1. प्रेम कोई भावना नहीं है यह आपका खुद का अस्तित्व है।
2. मैं आपसे बताता हूँ आपके भीतर एक परमानंद का फव्वारा है प्रसन्नता का झरना है। आपके मूल के भीतर सत्य, प्रकाश, प्रेम है वहां कोई अपराध बोध नहीं है वहां कोई डर नहीं है। मनोवैज्ञानिकों ने कभी इतनी गहराई में नहीं देखा।
3. किसी को भी श्रद्धा यह समझाने में है कि आप हमेशा वो पा जाते हैं जिसकी आपको जरुरत होती है।
4. आप खुद आज भगवान का दिया हुआ एक उपहार है इसीलिए इसे प्रेजेंट कहते हैं।
5. मानव विकास के दो चरण हैं कुछ होने से कुछ ना होना और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है।
6. जब आप अपना दुःख बांटते हैं वो कम नहीं होता जब आप अपनी खुशी बांटने से रह जाते हैं वो कम हो जाती है। अपनी समस्याओं को सिर्फ ईश्वर से सांझा करें और किसी से नहीं क्योंकि ऐसा करना सिर्फ आपकी समस्या को बढ़ाएगा अपनी खुशी सबके साथ बांटें।
7. दूसरों की सुनो फिर भी मत सुनो अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा ना सिर्फ वो दुखी होंगे बल्कि तुम भी दुखी हो जाओगे।
8. जीवन ऐसा कुछ नहीं है जिसके प्रति बहुत गंभीर रहा जाए। जीवन तुम्हारे हाथों में खेलने के लिए एक गेंद है गेंद को पकड़े मत रहो।
9. हमेशा आराम की चाहत में तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।
10. बुद्धिमान वो है जो औरों की गलती से सीखता है। थोडा कम बुद्धिमान वो है जो सिर्फ अपनी गलती से सीखता है। मूर्ख एक ही गलती बार बार दोहराते रहते हैं और उनसे कभी सीख नहीं लेते अपने अंदर सीखने की चाहत रखे।
11. एक निर्धन व्यक्ति नया साल वर्ष में एक बार मनाता है। एक धनी व्यक्ति हर दिन लेकिन जो सबसे समृद्ध होता है वह हर क्षण मनाता है।
12. आप अपने कार्य के पीछे की मंशा को देखो अक्सर तुम उस चीज के लिए नहीं जाते जो तुम्हे सच में चाहिए।
13. यदि तुम लोगों का भला करते हो तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो।
14. मैं स्वर्ग से कितना दूर? आप अपनी आँखें खोलो और देखो तुम स्वर्ग में हो।
15. तुम दिव्य हो तुम मेरा हिस्सा हो मैं तुम्हारा हिस्सा हूँ।
16. भगवान के यहाँ से तुम्हे सर्वोच्च आशीर्वाद दिया गया है। इस ग्रह का सबसे अनमोल ज्ञान दिया गया है। तुम दिव्य हो तुम परमात्मा का हिस्सा हो विश्वास के साथ बढ़ो यह अहंकार नहीं है यह पुन: प्रेम है।
17. तुम्हारा मस्तिष्क भागने की सोच रहा है और उस रास्ते पर जाने का प्रयास नहीं कर रहा है। जहाँ गुरु ले जाना चाहते हैं तुम्हे उठाना चाहते हैं।
18. चाहत या इच्छा तब पैदा होती है जब आप खुश नहीं होते क्या आपने देखा है? जब आप बहुत खुश होते हैं तब संतोष होता है संतोष का धन अर्थ है कोई इच्छा ना होना।
19. इच्छा हमेशा मैं पर लटकती रहती है जब स्वयं मैं लुप्त हो रहा हो इच्छा भी समाप्त हो जाती है ओझल हो जाती है।
20. हर एक चीज के पीछे तुम्हारा अहंकार है मैं, मैं, मैं, मैं लेकिन सेवा में कोई मैं नहीं है क्योंकि यह किसी और के लिए करनी होती है।
21. दूसरों को आकर्षित करने में काफी उर्जा बर्वाद होती है। और दूसरों को आकर्षित करने की चाहत में-मैं बताता हूँ विपरीत होता है।
22. अपने हुनर को पहचानें और सम्मान दें।
23. आध्यात्मिक ज्ञान युक्त क्षमता, नवीन क्षमता और संचार को बेहतर बनाता है।
24. कामयाबी के पीछे बैचेन न हो, अगर लक्ष्य साफ है तो थोड़ा सब्र रखना चाहिए, किस्मत तुम्हारा साथ देगी…।
25. नए विचारों के लिए दिमाग को खोले, न की सफलता के बारे में चिंतित हो, 100 प्रतिशत प्रयास करना और ध्यान लगाना उद्यमियों के लिए सूत्र है।।
26. जिंदगी में गंभीर होने जैसा कुछ नही है। जिन्दगी आपके हाथों में एक गेंद की तरह है जिसके साथ खेलना है। गेंद को पकड़ो मत।
27. हमेशा आराम के चक्कर में रहेंगे तो आप आलसी हो जाएंगे। हमेशा निपुणता की चक्कर में रहेंगे तो गुस्सेल बन जाएंगे, और अगर हमेशा अमीर बनने के चक्कर में रहेंगे तो लालची बन जाएंगे।
28. एक गरीब आदमी साल में एक बार नए साल का जश्न मनाता है। एक अमीर आदमी प्रत्येक दिन मनाता है। लेकिन सबसे अमीर आदमी हर पल मनाता है।
29. अपने कार्यों के पीछे के उद्देश्यों को देखें। अक्सर आप उन चीजों के लिए नहीं जाते जो वास्तव में आप चाहते हैं।
30. दूसरों को आकर्षित में हम ज्यादा ऊर्जा खत्म कर देते हैं और आकर्षण की इच्छा में-ठीक इसके विपरीत होता है।
31. भरोसा तुम्हे यह अहसास दिलाता है की तुमने हमेशा वह पाया जिसे तुमने चाहा।
32. ज्ञान एक बोझ है अगर यह आपको लूटता है।
33. ज्ञान एक बोझ है अगर यह आपको एक विचार प्रदान करता है कि आप बुद्धिमान हैं।
34. ज्ञान एक बोझ है, अगर यह आपको अहसास दिलाता है कि आप विशेष हैं।
35. ज्ञान एक बोझ है अगर यह जीवन में एकीकृत नहीं है।
36. ज्ञान एक बोझ है अगर यह जीवन में खुशी नहीं लाता है।
37. हम अपने गुस्से को क्यों नियंत्रित नहीं कर सकते? क्योंकि हम पूर्णता से प्यार करते हैं। अपने जीवन में अपूर्णता के लिए एक छोटा कमरा बनाये।
38. प्यार में गिरो नही, प्यार में उठो।
39. जो कुछ बीत गया उस पर गुस्सा करके कोई फायदा नहीं है। अगर कुछ कर सकते हो तो पहले वाली गलती दोबारा मत होने दो।
40. खुशी कल में नहीं है, यह हमेशा अब है।
41. समझदार वह है जो किसी और की गलतियों से सीखता है, कम बुद्धिमान वह है जो अपनी गलतियों से ही सीखता है और मूर्ख बार-बार एक ही गलती करता है और कभी भी उनसे नहीं सीखता।
42. तुम्हारे अंदर कोई भावना आई, अप्रिय भावना, और तुमने कहा, नहीं आनी चाहिए, ये फिर से नहीं आनी चाहिए। ऐसा करके तुम उसका विरोध कर रहे हो। जब तुम विरोध करते हो, वो कायम रहती है। बस देखो, ओह! उसकी गहराई में जाओ। नाचो, अपने पैरों पर खड़े हो और नाचो। मस्ती में रहो, मस्ती में चलो।
43. स्वयं अध्यन कर के, देख कर, खोखले और खाली होकर, तुम एक माध्यम बन जाते हो-तुम परमात्मा का अंश बन जाते हो। तुम देवत्त्व की उपस्थिति को महसूस कर सकते हो। सभी स्वर्गदूत और देवता, हमारी चेतना के ये विभिन्न रूप खिलने लगते हैं।
44. तो क्या अगर कोई तुम्हे पहचानता है: ओह, तुम एक शानदार व्यक्ति हो। तो क्या? उस व्यक्ति के दिमाग में वो विचार आया और गया। वह भी खत्म हो गया। वो विचार चला गया। हो सकता है कि कुछ दिन, कुछ महीने वो तुम्हारे प्रति आकर्षित रहे, तो क्या? वो भी चला जाता है, ये भी चला जाता है।
45. दूसरों को आकर्षित करने में काफी उर्जा बर्वाद होती है और दूसरों को आकर्षित करने की चाहत में-मैं बताता हूँ, विपरीत होता है।
46. इच्छा हमेशा मैं पर लटकती रहती है। जब स्वयं मैं लुप्त हो रहा हो, इच्छा भी समाप्त हो जाती है, ओझल हो जाती है।
47. चाहत, या इच्छा तब पैदा होती है जब आप खुश नहीं होते। क्या आपने देखा है? जब आप बहुत खुश होते हैं तब संतोष होता है। संतोष का अर्थ है कोई इच्छा ना होना।
48. तुम्हारा मस्तिष्क भागने की सोच रहा है और उस अस्तर पर जाने का प्रयास नहीं कर रहा है जहाँ गुरु ले जाना चाहते हैं, तुम्हे उठाना चाहते हैं।
49. अपने कार्य के पीछे की मंशा को देखो। अक्सर तुम उस चीज के लिए नहीं जाते जो तुम्हे सच में चाहिए।
50. एक निर्धन व्यक्ति नया साल वर्ष में एक बार मनाता है। एक धनाड्य व्यक्ति हर दिन। लेकिन जो सबसे समृद्ध होता है वह हर क्षण मनाता है।
51. किसी ऐसे से प्रेम करना जिसे तुम चाहते हो नगण्य है किसी से इसलिए प्रेम करना क्योंकि वो तुमसे प्रेम करता है महत्त्वहीन है। किसी ऐसे से प्रेम करना जिसे तुम नहीं चाहते, मतलब तुमने जीवन का एक सबक सीख लिया है। किसी ऐसे से प्रेम करना जो बिना वजह तुम पर दोष मढ़े, दर्शाता है कि तुमने जीने की कला सीख ली है।
52. ज्ञान बोझ है यदि वह आपके भोलेपन को छीनता है। ज्ञान बोझ है यदि वह आपके जीवन में एकीकृत नहीं है। ज्ञान बोझ है यदि वह प्रसन्नता नही लाता। ज्ञान बोझ है यदि वह आपको यह विचार देता है कि आप बुद्धिमान हैं। ज्ञान बोझ है यदि वह आपको स्वतंत्र नहीं करता। ज्ञान बोझ है यदि वह आपको यह प्रतीत कराता है कि आप विशेष हैं।
53. हमेशा आराम की चाहत में, तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो। हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।
54. जीवन ऐसा कुछ नहीं है जिसके प्रति बहुत गंभीर रहा जाए। जीवन तुम्हारे हाथों में खेलने के लिए एक गेंद है। गेंद को पकड़े मत रहो।
55. जहाँ भी सच्चाई और प्रतिभा है उसे पहचाना जाता है। इसमें कुछ वक्त लग सकता है। लेकिन हमें चाहिए कि हम धैर्य के साथ अपने जुनून के प्रति समर्पित रहें।
56. असफलता भविष्य में सफलता प्राप्त करने की अच्छी विधि है।
57. आध्यात्मक ज्ञान की शक्ति आपको केंद्रीकरण प्रदान करती है जिससे आपको कार्य के प्रति जुनून प्राप्त होता है।आध्यात्मिक ज्ञान आपकी अंतर्जणन शक्ति, मौलिक शक्ति और संवाद क्षमता को बढ़ाता है।
58. न तो आप बहुत ज्यादा लापरवाह रहें और न ही बेचैन हों। आपको बीच का रास्ता अपनाना चाहिए।
59. सृष्टि उनकी ही मदद करती है जिनके उद्देश्य स्पष्ट और शुद्ध होते हैं।
60. अपनी विशिष्टता को पहचानिए और उसका सम्मान कीजिए।
61. कार्यक्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का सकारात्मक पहलू यह है कि प्रतिस्पर्धा आपको अधिक जागरूक और प्रगतिशील बनाती है।
62. अपने मस्तिष्क को नए विचारों के लिए खुला रखें। सफलता की बहुत अधिक चिंता मत कीजिए। सौ प्रतिशत प्रयास और ध्यान ही उद्यमियों की सफलता का सूत्र है।
63. असंभव स्वप्न देखें। ये जान लें कि आपका जन्म इस विश्व में आश्चर्यजनक और अद्वितीय करने के लिए हुआ है। इस अवसर को जाने न दें। स्वयं को बड़ा सोचने और स्वप्न देखने की स्वतन्त्रता दें।
64. ध्यान ही ऐसा स्थिर मस्तिष्क प्राप्त करने का विकल्प है जो लालसा और द्वेष से ऊपर हो। केवल ध्यान ही आत्मा की भूख को शांत कर सकता है।
65. आप जिंदगी में जितना अधिक कार्य करेंगे उतनी ही अधिक श्रेष्ठता आपको प्राप्त होगी। जैसे आपकी श्रेष्ठता बढ़ती जाएगी आप उतने ही शांत और स्थिर होते जायेंगे।
66. जब आप अपने दुखों को सभी को बताते हैं तो ये कम नहीं होते। जब आप अपने सुखों को किसी को भी नहीं बताते तो भी ये कम हो जाते हैं। इसलिए अपनी समस्यओं को केवल ईश्वर को बताएं और किसी अन्य को नहीं क्योंकि सभी को बताने से समस्या बढ़ती ही है। अपने सुख सभी को बताएं।
67. यदि आप सदैव आराम चाहेंगे तो आप आलसी हो जायेंगे। यदि आप सदैव प्रवीणता चाहेंगे तो आप क्रोधी हो जायेंगे और यदि आप सदैव अमीर बनना चाहेंगे तो आप लालची हो जायेंगे।
68. अभिप्रेरणा और प्रेरणा में अंतर है। अभिप्रेरणा बाहर से होती है और कम समय रहती है जबकि प्रेरणा आंतरिक है और दीर्घ काल तक रहती है।
69. यदि आप अपने मन को जीत लेते हैं, तो आप सारा संसार जीत सकते हैं।
70. इस बात में विश्वास रखें कि कोई आपको, आपकी कमजोरियों से दूर ले जा रहा है। आप एक, दो या तीन बार गिरते हैं ये मायने नहीं रखता है। आप आगे बढ़ते चले जाइए।
71. प्रेम कोई अहसास या भावना नहीं यह तो आपका अस्तित्व है| प्रेम में गिरो नहीं ऊपर की ओर उठो।
72. आप केवल शांत और स्थिर रहें। आपको अपने सभी प्रश्नों के उत्तर स्वतः ही प्राप्त होते जायेंगे।
73. प्रेम अर्थात सभी कुछ देना और कुछ भी नहीं लेना।
74. वचनबद्धता यानि आपकी क्षमताओं का खिंचाव है जो आपको प्रत्येक रूकावट के पार ले जाती है।
75. प्रसन्न रहने की आदत डालो। यह तुम्हें ही करना है और तुम्हारे लिए यह कोई और नहीं कर सकता।
76. जि़न्दगी तुम्हें सकारात्मकता और नकारात्मकता दोनों प्रदान करेगी। केवल अच्छे अवसरों पर ध्यान दो और वचनबद्धता के साथ आगे बढ़ते जाओ।
77. प्यार का रास्ता कोई उबाऊ रास्ता नही है। बल्कि ये तो मस्ती का मार्ग है। ये गाने का और नाचने का सबसे अच्छा मार्ग है।
78. अस्वीकृति का मतलब अपने आप में ही सिमित रहना है।
79. हमेशा आराम की चाहत में, तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में पुनः क्रोधित हो जाते हो। हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।
80. कार्य करना और आराम करना जीवन के दो मुख्य अंग है। इनमे संतुलन स्थापित करने के लिए अपनी योग्यता का उपयोग करना चाहिये।
81. जीवन प्रकृति के बनाये नियमो पर चलता है।
82. जिनमे कोई यह नही जानता की एक दोस्त कब दुश्मन बन जाये या दुश्मन कब दोस्त बन जाये। इसीलिए हमेशा खुद पर भरोसा रखे।
83. शाश्वत इंतज़ार, अनंत धैर्य का होना बहोत जरुरी है। क्योकि जब आपके पास अनंत धैर्य होता है, तब आपको अपने पीछे भगवान को अनुभूति होती है। जबकी सतत प्रयास और कोशिश करते रहने से भी आप इसी जगह पर पहोच सकते हो।
84. यदि कोई आपको सबसे ज्यादा खुशी दे सकता है तो वह आपको दुःख भी दे सकता है।
85. उस बात के लिए गुस्सा होना जो पहले से ही हो चुकी है, इसका कोई अर्थ नही है। आप हमेशा अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हो, नही करते तो बस आप घटित घटना को नए नजरिये से नही देखते।
86. अनंत मतलब सिमित चीजो या बातो को व्याप्त करना या विस्तृत करना है।
87. जिसे तुम चाहते हो उससे प्रेम करना नगण्य है। किसी से इसलिए प्रेम करना क्योंकि वह तुमसे प्रेम करता है यह महत्वहीन है। किसी ऐसे से प्रेम करना जिसे तुम नहीं चाहते, मतलब तुमने जीवन से कुछ सीखा है। किसी ऐसे से प्रेम करना जो तुमसे घृणा करे यह दर्शाता है की तुमने जीवन जीने की कला सीख ली।
88. तुम बिलकुल पके हुए फल जैसे हो। हम सब में दैवीय गुण है लेकिन हम ना तो उनका विश्लेष्ण करते है और ना ही उनको संस्कारित करते है।
89. घटनाए जो कालचक्र के चक्रव्यूह को पार कर ले, लोगो के लिए आदर्श बन जाती है।
90. लगन जो अपमान झेल ले वह एकाग्रचित होकर अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेती है।
91. प्रेम जो उपेक्षा झेल ले वह क्रोध और अहंकार से मुक्त हो जाता है।
92. वैराग्य की अभिव्यक्ति अहंकार का कारण बन सकती है पेड़ की जड़े जैसे छिपी रहती है वैसे ही वैराग्य को भी हृदय में छुपाकर रखो।
93. अपने वैराग्य को गुप्त रखो और अपने प्रेम को प्रकट करो। वैराग्य प्रकट करने से जीवन में उत्साह तिरोहित हो जाता है और प्रेम प्रकट ना हो तो घुटन होने लगती है।
94. आत्मा शोक एक मृत्यु से मुक्त है किन्तु सब सापेक्ष घटनाये इसी की गोद में घटती है।
95. अपने प्रति तुंरत कोई राय ना बनाओ और अपने को अथवा अपने प्यार की अभिव्यक्ति को कोई नाम देना छोड़ दो।
96. अक्सर देखा जाता है की लोग बहुत से काम दुसरो की वजह से खुद नही कर पाते है, उनके मन में बस यही ख्याल रहता है की लोग क्या सोचेगे, लोगो को छोडिये अगर हमे नाचना न भी आता है तो भी हमे नाचना चाहिए, क्यू की नाचने से अपने आप को खुशी मिलेगी वो कोई दूसरा तो दे नही सकता ना।
97. लोग शर्म के मारे जो कोई फोटो खिचता है तो लोग अक्सर पीछे हो जाते है लेकिन हमे खुद फोटो खीचने के लिए हमेसा आगे आना चाहिए। और फोटो खीचने के लिए एकदम छोटे बच्चो की तरह बन जाना चाहिए और एकदम अलग अलग तरह के पोज देना चाहिए जो की हसने के लिए काफी हो, जब हम इन फोटो को कभी अकेले में देखेगे तो खुद पर हसी जरुर आएगी और जो खुशी मिलेगी शायद वो बड़कर हो।
98. जब हमारे पास बहुत ज्यादा काम हो तो हमे घबराना नही चाहिए और और इन कामो को हसते हुए करते रहना चाहिए, क्यू की अगर टेंशन लेकर कोई काम करेगे तो बना हुआ भी काम बिगड़ सकता है। और जब हमे रेस्ट मिले तो भी खुश रहना चाहिए। ना की बस सोच सोच कर खुद को टेंशन में डाल ले।
99. जब हमारे घर में खाने में अगर पनीर ना हो तो हमे दुखी नही होना चाहिए और ना ही खाने पर गुस्सा दिखाना चाहिए। जो मिले उसी को खाकर हमे खुस रहना चाहिए। चलो पनीर न सही दाल तो मिला ऐसा सोचकर खुश रहे तो हम जरुर अपनी लाइफ को जरुर खुद से सुखी बना सकते है।
100. अगर हमारे पास बड़े बड़े गाडी और सुख सुविधा वाले साधन न हो तो हमे पैदल चलने में भी खुस रहना चाहिए, दुखी रहने से ये चीजे हमे मिल तो नही जाएगी ऐसा सोच कर हमेसा आगे बढते रहना चाहिए।