक्रमण का खतरा हो सकता है क्योंकि मधुमेह रोग में इसके संक्रमण के कण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं या पनपते हैं जिसकी वजह से मूत्र संस्थान के संक्रमण का रोग हो सकता है।
3. गर्भनिरोधक के उपयोग से : बहुत सी ऐसी महिलाएं होती हैं जो समय से पहले या शादी के कई वर्षों तक गर्भवती नहीं होना चाहती हैं जिसके बहुत से कारण होते है और इसके लिए वे गर्भनिरोधक का उपयोग करती हैं जिसकी वजह से भी मूत्र संस्थान के संक्रमण के होने का खतरा बना रहता है। अगर आप गर्भनिरोधक का उपयोग करती हैं तो हो सकता है कि आपको मूत्र संस्थान का संक्रमण का रोग हो जाए।
4. पथरी से : अगर आपको किडनी में पथरी की समस्या है तो आपको मूत्र संस्थान के संक्रमण के होने का बहुत अधिक खतरा रहता है क्योंकि जब कोई व्यक्ति प्रेशर बढने पर भी मूत्र त्याग नहीं करता बल्कि उसे रोका रहता है तो मूत्र उल्टा उसकी किडनी पर प्रभाव डालता है जिसकी वजह से भी मूत्र संस्थान के संक्रमण का रोग हो सकता है।
5. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से : जब किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो उसके शरीर को किसी भी तरह का संक्रमण आसानी से घेर लेता है जिनमें से एक मूत्र संस्थान का संक्रमण भी हो सकता है क्योंकि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होने की वजह से हमारा शरीर इनसे लड़ नहीं पाता है और ये बढ़ते जाते हैं।
6. दवाईयों से : जब कोई व्यक्ति एंटी बायोटिक दवाईयों का प्रयोग करता है तो उन दवाईयों के अनावश्यक पदार्थ उसके मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाते हैं लेकिन जब मूत्र को रोका जाता है तो वे किडनी की तरफ चले जाते हैं जिससे वे अनावश्यक पदार्थ हमारी किडनी को प्रभावित करते हैं जिससे भी मूत्र संस्थान के संक्रमण का रोग हो सकता है।
7. मासिक धर्म से : आपने अक्सर देखा होगा कि मासिक धर्म होने पर महिलाओं को बहुत अधिक तकलीफ होती है। उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे पेट दर्द, गर्भाशय पर सूजन आना, कब्ज होना, उल्टियाँ होना आदि। अगर कोई महिला अपने गुप्तांगों को साफ नहीं रखती है तब भी उसे मूत्र संस्थान के संक्रमण के होने का खतरा रहता है।
यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण-(Urinary Tract Infection (UTI) Symptoms In Hindi) :
1. सूजन आना : कभी-कभी ऐसा होता है कि जब किसी को मूत्र संक्रमण का रोग होता है तो उसके मूत्रमार्ग या मूत्राशय की परत पर सूजन आ जाती है जिसकी वजह से पेशाब में रुकावट आती है और पेशाब रुकरुक कर आता है।
2. मूत्र त्याग में दर्द : अगर आपको मूत्रत्याग करते समय जलन और दर्द का अनुभव होता है तो हो सकता है कि आपको मूत्र संस्थान के संक्रमणों ने घेर लिया हो और ये संक्रमण आपके शरीर में प्रवेश कर चुके हों।
3. मूत्रत्याग होना : रोगी को बार-बार मूत्रत्याग करने की इच्छा होती है जो मूत्र संक्रमण का मुख्य लक्षण होता है लेकिन मूत्रत्याग करने पर मूत्र बहुत ही कम मात्रा में त्यागा जाता है।
4. मूत्रत्याग का डर : रोगी को बार-बार मूत्रत्याग की इच्छा होती है जिसकी वजह से उसे तत्काल मूत्रत्याग होने का डर रहता है और वह मूत्र को रोकने की कोशिश करता रहता है।
5. खूनी पेशाब होना : मूत्र संक्रमण की समस्या होने पर रोगी के मूत्र से बहुत अधिक बदबू आती है और कभी-कभी रोगी के मूत्र में खून की मात्रा भी आ जाती है।
6. पेट में दर्द : जब किसी व्यक्ति के शरीर के मूत्र संस्थान में संक्रमण हो जाता है तो उस व्यक्ति के पेट के निचले भाग में दर्द या पेल्विस में दर्द होने लगता है जो बहुत दुःख देता है।
7. बुखार आना : यह रोग होने पर रोगी को हल्का-हल्का बुखार रहता है जिसमें उसे बहुत ठंड लगती है और उसका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है। रोगी को बहुत तेज सर दर्द होने लगता है जिससे उसे चक्कर भी आ जाते हैं।
8. भूख न लगना : मूत्र संस्थान में संक्रमण होने पर रोगी का कुछ खाने का मन नहीं करता है और न ही उसे भूख लगती है इसकी बजाय उसे सुस्ती आती रहती है और उसका कुछ भी कान करने का मन नहीं करता है क्योंकि उसका मूड भी बदलता रहता है।
9. खुजली होना : अगर आपको मूत्र संस्थान में संक्रमण का रोग हो गया है तो हो सकता है कि आपके गुप्तांगों में खुजली हो।
10. बदबू आना : मूत्र संस्थान का संक्रमण होने पर रोगी के मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाता है और साथ-साथ उसके मूत्र से बहुत अधिक बदबू भी आती है।
यूरिन इन्फेक्शन का इलाज-(Urinary Tract Infection (UTI) Treatment In Hindi) :
1. सेब के सिरके से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
सेब के सिरके को अंग्रेजी में एप्पल साइडर विगेनर कहा जाता है। अगर आपको मूत्र संस्थान की समस्या है तो आप सेब के सिरके का सेवन कर सकते हैं क्योंकि एब का सिरका मूत्र के संक्रमण के लक्षणों को कम करने और गुप्तांगों की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।
सबसे पहले आप दो चम्मच सेब का सिरका ले लें अब इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर एक गिलास पानी में इस मिश्रण को मिला लें। इस मिश्रण का दिन में दो बार सेवन करने से मूत्र में संक्रमण की समस्या ठीक हो जाएगी।
2. खट्टे फलों से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
जिन लोगों को मूत्र में संक्रमण की समस्या हो उन्हें खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए क्योंकि खट्टे फलों में सिट्रिक एसिड पाया जाता है जो बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। आप खट्टे फलों के रूप में संतरा, आंवला और नींबू का सेवन कर सकते हैं।
आप नींबू पानी का सेवन करके मूत्र संक्रमण से बच सकते हैं क्योंकि यह मूत्र संक्रमण के इलाज में बहुत ही उपयोगी होता है। खट्टे फलों में विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है जिसकी वजह से इसे एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट माना जाता है। यह फ्री रेडिकल्स को नष्ट करता है और हमारे शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है।
3. सोडा से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
अगर आपको मूत्र संक्रमण की समस्या है तो आप बेकिंग सोडा का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि सोडा को शरीर में एसिड का संतुलन बनाने का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। अगर आपको मूत्र संक्रमण की समस्या हो गई है तो आप एक गिलास पानी में थोडा सा सोडा मिलाकर उसका सेवन करें इससे आपकी मूत्र संक्रमण की समस्या ठीक हो जाएगी।
4. क्रेनबेरी से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
जिन लोगों को मूत्र संक्रमण की समस्या हो जाती है उनके लिए क्रेंबेरी जूस बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि यह मूत्र संक्रमण को ठीक करने के साथ-साथ उसे रोकने में भी मदद करता है। इसके अतिरिक्त अगर आप पर इसका जूस नहीं पिया जाता है तो आप इसके जूस में सेब का जूस मिलकर पी सकते हैं इससे भी आपको बहुत फायदा होगा।
5. अनानास से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
मूत्र संक्रमण के रोग होने पर अनानास को बहुत ही फायदेमंद फल माना जाता है क्योंकि अनानास गुप अंगों के बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायता करता है। आप अनानास के जूस के साथ अनानास के फल का भी सेवन कर सकते हैं इससे भी आपको फायदा होगा।
6. गरम पानी से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
अगर आपको मूत्र संक्रमण की समस्या हो गई है और उसकी वजह से आपके गुप्तांगों पर सूजन आ गई है तो आप थोडा सा पानी गर्म कर लें और उसे सिकाई की थैली में करके अपने गुप्तांगों की सिकाई करें। इससे आपके गुप्तांगों की सूजन के साथ-साथ उनमें होने वाले दर्द से भी छुटकारा मिल जाएगा।
7. लहसुन से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
जिन लोगों को मूत्र में संक्रमण की समस्या हो जाती है उनके लिए लहसुन का सेवन बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि लहसुन में एलिसिन नाम का तत्व पाया जाता है जो सक्रिय होता है। आप लहसुन की कुछ ताजा लहसुन की कली ले लें और उन्हें कुचलकर सेवन करें क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल एक्टिविटी पाई जाती है जो मूत्र संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
8. जौ के पानी से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
अगर आपके शरीर में एसिड की मात्रा बहुत अधिक हो गई है जिसकी वजह से आपको मूत्र संक्रमण होने की संभावना है तो आप जौ के पानी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि जौ के पानी में पेट से एसिड की मात्रा को कम करने के गुण पाए जाते हैं और पेट को शांति भी प्रदान करता है। आप चाहें तो नारियल पानी का भी प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि नारियल पानी भी एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है।
9. इचिनेशिया से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
अगर आपके शरीर में मूत्र संक्रमण रोग हो गया है तो आप इचिनेशिया नाम की जड़ी बूटी का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इसमें इंफेक्शन को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं। आप इस जड़ी बूटी की चाय बनाकर उसका सेवन करें इससे आपकी मूत्र संक्रमण की समस्या ठीक हो जाएगी।
10. धनिया पाउडर से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
अगर आपको मूत्र संस्थान के संक्रमण की समस्या है तो आप सहनीय के पाउडर का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसके सेवन से इस संक्रमण को रोका जा सकता है। आप थोडा सा धनिया पाउडर लें और उसे एक गिलास पानी में डालकर उसे रात भर के लिए रख दें। सुबह होने पर उस पानी को छानकर उसमें शक्कर या गुड मिलाकर उसका सेवन कर लें।
11. ककड़ी से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
अगर आप अपनी मूत्र संस्थान के संक्रमण की समस्या से परेशान हो गए हैं तो आप ककड़ी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि ककड़ी में क्षारीय तत्व पाए जाते हैं जो मूत्र संस्थान के कार्य को ठीक तरह से चलाने में सहायता करते हैं। ककड़ी के सेवन से पेशाब खुलकर आता है और मूत्र में जलन की समस्या भी ठीक हो जाती है।
12. बादाम से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि बादाम कहने से दिमाग तेज होता लेकिन इसके सेवन से पेशाब में जलन और संक्रमण की समस्या भी ठीक हो जाती है। आप बादाम के चार गिरी और 5 इलायची लें। अब इन्हें मिश्री के साथ मिलाकर पीस लें और इस पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर पी जाएँ इससे आपको पेशाब में जलन की समस्या या संक्रमण की समस्या में बहुत आराम मिलेगा।
13. पेठा से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज :
अगर आपको मूत्र संस्थान के संक्रमण की समस्या हो गई है और आप उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप पेठा का सेवन कर सकते हैं क्योंकि पेठे के सेवन से मूत्र संस्थान के संक्रमण को रोका जा सकता है। आप पेठा और आंवले के मुरब्बे का नियमित रूप से सेवन करके मूत्र संस्थान के संक्रमण की समस्या से आसानी से निजात पा सकते हैं।
यूरिन इन्फेक्शन से बचाव के उपाय-(Prevention of Urinary Tract Infection (UTI) In Hindi)
- रोगी को मूत्र संक्रमण का रोग होने पर जितना हो सके अधिक-से-अधिक पानी पीना चाहिय और मूत्रत्याग करने की आदत डालनी चाहिए।
- मूत्र संक्रमण होने पर रोगी को शराब और कैफीन से दूर ही रहना चाहिए।
- अगर आप यौन संबंध स्थापित करते हैं तो यौन संबंध स्थापित करने के तुरंत बाद मूत्रत्याग के लिए जाना चाहिए क्योंकि ऐसा न करने से भी मूत्र संक्रमण का रोग हो सकता है।
- रोगी को प्रतिदिन नहाना चाहिए और अपने गुप्तांगों की सफाई करनी चाहिए।
- रोगी को जितना हो सके नहाने के लिए बाथ टब का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- रोगी को ढीले और कॉटन के अंडरवेयर पहनने चाहिए।
- रोगी को एक ही जगह पर मूत्रत्याग नहीं करना चाहिए खासकर गंदगी वाली जगह पर। खुले में शौच करने की जगह पर सार्वजनिक शौचालय का प्रयोग करें।
यूरिन इन्फेक्शन में क्या खाएं-(Eat In Urinary Tract Infection (UTI) In Hindi)
- जिन लोगों को मूत्र संक्रमण की समस्या हो उन्हें सेब का सिरका, संतरा, आंवला, नींबू, सोडा, बटर मिल्क, जौ का पानी, इचिनेशिया, लहसुन, छाछ, आंवला, दही, गाजर, मूली, दालचीनी, नारियल पानी, क्रेनबेरी, पेठा, प्याज, अदरक, धनिया, भिंडी, तुरई, करौंदा, अजवाइन, केला, मेथी का साग, जायफल, पालक, जामुन, कलमी शोरा, पलास के फूल, बादाम, मक्का, दूध, बड़ी इलायची, ककड़ी, चना, जीरा, हल्दी, करेले का रस, फूल गोभी, सौंफ, तरबूज, मौसमी, अनार, फालसा, अनानास, अलसी के बीज, नमकरहित खजूर, मक्खन, अंडे, फलियाँ, मटर, आलू, लहसुन, चावल, रतालू आदि का सेवन करना चाहिए।
यूरिन इन्फेक्शन में क्या न खाएं-(Do Not Eat In Urinary Tract Infection (UTI) In Hindi) :
- जिन लोगों को मूत्र संक्रमण की समस्या हो उन्हें चाय, कॉफी, चॉकलेट, मिर्च मसले वाला भोजन, शराब, कैफीन, हरी मिर्च, तली हुई चीजें, आचार, गुड, तेल, खटाई, चीनी अधिक मात्रा में, बीयर, ठंडा पानी, टमाटर, पिज्जा, सॉस, अमरुद, मांस, केक, कुकीज आदि के सेवन से बचना चाहिए।