हैजा क्या है-(Cholera In Hindi) :
हैजा आँतों में इंफेक्शन से होने वाली एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। यह बीमारी विब्रिओ कॉलेरी नाम के बैक्टीरिया के फैलने से होती है। हैजा की शुरुआत आमतौर पर उल्टी और दस्त से होती है लेकिन जब इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो यह जानलेवा हो जाती है। शुरुआत में तो लोग हैजा के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं जिसकी वजह से यह जानलेवा हो जाती है।
हैजा की समस्या संक्रमित और दूषित भोजन अथवा पानी से फैलती है क्योंकि हैजा के बैक्टीरिया इनके माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिसके बाद ये तेजी से फैलने लगते हैं और हमारी आँतों को आघात पहुंचाते हैं जिसकी वजह से ही दस्त और उल्टियों की समस्या हो जाती है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है इसलिए दूसरे व्यक्ति के संपर्क से को खतरा नहीं होता है।
हैजा के कारण-(Cholera Causes In Hindi) :
1. दूषित पानी से : जब पानी को खुले तलाब और नदी से लिया जाता है और घरों तक पहुंचाया जाता है तो वह दूषित हो जाता है जिसके सेवन से पानी के संक्रमण के कण उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिसकी वजह से रोगी को हैजा की समस्या हो जाती है।
2. दूषित पानी की बर्फ से : जब संक्रमित पानी की बर्फ को जमाकर बर्फ बनाकर उसका प्रयोग करते हैं तो भी संक्रमण के कण उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और वह व्यक्ति संक्रमित हो जाता है जिसकी वजह से भी रोगी कको हैजा रोग हो जाता है।
3. मल से उगाई गई सब्जियां : बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो सब्जियों को मानव मल के प्रयोग से उगाते हैं जिससे भी सब्जियां संक्रमित हो जाती हैं जिससे रोगी को संक्रमण हो जाता है।
4. कच्चे और अधपके मांसाहारी भोजन से : जब कोई व्यक्ति कच्चा और अधपका भोजन खा लेता है तो भी उसे हैजा रोग हो जाता है क्योंकि वह भोजन उसके लीवर पर प्रभाव डालता है।
5. बैक्टीरिया से : जब कोई व्यक्ति दूषित भोजन और पानी का प्रयोग करते हैं तो हैजा के बैक्टीरिया उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिसकी वजह से उसका शरीर प्रभावित होता है और उसे हैजा रोग हो जाता है।
6. गंदगी से : जब कोई व्यक्ति गंदगी वाले क्षेत्र में रहता है या अपने आस-पास गंदगी रखता है तब भी उसे हैजा रोग हो जाता है।
7. रोगी के संपर्क से : जब कोई व्यक्ति रोगी के साथ भोजन खा लेता है या उसके साथ किसी निजी चीज को साझा कर लेता है या उसे गले लगा लेता है तो उसे हैजा के बैक्टीरिया भी लग जाते हैं जिससे उसे हैजा रोग हो जाता है।
8. मक्खियों से : जब भोजन पर मक्खियाँ बैठ जाती है तो उस पर मलत्याग भी कर देती हैं जिसकी वजह से उसे हैजा रोग हो जाता है।
हैजा के लक्षण-(Cholera Symptoms In Hindi) :
1. उल्टियाँ होना : जब किसी को हैजा रोग की समस्या होती है तो उसे सफेद रंग की उल्टियाँ होती हैं और उसकी उल्टियों में खाने की जगह पर पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है।
2. दस्त आना : पेट संक्रमण से घिर जाता है जिसकी वजह से रोगी के पाचन तंत्र म गड़बड़ी हो जाती है। पाचन तंत्र में गडबडी होने की वजह से रोगी को दस्त आने लगते हैं।
3. प्यास लगना : बार-बार उल्टी और मलत्याग होने की वजह से रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे रोगी को बार-बार प्यास लगती है और होठ भी सूखने लगते हैं।
4. कमजोरी आना : हैजा होनर पर रोगी को दस्त और उल्टियाँ हो जाते हैं जिसकी वजह से रोगी के शरीर में पोषण की कमी हो जाती है। रोगी को पोषण की कमी की वजह से कमजोरी हो जाती है और चक्कर भी आने लगते हैं।
5. हाथ पैर ठंडे होना : हैजा होने पर रोगी को निम्न रक्तचाप होने की समस्या हो जाती है जिसकी वजह से उसके हाथ और पैर बिलकुल ठंडे पड़ने लगते हैं।
6. त्वचा का रंग बदलना : बार-बार उल्टियाँ और मलत्याग करने से रोगी को कमजोरी होने लगती है जिससे उसके शरीर का रंग पीला होने लगता है और ज्यादा समय होने के बाद उसका रंग सफेद पड़ जाता है।
7. धडकन बढना : अधिक मलत्याग होने से रोगी का रक्तचापो निम्न होने लगता है और चक्कर भी आने लगते हैं जिसकी वजह से रोगी की धडकन बढने लगती है।
8. मांसपेशियों में ऐंठन होना : दस्त अधिक होने की वजह से पेट में कुछ नहीं बचता लेकिन फिर भी दस्त होते रहते हैं जिसकी वजह से उसकी मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है।
9. मूत्र की मात्रा कम होना : रोगी के शरीर में पानी की मात्रा की कमी हो जाती है जिसकी वजह से मूत्र की मात्रा की कमी हो जाती है।
10. थकान होना : हैजा के रोगी को शरीर में कमजोरी हो जाता है जिसकी वजह से रोगी को थकान हो जाती है।
हैजा का इलाज-(Cholera Treatment In Hindi) :
1. ओआरएस के सेवन से हैजा का इलाज :
जब किसी व्यक्ति को हैजा रोग होता है तो उसके शरीर में पानी की कमी हो जाती है और पानी का एक सबसे अच्छा स्त्रोत ओआरएस होता है इसलिए हैजा में इसे पिलाने से रोगी के शरीर में पानी की कमी नहीं होती और हैजा रोग भी ठीक हो जाता है।
2. नींबूके सेवन से हैजा का इलाज :
हैजा के बैक्टीरिया को नींबू का सेवन करके खत्म किया जा सकता है क्योंकि नींबू एक खट्टा पदार्थ हो जिससे बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है। सबसे पहले आप एक गिलास में पानी लें और उसमें ऊपर से नींबू का रस निचोड़ दें। अब इस पानी में थोड़ी सी चीनी या मिश्री मिलाएं और शिकंजी बना लें इसके सेवन से आपकी हैजा की समस्या ठीक हो जाएगी।
3. पुदीने के सेवन से हैजा का इलाज :
जब किसी व्यक्ति को हैजा होता है तो उसे पुदीने का सेवन करने के लिए देना चाहिए क्योंकि हैजा के रोग में पुदीने को रामबाण कहा जाता है। आप रोगी को दिन में कई बार पुदीने का अर्क पिलायें इससे आपकी हैजा की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
4. लहसुन के सेवन से हैजा का इलाज :
अगर किसी व्यक्ति के शरीर में हैजा के बैक्टीरिया घुस गए हैं पर पनप रहे हैं लेकिन यह अभी शुरुआती चरण है तो आप कुछ लहसुन लें और उन्हें पानी में उबाल लें। अब इस पानी को हैजा के रोगी को पिलायें इससे हैजा के बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे।
5. नारियल पानी के सेवन से हैजा का इलाज :
कई बार ऐसा होता है कि लोग दूषित भोजन या खाद्य पदार्थ खा लेते हैं जिसकी वजह से उन्हें हैजा हो जाता है अगर आपके साथ ऐसा हुआ है तो आप नारियल पानी का प्रयोग कर सकते हैं। आप पानी में नारियल पानी को मिलाकर पियें इससे आपको उल्टियाँ होंगी जिससे आपके पेट की सभी दूषित चीजें बाहर निकल जाएंगी।
6. हींग के सेवन से हैजा का इलाज :
अगर आप हैजा की समस्या से प्रेषण हो चुकें हैं तो आप हींग का सेवन करें क्योंकि हींग के सेवन से हैजा को खत्म किया जा सकता है। आप थोसी सी हींग, कपूर और नीम के कुछ पत्ते लें अब इनमें तुलसी का रस मिलाएं और छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोगी को दिन में एक गोली देकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
7. काली मिर्च के सेवन से हैजा का इलाज :
अगर आपको हैजा की समस्या हो गई है तो आप कलि मिर्च और घी में भूनी गई हींग को समान मात्रा में लें। अब इसमें काली मिर्च और हींग की आधी मात्रा में अफीम मिलाएं और छोटी-छोटी गोलिया बना लें। इन गोलिया का सेवन पानी के साथ करने से हैजा में बहुत आराम होता है।
8. लौंग के सेवन से हैजा का इलाज :
हैजा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक बर्तन में कुछ पानी लें। अब उसे स्टोव या गैस पर रखकर उसमें कुछ लौंग और थोडा सा सेंधा नमक डालकर उबाल लीजिये। उबालने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दीजिये। ठंडा होने के बाद इसे रोगी को बार-बार पिलाने से हैजा रोग से छुटकारा मिल जाएगा। आप लौंग के तेल की कुछ बूंदें चीनी या बताशे में ले सकते हैं इससे भी हैजा की समस्या में बहुत लाभ होता है।
9. जायफल के सेवन से हैजा का इलाज :
हैजा की समस्या होने पर आप जायफल के चूर्ण को गुड में मिलाकर छोटी-छोटी गोलिया बना लें और इनका सेवन दिन में कई बार करें इससे आपकी हैजा की समस्या ठीक हो जेहि लेकिन इन गोलिओं को घंटा या उससे अधिक समय के अन्तराल पर लेना चाहिए।
10. प्याज के सेवन से हैजा का इलाज :
अगर कोई व्यक्ति हैजे रोग का शिकार हो गया है तो रोगी को प्याज का रस देने से बहुत अधिक लाभ होगा। अगर अभी हैजा रोग की शुरुआत है तो आप प्याज के रस में थोड़ी-थोड़ी हींग मिलाकर रोगी को दिन में कई बार पिलायें इससे हैजा की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
11. राई के प्रयोग से हैजा का इलाज :
अगर रोगी को हैजा की समस्या है और दस्त न आने की जगह पर बहुत अधिक उल्टियाँ हो रही हैं तो आप राई का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि राई का प्रयोग करके उल्टियों को बंद किया जा सकता है। आप राई को पीसकर पेस्ट बना लें और इसे पेट पर लगायें इससे उल्टियाँ आनी बंद हो जाएंगी लेकिन अगर आपको मूत्र न आने की समस्या हो गई है तो आप इस पेस्ट को अपनी कमर पर लगायें इससे तुरंत मूत्र आ जाएगा।
12. तुलसी के सेवन से हैजा का इलाज :
अगर हैजा के रोगी को बहुत अधिक दस्त और उल्टियाँ हो रही हैं तो आप तुलसी के पत्तों का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि तुलसी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हर प्रकार के रोग और हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते हैं। आप तुलसी के कुछ पत्ते लें और उसमें कुछ काली मिर्च पीसकर रोगी को चटायें इससे हैजा की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
13. जीरा के सेवन से हैजा का इलाज :
अगर आपको हैजा की समस्या है तो आप जीरा का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आप जीरा, सेंधा नमक, लहसुन, गंधक, सोंठ, काली मिर्च, पीपल और भुनी हुई हींग को समान मात्रा में ले लें। अब इन्हें नींबू के रस में मिलाएं और इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इन गोलिया को पानी के साथ लेने से हैजा की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
14. सोंठ के प्रयोग से हैजा का इलाज :
जब किसी को हैजा रोग होता है तो उसके शरीर में कंपन होती है और रोगी को ठंड भी लगती है। अगर रोगी का शरीर ठंडा पड़ने लगा है तो आप उसने हाथों और पैरों पर सोंठ का चूर्ण मलें और उसे कपूर, कस्तूरी और मकरध्वज एक साथ मिलाकर चटाने से शरीर का कंपन और शरीर का ठंडा होना बंद हो जाएगा।
15. नीम के सेवन से हैजा का इलाज :
अगर आप हैजा की समस्या से परेशान हो गए हैं तो आप नीम का सेवन कर सकते हैं क्योंकि नीम में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो हैजा के बैक्टीरिया से लड़कर हमें बैक्टीरिया मुक्त कर देते हैं। सबसे पहले आप नीम की कुछ पत्तियां ले लें और उन्हें पीस लें। अब इन्हें पानी में घोलकर रोगी को पिलाने से हैजा के रोगाणु नष्ट हो जाएँगे और आपकी हैजा की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
हैजा से बचाव के उपाय-(Prevention of Cholera In Hindi) :
- रोगी को हैजा न हो इसलिए टीकाकरण कराना चाहिए।
- रोगी को खाना बनाने के बाद, खाना खाने के बाद और शौच के बाद हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
- ऐसे पानी का प्रयोग न करें जो रासायनिक तरीके से शुद्ध किया गया हो।
- रोगी को पूरी तरह से पका हुआ खाना खाने के लिए देना चाहिए खासकर मांस को अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए।
- रोगी को दूध और पानी उबालकर पिलाना चाहिए।
- रोगी को ऐसी जगह पर जाने से रकना चाहिए जहाँ पर ठहरा हुआ पानी हो।
- रोगी को खुले में शौच आदि करने से रोकना चाहिए। उसे शौचालय का प्रयोग करने के लिए कहना चाहिए।
- रोगी को बाहर के खाने का सेवन नहीं करने देना चाहिए।
- रोगी के आसपास जितना हो सके साफ-सफाई रखनी चाहिए।
हैजा में क्या खाएं-(What To Eat In Cholera In Hindi) :
- जिन लोगों को हैजा हो जाए उन्हें सोडा, नारियल, बर्फ, जौ का पानी, लहसुन, कपूर, हींग, छाछ, दही, चावल, नींबू, पुदीना, संतरा, शहद, प्याज, सौंफ का पानी, तुलसी की पत्तियां, नीम, करेला, सेंधा नमक, लौंग, राई, सोंठ, पारद, गंधक, चटनी, दलिया, जायफल, गुड, इलायची, आम, गूलर, खिचड़ी, अजवाइन का रस, दाल, केला, अनानास का रस, शिकंजी, काली मिर्च आदि का सेवन करना चाहिए।
हैजा में क्या न खाएं-(Do Not Eat In Cholera In Hindi) :
- जो लोग हैजा से ग्रस्त हैं उन्हें समुद्री भोजन, मिठाई, तली चीजें, दूध, मांस, नमकीन, कच्ची सब्जियों, जंक फूडआदि से दूर ही रहना चाहिए।