1. मैं कभी भी एक सुपर स्टार नहीं रहा और न ही इसमें कभी भी विश्वास किया।
2. मैं कभी-कभी इस बात से दुखी हो जाता हूँ, कि मेरे पास रोग मुक्त शरीर नहीं है।
3. यह एक रणभूमि है, और मेरा शरीर इन में से एक है जिसने बहुत कुछ सहन किया है।
4. यह सभी को स्वीकार करना चाहिए, कि हमारी उम्र बढ़ेगी और उम्र हमेशा उड़ान नहीं भारती मतलब सुखद नहीं होती।
5. टीवी मीडिया से मैं इतना ही कहूँगा कि इतने तनाव में आकर मेहनत न करे।
6. ऐसी बहुत सी चीजे हैं, जो मुझे लगता है उन्हें करना बाकी है।
7. मुझे ऐश्वर्या के साथ रोमांस करने में खुशी होगी लेकिन मेरी उम्र के हिसाब से मैं उनका पिता ही बन सकता हूँ।
8. डायलोग- रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं नाम है शहनशाह।
9. डायलोग-हम जहाँ खड़े होते हैं लाइन वही से शुरू होती है।
10. प्रत्येक युग में आप देखेंगे या प्रत्येक दशक में नए कलाकार आए… और नई पीढ़ी है। आपके हर व्यवसाय में ऐसा ही होगा। पिता जो है अपनी जिम्मेदारी पुत्र पर छोड़ देता हैं, चाहे वो बड़ा बिजनेस हो या मिडिया हो, चाहे वो फिल्म कलाकार हो, राजनीती हो। सब जगह ऐसा होता है।
11. मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है कि मैं हमेशा चर्चा का विषय ही रहने के लिए पैदा हुआ हूँ।
12. पैसा तो आप सभी कमाते रहे हैं। आप भी कम रहे हैं… हम भी कम रहे हैं।
13. ढेर सारी ऐसी चीजें थीं। जिसे मुझे लगता है कि मैंने खो दिया है।
14. एक बार शुरुआत में अगर आप चरम सीमा छू लेंगे, तो वहां से फिर आपको नीचे ही उतरना है। यही जीवन है।
15. हर क्रिएटिव इंसान को ये छुट मिलनी चाहिए कि वह अपनी क्रिएटिविटी को व्यक्त करें।
16. कोई भी इंसान भरपूर नहीं है। और हमेशा से ही आलोचनाओं का मैं सम्मान और उम्मीद करता हूँ।
17. अगर हमारे मन का नहीं हो रहा है, तो फिर ईश्वर के मन का हो रहा है। वो तो हमारे लिए अच्छा ही चाहेगा।
18. मैं न्यू ईयर रेसुलेषण में यकीन नहीं रखता। अगर मुझे कुछ करना ही है, तो उसे अभी कर डालूँगा 1 जनवरी आने का इंतजार क्यों करूँगा?
19. मेरी दिली इच्छ तो बस यही है कि कोई ऐसा काम मिले, जिसके साथ हमें जूझना पड़े, संघर्ष करना पड़े।
20. हम सभी प्रोफेशनल हैं और प्रोफेशनल तरीके से ही काम करते हैं और प्रोफेशनल रिश्ते कभी इसके अंदर नहीं आते।
21. हमेशा से ही सफलता और असफलता किसी एक कंधे नहीं होती।
22. दरअसल, किसी भी फिलन को करने का बीड़ा मैं उसको लेकर होने वाली अनुभूति के कारण ही उठता हूँ। ऐसा नहीं है कि लोगों की उम्मीदों को लक्ष्य बनाकर मैं कोई फिल्म करने का फैसला करता हूँ।
23. कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं है, हारा वही जो लड़ा नहीं है।
24. जो शख्स अपने आत्मविश्वास और विश्वास की शक्ति के बूते परंपरागत चीजों को अपरंपरागत में बदल सकता है और बोक्स ऑफिस पर कामयाबी के झंडे गाड़ सकता है, उसे प्रतिभाशाली तो कहा ही जाना चाहिए।
25. मैं पिता को अपना सबसे बड़ा गुरु मानता हूँ, उनके अनुभवों ने मुझे कई चीजें सिखाई है।
26. आज जब संपर्क की दुनिया इतनी व्यापक है और इसकी गति तीव्र हो गई है। तो क्या आपको लगता है कि किसी विशिष्टता का बरकरार रह पाना मुमकिन है?
27. सीख रहा हूँ अब मैं भी इंसानों को पढ़ने का हुनर, सुना है चेहरे पर किताबों से ज्यादा लिखा होता है।
28. असफलता एक महान शिक्षक है। मैं किसी और के लिए इसकी कामना नहीं करता लेकिन इतना तो हम सभी जानते हैं कि जीवन में किसी-न-किसी मोड़ पर विफलता से हमारा पाला पड़ता ही है। विफलता हमें यह जानने का मौका भी देती है कि हमसे गलती कहाँ हो गयी और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए हमें क्या करने की जरुरत है?
29. जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है।
30. सेक्स और कॉमेडी दोनों ही हमारे जीवन के अभिन्न अंग है।
31. ब्रांड वैल्यू की बात मैं नहीं समझ पता। मुझे सचमुच नहीं लगता कि पोजिशन या प्रेजेंस को लेकर मेरी मौजूदा या पिछली पीढ़ी के एक्टरों से कोई लड़ाई रही है। मैं भाग्यशाली हूँ कि अभी भी यहाँ ऐसे मेकर्स हैं जो अपने प्रोजेक्ट्स में मुझे लेने के बारे में सोचते हैं।
32. मेरे ख्याल से पैसे को लौकिक और अध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य में देखने की जरुरत है और मैं दोनों ही परिप्रेक्ष्य में देखता हूँ।
33. अचानक काम समय से पहले जब खत्म हो जाए तो बड़ी समस्या कड़ी हो जाती है… कि अब क्या करे?
34. आलोचनाएँ उन्हीं की होती है, जिनमे कुछ बात होती है।
35. आलोचनाओं का स्वागत करना चाहिए। वरना कैसे पता चलेगा कि हमारी बात लोगों तक पहुंची कि नहीं?
36. उस समस्या का समाधान कभी हो नहीं सकता, जब तक हम उस मनः स्थिति से उसके बाते में सोचते रहेंगे, जिस मनः स्थिति से हमने उसे बनाया है।
37. मैं कोई ज्ञानी नहीं हूँ, पर ज्ञान का प्रेमी जरुर हूँ। मैं कोई साइंटिस्ट नहीं हूँ, पर मैं एक्सपेरिमेंट जरुर कर रहा हूँ। और उससे सीखता हूँ।
38. मेरे विचार अप्प्रीहेंशन से नहीं बल्कि ऑब्जरवेशन से बनते हैं।
39. दो चीजें अगर इंसान अपनी जिंदगी में सीख लेता है तो वो कभी नहीं भूलता। पहला-स्वीमिंग, दूसरा-साईकिल चलाना। आप इन क्रियाओं को करेंगे तो कभी भी इस बात की चिंता नहीं होगी आपकी स्वीमिंग करना या साइकिल चलाना याद है कि नहीं है। आप बड़े आराम से कर लेते हैं। काश कभी हम पढाई इसी नजरिए से करें, बिना बाद की चिंता किए कि एंड रिजल्ट क्या होगा।
40. सीखना कभी बंद मत करो क्योंकि सीखना कभी नहीं रुकता, यह मेरा अनुभव है।
41. ज्ञान वो इंवेस्टमेंट है जिसका मुनाफा जीवन के अंत तक मिलता है।
42. इतिहास गवाह है एक रजा अपनी शक्ति के बल पर सिर्फ वहीं तक पूजा जाता है, जहाँ तक उसका साम्राज्य फैला होता है। वो सिर्फ अपनी प्रजा का प्रिय होता है। अपने ज्ञान की कृति को फ़ैलाने वाले अल्बर्ट आइंस्टाइन, विलियम शेक्सपियर और रविन्द्र नाथ टैगोर सिर्फ अपनी जन्मभूमि में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पूजे जाते हैं। संपूर्ण मानव जाति के लिए वे प्रेरणा स्त्रोत बनते हैं।
43. मैं ऐसा मानता हूँ कि सामान्य जिंदगी जीने के लिए इंसान को रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा जरुरत है तो वो है शिक्षा।
44. शास्त्र का ज्ञान, शस्त्र के ज्ञान से ज्यादा शक्तिशाली, प्रभावशाली होता है।
45. आपके पास अगर धन है, तो आप उसे गोल्ड में कन्वर्ट कर सकत हो। धन हो या सोना हो दोनों के कम होने का या खो जाने का दर हो सकता है, पर यहीं धन अगर हम नॉलेज में कन्वर्ट करते हैं तो वो कभी कम नहीं होगा और न ही उसकी चोरी हो सकती है।
46. वेपंस, मनी किसी को पावरफुल नहीं बनाते हैं या बनाते भी हैं तो लकुच समय के लिए ही बनाते हैं। दौलत आज होगी कल नहीं होगी।
47. सीखते रहिए।
48. मतलब या तो आप को खत्म कर देता है या आपको बहुत ही अच्छा इंसान बना देता है, आप जो भी होंगे, उसी के लायक बना देगा।
49. कोई भी लक्ष्य इंसान के साहस से बड़ा नहीं, हार वही जाता है जो लड़ता नहीं।
50. आप इतने दिन भी नहीं जी सकते कि इतनी ज्यादा गलती कर सको और उससे सीख सको इसलिए दूसरों की गलतियों से सीखो।
51. इंसान की जिंदगी में वह दिन, वह पल, वह समय सबसे ज्यादा खुशगवार होता है जब उसका बेटा उसके कर्तव्यों को बाँटने लगता है।
52. हम लोग 5000 साल पुरानी समाज और संस्कृति है।
53. दुनिया आज हमें सुपर पॉवर के रूप में देख रही है।
54. आज आप कैसे भूल सकते हैं कि आप दुनिया के सबसे युवा देश है।
55. क्रिकेट के बाद कबड्डी देश का दूसरा सबसे प्रसिद्ध खेल है।
56. मैं कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता मैं सिर्फ आगे देखता हूँ कि क्या होने वाला है।
57. खुश रहने का अर्थ यह नहीं है कि सब कुछ परफेक्ट है। बल्कि खुश रहने का यह अर्थ है, आपने दोष से परे देखने का निर्णय किया है।
58. अगर भगवान से कुछ मांगना ही है तो कुछ बड़ा मांगो।
59. कुछ चीजें हमारे पक्ष में नहीं होती हैं फिर भी उन चीजों को हम बड़ी ही मजबूती के साथ वापसी करते हैं और यह बात बहुत बड़ी बात होती है।
60. मैं जीवन के जिस दौर से गुजरा हूँ और जिस तरीके से मेरे शरीर में प्रतिक्रिया की है वह बहुत ही ज्यादा आश्चर्यजनक है।
61. दुनिया में ऐसी बहुत सारी चीजें रही जिसमें मुझे लगता है कि कई सारी चीजों को हमने मिस कर दिया।
62. जीवन के प्रति किसी का व्यू पॉइंट बहुत ही ज्यादा मायने रखता है।
63. मैंने अपने जीवन में कभी भी अपनी प्रशंसा पर ध्यान नहीं दिया।
64. जब आप अपने करीबी कलाकारों के साथ काम करते हैं तो आपके मन में भावना आती हैं।
65. अगर इस दुनिया में माता-पिता न होते तो हम भी न होते।
66. मेरा मानना है कि समय के साथ बहुत साडी चीजें बदलती रहती हैं।
67. लोगों में अब धैर्य नहीं रहा।
68. गिरने से औकात का पता चलता है, और जब हाथ बढ़ते हैं, हाथ उठाने के लिए, तो अपनों का पता चलता है।
69. जब मैं अपनी गलती के बारे में सोचता हूँ या उसे फिर से देखता हूँ तो शर्मिंदा महसूस होता है। मुझे लगता है कि मैं एक बेकार अभिनेता हूँ।
70. मैं अपनी जिंदगी जितना संभव हो उतने स्वाभाविक और सामान्य तरीके से व्यतीत कर सकता हूँ करता हूँ। लेकिन अगर दिन रात विवाद मेरे पीछे पड़े रहे तो मैं इसका कुछ नहीं कर सकता। मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि वे किस तरह ये सब करते हैंमैं दाढ़ी बढ़ाता हूँ और वह टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादकीय में आ जाता है।
71. मैं सच कहूँ तो मैं कभी आइकन सुपरस्टार आदि विश्लेषणों के चक्कर में नहीं पड़ा। मैं हमेशा खुद को एक अभिनेता के रूप में देखता हूँ जो अपनी काबिलियत के अनुसार जितना अच्छा कर सकता है कर रहा है।
72. मैं कभी अपने करियर के बारे में आश्वश्त नहीं रहा।
73. पश्चिमी दर्शकों को जो सिनेमा पसंद आता है हमारे वहां ऐसा सिनेमा बहुत ही कम मिलता है।
74. भारतीय फिल्मों में हमारे अभिनेताओं को अच्छा अभिनय आना जरुरी है और उन्हें इमोशनल दृश्यों, कॉमेडी, एक्शन और नाचना-गाना आना चाहिए क्योंकि यह एक फिल्म का हिस्सा है।
75. कुछ भी न रहा मैं, आम से खास बनने के ख्वाब में, जब आम था, तो सब पहचानते थे मुझे, अब खास हूँ, अब लोग सिर्फ जानते हैं मुझे।
76. अपनी डिलिजेंस, पेशेंस, करेज और हकारात्मक अभिगम के सहारे, इंसान अनेक विकट परिस्थितियों में से सफलतापुर्वक बाहर आ सकता है।
77. तकनीक के साथ हिंदी कदम मिला कर चल रही है।
78. मैं भी जब सेट पर होता हूँ और कोई मुझे रोमन में लिख कर डायलोग देता है तो मैं फाड़ कर फेंक देता हूँ और उनसे कहता हूँ कि इसे सही ढंग से दीजिए। हालाँकि मैं रोमन पढ़ सकता हूँ लेकिन हिंदी के प्रोंउनसिअशन बिलकुल साफ हैं।
79. जो थोड़े बहुत लोग यथार्थवादी सिनेमा बनाते हैं, जो ऐसा सिनेमा बनाते हैं जो शायद पश्चिम दर्शकों को अधिक स्वीकार्य है, वे बहुत कम है।
80. मैं अपने पॉपुलर होने के बारे में कभी डिसिशन नहीं लेता।
81. जो चीज आसानी से मिल रही है वह लंबे समय तक नहीं चलती है और वह चीज जो लंबे समय तक चलती है वह आसानी से नहीं मिलती।
82. बिना शब्दों के तुम अँधेरे की दुनिया से कभी बाहर नहीं निकल पाओगे।
83. असल में, मैं बस एक एक्टर हूँ, जो अपने काम से प्यार करता है और ऐज के बारे में, ये सब बातें केवल मीडिया में पनपती है।
84. मैंने बो फोर्स की वजह से पॉलिटिक्स से रेसिग्नेशन नहीं दिया था। मैंने पॉलिटिक्स इसलिए छोड़ी, क्योंकि मुझे इंसिग्निफिसेंट पॉलिटिकल गेम नहीं आते हैं। मैं पहले भी नहीं जानता था और अब भी नहीं जानता हूँ।
85. मुझे लगता है कि हमारे देश के नगरों में पश्चिमी संस्कृति का असर आ रहा है।
86. अगर आप सक्सेसफुल होते हैं तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि यह ज्यादा देर तक नहीं टिकने वाली है और अगर आप फेल हो रहे हैं तो आपको लड़ना चाहिए और वापसी करनी चाहिए।
87. इस बात का मुझे दुःख होता है। मेरे मन में यही भावना है कि इंडियन कल्चर हमें सिखाती है जब बेटा अपने पैरों पर खड़ा हो जाए तो उसे माता-पिता का ख्याल रखना चाहिए। जब मैं बड़ा हुआ था तो मुझे हमेशा यही एंग्जायटी रहती थी कि मैं कब माँ बाबूजी से कहूँगा कि अब आप मेरे साथ आकर रहिये। आराम का जीवन बिताइए। जैसे ही वह संभव हुआ तो मैंने ऐसा किया।
88. लोगों में पेशेंस नहीं रहा।
89. 40 साल पहले वर्ल्ड सिनेमा के लोग हमसे कहते थे कि क्या नाच-गाना कर रहे हो, लेकिन आज वर्ल्ड मार्केट के लोग ढूंढते आ रहे हैं कि आप क्या बना रहे हैं।
90. जो फिल्म में दिखते है हम वो लोग नहीं होते है। मैं शराबी नहीं हूँ, लेकिन मुझे वैसा दर्शाना पड़ा।
91. असल जिंदगी में मैं कभी एकसाथ 20 लोगों को नहीं मार सकता। मैं सिर्फ उन्हें फिल्मों में ही सही तरह से कर सकता हूँ।
92. मैं भले ही बोक्स ऑफिस पर 10 में से एक नंबर पर रहू लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं अनमोल हूँ।
93. मैं हमेशा दर्शकों का मेरे प्रति आकर्षण को देखकर चकित होता हूँ।
94. मैं पहले आईने से बात करता हूँ और फिर प्रेस के सामने बात करता हूँ। मुझमे का थोडा भाग मुझमे ही रह जाता है और बाकी बचा हुआ मैं दर्शकों के साथ बिता देता हूँ।
95. भारतीय सिनेमा को सेलिब्रेट करते समय सभी कलाकारों का एकसाथ होना काफी गर्व की बात होगी।
96. मेरे साथ काम करते समय जूनियर कलाकार क्यों इतना डरते है, जबकि मेरी परिस्थिति भी ठीक उन्ही की तरह होती है।
97. हर फिल्म में मुझे टक्कर खानी ही पडती है और मेरे लिए हर फिल्म में अलग-अलग तरीकों से मरना अब कठिन हो गया है। लेकिन अभी मैंने शराब पीने के अलग-अलग तरीकों के बारे में सोचना शुरू कर दिया है।
98. मैंने पैसों को लेकर कभी किसी से बहस नहीं की क्योंकि मैं जानता हूँ कि ये कोई मायने नहीं रखते।
99. मैं जिन चीजों से गुजरा हूँ और जिस असाधारण तरीके से मेरे शरीर ने प्रतिक्रिया की वह अद्भुत है। आश्चर्य नहीं कि मैं धार्मिक हो गया, क्योंकि आप नहीं जानते कि आपके साथ कुछ चीजें क्योंकि हो रही हैं और आपको नहीं पता कि आप कैसे बाउंस बैक करते हैं।
100. लोग क्या कहेंगे? यह भावना हर भारतीय लडकी के साथ-साथ बढती है।
101. मैं बहुत भाग्यशाली हूँ कि अभी भी 45 वर्षों के बाद काम कर रहा हूँ।
102. मैं कैमरे की तुलना में एक चेहरे से बात करूँगा।
103. जो कुछ भी मैं करता हूँ वह विवादस्पद हो जाता है।
104. जब लोग मिझे बॉलीवुड का भगवान कहते है तो मैं कहता हूँ कि मैं सिर्फ एक एक्टर हूँ इसके अलावा और कुछ नहीं।
105. एक दिन ये चेहरे बदल जाते है दुनिया बदले या न बदले लेकिन कुछ ऐसे भी है काम जो हमें बताते हैं कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता है हमारा दिल बड़ा होना चाहिए।
106. आप जीवित रहने के लिए क्या करते है और आपके जीने का उद्देश्य क्या है इन दोनों में बहुत फर्क है।
107. अगर आप में लग्न, धैर्य, हिम्मत, है तो आप किसी भी विकत परिस्थिति में उसका सामना करते हुए सफलतापूर्वक बाहर निकल कर आगे जा सकते है।
108. दुष्ट व्यक्ति का स्वभाव हमेशा दूसरों के कार्य को बिगड़ने का ही होता है जिस प्रकार एक वस्त्र काटने वाला चूहा कभी भी अपने पेट भरने के लिए कपड़े नहीं काटता है वह तो सिर्फ दूसरों का नुकसान ही चाहता है।
109. मैंने कभी महान होने के लिए काम नहीं किया, मैंने तो जो भी काम किया उसे बस सोच कर किया जो भी करना है उसे अपनी पूरी योग्यता के साथ करना चाहिए।
110. ये कभी मत सोचना की जो तेज बोलते है वे शक्तिशाली ही हो, और जो धीमे बोलते हो वे कमजोर हो।
111. हम अपने जीवन में जो चाहते है उसे चुनने के लिए मुक्त है लेकिन उसके परिणाम से कभी मुक्त नहीं हो सकते हैं।
112. अगर आप अपनी नजरें सूर्य पर रखेंगे तो आपको परछाईयाँ कभी भी नहीं दिखेगी।
113. उंच नीच को नहीं मानती है हमारे देश की भाषाएँ क्योंकि भारत की भाषाओँ में कोई अक्षर कैपिटल या स्माल नहीं होते है।
114. ऐसे ज्ञान की प्राप्ति जो झूठा, निराधार और गलत हो वो ज्यादा खतरनाक होता है उससे अच्छा है कि हम अज्ञानी, अशिक्षित या विद्याहीन ही रहे।
115. बेवजह अच्छे बनो, वजह से बहुत बने फिरते रहते है।
116. काश ऐसी भी हवा चले कि कौन किसका है यह भी पता चले।
117. पांच तत्व का कोड़ है भगवान, जिससे यह ब्रह्मांड बना है। भ+ग+व+आ+न= भूमि(धरती, मिट्टी), गगन(आकाश, आसमान), वायु(हवा), अग्नि(आग), नीर(पानी, जल)।
118. आपनी आलोचना का हमेशा स्वागत करना चाहिए वरना पता कैसे चलेगा कि हमारी बात लोगों तक पहुंची है कि नहीं।
119. जीवन के लिए शानदार नजरिया-लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे अगर हम यही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे।
120. हमारी हर साँस हमें प्रतिक्षण शिक्षित करती है।
121. नफरत का खुद का कोई वजूद नहीं होता है वह तो सिर्फ मोहब्बत की गैर मौजूदगी का नतीजा है।
122. सभी से ईर्ष्या करने वाले, नफरत करने वाले, असंतोषी, क्रोधी, सदा संदेह करना और पराए शेयर के जीने वाले मनुष्य हमेशा दुखी रहते है इसलिए जहाँ तक संभव हो इन दुर्गुणों को अपने अंदर कभी भी नहीं आने देना चाहिए।
123. हम सभी के अंदर एक ऐसी आलौकिक शक्ति का भंडार होता है जो तभी बाहर आता है जब जिंदगी हमारा इम्तिहान लेती है।
124. हम सभी के जीवन में एक ऐसा भी वक्त आता है जिसमें हमें सिर्फ हमें ईमानदारी, स्थिरता, इज्जत और विश्वनीयता में रूचि रखते है।
125. हर कोई साधारण ही दिखता है लेकिन सबमें एक असाधारण प्रतिभा होती है जरुरत है तो हमें उस प्रतिभा को अपने कौशल से निखारने की।