1. विश्वास ह्रदय के भीतर वो नखलिस्तान है जिस तक सोच के कारवां द्वारा नहीं पहुंचा जा सकता।
2. दोस्ती की मिठास में हास्य और खुशियों का बांटना होना चाहिए। क्योंकि छोटी-छोटी चीजों की ओस में दिल अपनी सुबह खेज लेता है और तरोताजा हो जाता है।
3. उदारता जितना आप दे सकते हैं उससे अधिक देना है, और गर्व जितना आप ले सकते हैं उससे कम लेना है।
4. कष्ट सह कर ही सबसे मजबूत लोग निर्मित होते हैं, सबसे महान चरित्रों पर घाव के निशान होते हैं।
5. आपका दोस्त आपकी जरूरतों का जवाब है।
6. आगे बढ़ो, कभी रुको मत, क्योंकि आगे बढना पूर्णता है। आगे बढ़ो और रास्ते में आने वाले काँटों से डरो मत, क्योंकि वे सिर्फ गंदा खून निकालते हैं।
7. एक दूसरे से प्रेम करें, लेकिन प्रेम का कोई बंधन न बाधें: बल्कि इसे अपनी आत्माओं के किनारों के बिच एक बहते हुए सागर के समान रहने दें।
8. प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष के समान है जिसपे न बहार आए न फल हों।
9. अगर आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसे जाने दें, क्योंकि अगर वो लौटते हैं तो वो हमेशा से आपके थे और अगर नहीं लौटते हैं तो कभी आपके नहीं थे।
10. जीवन के दो मुख्य तोहफे, सुंदरता और सत्य, पहला मुझे एक प्यार भरे दिल और दूसरा एक श्रमिक के हाथों में मिला।
11. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुशी के साथ देते हैं, और वही खुशी उनका ईनाम है।
12. कल हम राजाओं की आज्ञा मानते थे और शासकों के सामने सिर झुकाते थे। लेकिन आज हम सिर्फ सत्य के सामने घुटने टेकते हैं, सुंदरता का अनुसरण करते हैं, और सिर्फ प्रेम की आया मानते हैं।
13. काम प्रेम की अभिव्यक्ति है। और अगर आप प्रेम से नहीं सिर्फ बेमन से काम कर सकते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपना काम छोड़ दें और मंदिर के गेट पर बैठ कर उनसे भीख लें जो खुशी से काम करते हैं।
14. मैं तुमसे प्रेम करता हूँ जब तुम अपने मस्जिद में झुकते हो, अपने मंदिर में घुटने टेकते हो, अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो। क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं, और यही भावना है।
15. आने वाली पीढ़ी गरीबी से समानता और संकट से प्रेम सीखेगी।
16. जब आप दुखी हो तो पुनः अपने ह्रदय में झांकें, और आप पाएंगे कि वास्तविकता में आप उसके लिए रो रहे हैं जो आपकी खुशी रहा हो।
17. सपनों में यकीन करो, क्योंकि उन्हीं में अनंत का द्वार छिपा है।
18. जब हम सलाह के लिए एक दूसरे की तरफ देखते हैं तब हम अपने दुश्मनों की संख्या घटा लेते हैं।
19. मैंने बतुनियों से शांत रहना सिखा है, असहिष्णु व्यक्तियों से सहनशीलता सीखी है, निर्दयी व्यक्तियों से दयालुता सीखी है, पर फिर भी कितना अजीब है कि मैं उन शिक्षकों का आभारी नहीं हूँ।
20. दुःख महज दो बगीचों के बीच की एक दीवार है।
21. ज्ञान ज्ञान नहीं रह जाता जब वह इतना अभिमानी हो जाए कि रो भी न सके, इतना गंभीर हो जाए कि हंस भी न सके और इतना स्वार्थी हो जाए कि अपने सिवा किसी और का अनुसरण न कर सके।
22. जो सही है वो लोगों के दिल के करीब होता है, लेकिन जो दयालु है वो भगवान के ह्रदय के करीब होता है।
23. बीता हुआ कल आज की स्मृति है, और आने वाला कल आक का स्वप्न है।
24. जब आप खुश हो तब गहराई से अपने ह्रदय में देखिये और आप पाएंगे कि जिस चीज ने आपको दुखी किया था वही आपको खुशी दे रही है। जब आप दुखी हों, तब फिर अपने ह्रदय में झांकिए, और आप देखेंगे कि असल में आप जिसके लिए रो रहे हैं वाही आपकी खुशी रहा है।
25. ये मत भूलो की धरती तुम्हारे पैरों को महसूस करके खुश होती है और हवा तुम्हारे बालों से खेलना चाहती है।
26. अपने सुख-दुःख अनुभव करने से बहुत पहले हम खुद उन्हें चुनते हैं।
27. जो सही है वो लोगों के दिल के करीब होता है, लेकिन जो दयालु है वो भगवान के ह्रदय के करीब होता है।
28. एक दोस्त जो बहुत दूर है वो कभी-कभी करीब रहने वालों से अधिक नजदीक होता है। क्या पहाड़, वहां रहने वालों की अपेक्षा घाटी से गुजरने वालों को कहीं अधिक प्रेरनादायी और स्पष्ट नहीं दिखता।
29. स्वतंत्रता के बिना जीवन आत्मा के बिना शरीर के समान है।
30. आपके बच्चे आपके बच्चे नहीं हैं। वे जीवन की खुद के प्रति लालसा के पुत्र-पुत्रियाँ हैं। वे आपके द्वारा आए पर आपसे नहीं आए और हालाँकि वो आपके साथ हैं पर फिर भी आपके नहीं हैं।
31. ये मत कहो कि मैंने सच खोज लिया है, बल्कि ये कहो कि मैंने एक सच खोज लिया है।
32. अगर कोई और आपको चोट पहुंचाता है तो हो सकता है आप उसे भूल जाएँ, लेकिन अगर आप उसे चोट पहुंचाते हैं तो आप हमेशा याद रखेंगे।
33. आप वो धनुष हो जिससे आपके बच्चे जीवित तीर के रूप में भेजे जाते हैं।
34. आपकी रोजमर्रा की जिंदगी आपका मंदिर और आपका धर्म है। जब आप इसमें प्रवेश करते हैं तो पूरी तरह से प्रवेश करिए।
35. दुःख महज दो बगीचों के बिच की एक दीवार है।
36. जिस व्यक्ति को तुम अज्ञानी और तुच्छ समझते हो वो भगवान की और से आया है, हो सकता है वो दुख से आनंद और निराशा से ज्ञान सीख ले।
37. जब आप अपनी संपत्ति देते हैं तब आप देते तो हैं मगर बहुत। पर जब आप खुद को देते है तब आप वास्तविकता में देते हैं।
38. जो शिक्षा वास्तव में बुद्धिमान है वो आपको अपने ज्ञान प्रकोष्ठ में प्रवेश करने का आदेश नहीं देता बल्कि वो आपको आपके बुद्धि की पराकाष्ठ तक ले जाता है।
39. कला जो स्पष्ट और अच्छी तरह से ज्ञात है उससे रहस्य और छिपे हुए की तरफ बढ़ाया हुआ एक कदम है।
40. अगर आपका ह्रदय ज्वालामुखी है तो भला आप फूलों के खिलने की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं।
41. मुझे उस ज्ञान से दूर रखो जो रोता न हो, उस दर्शन से दूर रखो जो हंसता न हो और उस महानता से दूर रखो जो बच्चों के सामने सिर न झुकाता हो।
42. मित्रता हमेशा एक मधुर जिम्मेदारी है, अवसर कभी नहीं।
43. अगर आप अपने राज हवा से बताते हैं तो उनके पेड़ों को पता चलने का दोष हवा को नहीं देना चाहिए।
44. आप कैसे जीते हैं ये जिंदगी आपको क्या देती है इससे अधिक आप अपनी जिंदगी को क्या नजरिया देते हैं इसपर निर्भर करता है, जितना आपकी जिंदगी में क्या हुआ इससे अधिक जो हुआ उसे आप कैसे देखते हैं इस पर निर्भर करता है।
45. जब तक बिछड़ने की घडी नहीं आती तब तक प्यार खुद अपनी गहराई नहीं जान पाता।
46. आस्था ह्रदय में एक रमणीय स्थल की तरह है जहाँ विचारों का काफिला कभी भी पहुंच नहीं पाएगा।
47. जिसको प्यार में परमानंद चाहिए उसे दुखों की प्रवाह नहीं करनी चाहिए।
48. प्यार और अकेलेपन में हम जिन भावनाओं से गुजरते हैं वो हमारे लिए वैसी ही हैं जैसे समन्दर के लिए समन्दर में उठने वाला उच्चा और निम्न ज्वार।
49. मैं परम सत्य से अनजान हूँ, पर मैं अपनी अज्ञानता के प्रति विनम्र हूँ और यही मेरे लिए सम्मान की बात है और यही मेरा पुरस्कार है।
50. जब आप प्यार करते हो तो आपको नहीं सोचना चाहिए कि आप प्यार को रास्ता दिखा सकते हो, बल्कि अगर आप प्यार के योग्य हो तो प्यार आपको रास्ता दिखाता है।
51. जो आदमी औरतों की छोटी-छोटी गलतियों के लिए माफ़ नहीं कर सकते वो उनकी खूबियों का कभी आनंद नहीं ले पाते।
52. कभी-कभी एक दोस्त जो बहुत दूर है, उससे ज्यादा पास होता है जो हमारे साथ होता है।
53. प्यार एक संपदन खुशी है।
54. जो नहीं कहना था वो कह दिया और जो कहना था वो कहा नहीं इसी में बहुत सा प्यार खत्म हो जाता है।
55. सुख पाने की चाह आत्मा के जोश को खत्म कर देती है।
56. दुःख भरी आत्मा को एकांत में आराम मिलता है।
57. आपका दैनिक जीवन ही आपका मंदिर और धर्म है।
58. जो शिक्षा वास्तव में समझदार है वो आपको अपने ज्ञान की दुनिया में ले जाने की अपेक्षा, आपको आपके मन की दहलीज की तरफ ले जाएगा।
59. आजादी के बिना जीवन वैसा ही है जैसे आत्मा के बिना शरीर।
60. पानी की एक बूंद में समंदर के सरे राज खुल जाते हैं, आपके एक पहलू में जीवन के सरे पहलू मिल जाते हैं।
61. इच्छा आधा जीवन है, उदासीनता आधी मृत्यु।
62. मैं जीवन के न्याय में विश्वास कैसे खो सकता हूँ, जब वो लोग जो गद्दों पे सोते हैं, उनके सपने उनसे ज्यादा खुबसूरत नहीं होते जो जमीन पे सोते हैं।
63. भविष्य के बारे में सोचने से हमें चिंता नहीं होती, उनको काबू में करने की चाह से होती है।
64. अँधेरे की तरफ देखो, सूर्य को जन्म दे रहा है।
65. आप तब बोलते हो जब आपको अपने विचारों से शांति मिलनी बंद हो जाती है।
66. अगर मेरा अस्तित्व किसी के खत्म होने की वजह बनता है तो मौत मुझे ज्यादा प्रिय होगी।
67. निराशा के बाद जिंदगी को मुड़कर देखना ही उसे फिर से जीने जैसा है।
68. मन्दिर के दरवाजे पर हम सभी भिखारी ही हैं।
69. विफलता ज्ञान की शुरुआत है।
70. खुद का ज्ञान सभी ज्ञान की जननी है।
71. हमारे सभी शब्द वो टुकड़े हैं जो दिमाग की दावत से नीचे गिरते हैं।
72. जीना और मरना एक हैं जैसे नदी और समुद्र एक हैं।
73. जब आप अपने दोस्त से अलग होते हैं, तो दुखी मत होइए, क्योंकि आप उसमे जिस चीज से सबसे प्यार करते हैं वह उसके बिना ज्यादा स्पष्ट हो सकेगी, ठीक वैसे ही जैसे पर्वतारोही को पर्वत समतल जगह से ज्यादा साफ नजर आता है।
74. सदा से ही यह जानने में आया है कि प्यार तब तक अपनी खुद की गहराई को नहीं जान पाता जब तक कि बिछुड़ने का वक्त नहीं आ जाता।
75. मत भूलिए कि धरती आपके नंगे पांवों का स्पर्श करके आनंदित होती है पर पवन आपकी जुल्फों से खेलने की आरजू करती है।
76. सबसे बलवान आत्माएं कष्ट से ही निकल कर सामने आई हैं, सबसे विशाल चरित्र जख्मों से दृढ हुए हैं।
77. आपका दर्द उस खोल की टूटन है जो आपकी समझदारी को आवृत किये हुए है।
78. श्रद्धा ह्रदय में बसा वह ज्ञान है, जो प्रमाण की पहुँच से परे है।
79. सुंदरता चेहरे में नहीं, सौंदर्य दिल में बसने वाली रौशनी है।
80. प्रगति उसकी वृद्धि में नहीं है जो है, बल्कि उसकी ओर बढने में है जो होगा।
81. सौंदर्य वह शाश्वतता है जो एक दर्पण में खुद को ही देख रही है।
82. कार्य दृश्यमान प्रेम है।
83. सत्य के बिना विद्रोह शुष्क और झुलसे रेगिस्तान में स्थित सोते की तरह है।
84. मैंने बातूनी से मौन सीखा है, असहनशील से सहनशीलता, और निर्दयी से दयालुता, पर, आश्चर्य है, मैं उन शिक्षकों में प्रति कृतज्ञ नहीं हूँ।
85. शंका वह दर्द है जो इतना अकेला है कि यह भी नहीं जानता कि श्रद्धा उसका ही जुड़वां भाई है।
86. ईश्वर तुम्हारे शब्दों को तब तक नहीं सुनता है, जब तक कि उन शब्दों को तुम्हारे होठों द्वारा नहीं बोलता।
87. निःसंदेह नमक में एक विलक्षण पवित्रता है, इसीलिए वह हमारे आंसुओं में भी है और समुंद्र में भी।
88. यथार्थ में अच्छा वही है जो उन सब लोगों से मिलकर रहता है जो बुरे समझे जाते हैं।
89. इससे बड़ा और क्या अपराध हो सकता है कि दुसरे के अपराधों को जानते रहें।
90. बहुत सी स्त्रियाँ पुरुषों के मन को मोह लेती हैं। परन्तु बिरली ही स्त्रियाँ हैं जो अपने वश में रख सकती हैं।
91. अगर तुम्हारे हाथ रूपए से भरे हुए हैं तो फिर वे परमात्मा की वंदना के लिए कैसे उठा सकते हैं।
92. अगर तुम अपने अंदर कुछ लिखने की प्रेरणा का अनुभव करो तो तुम्हारे भीतर ये बातें होनी चाहिए-ज्ञान कला का जादू, शब्दों के संगीत का ज्ञान और श्रोताओं को मोह लेने का जादू।
93. कुछ सुखों की इच्छा ही मेरे दुखों का अंश है।
94. दानशीलता यह नहीं है कि तुम मुझे वह वस्तु दे दो जिसकी मुझे आवश्यकता तुमसे अधिक है, बल्कि यह है कि तुम मुझे वह वस्तु दो, जिसकी आवश्यकता तुम्हें मुझसे अधिक है।
95. कोई कुछ मांगे तो उसे दे दीजिए, लेकिन आपसी समझ के आधार पर किसी को कुछ देना सबसे सर्वश्रेष्ठ है।
96. जब हम एक-दूसरे की मदद करने या उन्हें समझाने के लिए मुड़ते हैं तो हम अपने दुश्मनों की संख्या कम कर देते हैं।
97. दूसरों के अधिकारों की सुरक्षा करना मनुष्य के जीवन का सबसे हसीन अंत है।
98. अगर अतिथि नहीं होते तो सब घर कब्रिस्तान बन जाते।
99. अगर तुम जाति, देश और व्यक्तिगत पक्षपातों से जरा ऊपर उठ जाओ तो निःसंदेह तुम दवता समान बन जाओगे।
100. किसी व्यक्ति के दिल और दिमाग को समझने के लिए यह न देखिए कि वह क्या हासिल कर चुका है। इस बात की तरफ ध्यान दीजिए कि वह क्या हासिल करने की ख्वाहिश रख रहा है।
101. प्रेम और संदेह में कभी बात-चीत नहीं रही है।
102. अगर आपने अपना कोई रहस्य किसी एक व्यक्ति को बताया है तो आप उसे अपने इस रहस्य को दुसरे लोगों को बताने से रोक नहीं सकते।