अरुचि (Anorexia In Hindi) :
जब हमारे अमाशय में खराबी हो जाती है या पाचन तंत्र ठीक से कार्य नहीं करता है तो अरुचि की समस्या हो जाती है जिससे भूख नहीं लगती और कुछ खाने का मन भी नहीं करता है। जब इस समस्या को बहुत अधिक दिन हो जाते हैं तो भूख लगनी ही बंद हो जाती है। ऐसे समय में रोगी को चाहे कितना भी अच्छा और पौष्टिक खाना दे दिया जाए पर उसका उसे खाने का मन ही नहीं करता। इसी भावना को भूख न लगना या अरुचि कहते हैं।
अरुचि के विभिन्न नाम : अरुचि को अंग्रेजी में एनोरेक्सिया, बंगाली में अरुचि, कन्नड़ में अरुचि और हसिवुनास, गुजरती में अरुचि, पंजाबी में भुखनास, मराठी में अन्नद्वेश, तमिल में रुचियिल्लम और अरुचि, तेलगू में अरुचि, मद्रास में रुचियिल्लम, उड़िया में अरुचि के नाम से जाना जाता है।
अरुचि के प्रकार (Types Of Anorexia In Hindi) :
(1) प्रतिबंधित अरुचि : इस रोग से ग्रस्त लोग कैलोरी कि गिनती करना, खाना न खाना, खाद्य पदार्थों को सिमित करना और खाने में नियमों का पालन करना जैसे एक ही रंग का खाना खाना। इनके साथ लोग बहुत अधिक व्यायाम करते हैं।
(2) अत्यधिक खाने वाली अरुचि : इससे ग्रस्त लोग भोजन पर प्रतिबन्ध लगाते हैं लेकिन इसमें आपे से बाहर भोजन कि एक बहुत बड़ी मात्रा को खाना भी शामिल है। इस भोजन कि क्षतिपूर्ति करने के लिए इंसान उलटी करता है एनिमा का दुरूपयोग करता है।
अरुचि के लक्षण (Symptoms of Anorexia in Hindi) :
1. अरुचि : जब किसी को अरुचि कि समस्या होती है तो उसे कुछ भी खाने का मन नहीं करता और अगर किसी को जबरदस्ती खाने को कहा जाए तो एक या दो ग्राम से ज्यादा नहीं खा पाता है। रोगी को अगर कब्ज हो तो उसे कुछ भी खाने का मन नहीं करता।
2. डकार आना : जब किसी को अरुचि कि समस्या होती है तो उसे बिना कुछ खाए-पिए ही खट्टी-खट्टी डकारें आने लगती हैं, पेट भरा हुआ लगता है और मुंह पानी से भर जाता है।
3. थकावट होना : कुछ भी न खाने कि वजह से शरीर में कमजोरी आ जाती है और ऐसे में अगर काम और सीढियाँ चढ़ी जाएँ तो बहुत अधिक थकावट महसूस होती है। ऐसे में रोगी का वजन कम हो जाता है और बैचेनी होने लगती है। रोगी का शरीर धीरे-धीरे सूखने लगता है। बालों और नाखूनों में कमजोरी, त्वचा का पीला पड़ना, जोड़ों में सूजन, दांत खराब होना, शरीर पर पतले-पतले बाल आना आदि अरुचि के कारण होते हैं।
4. एनीमिया : खून कि कमी से जब एनीमिया हो जाता है लेकिन अगर एनीमिया का इलाज जल्दी नहीं किया जाता है तो रोगी मृत्यु के समीप पहुँच जाता है।
5. वजन : कई हफ्तों तक तेजी से वजन कम होना लेकिन वजन कम होने पर भी सीमित भोजन करना। वजन बढ़ जाने का ज्यादा डर होना, वजन कम होने के बाद भी मोटे होने का एहसास होना, घटे हुए वजन को छिपाने के लिए ढीले कपडे पहनना आदि।
अरुचि के कारण (Reason of Anorexia In Hindi) :
1. कब्ज के कारण : कभी-कभी लोगों को कब्ज कि समस्या हो जाती है जिसकी वजह से उसकी आँतों में मल जम जाता है और इसी वजह से पाचन तंत्र में खराबी हो जाती है और भूख लगनी बंद हो जाती है।
2. चिंता के कारण : आज के समय में बहुत से लोग अधिक चिंता, डर, गुस्सा और घबराहट जैसी भावना महसूस करते हैं जिसकी वजह से भूख लगनी बंद हो जाती है और थोड़े दिनों तक ऐसा रहने से भूख लगनी बिलकुल ही बंद हो जाती है। ऐसे इंसान को अच्छे से अच्छे भोजन कि खुशबु से भी अरुचि हो जाती है।
3. संक्रमण के कारण : जब किसी व्यक्ति को संक्रमण रोग हो जाता है तो उसे भूख लगनी बंद हो जाती है और ऐसे में उसे भोजन से अरुचि हो जाती है।
4. खून कि कमी के कारण : अक्सर देखा जाता है कि लोगों को कम खाने और कम पौष्टिक भोजन खाने कि वजह से खून कि कमी हो जाती है जो भूख न लगने का कारण बन जाती है। खून कि ज्यादा कमी हो जाने कि वजह से एनीमिया जैसी समस्या हो जाती है जिससे अरुचि हो जाती है। रोगी को भोजन को देखकर ही घिन आने लगती है। रोगी का मनपसन्द खाना बनाने के बाद भी वजह भोजन खाने में अरुचि दिखाता है।
5. यकृत में खराबी के कारण : जब किसी वजह से यकृत में खराबी आ जाती है तब भी लोगों को भूख न लगने कि समस्या हो जाती है।
6. अरुचि का विशाल रूप : जब अरुचि कि समस्या बहुत अधिक बढ़ जाती है तो यह माइस्थेनिया के नाम से जानी जाने लगती है।
7. पेट में गर्मी के कारण : कई बार पेट में गर्मी अधिक बढ़ जाने कि वजह से भूख न लगने कि बीमारी हो जाती है।
अरुचि के परिणाम (Result Of Anorexia In Hindi) :
अरुचि एक बहुत ही आम समस्या होती है और बहुत दिनों तक चलती है लेकिन अगर रोगी का इलाज न कराया जाए तो रोगी के शरीर का खून धीरे-धीरे सूखने लगता है। अरुचि कि समस्या में दो या तीन सप्ताह के बाद रोगी कि मौत भी हो सकती है।
अरुचि का इलाज (Anorexia Treatment in Hindi) :
1. नींबू के सेवन से इलाज :
अरुचि कि वजह से लोग खाना नहीं खाते हैं जिसकी वजह से उन्हें भूख लगना बंद हो जाती है और वे मरने कि हालत में पहुँच जाते हैं। ऐसे में रोगी को नींबू का सेवन करना चाहिए क्योंकि नींबू खट्टा होता है और यह खट्टी-खट्टी डकारों को आने से रोकता है। आप नींबू को दो हिस्सों में काट लें। नींबू को काटने के बाद थोडा सा काला नमक लें और काले नमक को नींबू पर छिड़ककर उसे चाटें। नींबू के रस को चाटने से भूख न लगने कि बीमारी ठीक हो जाती है।
2. संतरे के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को भूख न लगने कि बीमारी होती है उन्हें संतरे का सेवन करना चाहिए। अगर आपको अरुचि कि समस्या है तो आप एक गिलास संतरे का रस लें और इसमें नमक और पिसि हुई काली मिर्च मिला लें और पी लें। ऐसा करने से भूख न लगने कि समस्या ठीक हो जाती है।
3. लस्सी के सेवन से इलाज :
अगर आप अरुचि से ग्रस्त हैं तो आप एक गिलास में लस्सी लें, अब इसमें थोडा सा सेंधा नमक, सरसों के दाने, भुना हुआ जीरा और हींग मिलकर रोज सेवन करें। ऐसा करने से भूख न लगने कि समस्या ठीक हो जाएगी और पाचन तंत्र से जुड़े हुए रोगों से भी छुटकारा मिलेगा।
4. अनार के सेवन से इलाज :
अरुचि कि समस्या को कम करने के लिए आप अनार के जूस में शहद को काला नमक मिलकर पी सकते हैं। इस रस को पिने से अरुचि कि समस्या खत्म हो जाएगी और रोगी को खुलकर भूख लगने लगेगी।
5. करेले के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को पेट से संबंधित समस्याएं होती हैं उनके लिए करेले का सेवन बहुत अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि करेले में ऐसे बहुत से पोषक तत्व होते हैं जो पेट कि समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। अरुचि से ग्रस्त व्यक्ति को 7 दिन तक करेले कि सब्जी खिलाने से पाचन कि समस्याएं दूर होती हैं और भूख भी बढती है।
6. गाय के घी के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को खाने में रूचि नहीं होती है उन्हें गाय के घी को सोंठ के चूर्ण में मिलाकर सेवन करना चाहिए इससे आपकी खाने के प्रति रूचि बढती है और साथ-ही-साथ आपका पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। गाय के घी का सेवन पेट कि समस्याओं को दूर करने में हमारी मदद करता है।
7. मूली के सेवन से इलाज :
अगर आप अरुचि से ग्रस्त हैं तो आप एक मूली लें। अब इस मूली को बिच में से काटकर तो टुकड़े कर लें। अब इन टुकड़ों पर नमक और काली मिर्च का पाउडर डालकर खाएं। ऐसा करने से पाचन क्रिया तेज हो जाएगी और भूख लगनी भी तेज हो जाएगी।
8. गाजर के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को भूख न लगने कि समस्या होती है उन्हें गाजर का रस पीना चाहिए क्योंकि गाजर का सेवन खून बढ़ाने में मदद करता है। आप गाजर के रस में पिसि हुई काली मिर्च और नमक मिलाकर सेवन करें। इस रस के सेवन से अरुचि कि समस्या खत्म हो जाती है।
अरुचि में क्या खाएं (What to Eat In Anorexia In Hindi) :
- खाने में आप चोकर के आटे कि रोटियां, पुराने चावल का भात, दूध, नींबू, अंगूर, आम, अनार, तरबूज, पके हुए बेर, मूली, मौसमी, नींबू, मिर्च, आचार, काला नमक, पुदीना, धनिया, मूंग-मसूर कि दाल, ठीक से उबले हुए चावल आदि खाना खा सकते हैं।
- अगर आप मांसाहारी हैं तो आप मछली का शोरबा भी ले सकते हैं जो बहुत अधिक फायदेमंद होता है।
- इस बीमारी से ग्रस्त रोगी को हल्का और रूचि के अनुसार भोजन देना चाहिए।
- अरुचि होने पर पानी में तैरना, सुबह और शाम कि सैर, व्यायाम और शरीर कि मालिश आदि करना चाहिए।
- रोगी को फल या उनके रस पिलाना और ताजी और हरी सब्जियां खाना भी ठीक होता है।
अरुचि में क्या नही खाएं (Do Not Eat In Anorexia In Hindi) :
- सड़ी हुई, गरिष्ठ भोजन, घी और तेल में बना भोजन और बासी चीजें नहीं खानी चाहिए।
- गंदा पानी नहीं पीना चाहिए।
- अरुचि होने पर गन्दी और घिन वाली जगहों और चीजों के पास नहीं जाना चाहिए।
- धूप और आग से दुरी रखनी चाहिए।
- खाना खाने के बाद एक ही जगह पर ज्यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए।
- ऐसे में रोगी को अधिक गुस्सा या डर नहीं लगना चाहिए।