अपेंडिक्स-(Appendix In Hindi) :
अपेंडिक्स एक बीमारी है जिसे लोग अपेंडिसाइटिस के नाम से भी जानते हैं। इस बीमारी में अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से हमें बहुत अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। अपेंडिक्स हमारे शरीर में छोटी और बड़ी दोनों आँतों के बीच में होता है जिससे पेट दर्द होता है। यह दर्द तेज तब हो जाता है जब आंत से मल नहीं निकल पाता और अपेंडिक्स ब्लाक हो जाता है।
इस बीमारी के लक्षण भी दूसरी बिमारियों से मिलते जुलते हैं जिसकी वजह से इलाज में बहुत देर हो जाती है और यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। आप अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन की सहायता से इसका आसानी से पता लगा सकते हैं। अपेंडिक्स की अधिक समस्या 10 से 30 साल तक के लोगों को अधिक होती है।
अपेंडिक्स के प्रकार-(Appendix Types In Hindi) :
1. एक्यूट अपेंडिक्स : एक्यूट अपेंडिक्स अपने नाम की तरह बहुत जल्दी बढती है। कभी-कभी ऐसा होता है कि यह अपेंडिक्स दो या कुछ दिनों में ही पैदा हो जाती है। जिस समय यह हमारे शरीर में विकसित होती है उस समय हमें कब्ज, उल्टी जैसे कई कारण दिखाई देते हैं। आप इसके शुरूआती लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज करा सकते हैं।
2. क्रोनिक अपेंडिक्स : क्रोनिक अपेंडिक्स ज्यादा नहीं होती हैं। आप इसके लक्षणों को आसानी से देख सकते हैं। क्रोनिक अपेंडिक्स कुछ समय के बाद अपने आप ही खत्म भी हो सकती है।
अपेंडिक्स के कारण-(Appendicitis Causes In Hindi) :
1. आंत में खाना जाने से : अपेंडिक्स का एक सिरा खुला होता है और दूसरा पूरी तरह से बंद होता है। जब किसी वजह से भोजन का कोई कण इसके सिरे में प्रवेश कर जाता है तो दूसरा सिरा बंद होने की वजह से यह दूसरी तरफ से निकल नहीं पाता है जिसकी वजह से अपेंडिक्स संक्रमित हो जाती है।
2. कब्ज रहने के कारण : अक्सर देखा जाता है कि लोगों को जल्दी-जल्दी कब्ज की समस्या होती रहती हा ऐसा होने पर व्यक्ति को अपेंडिक्स की समस्या हो सकती है। क्योंकि जब व्यक्ति को जल्दी-जल्दी कब्ज होती है तो उसके पेट में रहने वाले खाने के कुछ कण उसके अपेंडिक्स में चले जाते हैं जिसकी वजह से उसकी अपेंडिक्स संक्रमित हो जाती है।
3. फाइबर की कमी से : जब किसी व्यक्ति में फाइबर की मात्रा की कमी हो जाती है तो हो सकता है कि उसे अपेंडिक्स की समस्या हो जाये।
4. फलों के बीजों से : जब किसी व्यक्ति के अपेंडिक्स में फलों के बीज चले जाते हैं तो उसे अपेंडिक्स की समस्या हो जाती है क्योंकि फलों के बीज अपेंडिक्स में एक सिरे से घुसकर दूसरी ओर से निकल नहीं पाते हैं जिसकी वजह से उसे अपेंडिक्स की समस्या हो जाती है।
अपेंडिक्स के लक्षण-(Symptoms Of Appendix In Hindi) :
1. पेट दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को अपेंडिक्स की समस्या हो जाती है तो उसे पेट में दर्द भी होता है। यह दर्द समय के साथ बढ़ता चला जाता है।
2. भूख न लगना : जब किसी व्यक्ति को अपेंडिक्स की समस्या हो जाती है तो उसे भूख लगनी बंद हो जाती है। पेट दर्द होने की वजह से रोगी को भूख लगनी बंद हो जाती है।
3. उल्टियाँ होना : जब व्यक्ति को अपेंडिक्स की समस्या होती है तो उसे उल्टियाँ होने लगती हैं और कभी-कभी तो ऐसा होता है कि उसे बहुत अधिक उल्टियाँ होती हैं।
4. पेट में सूजन होना : किसी व्यक्ति को जब छोटी आंत में अपेंडिक्स की समस्या होती है तो उस व्यक्ति को पेट में इंफेक्शन की वजह से पेट में सूजन भी हो जाती है जिससे पेट सूजन वाली जगह पर दुखता है।
5. बुखार आना : अपेंडिक्स की समस्या होने पर व्यक्ति को कभी-कभी बुखार भी हो जाता है। जब यह समस्या बहुत अधिक बढ़ अति है तो व्यक्ति के शरीर का तापमान बहुत अधिक बढने लगता है।
6. मूत्रत्याग में परेशानी होना : जब व्यक्ति को अपेंडिक्स हो जाता है तो उसे मूत्रत्याग करने में बहुत अधिक परेशानी होती है।
7. ऐंठन होना : जब व्यक्ति अपेंडिक्स से ग्रस्त होता है तो उसे मूत्र त्याग के साथ-साथ पेट में ऐंठन भी होने लगती है।
8. गैस होना : जब कोई व्यक्ति अपेंडिक्स का सामना कर रहा होता है तो उस व्यक्ति को बार-बार गैस होने की समस्या होती रहती है।
9. शरीर कांपना : अपेंडिक्स होने की वजह से व्यक्ति को बुखार आने के साथ-साथ उसका शरीर भी कांपने लगता है।
10. पीठ दर्द होना : अपेंडिक्स होने पर व्यक्ति को पेट दर्द के साथ-साथ पीठ दर्द की समस्या भी हो जाती है।
अपेंडिक्स का इलाज-(Appendix Ka Gharelu Ilaj) :
1. सर्जरी करवाना :
अपेंडिक्स का इलाज सर्जरी के द्वारा किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को अपेंडिक्स की समस्या है तो उसे पेट के इंफेक्शन से बचाने के लिए डॉ कुछ एंटीबायोटिक्स की सहायता लेते हैं। अगर समय पर अपेंडिक्स का इलाज नहीं किया जाता है तो इसमें इंफेक्शन के साथ-साथ मवाद भी आने लगता है। डॉ अपेंडिक्स की जाँच करने के लिए खून की जाँच करते हैं। अगर व्यक्ति को मवाद आ भी गई है तो डॉ पहले मवाद को सुखाते हैं उसके बाद सर्जरी करते हैं।
2. अदरक के सेवन से इलाज :
अगर आपको अपेंडिक्स की समस्या है जिसकी वजह से सूजन भी आ गई है तो आप अदरक का सेवन कर सकते हैं क्योंकि यह अपेंडिक्स के दर्द और सूजन को कम करता है। आप प्रतिदिन अदरक की चाय का दिन में दो बार सेवन करें इससे अपेंडिक्स की समस्या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
3. पालक के सेवन से इलाज :
अगर आपको अपेंडिक्स की समस्या है तो आप पालक का सेवन कर सकते हैं क्योंकि यह आपके शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आपको बहुत सी बिमारियों से भी बचाता है। अपेंडिक्स छोटी आंत के बीच में होता है इसलिए इससे बचने के लिए आप पालक का सूप या पालक की सब्जी का सेवन करके अपेंडिक्स की समस्या को खत्म कर सकते हैं।
4. तुलसी के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को अपेंडिक्स की समस्या है उनके लिए तुलसी का सेवन बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि तुलसी पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। आप प्रतिदिन तुलसी के पत्तों से बनी चाय का सेवन करके पेट की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। आप चाहें तो सुबह के समय खाली पेट तुलसी के पत्तों को चबा-चबाकर खाएं क्योंकि इससे आपको अपेंडिक्स की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
5. छाछ के सेवन से इलाज :
अगर आपको अपेंडिक्स की समस्या है और आप सर्जरी की जगह पर घरेलू तरीकों से इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप प्रतिदिन छाछ का सेवन करें क्योंकि छाछ अपेंडिक्स के दर्द से छुटकारा दिलाती है। आप छाछ में थोडा सा काला नमक मिलाकर सेवन करें इससे आपके शरीर के अंदर जमीं गंदगी बाहर निकल जाएगी और आपको अपेंडिक्स से छुटकारा मिल जाएगा।
6. एरंड के तेल के सेवन से इलाज :
अगर आपको अपेंडिक्स की समस्या है तो आप एरंड के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। आप प्रतिदिन एरंड के तेल को लेकर उसमें थोडा सा दूध मिला लें और सुबह के समय पिएं। इससे आपके अपेंडिक्स में ऑपरेशन की जरुरत कम हो जाती है इसके साथ-साथ अपेंडिक्स के दर्द और सुजन में भी बहुत आराम होता है।
7. गुडूची सत्व के सेवन से इलाज :
अगर आप अपेंडिक्स की समस्या से परेशान हो चुके हैं तो गुडूची सत्व का सेवन आपके लिए बहुत अधिक फायदेमंद हो सकता है क्योंकि एक चम्मच गुडूची सत्व को एक गिलास हल्के गर्म दूध के साथ दिन में दो बार लेने से अपेंडिक्स की समस्या ठीक हो जाती है और उसी सूजन भी कम हो जाती है।
8. पुदीना के सेवन से इलाज :
बहुत से लोगों का मानना है कि पुदीने के सेवन से पेट की समस्याओं को दूर किया जा सकता है इससे पेट में गैस होना और चक्कर आदि को कम किया जा सकता है लेकिन अगर आपको अपेंडिक्स की समस्या है तब भी आप पुदीने का सेवन कर सकते हैं। आप पुदीने की चाय के सेवन से अपेंडिक्स की समस्या को ठीक करने में मदद करती है।
9. सेंधा नमक के सेवन से इलाज :
अगर आपको अपेंडिक्स की समस्या है तो आप सेंधा नमक का सेवन करें। आप भोजन करने से पहले थोडा सा सेंधा नमक, अदरक और टमाटर लें। अब टमाटर को काट लें और उस पर अदरक और सेंधा नमक मिलाकर लगायें इससे आपकी अपेंडिक्स की समस्या ठीक हो जाएगी।
10. चौलाई के साग के सेवन से इलाज :
अगर आप अपेंडिक्स की समस्या से परेशान हैं तो आप चौलाई के साग का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसके सेवन से आप रक्त विकारों, पेट और कब्ज आदि को दूर कर सकते हैं। आप अपेंडिक्स की समस्या होने पर चौलाई का साग लेकर पीस लें और उसका लेप बनाकर पेट पर लगायें।
11. राई का प्रयोग :
आप सभी ने राई को तो देखा ही है यह जितनी छोटी होती है इसके लाभ उतने ही बड़े होते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए दवा की तरह काम करती है। आप राई को पीसकर उसका लेप बना लें और इसे अपने पेट के दाई ओर लगायें इससे आपके अपेंडिक्स के दर्द में बहुत अधिक राहत मिलेगी।
अपेंडिक्स के बचाव के उपाय-(How To Save From Appendicitis In Hindi) :
- जब किसी व्यक्ति को पेट में दर्द हो तो उसे कुछ खाने पिने के लिए नहीं देना चाहिए।
- पेट दर्द होने पर दवाई नहीं लेनी चाहिए और न ही मालिश करनी चाहिए।
- जब व्यक्ति को पेट में अधिक दर्द हो तो तुरंत डॉ से जाँच करवानी चाहिए।
- अगर आपको बहुत अधिक दर्द हो रहा है तो दर्द दबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
- अगर आपको हल्का पेट दर्द और चिकना पैखाना आता है तो डॉ स जाँच करानी चाहिए क्योंकि ये आने वाले अपेंडिक्स के लक्षण होते हैं।
अपेंडिक्स में क्या खाएं-(What To Eat In Appendix In Hindi) :
- जिन लोगों को अपेंडिक्स की समस्या होती है उन्हें नींबू, शहद, दूध, फल, उबली हुई सब्जियां, लस्सी, मकई की रोटी, सलाद, पनीर, तुलसी, सेंधा नमक, अंकुरित बीज, गाजर का जूस, एरंड, गुडूची सत्व, खीरा, चुकंदर, अदरक, पालक, मेथी के चौलाई का साग, राई, मटर, ब्राउन राइस, दाने की चाय, पुदीना, एलोवेरा, इमली, टमाटर आदि का सेवन करना चाहिए।
अपेंडिक्स में क्या न खाएं-(Do Not Eat In Appendix In Hindi) :
- जिन लोगों ओ अपेंडिक्स की समस्या है उन्हें शराब, पशुओं के प्रोटीन स्त्रोत, चाय, कॉफी, डिब्बाबंद खाना, तला हुआ भोजन, पके हुए अंडे, वसायुक्त मांस, सफेद आटा, ब्रोकली, बीन्स, राजमा, चना, नट्स, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, मिर्च मसाले, मिठाई, चीनी आदि से दूर रहना चाहिए।