1. यह कोई मायने नहीं रखता कि आप किसे प्यार करते हो, कहाँ प्यार करते हो, क्यों प्यार करते हो, कब प्यार करते हो और कैसे प्यार करते हो, किस लिए प्यार करते हो, मायने केवल यही रखता है की आप केवल प्यार करते हो।
Yh koi mayne nhin rakhta ki aap kise pyar karte ho, kahan pyar karte ho, kyon pyar karte ho, kab pyar karte ho kaise pyar karte ho, kis liye pyar karte ho, mayne keval yahi rakhta hai ki aap keval pyar karte ho.
2. अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए। जीवन को मजे के रूप में लीजिए-क्योंकि वास्तविकता में यही जीवन है।
Adhik se adhik bhole, kam gyani bacchon ki tarah baniye. Jivan ko maje ke rup me lijiye-kyonki vastvikta me yahi jivan hai.
3. प्यार तभी सच्चा होता है जब कोई एक-दूसरे के व्यक्तिगत मामलों में दखल न दे। प्यार में दोनों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
Pyar tabhi saccha hota hai jab koi ek-dusre ke vyaktigat mamlon me dakhal na de. Pyar me donon ko ek-dusre ka samman karna chahiye.
4. जैन समाज के लोग भगवान बुद्ध से इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मजाक भी उड़ा सकते हैं। ये अथाह प्रेम की वजह से है, उनमें कोई डर नहीं है।
Jain samaj ke log bhagvan buddh se itna prem karte hain ki vo unka majak bhi uda sakte hain. Ye athah prem ki vajah se hai, unmen koi dar nhin hai.
5. आप खुद को वैसा ही बना लेते हैं जैसा आप सोचते हैं कि आप हैं।
Aap khud ko vaisa hi bana lete hain jaisa aap sochte hain ki aap hain.
6. जीवन कोई ट्रेजेडी नहीं है, ये एक कॉमेडी है, जीवित रहने का मतलब है हास्य का बोध होना।
Jivan koi tregdy nhin hai, ye ek comedy hai, jivit rahne ka matlab hai hasy ka bodh hona.
7. अपने रिश्ते में हमेशा खुश रहें, तनहाई में हमेशा सतर्क रहे। ये दोनों बातें आपके लिए हमेशा मददगार साबित होंगी क्योंकि ये बातें एक पक्षी के दो पंखों के समान है।
Apne rishte me hamesha khush rahen, tanhayi me hamesha satark rahe. Ye donon baten aapke liye hamesha madadgar sabit hongi kyonki ye baten ek pakshi ke do pankhon ke saman hai.
8. अज्ञानी बने रहना अच्छा है, कम-से-कम अज्ञान तो इसमें आपका होता है। ये प्रमाणिक है, यही सच, वास्तविकता और ईमानदारी है।
Agyani bane rahan accha hai, kam-se-kam agyan to ismen aapka hota hai. Ye pramanik hai, yahi sach, vastvikta imandari hai.
9. जिंदगी एक आईना है, जो हमारे ही चेहरे की प्रति कृति दिखाता है। जिंदगी में हमेशा दोस्ती से रहें तब ही आपके जीवन में मित्रता बनी रहेगी।
Zindgi ek aayina hai, jo hamare hi chehre ki prati krati dikhata hai. Zindgi me hamesha dosti se rahen tab hi aapke jivan me mitrata bani rahegi.
10. मनुष्य कभी भी खुद ईश्वर तक नहीं पहुँचता है, बल्कि जब वो जीवन में तैयार होता है तो ईश्वर खुद उसके पास आ जाते हैं।
Manushya kabhi bhi khud yishvar tak nhin pahunchta hai, balki jab vo jivan me taiyar hota hai to yishvar khud uske paas aa jate hain.
11. बड़ा सवाल ये नहीं है कितना सीखा जा सकता है… इसके उल्ट, सवाल ये हैं कि कितना भुलाया जा सकता है।
Bada saval ye nhin hai kitan sikha ja sakta hai… iske ulat, saval ye hai ki kitna bhulaya ja sakta hai.
12. इस दुनिया में दोस्ती ही सच्चा प्यार है, दोस्ती का भाव प्यार का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी माँगा नहीं जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहाँ बस दिया जाता है।
Is duniya me dosti hi saccha pyar hai, dosti ka bhav pyar ka sarvocch rup hai jahan kuch bhi managa nhin jata, koi shart nhin hoti, jahan bas diya jata hai.
13. अगर आप सही में सच देखना चाहते हैं तो आप न सहमति और न असहमति में राय रखिए।
Agar aap sahi me sach dekhna chahte hain to aap na sahmati na ashmati me raay rakhiye.
14. संसार सुंदर है क्योंकि इसे ईश्वर ने बनाया है, जो संसार को गंदा कहता है, वह ईश्वर को गंदा कहता है।
Sansar sundar hai kyonki ise yishvar ne banaya hai, jo sansar ko ganda kahata hai, vah yishvar ko ganda kahata hai.
15. अपने जीवन को संगीतपूर्ण बनाओ, ताकि काव्य का जन्म हो सके, और फिर सौंदर्य ही सौंदर्य है, और सौंदर्य ही परमात्मा का स्वरूप है।
Apne jivan ko sangitpurn banao, taki kavya ka janm ho sake, fir saundrya hi saundrya hai, saundrya hi parmatma ka svarup hai.
16. असली सवाल यह है कि भीतर तुम क्या हो? अगर भीतर गलत हो, तो तुम जो भी करोगे, वो गलत ही होगा। अगर तुम भीतर सही हो, तो तुम जो भी करोगे, वह सही होगा।
Asli saval yh hai ki bhitar tum kya ho? Agar bhitar galat ho, to tum jo bhi karoge, vo galat hi hoga. Agar tum bhitar sahi ho, to tum jo bhi karoge, vah sahi hoga.
17. आपके सारे विश्वास आपका दम घोटते चले जाते हैं, और सारे विश्वास आपको जिन्दा भी नहीं रख सकते। आपका विश्वास ही आपके जीवन को मारता है।
Aapke sare vishvas aapka dam ghotte chale jjate hain, sare vishvas aapko zinda bhi nhin rakh sakte. Aapka vishvas hi aapke jivan ko marata hai.
18. आपका विवाह राजनीतिक शासन करने का छोटा रूप है। जिसमें आपके माता और पिता छोटे राजनेता होते हैं।
Aapka vivah rajnitik shasan karne ka chota rup hai. Jismen aapke mata pita chote rajneta hote hain.
19. श्रेष्ठता से सोचने वाला हमेशा तुच्छ कहलाता है, क्योंकि ये एक ही सिक्के के दो पहलू है।
Shreshthata se sochne vala hamesha tucch kahlata hai, kyonki ye ek hi sikke ke do pahlu hai.
20. अगर आप खुद अपनी कंपनी का आनंद नहीं लेते हो, तो आप एक महान जिंदगी जी रहे हो, क्योंकि प्यार ही जिंदगी को महान बनाता है।
Agar aap khud apni company ka aanand nhin lete ho, to aap ek mahan zindgi ji rahe ho, kyonki pyar hi zindgi ko mahan banata hai.
21. जीवन का कोई महत्व नहीं है। खुश रहो! फिर भी जीवन का कोई महत्व नहीं होगा। नाचो, गाओ, झूमो! फिर भी जीवन का कोई महत्व नहीं होगा। आपको सीरियस बनने की जरुरत है। ये एक बहुत बड़ा मजाक होगा।
Jivan ka koi mahatv nhin hai. Khush raho! Fir bhi jivan ka koi mahatv nhin hoga. Nacho, gaao, jhumo! Fir bhi jivan ka koi mahatv nhin hoga. Aapko serial banane ki jarurat hai. Ye ek bahut bada majak hai.
22. मुझे आज्ञाकारी लोगों जैसे अनुयायी नहीं चाहिए। मुझे बुद्धिमान दोस्त चाहिए, जो यात्रा के समय मेरे सहयोगी हो।
Mujhe aagyakari logon jaise anuyayi nhin chahiye. Mujhe buddhiman dost chahiye, jo yatra ke samay mere sahyogi ho.
23. वह इंसान जो भरोसा करता है वह जिंदगी में आराम करता है और वह इंसान जो भरोसा नहीं करता वह परेशान, डरा हुआ और कमजोर रहता है।
Vah insaan jo bharosa karta hai vah zindgi me aaram karta hai vah insaan jo bharosa nhin karta vah pareshan, dara huaa kamj rahta hai.
24. वह इंसान जो अकेले रहकर भी खुश है असल में वही इंसान कहलाने योग्य है। अगर आपकी खुशी दूसरों पर निर्भर करती है तो आप एक गुलाम हो। अभी आप पूरी तरह से मुक्त नहीं हुए हो अभी आप गुलामी में बंधे हो।
Vah insaan jo akele rahkar bhi khush hai asam me vahi insaan kahlane yogya hai. Agar aapki khushi dusron pr nirbhar karti hai to aap ek gulam ho. Abhi aap puri tarah se mukt nhin huye ho abhi aap gulami me bandhe ho.
25. आधे-अधूरे ज्ञान के साथ कभी आगे न बढ़ें। ऐसा करने पर आपको लगेगा कि आप अज्ञानी हो, और अंत तक अज्ञानी ही बने रहोगे।
Aadhe-adhure gyan ke sath kabhi aage na badhen. Aesa karne pr aapko lagega ki aap agyani ho, ant tak agyani hi bane rahoge.
26. एक शराबी बने, जिसमें जीवन के अस्तित्व की शराब को पिए। कभी भी मासूम न बने, क्योंकि मासूम हमेशा मरे हुए होते है।
Ek sharabi bane, jismen jivan ke astitv ki sharab ko piye. Kabhi bhi masum na bane, kyonki masum hamesha mare huye hote hain.
27. आपका दिल ही आपका सबसे बड़ा शिक्षक है, आपको उसी की सुननी चाहिए। लेकिन जीवन की यात्रा में आपका अंतर्ज्ञान ही आपका शिक्षक होता है।
Aapka dil hi aapka sabse bada shikshak hai, aapko usi ki sunni chahiye. Lekin jivan ki yatra me aapka antrgyan hi aapka shikshak hota hai.
28. हमेशा सावधान रहे। अपने अंतःकरण में झांके, आप पाओगे कि आप नकारात्मक विचारों से जुड़े हो और ये नकारात्मक विचार आपका अहंकार ही है।
Hamesha savdhan rahe. Apne antahkaran me jhanke, aap paoge ki aap nakaratmak vicharon se jude ho ye nakaratmak vichar aapka ahnkar hi hai.
29. प्यार की सर्वश्रेष्ठ सीमा आजादी है, पूरी आजादी। किसी भी रिश्ते के खत्म होने का मुख्या कारण आजादी का न होना ही है।
Pyar ki sarvshreshth seema aajadi hai, puri aajadi. Kisi bhi rishte ke khatam hone ka mukhya karan aajadi ka na hona hi hai.
30. अपने भूतकाल का अनावश्यक बोझ न रखें। सिर्फ उन्हीं विषयों के नजदीक जाए जिसे आपने पढ़ा हो, ऐसा करने से कभी आपको बार-बार पीछे मुड़ने की जरुरत नहीं होगी।
Apne bhutkal ka anavshyak bojh na rakhe. Sirf unhin vishyon ke najdik jayen jise aapne padha ho, aesa karne se kabhi aapko baar-baar mudne ki jarurat nhin padegi.
31. प्यार एक शराब है, आपने उसका स्वाद लेना चाहिए, उसे पीना चाहिए, उसमें पूरी तरह से डूब जाना चाहिए। तभी आपको पता चल पाएगा कि वह क्या है।
Pyar ek sharab hai, aapke uska svad lena chahiye, use pina chahiye, usmen puri tarah se doob jana chahiye. Tabhi aapko pata chal payega ki vah kya hai.
32. एक बार जब मैं यात्रा कर रहा था तभी किसी ने मुझसे पूछा कि इंसानी शब्दकोश में सबसे महत्वपूर्ण शब्द कौन सा है। मैंने नम्रता से जवाब दिया, प्यार।
Ek baar jab main yatra kar raha tha tabhi kisi ne mujhse pucha ki insaani shabdkosh me sabse mahatvpurn shabd kaun sa hai. Maine namrta se javab diya, pyar.
33. दोस्ती ही सबसे निर्मल प्यार है, प्यार करने का ये सबसे ऊँचा स्तर है जहाँ किसी भी परिस्थिति के लिए किसी से नहीं पूछा जाता। सिर्फ और सिर्फ एक-दूसरे को खुशी दी जाती है।
Dosti hi sabse nirmalpyar hai, pyar karne ka ye sabse uncha star hai jahan kisi bhi paristhiti ke liye kisi se nhin pucha jata. Sirf sirf ek-dusre ko khushi di jati hai.
34. जब भी आप प्यार की योजना बनाते हो और जब भी आपका ध्यान पूरी तरह से उसमें शामिल हो जाता है तब ये झूठा और पाखंडी बन जाता है।
Jab bhi aap pyar ki yojna banate ho jab bhi aapka dhyan puri tarah se usmen shamil ho jata hai tab ye jhutha pakhandi ban jata hai.
35. अगर आप तुलना करना छोड़ो तो जिंदगी निश्चित ही बहुत सुन्दर है, अगर आप तुलना करना छोड़ दो तो आपकी जिंदगी खुशियों से भरी होगी।
Agar aap tulna karna chodo to zindgi nishchit hi bahut sundar hai, agar aap tulna karna chod do to aapki zindgi khushiyon se bhari hogi.
36. प्यार एक पक्षी है जिसे आजाद रहना पसंद है। जिसे बढ़ने के लिए पुरे आकाश की जरुरत होती है।
Pyar ek pakshi hai jise aajad rahna pasand hai. Jise badhne ke liye pure aakash ki jarurat hoti hai.
37. मोह के बिना दुःख होता ही नहीं, जब भी दुःख होता है, मोह से होता है।
Moh ke bina dukh hota hi nhin, jab bhi dukh hota hai, moh se hota hai.
38. कल तो कभी आता ही नहीं, जब भी आता है, आज ही आता है, कल भी आज ही आएगा।
Kal to kabhi ata hi nhin, jab bhi aata hai, aaj hi aata hai, kal bhi aaj hi aayega.
39. मैं से भागने की कोशिश मत करना, उससे भागना हो ही नहीं सकता, क्योंकि भागने में भी वह साथ ही है, उस से भागना नहीं है बल्कि समग्र शक्त से उसमें प्रवेश करना है।
Main se bhagne ki koshish mat karna, usse bhagna ho hi nhin sakta, kyonki bhagne me bhi vah sath hi hai us se bhagna nhin balki samagra shakti se usmen pravesh karna hai.
40. अगर आप सच देखना चाहते हैं तो न ही पक्ष में रहे और न ही विपक्ष में।
Agar aap sach dekhna chahte hain to na hi paksha me rahe na hi vipaksha me.
41. उस रास्ते पर मत चलो जिसपर डर तुम्हें ले जाए, बल्कि उस रास्ते पर चलो जिसपर प्रेम ले जाए, उस रास्ते पर चलो जिसपर खुशी तुम्हें ले जाए।
Us raste pr mat chalo jispar dar tumhen le jaye, balki us raste pr chalo jispar prem le jaye, us raste pr chalo jispar khushi tumhen le jaye.
42. आप वही बन जाते हैं जो आप अपने बारे में सोचते हैं।
Aap vahi ban jate hain jo aap apne bare me sochte hain.
43. सबसे बड़ी मुक्ति है खुद को मुक्त करना क्योंकि साधारणतया हम भूले ही रहते हैं कि खुद पर हम खुद ही सबसे बड़े बोझ हैं।
Sabse badi mukti hai khud ko mukt karna kyonki sadharantya ham bhule hi rahte hain ki khud pr ham khud hi sabse bade bojh hain.
44. मुर्ख दूसरों पर हँसते हैं, बुद्धिमत्ता खुद पर।
Murakha dusron pr hanste hain, buddhimatta khus pr.
45. यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है, हर कोई अपनी तक़दीर और अपनी हकीकत बनाने में लगा है।
Yahan koi bhi aapka sapna pura karne ke lye nhin hai, har koi apni takdir apni hakikat banane me laga hai.
46. किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है, आप खुद में जैसे हैं एकदम सही हैं, खुद को स्वीकारिए।
Kisi se kisi bhi tarah ki pratispardh ki aavshyakta nhin hai, aap khud me jaise hain ek dam sahi hain, khud ko svikariye.
47. आप जितने लोगों को चाहें उतने लोगों को प्यार कर सकते हैं-इसका मतलब यह नहीं है कि आप एक दिन दिवालिया हो जाएंगे, और कहेंगे, अब मेरे पास प्यार नहीं है। जहाँ तक प्यार का सवाल है आप दिवालिया नहीं हो सकते।
Aap jitne logon ko chahen utne logon ko pyar kar sakte hain-iska matlab yh nhin hai ki aap ek din divaliya ho jayenge, kahenge, ab mere paas pyar nhin hai. Jahan tak pyar ka saval hai aap divaliya nhin ho sakte.
48. जो भी किया जा सकता है, उसी वक्त किया जा सकता है, जिसे आप कल पर छोड़ रहे हैं, जान लें, आप करना नहीं चाहते हैं।
Jo bhi kiya ja sakta hai, usi vakt kiya ja sakta hai, jise aap kal pr chhod rahe hain, jaam len, aap karna nhin chahte hain.
49. जिस दिन आपने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, उस दिन आपकी मृत्यु हो जाती है क्योंकि अब न कोई आश्चर्य होगा, न कोई आनंद और न कोई अचरज, अब आप एक मृत जीवन जियेंगे।
Jis din aapne soch liya ki aapne gyan paa liya hai, us din aapki mratyu ho jati hai kyonki ab na koi aashchrya hoga, na koi aanand na koi achraj, ab aap ek mrat jivan jiyenge.
50. जीवन ठहराव और गति के बीच का एक संतुलन है।
Jivan thahrav gati ke bich ka ek santulan hai.
51. मत सोचो कि तुम्हारा सच्चा मित्र कौन है बल्कि ये सोचो कि तुम किसके सच्चे मित्र हो।
Mat socho ki tumhara saccha mitra kaun hai balki y socho ki tum kiske sacche mitra ho.
52. जो तुम्हारे पास है वो बेकार है, जो दूसरों के पास है वो स्वर्ग है, जब तक मैं उसे पा न लूँ तब तक बेचैनी रहती है, और पते ही वो मेरे लिए बेकार हो जाती है, अब फिर दुसरे पर नजर जाने लगी।
Jo tumhare paas hai vo bekar hai, jo dusron ke paas hai vo svarg hai, jab tak main use paa na lun tab tak baicheni rahti hai, pate hi vo mere liye bekar ho jati hai, ab fir dusre pr najar jane lagi.
53. ध्यान सिर्फ एक वाहन है, बहिर्मुखी व्यक्ति अगर ध्यान में उतरे तो वह ब्रह्मा की यात्रा पर, कास्मिक जनी पर निकल जाएगा, जहाँ सारा अखंड जगत उसे अपना ही स्वरूप मालूम होने लगेगा। अगर अंतर्मुखी व्यक्ति ध्यान के वाहन पर स्वर हो ओ अंतर यात्रा पर निकल जाएगा, शून्य में और महाशून्य में जहाँ सब बबूले फूट कर मिट जाते हैं और अस्तित्व का महासागर ही शेष रह जाता है।
Dhyan sirf ek vahan hai, bahirmukhi vyakti agar dhyan me utre to vah brahman ki yatra pr, kasmik jani pr nikal jayega, jahan sara akhand jagat use apna hi svrup malum hone lagega. Agar antarmukhi vyakti dhyan ke vahan pr savar ho antar yatra pr nikal jayega, shunya me mahashunya me jahan sab bulbule futkar mit jate hain astitv ka mahasagar hi shesh rah jata hai.
54. जब तक आदमी सृजन की कला नहीं जानता तब तक अस्तित्व का अंश नहीं बनता।
Jab tak aadmi srajan ki kala nhin janta tab tak astitv ka ansh nhin banta.
55. जीवन एक उद्देश्यहीन खेल है, ये एक अनगिनत सेनाओं का खेल है-जो सुंदर होगा अगर आपके पास सफल इंसान का दिमाग न हो तो और बदसूरत होगा अगर आपके पास कुछ बनने की चाह हो तो।
Jivan ek uddeshyhin khel hai, ye ek anginat senaon ka khel hai-jo sundar hoga agar aapke paas safal insaan ka dimag na ho to badsurat hoga agr aapke paas kuch banane ki chah ho to.
56. जब मैं कहता हूँ कि तुम ही भगवान हो तुम ही देवी हो तो मेरा मतलब यह होता है कि तुम्हारी संभावनाएं अनंत है और तुम्हारी क्षमता भी अनंत है।
Jab main kahta hun ki tum hi bhagvan ho tum hi devi ho to mera matlab yh hota hai ki tyumhari snbhavnayen anant hai tumhari kshamta bhi anant hai.
57. कर्म नहीं बांधते, करता बांध लेता है, कर्म नहीं छोड़ता है, करता छूट जाए तो छुटना हो जाता है।
Karm nhin bandte, karta bandh leta hai, karn nhin chodta hai, karta chuut jaye to chutna ho jata hai.
58. जो विचार के गर्भाधान के विज्ञान को समझ लेता है वह उससे मुक्त होने का मार्ग सहज ही पा जाता है।
Jo vichar ke garbhadhan ke vigyan ko samajh leta hai vah usse mukt hone ka marg sahaj hi paa jata hai.
59. समर्पण तो वह करता है, जो कहता है कि मेरे पास तो कुछ भी नहीं है, मैं तो कुछ भी नहीं हूँ-जो दावा कर सकू कि मुझे मिलना चाहिए। मैं तो सिर्फ प्रार्थना कर सकता हूँ, मैं तो सिर्फ चरणों में सिर रख सकता हूँ, मेरे पास देने को कुछ भी नहीं है।
Samrpan to vah karta hai, jo kahta hai ki mere paas to kuch bhi nhin hai, main to kuch bhi nhin hun-jo dava kar saku ki mujhe milna chahiye. Main to sirf prarthna kar sakta hun, main to sirf charnon me sir rakh sakta haun, mere paas dene ko kuch bhi nhin hai.
60. आत्महत्या आपको कहीं नहीं ले जाती। साधारणतः यह हमें हमारी चेतना में छोटे रूप में ली जाती है। क्योंकि आत्महत्या से ये साबित होता है कि हम बड़े रूप में जीने के काबिल नहीं हैं।
Aatmhtya aapko kahin nhin le jati. Sadharantah yh hamen hamari chetna me chote rup me li jati hai. Kyonki aatmhtya se ye sabit hota hai ki ham bade rup me jine ke kabil nhin hai.
61. शुद्र का अर्थ है-प्रमादी। शुद्र का अर्थ है-सोया हुआ। शुद्र का अर्थ है-आलस्य, तमस से घिरा हुआ। शुद्र का अर्थ है-जो कुछ भी नहीं कर रहा है, न बाहर जा रहा है न भीतर जा रहा है, जो प्रमाद में, अँधेरे में सोया रह गया है।
Shudra ka arth hai-pramadi. Shudra ka arth hai-soya huaa. Shudra ka arth hai-aalasya, tamas se ghira huaa. Shudra ka arth hai-jo kuch bhi nhin kar raha hai, na bahar ja raha hai na bhitar ja raha hai, jo pramad me, andhere me soya rah gya hai.
62. आपका स्वर्ग और आपकी खुशी हमेशा कहीं-न-कहीं होती ही है। ये कभी वहां नहीं मिलेगी जहाँ आप हो। एक सच्ची खुशी हमेशा यहाँ होती है, और अभी होती है।
Aapka svarg aapki khushi hamesha kahin-na-kahin hoti hi hai. Ye kabhi vahan nhin milegi jahan aap ho. Ek sacchi khushi hamesha yahan hoti hai, abhi hoti hai.
63. अनुभूति को दो शब्द देते ही विचार का जन्म हो जाता है। यह प्रतिक्रिया, यह शब्द देने की आदत अनुभूति को, दर्शन को विचार से अच्छादित कर देती है। अनुभूति दब जाती है, दर्शन दब जाता है और शब्द चित्त में तैरते रह जाते हैं। ये शब्द ही विचार है।
Anubhuti ko do shabd dete hi vichar ka janm ho jata hai. Yh pratikriya, yh shabd dene ki aadat anubhuti ko, darshan ko vichar se acchadit kar deti hai. Anubhuti dab jati hai, darshan dab jata hai shabd chitt me tairte rah jate hain. Ye shabd hi vichar hain.
64. एक बच्चे को विशाल एकांतता की जरूरत हती है, उसे ज्यादा-से-ज्यादा एकांतता में रहने देना चाहिए, ताकि वह अपने आप को विकसित कर सके।
Ek bacche ko vishal ekantta ki jarurat hoti hai, use jyada-se-jyada ekantta me rahne dena chahiye, taki vah apne aap ko viksit kar sake.
65. सिर्फ आपके पाप ही आपको दुखी कर सकते हैं। जो आपको अपने आप से दूर ले जाने की कोशिश करते है, ऐसी चीजों को अनदेखा करना ही बेहतर होगा।
Sirf aapke pap hi aapko dukhi kar sakte hain. Jo aapko apne aap se do le jane ki koshish karte hain, aesi chijon ko andekha karna hi behtar hoga.
66. जिंदगी में आप जो करना चाहते हैं, वो जरुर कीजिये, ये मत सोचिए कि लोग क्या कहेंगे। क्योंकि लोग तो तब भी कुछ कहते हैं, जब आप कुछ नहीं करते।
Zindgi me aap jo karna chahte hain, vo jarur kijiye, ye mat sochoye ki log kya kahenge. Kyonki log to tab bhi kuch kahte hain, jab aap kuch nhin karte.
67. जब दिल में प्यार और नफरत दोनों ही न हों तो हर चीज साफ और स्पष्ट हो जाती है।
Jab dil me pyar nafarat donon hi na hon to har chij saaf spasht ho jati hai.
68. मैं किसी से बेहतर करूँ क्या फर्क पड़ता है! मैं किसी का बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता है।
Main kisi se behtar karun kya fark padta hai! Main kisi ka behtar karun bahut fark padta hai.
69. सारी शिक्षा व्यर्थ है, सारे उपदेश व्यर्थ है, अगर वे तुम्हें अपने भीतर डूबने की कला नहीं सिखाते।
Sari shiksha vyarth hai, sare updesh vyarth hai, agar ve tumhen apne bhitar dubane ki kala nhin sikhate.
70. बहुत सुंदर शब्द जो एक मंदिर के दरवाजे पर लिखे थे-ठोकरें खाकर भी न संभले तो मुसाफिर का नसीब, वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया!
Bahut sindar shbad jo ek mandir ke darvaje pr likhe the-thokaren khakar bhi na sanbhle to musafir ka nsib, varna patthron ne to apna farj nibha hi diya!
71. शायद मुझे अब तक सबसे अधिक गलत समझा गया है लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं। कारण केवल इतना है कि मुझे सही समझे जाने की जिज्ञासा नहीं। अगर वे सही नहीं समझते तो यह उनकी समस्या है, यह मेरी समस्या नहीं है। अगर वे गलत गलत समझते हैं तो यह मेरी नहीं, उनकी समस्या है, उनका दुःख है। मैं अपनी नींद नहीं खराब करूँगा अगर लाखों लोग मुझे गलत समझ रहे हैं।
Shayada mujhe ab tak sabse adhik galat samajha gaya hai lekin iska mujh pr koi asar nhin. Kaaran keval itna hai ki mujhe sahi samajhe jane ki zigyasa nhin. Agar ve sahi nhin samajhte to yh meri samsya nhin hai. Agar ve galat samajhte hain to yh meri nhin, unki samasya hai, unka dukh hai. Main apni nind nhin kharab karunga agar lakhon log mujhe galat samajh rahe hain.
72. तुमने पद, धन, यश, कीर्ति, प्रेम इन सबकी चेष्टाएँ की, बस एक ध्यान के दिए को जलाने की चेष्टा नहीं की, वही काम आएगा। मृत्यु केवल उसी दिए को नहीं बुझा पाती। बुद्ध कहते हैं, ध्यान अमृत सूत्र है।
Tumne pad, dhan, yash, kirto, prem in sabki cheshtayen ki, bas ek dhyan ke diye ko jalane ki cheshta nhin ki, vahi kaam aayega. Mratyu keval usi diye ko nhin bujha pati. Buddh kahte hain, dhyan amrat sutra hai.
73. जिंदगी को अगर हमें जिंदा बनाना है, तो बहुत सी जिंदा समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। लेकिन होनी चाहिए और अगर हमें जिंदगी को मुर्दा बनाना है, तो हो सकता है हम सारी समस्याओं को खत्म कर दे, लेकिन तब आदमी मरा-मरा जीता है।
Zindgi ko agar hamen zinda banana hai, to bahut si zinda samsyayen khadi ho jayengi. Lekin honi chahiye agar hamen zindgi ko murda banana hai, to ho sakta hai ham sari samasyaon ko khatam kar de, lekin tab aadmi mara-mara jeeta hai.
74. जहाँ आपको लगता है कि कुछ निंदा हो रही है वहीँ आपको रस आता है, रस आता है क्योंकि दूसरा आदमी छोटा किया जा रहा है और उसके छोटे होने से आपको अंदर से अनुभव होता है कि मनाएँ बड़ा हूँ।
Jahan aapko lagta hai ki kuch ninda ho rahi hai vahin aapko ras aata hai, ras aata hai kyonki dusra aadmi chota kiya ja raha hai uske chote hone se aapko andar se anubhav hota hai ki manayen bada hun.
75. कोई व्यक्ति चाहे लाखों चीजें जान ले। चाहे वह पूरे जगत को जान ले। लेकिन अगर वह खुद को नहीं जानता है तो वह अज्ञानी है।
Koi vyakti chahe lakhon chjen jaan le. hahe vah pure jagat ko jaan le. Lekin agar vah khud ko nhin janta to vah agyani hai.
76. मैं तो दो ही शब्दों पर जोर देता हूँ-प्रेम और ध्यान। क्योंकि मेरे लिए अस्तित्व के मंदिर के दो ही विराट दरवाजे हैं। एक का नाम प्रेम, एक का नाम ध्यान। चाहो तो प्रेम से प्रवेश कर जाओ, चाहो तो ध्यान से प्रवेश कर जाओ। शर्त एक ही है अहंकार दोनों में छोड़ना होता है।
Main to do hi shbadon pr j deta hun-prem dhyan. Kyonki mere liye astitv ke mandir ke do hi virat darvaje hain. Ek ka name prem, ek ka name dhyan, Chaho to prem se pravesh kar jaao, chaho to dhyan se prevesh kar jao. Shart ek hi hai ahnkar donon me chodna hota hai.
77. उस तरह मत चलिए जिस तरह डर तुम्हें चलाए, उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम चलाए, उस तरह चलिए जिस तरह खुशी तुम्हें चलाए।
Us tarah mat chaliye jis tarah dar tumhen chalaye, us tarah chaliye jis tarah prem chalaye, us tarah chaliye jis tarah khushi tumhen chalaye.
78. जन आप हंस रहे होते हैं, ईश्वर की ईबादत कर रहे होते हैं। और जब आप किसी को हंसा रहे होते हैं, तो ईश्वर आपके लिए
ईबादत कर रहा होता है।
Jab aap hans rahe hote hain, yishvar ki ibadat kar rahe hote hain. jab aap kisi ko hansa rahe hote hain, to yishvar aapke liye ibadat kar raha hota hai.
79. अगर तुम फूल से प्यार करते हो तो उसे मत छोड़ो, अगर तोड़ोगे तो वह मर जाएगा फिर तुम उसे प्यार नहीं कर सकते, अगर प्यार करते हो तो फूल को लगा रहने दो, प्यार कब्जा करने का नाम नहीं है प्यार सराहना करने का नाम है।
Agar tum fool se pyar karte ho to use mat chodo, agar todoge to vah mar jayega fir tum use oyar nhin kar sakte, agar pyar karte ho to fool ko laga rahne do, pyar kabaj karne ka nam nhin hai pyar srahna karne ka name hai.
80. दुःख गहराई देता है, सुख ऊँचाई देता है। दुःख जड़ देता है, सुख शाखाएं देती हैं, सुख पेड़ की तरह आसमान की तरफ ले जाता है, दुःख जड़ की तरह जमीन की ओर ले जाता है। जिंदगी में दोनों जरुरी हैं जितना ऊँचा पेड़ होगा उतनी निचे जड़ें होंगी।
Dukh gahrayi deta hai, sukh unchayi deta hai. Dukh jad deta hai, sukh shakhayen deti hai, sukh ped ki tarah aasman ki taraf le jata hai, dukh jad ki tarah jamin ki le jata hai. Zindgi me donon jaruri hain jitna uncha ped hoga utni niche jaden hongi.
81. जब डर समाप्त होता है वहां जिंदगी शुरू होती है।
Jab dar samapt hota hai vahan zindgi shuru hoti hai.
82. सच्चाई वह नहीं है जिसे बाहर खोजा जा सके। यह अंदर की कुछ चीज है जिसका हमें एहसास होना चाहिए।
Sacchayi vah nhin hai jise bahar khoja ja sake. Yh andr ki kuch chij hai jiska hamen aehsas hona chahiye.
83. मुझे इस दुनिया से प्यार है क्योंकि यह अपूर्ण है। यह अपूर्ण है और यही वजह है कि यह बढ़ रही है, अगर यह पूर्ण होती तो यह मर चुकी होती।
Mujhe is duniya se pyar hai kyonki yh apurn hai. Yh apurn hai yhi vajah hai ki yh badh rahi hai, agar yh purn hoti to yh mar chuki hoti.
84. सिर्फ मुर्ख ही विवादस्पद नहीं होते।
Sirf murkh hi vivadspas nhin hota.
85. अपनी विशिष्टता का सम्मान करें, अपनी तुलना दूसरों से न करें, खुद से संतुष्ट रहे।
Apni vishishtta ka samman karen, apni tulna dusron se na karen, khud se santusht rahe.
86. प्यार बताया नहीं जताया जाता है।
Pyar bataya nhin jataya jata hai.
87. प्यार खुशी देता है जब वह कुछ दे सकता है। अहंकार खुशी देता है जब वह कुछ ले सकता है।
Pyar khushi deta hai jab vah kuch de sakta hai. Ahankar khushi deta hai jab vah kuch le sakta hai.
88. एक गंभीर व्यक्ति कभी शरीफ नहीं हो सकता और जो शरीफ है वह गंभीर नहीं हो सकता।
Ek ganbhir vyakti kabhi sharif nhin ho sakta jo sharif hai vah ganbhir nhin ho sakta.
89. जब ज्यादा जागरूक हो जाते हो तो चाहत खत्म हो जाती है, जब पूरी जागरूकता आ जाती है तो कोई चाहत नहीं रहती।
Jab jyada jagruk ho jate ho to chaht khatam ho jati hai, jab puri jagrukta aa jati hai to koi chahat nhin rahti.
90. खुद को स्वीकारना दुनिया का सबसे कठिन काम है, क्योंकि यह आपकी शिक्षा, संस्कृति और प्रशिक्षण के खिलाफ होता है।
Khud ko svikarana duniya ka sabse kathin kaam hai, kyonki yh aapki shiksha, sanskrati prashikshan ke khilaf hota hai.
91. अतीत के बोझ का कोई फायदा नहीं होता, पुराने पथ को बार-बार पढने की जगह उनको बंद कर देना चाहिए।
Atit ke bojh ka koi fayda nhin hota, purane path ko bar-bar padhne ki jagah unko band kar dena chahiye.
92. जब तक अंदर से संतुष्ट नहीं हो सकते, बाहरी बदलाव से पहले अंदर का बदलाव जरुरी है।
Jab tak andar se santusht nhin ho sakte, bahari badlav se pahle andar ka badlav jaruri hai.
93. आरामदायक और आसान जिंदगी असली जिंदगी नहीं होती, ज्यादा आराम कम जिंदा रहने का एहसास दिलाता है। सबसे आरामदायक जीवन कब्र में है।
Aaramdayak aasan zindgi asli zindgi nhin hoti, jyada aaram akm jinda rahne ka aehsas dilata hai. Sabse aaramdayak jivan kabr me hai.
94. प्यार प्रमाणिक होता है जब वह आजादी देता है। प्रेम केवल तब ही सच है जब वह दुसरे व्यक्ति के व्यक्तित्व और गोपनीयता का सम्मान करता है।
Pyar pramanik hota hai jab vah aajadi deta hai. Prem keval tab hi sach hai jab vah dusre vyakti ke vyaktitv gopniyata ka samman karta hai.
95. अगर आप खुद से प्यार करते हैं, तो आप दूसरों से प्यार करते हैं, अगर आप अपने आप से नफरत करते हैं, तो आप दूसरों से नफरत करते हैं। दूसरों के साथ संबंध आपका ही दर्पण होता है।
Agar aap khud se pyar karte hain, to aap dusron se pyar karte hain, agar aap apne aap se nafrat karte hain, to aap dusron se nafrat karte hain. Dusron ke sath sanbandh aapka hi darpan hota hai.
96. दर्द से बचने के लिए लोग सुख से बचते हैं। मृत्यु से बचने के लिए वे जीवन से बचते हैं।
Dard se bachne ke liye log sukh se bachte hain. Mratyu se bachne ke liye ve jivan se bachte hain.
97. सिर्फ आज वास्तविकता है बाकी सब कुछ या तो स्मृति या कल्पना है।
Sirf aaj vastvikta hai baki sab kuch ya to smrati ya kalpna hai.
98. दिमाग को छोड़कर दिल की सुनी, कम सोचो ज्यादा महसूस करो।
Dimag ko chodkar dil ki suni, kam socho jyada mahsus karo.
99. सिर्फ एक चीज जो जीवन में महत्वपूर्ण है, वह है खुद के बारे में आपकी राय।
Sirf ek chij jo jivan me mahatvpurn hai, vah hai khud ke bare me aapki raay.
100. सब जानकारी धूल की तरह है, जानना शुद्धता है और जानकारी धूल है।
Sab jankari dhul ki tarah hai, janana shuddhta hai jankari dhul hai.
101. जीवन से कभी मायूस न हों। यह जीवन नहीं है जो आपको निराश कर रहा है, यह आप ही हैं जो जीवन की नहीं सुन रहे हैं।
Jivan se kabhi mayus na hon. Yh jivan nhin hai jo aapko nirash kar raha hai, yh aap hi hain jo jivan ki nhin sun rahe hain.
102. कथित बुद्धिमान से ज्यादा अच्छा मुर्ख होता है। वे आज में रहते हैं और जानते हैं कि वे बेवकूफ हैं, इसलिए वे चिंतित नहीं होते कि दुसरे उनके बारे में क्या सोच रहे है।
Kathit buddhiman se jyada accha murakh hota hai. Ve aaj me rahte hain jante hain ki ve bevkuf hain, isliye ve chintit nhin hite ki dusre unke bare me kya soch rahe hain.
103. गंभीरता से गंभीर न हो। इस पर हँसते रहें, थोडा मुर्ख बनो। मुर्खता की निंदा मत करो, इसका अपना मजा है।
Ganbhirta se ganbhir na ho. Is pr hanste rahen, thoda murkha bano. Murkhata ki ninda mat karo, iska apna maja hai.
104. सिर्फ मौन ही सच बताता है।
Sirf maun hi sach batata hai.
105. मैंने कभी खुद के लिए नियम नहीं बनाए क्योंकि नियम भविष्य में बाधा बन जाते हैं। सभी नियम कारावास हैं।
Maine kabhi khud ke liye niyam nhin banaye kyonki niyam bhavishya me badha ban jate hain. Sabhi niyam karavas hain.
106. कभी उम्मीद न करें कि कोई निराशा होगी। निराशा सिर्फ एक छाया है जो उम्मीदों का पीछा करती है।
Kabhi ummed na karen ki koi nirasha hogi. Nirasha sirf ek chaya hai jo ummedon ka picha karti hai.
107. अगर आप खुद से प्यार करते हो तो देखोगे कि सब आपसे प्यार करते हैं, अगर आप खुद से प्यार नहीं करते तो कोई आपसे प्यार नहीं करेगा।
Agar aap khud se pyar karte ho to dekhoge ki sab aapse pyar karte hain, agar aap khud se pyar nhin karte to koi aapse pyar nhin karega.
108. सिर्फ वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं प्रेम कर सकते हैं।
Sirf vo log jo kuch bhi nhin banane ke liye taiyar hain prem kar sakte hain.
109. अगर आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी बन सकते हैं। ध्यान दर्पण में देखने की कला है। और अब, आपके अंदर कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती।
Agar aap ek darpan ban sakte hain to aap ek dhyani ban sakte hain. Dhyan darpan me dekhne ki kala hai. ab, aapke andar koi vichar nhin chalta isliye koi vyakulta nhin hoti.
110. नहीं, मैं अपने लोगों को लाठियां नहीं देना चाहता। मैं उन्हें आँखें देना चाहता हूँ।
Nhin, main apne logon ko lathiyan nhin dena chahta. Main unhen aankhen dena chahta hun.
111. जैसे-जैसे आप अधिक जागरूक होते जाते हैं इच्छाएं गायब होती जाती है। जब जागरूकता 100% हो जाती है, तब कोई इच्छा नहीं रह जाती।
Jaise-jaise aap adhik jagruk hote jate hain ichhayen gayab hoti jati hai. Jab jagrukta 100% ho jati hai, tab koi iccha nhin rah jati.
112. नर्क हमारी रचना है, और हम असंभव करना का प्रयास कर नरक बनाते हैं। स्वर्ग हमारी प्रकृति है, यह हमारी सहजता है। ये वो जगह है जहाँ हम हमेशा होते हैं।
Nark hamari rachna hai, ham asanbhav karna ka prayas kar narak banate hain. Svarg hamari prakrati hai, yh hamari sahjta hai. Ye vi jagah hai jahan ham hamesha hote hain.
113. सच्चा प्रेम अकेलेपन से बचना नहीं है, सच्चा प्रेम बहता हुआ अकेलपन है। अकेले रहने में कोई इतना खुश रहता है कि वो इसे बाँटना चाहता है।
Saccha prem akelepan se bachna nhin hai, saccha prem bahta huaa akelapn hai. Akele arhne me koi itna khush rahta hai ki vo ise bantna chahta hai.
114. जब आप अलग हैं, तो पूरी दुनिया अलग है। ये दूसरी दुनिया बनाने का सवाल नहीं है। ये सिर्फ एक अलग आप बनाने का सवाल है।
Jab aap alag hain, to puri duniya alag hai. Ye dusri duniya banane ka saval nhin hai. Ye sirf ek alag aap banane ka saval hai.
115. वो जो आपको दुखी बनता है सिर्फ वही पाप है। वो जो आपको खुद से दूर ले जाता है सिर्फ उसी से बचने की जरुरत है।
Vo jo aapko dukhi banata hai sirf vahi pap hai. Vo jo aapko khud se dur le jata hai sirf usi se bachne ki jarurat hai.
116. खुद को वैसे स्वीकार करें जैसे आप हैं और ये दुनिया का सबसे कठिन काम है, क्योंकि ये आपकी ट्रेनिंग, एजुकेशन और कल्चर के खिलाफ है।
Khud ko vaise svikar karen jaise aap hain ye duniya ka sabse kathin kaam hai, kyonki ye aapki trening, education culture ke khilaf hai.
117. शेयर करना सबसे मूल्यवान धार्मिक अनुभव है। शेयर करना अच्छा है।
Share karna sabse mulyavan dharmik anubhav hai. Share karna accha hai.
118. आप बाहरी रूप से बदलते हुए कई जिंदगियां लगा देंगे फिर भी कभी संतुष्ट नहीं हो पाएंगे, जब तक कि भीतर बदलाव नहीं होगा, बहार कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता है।
Aap bahari rup se badalte huye kayi zindgiyan laga denge fir bhi kabhi santusht nhin ho payenge, jab tak ki bhitar badlav nhin hoga, bahar kabhi bhi perfect nhin ho sakta hai.
119. यह इम्पेर्फेक्ट है, और इसलिए ये ग्रो कर रहा है, अगर ये परफेक्ट होता तो ये मर चूका होता। ग्रोथ तभी संभव है जब इम्पेर्फेक्शन हो।
Yh imperfect hai, isliye ye grow kar raha hai, agar ye perfect hota to ye mar chuka hota. growth tabhi sanbhav hai jab imperfaction ho.
120. जीवन नियमों के बिना अस्तित्व में है, खेल नियमों के बिना अस्तित्व में नहीं हो सकते। सिर्फ झूठे धर्मों के नियम होते हैं, क्योंकि झूठे धर्म एक खेल हैं।
Jivan niyamon ke bina astitv me hai, khel niyamon ke bina astitv me nhin ho sakte. Sirf jhuthe dharmon ke niyam hote hain, kyonki jhuthe dharm ek khel hain.
121. अगर आप बिना प्रेम के काम करते हैं तो आप एक गुलाम की तरह काम कर रहे हैं। जब आप प्रेम के साथ काम करते हैं, तब आप एक राजा की तरह काम करते हैं। आपका काम आपकी खुशी है, आपका काम आपका डांस है।
Agar aap bina prem ke kaam karte hain to aap ek gulam ki tarah kaam kar rahe hain. Jab aap prem ke sath kaam karte hain, tab aap ek raja ki tarah kaam karte hain. Aapka kaam aapki khushi hai, aapka kaam aapka dance hai.
122. मनुष्य का हमेशा डर के माध्यम से शोषण किया जाता है।
Manushya ka hamesha dar ke madhyam se shoshan kiya jata hai.
123. आपके जैसा इंसान दुनिया में कभी नहीं होगा, दुनिया में अभी आपके जैसा दूसरा इंसान कहीं नहीं है और न ही आपके जैसा कभी भविष्य में कोई होगा।
Aapake jaisa insaan duniya me kabhi nhin hoga, duniya me abhi aapke jaisa dusra insaan kahin nhin hai na hi aapke jaisa kabhi bhavishya me koi hoga.
124. जो इंसान जिंदगी के मजे ले रहा हो उसे मालिक बनने की कोई चाह नहीं होती है, क्योंकि वह जीवन के असली आनंद के बारे में जानता है, वह जानता है कि खुशी कभी खरीदी नहीं जा सकती।
Jo insaan zindgi ke maje le raha ho use malik banane ki koi chah nhin hoti hai, kyonki vah jivan ke asli aanand ke bare ma janta hai, vah janta hai ki khushi kabhi kharidi nhin ja sakti.
125. जिंदगी कोई मुसीबत नहीं है बल्कि ये तो एक खुबसूरत तोहफा है।
Zindgi koi musibat nhin hai balki ye to ek khubsurat tohfa hai.
126. प्यार जब सहज, अचानक, बिना अभ्यास किया हुआ, असंस्कृत, और बिना सोचते होता है तभी वह सच्चा कहलाता है।
Pyar jab sahaj, achanak, bina abhyas kiya huaa, asanskrat, r bina sochte hota hau tabhi vah saccha kahlata hai.
127. एक महिला संसार की सबसे सुंदर कृति है, उसकी किसी से भी तुलना न करें। भगवान द्वारा दी गई यह एक उत्कृष्ट कृति है।
Ek mahila sansar ki sabse sunadr krati hai, uski kisi se bhi tulna na karen. Bhagvan dvara di gayi yh ek utkrasht krati hai.
128. आपके अलावा कोई आपकी परिस्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं है। कोई आपको गुस्सा नहीं दिला सकता और कोई आपको खुश भी नहीं कर सकता।
Aapke aalava koi aapki paristhiti ke liye jimmedar nhin hai. Koi aapko gussa nhin dila sakta koi aapko khush bhi nhin kar sakta.
129. मेरे ज्ञान ने मुझे सभी चीजों से मुक्ति दिलवाई जिसमें खुद ज्ञान भी शामिल है।
Mere gyan ne mujhe sabhi chijon se mukti dilvayi jismen khud gyan bhi shamil hai.
130. जिस समय आपको आपके प्यार और आपके सच में से किसी एक को चुनना पड़ता है तब आपका सच ही आपके लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
Jis samay aapko aapke pyar aapke sach me se kisi ek ko chunana padta hai tab aapka sach hi aapke liye nirnayak sabit ho sakta hai.
131. मौन में और करुणा में विरोध नहीं है। मौन से करुना पैदा होती है और करुणावान व्यक्ति धीरे-धीरे मौन होता चला जाता है।
Maun me karuna me virodh nhin hai. Maun se karuna paida hoti hai karunavan vyakti dhire-dhire maun hota chala jata hai.
132. जब ध्यान बोलता है, जब ध्यान की वीणा पर संगीत उठता है, जब मौन मुखर होता है, तब शास्त्र निर्मित होते हैं।
Jab dhyan bolta hai, jab dhyan ki vina pr sangit uthta hai, jab maun mukhar hota hai, tab shastr nirmit hote hain.
133. जिसने सुनना सीख लिया है, जिसे श्रवण की कला आ गई, उसे तत्क्षण समझ में उगना शुरू हो जाएगा, कहाँ मिलती है उपशांति।
Jisne sunana sikh liya hai, jise shravan ki kal aa gayi, use tatkshan samajh me ugna shuru ho jayega, kahan milti hai upshanti.
134. मौन का अर्थ है निःशब्द होना। शब्द मौन की खुराक है। वह तो शब्दों को पीने को कहेगा, लेकिन मेरी बात सुनो तो शून्य को, मौन को पकड़ना और पीना। आत्मसात कर लेना चुप्पी को।
Maun ka arth hai nihshabd hona. Shabd maun ki khurak hai. Vah to shabdon ko pine ko kahega, lekin meri baat suno to shunya ko, maun ko pakadna pina. Aatmsaat kar lena chuppi ko.
135. साधारण आदमी वासना से बोलता है, बुद्ध पुरुष करुणा से बोलते हैं। साधारण आदमी इसलिए बोलता है कि बोलने से शायद कुछ मिल जाए, जबकि बुद्ध पुरुष इसलिए बोलते हैं कि तुम भी साझीदार हो जाओ उनके परम अनुभव में।
Sadharan aadmi vasna se bolta hai, buddh purush karuna se bolte hain. Sadharan aadmi isliye bolta hai ki bolne se shayad kuch mil jaye, jabki buddh purush isliye bolte hain ki tum bhi sajhidar ho jaao unke param anubhav me.
136. जब वाणी थका दे, जब बोलना ज्यादा बोझ बन जाए तो मौन से उतरना ऐसे ही है जैसे दिन-भर का थका हुआ आदमी रात को सो जाता है।
Jab vani thaka de, jab bolna jyada bojh ban jaye to maun se utarna aese hi hai jaise din-bhar thaka huaa aadmi raat ko so jata hai.
137. समझो! चुप रहने का नाम मौन नहीं है। चुप तो आदमी हजारों कारणों से रह जाता है। जब तक मन है मौन नहीं। मन की मृत्यु का नाम मौन है। भीतर विचार न चलें, तरंगे न उठें, तो मौन है।
Samjho! Chup rahne ka name maun nhin hai. Chup to aadmi hajaron kaaranon se rah jata hai. Jab tak man hai maun nhin. Man ki mratyu ka name maun hai. Bhitar vichar na chalen, tarange na uthen, to ,maun hai.
138. बोलने, न बोलने से मौन का कोई वास्ता नहीं है। मौन का वास्ता तो है, निर्विचार दशा से और वह अन्तर्दशा बोलने से भी भंग नहीं होती।
Bolne, na bolne se maun ka koi vasta nhin hai. Maun ka vasta to hai, nirvichar dasha se vah antardasha bolne se bhi bhang nhin hoti.
139. जीवन को एक मंदिर बनाना है तो जीवन को एक संश्लेषण की दृष्टि से देखने की क्षमता पैदा करनी होती है, विश्लेषण की दृष्टि से नहीं।
Jivan ko ek mandir banana hai to jivan ko ek sanshleshan ki drashti se dekhne ki kshamta paida karni hoti hai, vishleshan ki drashti se nhin.
140. प्रकाश के आगमन पर अँधेरा चला जाता है। ऐसे ही ज्ञान के आगमन पर जीवन में जो भी कलुषित है, वह बह जाता है और तब जो शेष रह जाता है वह संयास है।
Prakash ke aagman pr andhera chala jata hai. aese hi gyan ke aagman pr jivan me jo bhi kalushit hai, vah bah jata hai tab jo shesh rah jata hai vah sanyas hai.
141. जो जीवन को नहीं जनता वही कहता है, व्यर्थ है, वही कहता है असार है और मैं जीवन को जानकर कहता हूँ कि सारभूत है, जो कुछ है सब जीवन में है।
Jo jivan ko nhin janta vahi kahta hai, vyarth hai, vahi kahta hai aasar hai main jivan ko jankar kahta hun ki sarbhut hai, jo kuch hai sab jivan me hai.
142. संयास का अर्थ है, यह बोध कि मैं शरीर ही नहीं हूँ आत्मा हूँ। इस बोध के साथ ही भीतर आसक्ति और मोह नहीं रह जाता है।
Sanyas ka arth hai, yh bodh ki main sharir hi nhin hun aatma hun. Is bodh ke sath hi bhitar aasakti moh nhin rah jata hai.
143. परमात्मा जीवन में है और मोक्ष भी, लेकिन पूरे जीवन को जो जानते हैं वे ही केवल इस सत्य का अनुभव कर पाते हैं।
Parmatma jivan me hai moksha bhi, lekin pure jivan ko jo jante hain ve hi keval is satya ka anubhav kar pate hain.
144. जीवन आज और अभी है। उसे कभी अतीत या भविष्य में न देखें। जिसने जीवन को अतीत या भविष्य में देखा उसने जीवन को जाना ही नहीं। हमेशा ध्यान रखें कि जो सामने है वही सच है। इसके बाद जो कुछ भी है वह सिर्फ संभावना है।
Jivan aaj abhi hai. Use kabhi atit ya bhavshya me na dekhen. Jisne jivan ko atit ya bhavishya me dekha usne jivan ko jana hi nhin. Hamesha dhyan rakhen ki jo samne hai vahi sach hai. Iske baad jo kuch bhi hai vah sirf snbhavna hai.