अपान मुद्रा क्या है :-
अपान का स्थान स्वास्थ्य और शक्ति केंद्र है। अगर हम यहाँ योग की बात करें तो योग में इसे मूलाधार चक्र कहा जाता है। यह मुद्रा हृदय को शक्तिशाली बनाती है। इसीलिए इसे ह्रदय मुद्रा भी कहा जाता है। अपान का कार्य मल, मूत्र, वीर्य, गर्भ और रज को बाहर निकालना होता है। यह सोना, बैठना, उठना, चलना आदि गतिशील स्थितियों में सहयोग करता है। जैसे अर्जन जीवन के लिए जरुरी है वैसे ही विसर्जन भी जीवन के लिए अनिवार्य है।
अपान मुद्रा को करने की विधि :-
1- सबसे पहले आप जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएँ , ध्यान रहे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो।
2- अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें और हथेलियाँ आकाश की तरफ होनी चाहिये।
3- अब अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे के अग्रभाग में लगा दें तथा मध्यमा व अनामिका अंगुली के प्रथम पोर को अंगूठे के प्रथम पोर से स्पर्श कर हल्का दबाएं और कनिष्ठिका अंगुली को सीधा रखें।
4- अपना ध्यान साँसों पर लगाकर अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के दौरान साँसें को सामान्य रखना है।
5- इस अवस्था में कम से कम 48 मिनट तक रहना चाहिये।
मुद्रा करने का समय व अवधि :-
इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय यह मुद्रा का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं। मुद्रा का अभ्यास प्रातः,दोपहर एवं सायंकाल को 16-16 मिनट के लिए किया जा सकता है।
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अपान मुद्रा के स्वास्थ्य लाभ:-
1- यह मुद्रा ह्रदय के सभी रोगों से मुक्त कराती है।
2- इसका नियमित अभ्यास करने से श्वास सम्बन्धित रोग नष्ट हो जाते हैं।
3- अपच, गैस, एसिडिटी, कब्ज इत्यादि रोगों में लाभ मिलता है।
4- पेट से संबंध सभी रोगों को दूर करती है।
5- इसको करने से दाँतों के रोग दूर होते हैं।
6- इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर की नलियाँ सुद्ध होती है।
7- मल और दोष विसर्जित होते है तथा निर्मलता प्राप्त होती है।
8- यह यूरीन संबंधी दोषों को दूर करती है।
9- सुगर की बीमारी को ठीक करती है।
10- शरीर के सभी विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
11- गर्भवती महिलाओं को इससे लाभ होता हैं।
12- शरीर में से वजन को कम करती है।
13- यह मुद्रा पसीना लाकर शरीर के ताप को दूर करती है।
अपान मुद्रा के दौरान सावधानी :-
यह अपान मुद्रा खाली पेट करनी चाहिए। इस मुद्रा को करते समय अपना ध्यान भटकना नहीं चाहिए। अपान मुद्रा एक शक्तिशाली मुद्रा है इसमें एक साथ तीन तत्वों का मिलन अग्नि तत्व से होता है, इसलिए इसे निश्चित समय से अधिक नही करना चाहिए। इसको करने से यूरिन अधिक आने की सम्भावना रहती है। इससे कोई नुकसान नहीं होता इसलिए इससे डरे नहीं।
English में यहाँ से जाने – Apan Mudra Steps, Posture and Benefits