हेपेटाइटिस बी-(Hepatitis B In Hindi) :
हेपेटाइटिस यानि हेपेटाइटिस बी वायरस की वजह से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो व्यक्ति के साथ बंदरों के लीवर को भी संक्रमित करती है जिसकी वजह से लीवर में सूजन और जलन होने लगती है। इसके वायरस का संचरण खून या शरीर के किसी तरल पदार्थ के संपर्क में जाने से होता है।
विश्व की जनसंख्या के एक तिहाई लोग, दो अरब से अधिक, हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। हेपेटाइटिस बी वायरस का संचरण संक्रमित रक्त या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में जाने से होता है।
हेपेटाइटिस बी के प्रकार-(Hepatitis B Types In Hindi) :
1. एक्यूट हेपेटाइटिस बी : बहुत से लोगों को हेपेटाइटिस बी बहुत ही कम समय के लिए होता है और कुछ समय के बाद ठीक हो जाता है इसी को एक्यूट हेपेटाइटिस बी कहा जाता है।
जब कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो उसके छ महीने तक उसे हेपेटाइटिस बी होता है। एक्यूट हेपेटाइटिस बी द्वारा लीवर को हानि पहुँचाने की संभावनाएं बहुत ही कम होती हैं।
2. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी : कभी कभी आपने देखा होगा कि वायरस दीर्घकालिक संक्रमण का कारण बन जाता है जिसे क्रोनिक हेपेटाइटिस कहा जाता है। यह किसी भी व्यक्ति के लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
संक्रमण से ग्रस्त शिशुओं और छोटे बच्चों को इस रोग से बहुत अधिक खतरा होता है। जब व्यक्ति छः महीने से ज्यादा वायरस से संक्रमित रहता है तो उसे क्रोनिक हेपेटाइटिस बी रोग हो जाता है। यह बहुत ही कम लोगों को होता है।
हेपेटाइटिस बी के कारण-(Hepatitis B Causes In Hindi) :
1. शारीरिक संबंध से : जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता है लेकिन कंडोम का प्रयोग नहीं करता तो बिना कंडोम के संबंध स्थापित करने से वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है और उसे भी हेपेटाइटिस बी का रोग हो जाता है।
2. साझा सुई से : एक संक्रमित व्यक्ति को लगाई गई सुई जब दुसरे व्यक्ति को भी लगा दी जाती है तो उस व्यक्ति के शरीर का संक्रमण दुसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है जिसकी वजह से वह भी संक्रमित हो जाता है और वह हेपेटाइटिस बी रोग से ग्रस्त हो जाता है।
3. निजी चीजों से : जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ अपनी निजी वस्तुएं जैसे – रेजर और टूथब्रश, कपड़े आदि को साझा करता है तो उसकी निजी चीजों का संक्रमण उस व्यक्ति को हो जाता है जिससे उसे हेपेटाइटिस बी का रोग हो जाता है।
4. गर्भावस्था से : जब कोई औरत गर्भवती होती है और वह संक्रमित हो जाती है तो उसके संक्रमित होने की वजह से उसके द्वारा प्रजनन के समय बच्चे को यह वायरस पास हो सकता है जिससे उसके बच्चे को भी हेपेटाइटिस बी के होने का खतरा बढ़ जाता है।
5. स्पर्श से : जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति को स्पर्श करता है या गले लगाता है, चुंबन लेता है तो उस व्यक्ति को भी संक्रमण रोग हो जाता है। वह व्यक्ति भी दुसरे व्यक्ति की तरह हेपेटाइटिस बी के रोग से ग्रस्त हो जाता है।
6. भोजन साझा करने से : आपने अक्सर देखा होगा कि कंपनियों में, स्कूलों में या कोलेजों में लोग भोजन साझा करके खाते हैं लेकिन जब कोई व्यक्ति संक्रमित होता है उसका झूठा खाना दूसरा व्यक्ति खा लेता है तो वह भी हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हो जाता है।
7. अधिक समय तक किडनी डायलिसिस होना : जब किसी व्यक्ति को अधिक समय तक किडनी डायलिसिस होता है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी का रोग हो।
हेपेटाइटिस बी के लक्षण-(Hepatitis B Symptoms In Hindi) :
1. थकान होना : जब किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी की समस्या होती है तो उसे किसी भी काम को करने के बाद बहुत अधिक थकान महसूस होती है शरीर के अंगों में दर्द भी होता है।
2. बुखार आना : जब किसी व्यक्ति के अदर संक्रमण प्रवेश कर जाते हैं तो उसे संक्रमण की वजह से बुखार भी हो जाता है जो आम बात होती है।
3. सिरदर्द होना : जब किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी का रोग हो जाता है तो उसके सर में हर समय थोडा और हल्का-हल्का दर्द रहता है जिससे वे बहुत अधिक परेशान रहते हैं।
4. भूख न लगना : जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो उसके लीवर पर संक्रमण होने और सूजन आने की वजह से उसे भूख लगनी बंद हो जाती है।
5. उल्टियाँ होना : व्यक्ति के शरीर में कुछ भी पच न पाने की वजह से व्यक्ति को बार-बार उल्टियाँ होती रहती हैं। जब व्यक्ति कुछ खाता है तो वह पच नहीं पाता जिसकी वजह से वह वापस मुंह से बाहर आ जाता है।
6. पेट दर्द होना : जब व्यक्ति के लीवर और पेट पर सुजन आ जाती है तो उस व्यक्ति के पेट में बहुत अधिक दर्द होने लगता है।
7. गहरे रंग का मल होना : जब व्यक्ति को मल करने में परेशानी होती है या आपके मूत्र और मल का रंग गहरा हो जाता है तो हो सकता है कि आपको हेपेटाइटिस बी का रोग हो।
8. पीलिया होना : जब किसी व्यक्ति में हेपेटाइटिस बी के अन्य लक्षण खत्म हो जाते हैं तो उसके चेहरे और आँखों का रंग पीला पड़ जाता है जिसमें उसे पीलिया हो जाता है।
हेपेटाइटिस बी का इलाज-(Hepatitis B Treatment In Hindi) :
1. आंवला के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
अगर आप हेपेटाइटिस बी की समस्या से परेशान हो चुके हैं तो आप आंवला का सेवन कर सकते हैं क्योंकि आंवला में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो हेपेटाइटिस की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
आप आंवले को सुखाकर या कच्चा भी खा सकते हैं क्योंकि इससे भी आपको बहुत फायदा होगा। इन सबके अलावा आप आंवला के रस में शहद को मिलाकर भी पी सकते हैं। आप इस रस का एक महीने तक दिन में दो बार सेवन करें इससे आपको बहुत आराम होगा।
2. अदरक के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस बी की समस्या होने पर आप अदरक का सेवन कर सकते हैं क्योंकि अदरक इस समस्या से छुटकारा दिलाने में बहुत अधिक मदद करती है। आप अदरक से बनी चाय का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आप भोजन करने के बाद अदरक के रस का भी सेवन कर सकते हैं।
3. लहसुन के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
आप लहसुन का सेवन करके लहसुन में मेटाबोलिज्म और एमिनो एसिड भरपूर मात्रा में पाई जाती है जो इस रोग को खत्म करने में मदद करता है। आप कच्चे लहसुन की कलियों को चबाकर कीवर की बिमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
4. चुकंदर के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
आप चुकंदर के सेवन से इस समस्या को ठीक कर सकते हैं क्योंकि चुकंदर में भरपूर मात्रा में आयरन, पोटैशियम, फॉलिक एसिड, मैग्नीशियम, कैल्शियम और कॉपर पाए जाते हैं जो इस रोग से लड़ने में मदद करते हैं।
ये सभी हमरे लीवर में टूटे हुए सेल्स को दुबारा जोड़ने में मदद करते हैं और सूजन और दर्द को भी खत्म कर देता है। आप दो गिलास चुकंदर के रस के सेवन से इससे निजात पा सकते हैं।
5. ऑलिव लीफ के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
आप ऑलिव लीफ के प्रयोग से हेपेटाइटिस को कम कर सकते हैं क्योंकि इसमें फाइटोकेमिकल नाम का एक कंपाउंड पाया जाता है जिसे ओलेरोपिन के नाम से जाना जाता है जिसमें मजबूत एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण होते हैं।
आप एक कप पानी में चम्मच सूखे ऑलिव लीफ को थोड़ी देर उबालने के बाद उसे छानकर दिन में दो या तीन बार सेवन करें इससे आपकी समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
6. मुलेठी के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
अगर आपको हेपेटाइटिस की समस्या है तो आप मुलेठी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि मुलेठी के सेवन से इस समस्या को बिलकुल ठीक किया जा सकता है। आप मुलेठी के सेवन से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है क्योंकि इसमें एंटी वायरल और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो इस समस्या को ठीक करते हैं। आप मुलेठी के टुकडे को दिन में दो बार चबाएं और अगर आप चाहें तो इसका काढ़ा भी बना सकते हैं।
7. हल्दी के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
बहुत से लोग यह मानते हैं कि हल्दी का रंग पीला होता है इसलिए पीलिया के या हेपेटाइटिस से ग्रस्त व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन हल्दी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो हेपेटाइटिस बी के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाता है।
हल्दी एक हिपैटो-प्रोटेक्टिव की तरह काम करती है और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लीवर से जुडी समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। आप खाना पकाते समय हल्दी के अधिक प्रयोग से आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।
8. नीम के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
इस रोग से ग्रस्त होने पर आप नीम का सेवन कर सकते हैं क्योंकि नीम में बहुत से वायरल विरोधी घटक पाए जाते हैं जो इस रोग से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। नीम का सेवन करने से आप अपने जिगर में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थों ओ नष्ट करके आपके जिगर की रक्षा करता है।
आप नीम की पत्तियों के रस में शहद को मिलाकर सेवन कर सकते हैं इससे आपकी समस्या ठीक हो जाएगी क्योंकि नीम में बहुत से एंटी वायरल गुण पाए जाते हैं। आप नीम की पत्तियों को अच्छी तरह धोकर उनका रस निकाल लें और उसमें थोडा सा शहद मिलकर इसका एक सप्ताह तक सेवन करें आपको बहुत अधिक फायदा होगा।
9. नींबू के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
अगर आपको यह रोग है तो आप नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं इसके लिए आप नींबू के रस को एक गिलास पानी में निचोड़कर उसे पी लें इससे आपका पेट साफ हो जाएगा। आप इस रस का प्रतिदिन खाली पेट सुबह के समय पानी पियें इससे आपकी समस्या भी ठीक हो जाएगी। आप नींबू के रस में पपीते के बीजों का रस मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं इससे भी आपको बहुत अधिक फायदा होगा।
10. मूली के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
अगर आप हेपेटाइटिस बी की समस्या से परेशान हैं तो आप मूली का सेवन कर सकते हैं क्योंकि मूल इस रोग से लड़ने और इस रोग को कम करने में बहुत अधिक मदद करती है। आप मूली की पत्तियों का भी सेवन कर सकते हैं वे भी आपके लिए बहुत लाभकारी हो सकती हैं।
आप मुली के रस के सेवन से अपने खून से बिलीरुबिन की अत्यधिक मात्रा को निकाल सकते हैं। अगर आप इस रोग से ग्रस्त हैं तो आप एक या दो गिलास मूली के रस का सेवन करके या इसके पत्तों को पीसकर निकालें गए रस को पीकर इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं।
11. टमाटर के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
टमाटर के रस के सेवन से हेपेटाइटिस की समस्या के साथ-साथ पीलिया की समस्या को भी ठीक किया जा सकता है क्योंकि इसमें विटामिन सी पाई जाती है जो इस रोग से लड़ने में मदद करती है।
टमाटर का रस लाइकोपीन में रिच होता है। सबसे पहले आप एक टमाटर का रस निकाल लें। अब इस रस में थोडा सा काला नमक और काली मिर्च मिला लें और इसका सेवन करें इससे आपकी हेपेटाइटिस की समस्या ठीक हो जाएगी।
12. अर्जुन की छाल के सेवन से हेपेटाइटिस बी का इलाज :
हेपेटाइटिस बी की समस्या होने पर आप अर्जुन की छाल का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इसमें दिल और मूत्र प्रणाली को ठीक करने की क्षमता पाई जाती है। अर्जुन की छाल में एल्कलॉइड पाया जाता है जो जिगर में कोलेस्ट्रोल के उत्पादन को विनियमित करने की क्षमता रखता है और यह गुण हेपेटाइटिस बी को कम करने में मदद करता है।
हेपेटाइटिस बी से बचाव के उपाय-(Prevention of Hepatitis B In Hindi) :
- किसी भी संक्रमित औरत से शारीरिक संबंध स्थापित करते समय कंडोम का प्रयोग जरुर करना चाहिए।
- किसी भी व्यक्ति को लगाई गई सुई को अपने साथ साझा न करने दें।
- अगर आपको रोगी के रक्त को या संक्रमित वस्तु को छूना है तो प्लास्टिक या लेटेक्स के दस्तानों का प्रयोग करना चाहिए।
- रोगी के साथ अपनी किसी भी निजी वस्तु को साझा नहीं करन चाहिए।
- आपको टैटू नहीं कराना चाहिए लेकिन अगर कराते हैं तो सुई का ध्यान रखें कि सुई विसंक्रमित हो।
- अगर आपके आस-पास कोई बच्चा है तो उन्हें इस रोग का टीका जरुर लगवाना चाहिए।
- इस रोग से ग्रस्त रोगी को शराब नहीं पीनी चाहिए।
- अगर आपको किसी तरह से घाव लग गया है तो घाव को खुला न छोड़ें।