पेट का अल्सर-(Gastric Ulcer In Hindi)
जब पेट में छाले या ऐसे घाव हो जाते हैं जो फफोले बन जाते हैं उसे ही पेट का अल्सर कहते हैं। गलत खान-पान की वजह से बदलाव हो तो ऐसी समस्या हो जाती है। जब शरीर के अंदर छोटी आंत की शुरुआत की जगह पर छाले पड़ जाते हैं जिसे अल्सर रोग का होना कहा जाता है।
इस तरह का अल्सर पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक अल्सर होता है। जब इस समस्या का ठीक समय पर उपचार नहीं किया जाता तो छालों की जगह पर जख्म बन जाते हैं जिसकी वजह से रोगी को बहुत अधिक कठिनाईयां होती हैं। जब अल्सर पक जाते हैं तो ये फट जाते हैं जिसे परफॉरेशन कहा जाता है।
पेट के अल्सर के प्रकार-(Ulcer Types In Hindi) :
1. गैस्ट्रिक अल्सर : यह अल्सर पेट के अंदर होता है । यह अल्सर हमारी भोजन नली में होता है जो हमारे भोजन को मुंह और गले से पेट तक लेकर जाता है, इसे ही गैस्ट्रिक अल्सर कहा जाता है। इसमें जब व्यक्ति खाना खाता है तो खाना खाने के बाद उसके पेट में दर्द होने लगता है।
2. ड्यूडिनल अल्सर : यह अल्सर छोटी आंत के ऊपरी भाग पर होता है। इसमें छोटी आंत के शुरू में छाले पड़ जाते हैं जिसे ड्यूडिनल अल्सर कहा जाता है। इसमें जब व्यक्ति खाना नहीं खाता और खाली पेट रहता है तब उसे पेट दर्द होने लगता है और जब व्यक्ति भोजन कर लेता है तो उसका पेट दर्द ठीक हो जाता है।
पेट के अल्सर के कारण-(Ulcer Reason In Hindi) :
1. अम्ल बढने से : जब किसी व्यक्ति के शरीर में भोजन को पचाने वाले अम्ल की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और यह अम्ल अमाशय या आँतों की दीवारों को चोट पहुँचाना शुरू कर देता है तब पेट के अल्सर की समस्या हो सकती है क्योंकि अम्ल की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है जिससे पेट से संबंधित और भी कई समस्याएं होने लगती हैं।
2. धुम्रपान से : जब कोई व्यक्ति शराब, सिगरेट या किसी भी तरह का धुम्रपान करता है तब भी उस व्यक्ति को पेट के अल्सर या अल्सर की समस्या हो सकती है।
3. ज्यादा स्टीरॉयड्स से : जब किसी व्यक्ति के अंदर स्टीरॉयड्स की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तो ऐसे लोगों को भी पेट के अल्सर की समस्या हो सकती है।
4. मानसिक रोगों से : जब भी कोई व्यक्ति अधिक चिंता, ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, नफरत करता है तो भी उसे पेट के अल्सर की समस्या हो सकती है क्योंकि ये सब भावनाएं उनके अंदर एसिड की मात्रा को बढ़ा देते हैं।
5. बैक्टीरिया से : जिन लोगों को हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नाम के जीवाणु से संक्रमण होता है ऐसे लोगों को पेट का अल्सर बहुत जल्दी होता है। अगर आपको भी बैक्टीरिया की वजह से कोई संक्रमण हुआ है तो आपको पेट का अल्सर हो सकता है।
6. खान-पान से : जब कोई व्यक्ति अपनी आदतें और खान-पान की आदतों को गलत रखता है तब भी पेट के अल्सर की समस्या हो जाती है। जब कोई व्यक्ति गलत और एसिड बनाने वाले भोजन का सेवन करता है तो पेट का अल्सर और बढ़ जाता है जो बहुत अधिक हानिकारक होता है।
7. दवाईयों से : बहुत से लोग दर्द को सहन नहीं कर पते हैं और पेनकिलर और बहुत सी दर्द कम करने वाली दवाओं का सेवन करते हैं जिनसे भी यह बीमारी हो सकती है क्योंकि दवाईयां कैमिकल से बनी होती हैं जो किसी-न-किसी तरह का एसिड बनाती है इसलिए भी पेट के अल्सर का रोग हो सकता है।
पेट के अल्सर के लक्षण-(Stomach Ulcer Symptoms In Hindi) :
1. डकार आना : अगर आपको बिना खाए ही बार-बार डकार आने लगती हैं अगर आपको भी ऐसा होता है तो आपको पेट में अल्सर की समस्या हो सकती है।
2. पेट दर्द : जब किसी व्यक्ति के पेट में दर्द होता है या पेट के ऊपरी हिस्सों में दर्द होने का एहसास होता है तो आपको पेट का अल्सर हो सकता है। अगर आपको ऐसा लगता है आपके पेट में किसी तरह का जख्म हो गया है तब भी आपको पेट का अल्सर हो सकता है। जब रात के समय अगर आप भूखे होते हैं तो पेट दर्द और भी अधिक तेज हो जाता है।
3. पेट में सूजन : जब आपका पेट ठीक तरह से साफ नहीं होता या आप किसी तरह का गैसीय पदार्थ खा लेते हैं तो आपको गैस की समस्या हो जाती है जिससे छाती में जलन होने लगती है और पेट पर सूजन भी आ जाती है। अगर आपको ऐसी समस्याएं हैं तो हो सकता है कि आपको असर की समस्या हो।
4. मलत्याग में खून : जब किसी व्यक्ति को मलत्याग करते समय परेशानी हो या मलत्याग करते समय खून आये तो उस व्यक्ति को पेट के अल्सर की समस्या हो सकती है।
5. खून की उल्टी : जब किसी व्यक्ति का जी मिचलाता है या खून की उलटी होती हैं तो आपको भी पेट के अल्सर की समस्या हो सकती है क्योंकि यह पेट के अल्सर का एक लक्षण होता है।
6. वजन घटना : जब व्यक्ति बार-बार मलत्याग करता है और मलत्याग के द्वारा उसके शरीर का खून भी मलत्याग के द्वारा बाहर निकलने की वजह से व्यक्ति का वजन घटना लगता है और उसे कमजोरी भी होने लगती है ऐसा होने पर आपको पेट का अल्सर हो सकता है क्योंकि यह पेट के अल्सर का एक लक्षण होता है।
7. मल काला पड़ना : जब किसी व्यक्ति का पेट के अल्सर का समय पर उपचार नहीं होता और उसका अल्सर पाक जाता है तो उसका मलत्याग करने पर उसके मल का रंग बदल जाता है। रोगी का मल काला पड़ जाता है।
8. कमजोरी होना : जब व्यक्ति को खाना खाने के एक या दो घंटे बाद फिर से भूख लगने लगती है तब पेट के अल्सर का रोग हो सकता है। कभी-कभी रोगी को भूख नहीं लगती है और थकावट महसूस होती है और कमजोरी भी होने लगती है जो पेट के अल्सर के कारण भी हो सकता है।
पेट के अल्सर का इलाज-(Stomach Ulcer Treatment at Home In Hindi) :
पिसे हुए आंवले का दो चम्मच चूर्ण रात को एक कप पानी में भिगो दें। सुबह उसमें आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ, चौथाई चम्मच जीरा तथा दो चम्मच पिसी हुई मिश्री मिलाकर सेवन करें।
1. बेलपत्र जूस के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को पेट के अल्सर की समस्या होती है उन्हें बेलपत्र का जूस पीना चाहिए अगर आप बेलपत्र का जूस नहीं पीना चाहते तो आप बेलपत्र को पीसकर पानी में मिलकर भी पी सकते हैं। इसके सेवन से आपके पेट के अल्सर में बहुत अधिक फायदा होगा और आप रोग मुक्त हो जाएंगे।
2. बादाम के सेवन से इलाज :
अगर आपको पेट के अल्सर की समस्या है तो आप रात के समय बादाम की गिरियों को भिगोकर रख दें। सुबह होने पर आप इन गिरियों को छील लें। अब इन गिरियों को आप चबचबाकर खाएं जिससे इन गिरियों का दूध आपके पेट के छालों तक पहुँच सके और आपकी पेट के अल्सर की समस्या दूर हो सके। अगर आप बादामों को चबा नहीं सकते तो आप उन्हें दूध के साथ पीसकर भी पी सकते हैं इससे भी आपकी पेट के अल्सर की समस्या दूर हो जाएगी।
3. गाय के दूध के घी के सेवन से इलाज :
जिस व्यक्ति को पेट के अल्सर की समस्या होती है उसे गाय के दूध के बने हुए घी का सेवन करना चाहिए क्योंकि गाय के दूध के बने घी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट के छालों को ठीक करने में मदद करते हैं। गाय के दूध से बने घी का सेवन करने से पेट के अल्सर की समस्या ठीक हो जाएगी।
4. सहजन के पत्तों के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को पेट के अल्सर की समस्या है उन्हें सहजन के पत्तों से बने पेस्ट का सेवन करना चाहिए। आप सहजन के बने पत्तों का पेस्ट बनाने के लिए सहजन के पत्ते ले लें। अब अब इन पत्तों को दही के साथ पीस लें और इस पेस्ट को आप दिन में एक बार सेवन करें इससे आपको अल्सर में बहुत अधिक फायदा होगा।
5. संतरे के सेवन से इलाज :
जिन लोगों को पेट के अल्सर की समस्या होती है उन्हें संतरे का सेवन करना चाहिए। जब आपको अपने पेट में घाव होने के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं तो आप दिन में दो बार संतरे के रस का सेवन करें इससे बहुत अधिक लाभ होगा और आपकी पेट के अल्सर की समस्या भी ठीक हो जाएगी।
6. केला के सेवन से इलाज :
जब किसी व्यक्ति को अल्सर की समस्या हो जाए तो आप रोगी को केले का सेवन करने के लिए दे सकते हैं। आप रोगी को दो केले कुचल लें और इनमें तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर सेवन करें इससे आपको पेट के अल्सर में बहुत अधिक फायदेमंद होगा।
पेट के अल्सर के बचाव के उपाय-(How To Save From Peptic Ulcer In Hindi) :
- अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो आप तनाव वाली बातों और चीजों से दूर रहना चाहिए।
- इस रोग से दूर रहने के लिए आपको प्रतिदिन व्यायाम और पैदल चलना चाहिए ।
- रोगी को खाना हल्का और पौष्टिक देना चाहिए और उसे खाना आराम से खाने और समय पर खाने के लिए देना चाहिए।
- जब रोगी को बुखार या दर्द हो तो कम-से-कम दवाएं देनी चाहिए। जितना हो सके दवाईयों का सेवन कम करने देना चाहिए।
- सुबह और शाम के खाने के बीच में कम-से-कम दो या तीन घंटे का अंतर होना चाहिए।
- जितना हो सके रोगी के आस-पास साफ-सफाई रखनी चाहिए।
पेट के अल्सर में क्या खाएं-(What To Eat In Peptic Ulcer) :
- जिन लोगों को अल्सर की समस्या होती है उन्हें दही, लहसुन, संतरा, करौंदा, सेब, ग्रीन टी, शहद, दूध, सब्जियां, सूप, मसले, कस्टर्ड, दलिया, चपाती, चावल, चीकू, केला, शरीफा आदि का सेवन करना चाहिए।
पेट के अल्सर में क्या न खाएं-(Do Not Eat In Peptic Ulcer) :
- जिन लोगों को पेट के अल्सर की समस्या होती है उन्हें ज्यादा तेल वाले, मिर्च, मसाले वाले, जंकफूड, कोल्डड्रिंक, चाय, कॉफी, शराब, सिगरेट, सोडा, नींबू, मौसंबी, संतरा, अंगूर, अनानास, जूस, जिम, जैली, मांस, मैदे से बनी चीजें, दूध, दही, खोया, लौकी, तोरई, परवल, पालक, टिंडे, मूली, खीरा, ककड़ी, तरबूज, इमली, खटाई, तंबाकू, कैफीन, अंडा, मछली, मिर्च, काली मिर्च, जायफल, सरसों के दाने, ब्लैक टी, टमाटर, अंकुरित दाल, पेस्ट्री, केक, अनानास, अमरुद, सफेद ब्रेड, चीनी, पास्ता, प्रोसेस्ड, आदि का सेवन करना चाहिए।