1. छोटी चीजों में वफादार रहिए क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित है।
Choti chijon me vafadar rahiye kyonki inhin me aapki shakti nihit hai.
2. अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच पुल है।
Anushasan lakshyon uplabdhi ke bich pul hai.
3. सादगी से जिएं ताकि दुसरे भी जी सकें।
Sadgi se jiyen taki dusre bhi ji saken.
4. यीशु ने कहा है कि एक-दूसरे से प्रेम करो। उन्होंने यह नहीं कहा कि समस्त संसार से प्रेम करो।
Yishu ne kaha hai ki ek-dusre se prem karo. Unhone yh nhin kaha ki samast sansar se prem karo.
5. अगर हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम भूल चुकें हैं कि हम एक-दूसरे के हैं।
Agar hamare man me shanti nhin hai to iski vajah hai ki ham bhul chuke hain ki ham ek-dusre ke hain.
6. मैं चाहती हूँ कि आप अपने पडोसी के बारे में चिंतित हों। क्या आप जानते हैं कि आपका पडोसी कौन है?
Main chahti hun ki aap apne padosi ke bare me chintit hon. Kya aap jante hain ki aapka padosi kaun hai?
7. जो आपने कई वर्षों में बनाया है वह रात भर में नष्ट हो सकता है तो भी क्या आगे बढ़िए उसे बनाते रहिए।
Jo aapne kayi varshon me banaya hai vah raat bhar me nasht ho sakta hai to bhi kya aage badhiye use banate rahiye.
8. लोग अवास्तविक, विसंगत और आत्मा केंद्रित होते हैं फिर भी उन्हें प्यार दीजिए।
Log avastvik , visangat aatma kendrit hote hain fir bhi unhen pyar dijiye.
9. मुझे लगता है कि हम लोगों का दुखी होना अच्छा है, मेरे लिए यह यीशु के चुंबन की तरह है।
Mujhe lagta hai ki ham logon ka dukhi hona acha hai, mere liye yh yishu ke chunban ki tarah hai.
10. ज्यादा बच्चे कैसे हो सकते हैं? यह तो बहुत सारे फूलों की तरह हैं।
Jyada bacche kaise ho sakte hain? Yh to bahut sare fulon ki tarah hain.
11. सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं है, बल्कि अवांछित होना ही सबसे बड़ी बीमारी है।
Sabse badi bimari kushth rog ya tapedik nhin hai, balki aavanchit hona hi sabse badi bimari hai.
12. जिस व्यक्ति को कोई चाहने वाला न हो, कोई ख्याल रखने वाला न हो, जिसे हर कोई भूल चुका हो, मेरे विचार से वह किसी ऐसे व्यक्ति की तुलना में जिसके पास कुछ खाने को न हो, कहीं बड़ी भूख, कहीं बड़ी गरीबी से ग्रस्त है।
Jis vyakti ko koi chahne vala na ho, koi khyal rakhne vala na ho, jise har koi bhul chuka ho, mere vichar se vah kisi aese vyakti ki tulna me jiske paas kuch khane na ho, kahin badi bhukh, kahin badi garibi se grast hai.
13. अगर आप यह देखेंगे कि लोग कैसे हैं तो आप के पास उन्हें प्रेम करने का समय नहीं मिलेगा।
Agar aap yh dekhenge ki log kaise hain to aap ke paas unhen prem karne ka samay nhin milega.
14. शांति की शुरुआत मुस्कुराहट से होती है।
Shanti ki shuruat muskurahat se hoti hai.
15. जहाँ जाइए प्यार फैलाइए। जो भी आपके पास आए वह और खुश होकर लौटे।
Jahna jayiye pyar failayiye. Jo bhi aapke paas aaye vah khush hokar laute.
16. प्रेम की शुरुआत निकट लोगों और संबंधो की देखभाल और दायित्व से होती है, वो निकट संबंध जो आपके घर में हैं।
Prem ki shuruat nikat logon sanbandhon ki dekhbhal dayitv se hoti hai, vo nikat sanbandh jo aapke ghar me hain.
17. पेड़, फूल और पौधे शांति में विकसित होते हैं, सितारे, सूर्य और चंद्रमा शांति से गतिमान रहते हैं, शांति हमें नई संभावनाएं देती है।
Ped, fool paudhe shanti me viksit hote hain, sitare, surya chandrma shanti se gatiman rahte han, shanti hamen nayi sanbhavnayen deti hai.
18. सबसे बड़ा रोग किसी के लिए भी कुछ न होना है।
Sabse bada rog kisi ke liye bhi kuch na hona hai.
19. बिना प्रेम के कार्य करना दासता है।
Bina prem ke karya karna dasta hai.
20. अगर आप सौ लोगों को नहीं खिला सकते तो एक को ही खिलाइए।
Agar aap 100 logon ko nhin khila sakte to ek ko hi khilayiye.
21. एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जिया गया वह जीवन नहीं है।
Ek jivan jo dusron ke liye nhin jiya gya vah jivan nhin hai.
22. हर वस्तु जो नहीं दी गई है खो चुकी है।
Har vastu jo nhin di gayi hai kho chuki hai.
23. हम सभी महान कार्य नहीं कर सकते लेकिन हम अन्य कार्यों को प्रेम से कर सकते हैं।
Ham sabhi mahan karya nhin kar sakte lekin ham any karyon ko prem se kar sakte hain.
24. मैं एक छोटी पेंसिल के समान हूँ जो ईश्वर के हाथ में है जो इस संसार को प्रेम का संदेश भेज रहे हैं।
Main ek choti pencil ke saman hun jo yishvar ke hath me hai jo is sansar ko prem ka sandesh bhej rahe hain.
25. हम सभी ईश्वर के साथ में एक कलम के समान है।
Ham sabhi yishvar ke sath me ek kalam ke saman hai.
26. यह महत्वपूर्ण नहीं है आपने कितना दिया, बल्कि यह है कि देते समय आपने कितने प्रेम से दिया।
Yh mahatvpurn nhin hai aapke kitna diya, balki yh hai ki dete samay aapne kitne prem se diya.
27. मैं सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करता मैं सच्चाई के लिए करता हूँ।
Main safalta ke liye prarthna nhin karta main sachhayi ke liye karta hun.
28. प्रेम हर ऋतू में मिलने वाले फल की तरह है जो हर की पहुँच में है।
Prem har ritu me milne vale fal ki tarah hai jo har ki pahuncha me hai.
29. किसी नेता की प्रतीक्षा मत करो, अकेले करो, व्यक्ति से व्यक्ति द्वारा।
Kisi neta ki pratiksha mat karo, akele karo, vyakti se vyakti dvara.
30. वे शब्द को ईश्वर का प्रकाश नहीं देते अँधेरा फैलाते हैं।
Ve shabd ko yishvar ko prakash nhin dete andhera failate hain.
31. कार्य में प्रार्थना प्यार है, कार्य में प्यार सेवा है।
Karya me prarthna pyar hai, karya me pyar seva hai.
32. खुबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते। लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं।
Khubsurat log hamesha acche nhin hote. Lekin acche log hamesha khubsurat hote hain.
33. दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं लेकिन वास्तव में उनकी गूंज अनंत होती है।
Daya prem bhare shabd chote ho sakte hain lekin vastav me unki gunj anant hoti hai.
34. अकेलापन और किसी के द्वारा न चाहने की भावना का होना भयानक गरीबी के समान है।
Akelapan kisi ke dvara na chahne ki bhavna ka hona bhyanak garibi ke saman hai.
35. आप दुनिया में प्रेम फैलाने के लिए क्या कर सकते हैं? घर जाइए और अपने परिवार से प्रेम कीजिए।
Aap duniya me prem failane ke liye kya kar sakte hain? Ghar jayiye apne parivar se prem kijiye.
36. कल जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, हमारे पास सिर्फ आज है, चलिए शुरुआत करते हैं।
Kal ja chuka hai, kal abhi aaya nhin hai, hamare paas sirf aaj hai, chaliye shuruaat karte hain.
37. चलिए जब भी एक-दूसरे से मिलें मुस्कान के साथ मिलें, यही प्रेम की शुरुआत है।
Chaliye jab bhi ek-dusre se milen muskan ke sath milen, yahi prem ki shuruat hai.
38. सिर्फ धन देने भर से संतुष्ट न हों, धन पर्याप्त नहीं है, वह पाया जा सकता है लेकिन उन्हें आपके प्रेम की आवश्यकता है, तो जहाँ भी आप जाएँ अपना प्रेम सबमें बांटें।
Sirf dhan dene bhar se santusht na hon, dhan pryapt nhin hai, vah paya ja sakta hai lekin unhen aapke prem ki aavshyakta hai, to jahan bhi aap jayen apna prem sabmen bante.
39. प्रेम एक ऐसा फल है, जो हर मौसम में मिलता है और जिसे सभी पा सकते हैं।
Prem ek aesa fal hai, jo har mausam me milta hai jise sabhi paa sakte hain.
40. भगवान यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल हों। वे तो केवल इतना चाहते हैं कि हम प्रयास करें।
Bhgavan yh apeksha nhin karte ki ham safal hon. Ve to keval itna chahte hain ki ham prayas karen.
41. कुछ लोग अपनी जिंदगी में आशीर्वाद की तरह कुछ लोग एक सबक की तरह।
Kuch log apni zindgi me aashirvad ki tarah kuch log ek sabak ki tarah.
42. उनमें से हर कोई किसी-न-किसी भेष में भगवान है।
Unmen se har koi kisi-na-kisi bhesh me bhagvan hai.
43. ईश्वर हमसे यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल हों। वे तो केवल इतना चाहते हैं कि हम प्रयास करें।
Yishvar hamse yh apeksha nhin karte ki ham safal hon. ve to keval itna chahte hain ki ham prayas karen.
44. आप स्दुनिया में प्रेम फ़ैलाने के लिए क्या कर सकते हैं? घर जाइए और अपने परिवार से प्रेम कीजिए।
Aap duniya me prem failane ke liye kya kar sakte hain? Ghar jayiye apne parivar se prem kijiye.