हम प्रतिदिन कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं तो आपने कभी विचार किया है कि कंप्यूटर आखिर कैसे हमारे दिए गए आदेशों के अनुसार काम करता है। कंप्यूटर एक मशीन है जो डेटा को इनपुट के रूप में स्वीकार करके उस डाटा को प्रोसेस करता है और उचित परिणाम आउटपुट के रूप में हमें प्रदान करता है।
यह जटिल कामों को पूरा करने के लिए देता को संग्रहीत भी करता है और यह गणनाएं सेंट्रल प्रोसेसिंग युनिट के द्वारा होता है जिसे माइक्रोप्रोसेसर के रूप में भी जाना जाता है जो कंप्यूटर सिस्टम का दिमाग कहलाता है। माइक्रोप्रोसेसर डेटा और निर्देशों के रूप में कीबोर्ड या माउस जैसे इनपुट डिवाइस से इनपुट स्वीकार करता है।
यह निर्देशों का प्रयोग करके डेटा को प्रोसेस करता है और प्राप्त परिणाम अथार्त डाटा को आउटपुट डिवाइस जैसे मॉनिटर या प्रिंटर पर भेजता है। एक कंप्यूटर की प्रोसेसिंग युनिट सेंट्रल प्रोसेसिंग युनिट है। प्रोसेसर CPU बॉक्स के भीतर उपस्थित होता है और कंप्यूटर की सभी गणना करता है।
हर पीसी और स्मार्टफोन में प्रोसेसर होता है और इन्हें खरीदते समय एक सवाल हमेशा आता है कि मेरे लिए सबसे अच्छा प्रोसेसर कौन-सा है? यह सबसे महत्वपूर्ण भी है क्योंकि हर सीपीयू के साथ आप हेवी मल्टी टास्किंग काम आसानी से कर सकते हैं और सभी ऑपरेशन तेजी से होते हैं।
Processor kya hai :
Processor को दूसरी भाषा में CPU या माइक्रोप्रोसेसर बोलते हैं। CPU का पूरा नाम Central Processing Unit है। यह कंप्यूटर का सबसे अधिक महत्वपूर्ण भाग होता है। इसमें एक माइक्रोप्रोसेसर चिप रहती है जो कंप्यूटर के मदरबोर्ड में लगी होती है और कंप्यूटर से जुड़े सभी कंपोनेंट्स को नियंत्रित करती है।
यह डाटा इनपुट के रूप में लेती है और उसे हजारों-लाखों गुना तेजी से प्रोसेस करके हमें परिणाम आउटपुट के रूप में आउटपुट डिवाइसेस की मदद से देती है। प्रोसेसर एक मल्टी प्रोग्रामेबल लॉजिकल डिवाइस है। प्रोसेसर को डेटा की प्रोसेसिंग के लिए जानकारी की जरूरत होती है और यह इस जानकारी को मेमोरी जैसे RAM से प्राप्त करता है।
मेमोरी से डाटा को प्राप्त करने की प्रकिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए हम कैश मेमोरी का प्रयोग करते हैं। नवीनतम माइक्रोप्रोसेसर को लेवल 1 कैश के रूप में जाना जाता है। माइक्रोप्रोसेसर कैश में जरूरी जानकारी संग्रहीत रखता है।
माइक्रोप्रोसेसर पहली बार उस सूचना की जाँच कैश मेमोरी में करता है अगर माइक्रोप्रोसेसर कैश में जरूरी जानकारी पाता है तो इसे कैश हीट के रूप में जाना जाता है और अगर माइक्रोप्रोसेसर जरूरी जानकारी नहीं खोज पाता है तो इसे कैश मिस के रूप में जाना जाता है और प्रोसेसर RAM में दी गई जानकारी के लिए खोजता है।
कंप्यूटर प्रोसेसर की पहचान विभिन्न पहलुओं पर आधारित है जैसे – क्लॉक स्पीड, FSB और L2 cache. प्रोसेसर कितनी तेजी से काम करता है इसको मापने के लिए Gigahertz का इस्तेमाल होता है। प्रोसेसर में जितना अधिक Gigahertz का प्रोसेसर होगा उसकी प्रोसेसिंग स्पीड उतनी ही तेज होगी।
जो कंप्यूटर के लिए सोचने के सभी काम करता है और यूजर के आदेशों तथा निर्देशों के अनुसार प्रोग्राम का संचालन करता है तथा यह पीसी से जुड़े विभिन्न उपकरणों को नियंत्रित करता है। इस प्रोसेसर में एक छोटा सा Fan लगा हुआ होता है जिसे CPU फैन कहते हैं। जब प्रोसेसर गर्म हो जाता है तब ये CPU फैन CPU को ठंडे करने में काम आता है।
प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड : प्रोसेसर की गति विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे Bandwidth और क्लॉक स्पीड आदि। क्लॉक स्पीड उस गति को व्यक्त करता है जिसपर माइक्रोप्रोसेसर एक निर्देश को संभालता है। माइक्रोप्रोसेसर की क्लॉक स्पीड 66 MHZ से 3.8 GHZ तक रहती है।
प्रोसेसर में FSB सिस्टम : FSB सिस्टम मेमोरी में सीपीयू की गति को दर्शाता है यह उस गति को मापता है जिसपर CPU, RAM के साथ संचार करता है। FSB की गति 66 से 1333 MHz तक होती है।
L2 कैश : अधिकांश प्रोसेसर के पास लेवल 2 कैश मेमोरी होती है यह लेवल 1 कैश की तरह का काम करती है। 256 KB से 8 MB तक इसकी संग्रहण करने की क्षमता होती है।
मोबाइल प्रोसेसर :
जिस तरह से हमारे शरीर में दिमाग हमारा सारा काम संभालता है उसी तरह से मोबाइल में प्रोसेसर सबसे अधिक काम करता है। जब भी हमें किसी चीज की आवश्यकता होती है तब हमारा स्मार्टफोन हमारे प्रोसेसर को तैयार करता है कि अब डिवाइस को यह काम करना है।
जैसे यदि आप मोबाइल फोन में कोई एप्लीकेशन चलाते हैं तो उसके होने वाले अधिक-से-अधिक फंक्शन आपके प्रोसेसर से कंट्रोल होते हैं। प्रोसेसर को जानने के लिए आपका चार बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी है। यदि आप इन बातों को ध्यान नहीं रखते हैं तो आप प्रोसेसर के विषय में अधिक नहीं जान पाएँगे।
मोबाइल प्रोसेसर में कोर :
कोर सीपीयू अथार्त प्रोसेसर के भीतर लगी एक गणना करने वाली युनिट या चिप होती है। एक कोर वाले को सिंगल कोर प्रोसेसर कहते हैं जो प्रोसेसर की शक्ति गीगाहर्टज पर निर्भर करती है मतलब जो प्रोसेसर जितने अधिक गीगाहर्टज का होगा उतनी ही तेजी से गणना करेगा। सिंगल कोर प्रोसेसर बहुत बोझ पड़ते ही हैंग होने लगता था इसलिए इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोसेसर में अतिरिक्त कोर लगाए जाते हैं। इनकी संख्या के आधार पर ही प्रोसेसर के नाम होते हैं।
सीपीयू :
प्रोसेसर और माइक्रोप्रोसेसर एक स्माल चिप होती है जो कंप्यूटर या इलेक्ट्रिक डिवाइस के मदरबोर्ड पर माउंटेड होती है। इसका बेसिक काम होता है इनपुट लेना और उसको प्रोसेस करके आउटपुट जेनरेट करना। देखने और सुनने में यह बहुत छोटा काम लगता है।
लेकिन प्रोसेसर हजारों गुना स्पीड से मल्टीप्ल टास्कस और trillions और calculations पर सेकेण्ड कर सकते हैं। माइक्रोप्रोसेसर और CPU दो अलग-अलग टर्म हैं लेकिन इनको interchangeably प्रयोग करते हैं इसके साथ-साथ प्रोसेसर को भी सेंट्रल प्रोसेसिंग युनिट कहा जाता है।
सीपीयू कंपोनेंट्स :
CPU का प्राइमरी कॉम्पोनेंट ALU होता है जिसका काम है मैथमेटिकल, लॉजिकल और डिसिशन ऑपरेशनस परफॉर्म करना। इसके अतिरिक्त important component CU होता है जो मैन मेमोरी से इंस्ट्रक्शन लेकर subsequent execution perform करता है।
कोई भी कंप्यूटर या लैपटॉप लेते समय आपको कौन-सा CPU लेना चाहिए यह बहुत बार सोचना पड़ता होगा। कौन-सा बेस्ट available CPU है यह जानने के लिए आप इंटेल की वेबसाइट पर जाकर अलग-अलग CPU के मध्य का डिफरेंस और प्राइस चेक कर सकते हैं। इंटेल के CPU की जानकारी के लिए विजिट करें ark.intel.com.
सीपीयू का कार्य :
सीपीयू basically तीन काम करता है पहला यह है कि यह जानकारी लेता है, दूसरा ये उसपर कुछ ऑपरेशन करता है और तीसरा कैलकुलेशन के बाद रिजल्ट देता है लेकिन इन तीनों प्रोसेस को करने के लिए इसे कुछ key Components का प्रयोग करना पड़ता है।
ALU बाइनरी में substraction और addition करते हैं। इसके साथ वो कुछ लॉजिकल ऑपरेशन भी करते हैं जैसे – AND, NOT, OR सीपीयू की सहायता के लिए। कंट्रोल सर्किट डाटा ट्रैफिक को सीपीयू से स्लोवेर इनपुट या आउटपुट डिवाइस की ओर डायरेक्ट करते हैं ताकि ट्रैफिक का आदान-प्रदान हो सके।
सीपीयू के प्रकार :
सीपीयू के तीन प्रकार होते हैं – ALU, CU, और MU आदि।
ALU : यह सभी अंकगणितीय गणना करता है। ALU चिप सीपीयू का एक स्मार्ट हिस्सा है जो संपूर्ण अंकगणित और तर्क कार्य करता है जैसे – जोड़ना, घटाना, गुना करना और विभाजन करना। यह तर्क आदेश भी पढ़ता है जैसे – OR, AND और NOT, Control Unit ALU को निर्देश भेजकर काम करने के लिए कहता है। Control Unit द्वारा नियुक्त किए गए काम को पूरा करने के लिए ALU रजिस्टरों से डेटा लेता है ALU चिप में प्रोसेसिंग का आखिरी चरण है।
CU : यह कंप्यूटर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह कंप्यूटर के दूसरे भागों को बताता है कि उन्हें क्या करना चाहिए। नियंत्रण इकाई माइक्रोप्रोसेसर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह एक माइक्रोप्रोसेसर की पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
यह डिकोड यूनिट से निर्देशों पर सीपीयू के एक भिन्न हिस्से का प्रयोग करके निर्देशों का विश्लेषण और निष्पादित करता है, यह कंट्रोल सिग्नलस बनाता है जो अंकगणित तर्क इकाई को बताता है और रजिस्टर कैसे संचालित होता है, किस पर चल रहा है और परिणामों के साथ क्या करना है कंट्रोल युनिट सुनिश्चित करता है कि सही समय पर सबकुछ ठीक होता है।
MU: यह डेटा और निर्देशों को अस्थायी रूप से संग्रहीत करता है। जब कंप्यूटर कार्यशील होता है या जो कंप्यूटर डाटा को प्रोसेस करता है तो मेमोरी युनिट देता और निर्देशों को अस्थायी रूप से संग्रहीत करने में होता है।
प्रोसेसर का इतिहास :
सन् 1971 में इंटेल ने ही दुनिया में सबसे पहला सिंगल चिप माइक्रोप्रोसेसर डिजाइन किया था। इसे इंटेल के तीन इंजीनियर फेडेरिको फग्गिन, टेड होफ्फ और स्टन मजो ने इंवेंट किया था। यह चिप जिसका नाम Intel 4004 Microprocessor को कुछ इस तरीके से डिजाइन किया गया था कि एक ही चिप में सारे प्रोसेसिंग फंक्शनस।
जैसे – CPU, मेमोरी और इनपुट एंड आउटपुट कंट्रोल को रखा गया था। धीरे-धीरे वक्त के साथ नई-नई खोजे हुईं जिससे कंप्यूटर के डिजाइन में बहुत बदलाव आया। इनके काम करने की क्षमता बढ़ गई और इनका साइज कम हो गया। आज के समय में इंटेल प्रोसेसर की दुनिया का बादशाह है।
प्रोसेसर में कोर :
मुख्यतः कोर सीपीयू की मूल गणना इकाई है। इंटेल प्रोसेसर्स हाइपरथ्रेडिंग का समर्थन करते है। आसान शब्दों में कहा जाए तो इंटेल द्वारा विकसित प्रोसेसर्स हाइपरथ्रेडिंग का प्रयोग करते हैं। हाइपरथ्रेडिंग तकनीक द्वारा एक प्रोसेसर दो लॉजिकल विभिन्न प्रोसेसरों के रूप में कार्य करता है उदाहरण के लिए आप वर्ड प्रोसेसिंग एप्लीकेशन में एक स्पेल चेक कर सकते हैं और एक समय में एंटीवायरस द्वारा सिस्टम स्कैन भी कर सकते है।
इसका सीधा अर्थ है कि एक प्रोसेसर ड्यूल कोर है तो दो लॉजिकल प्रोसेसर की तरह काम करेगा। क्वार्ड कोर 4 लॉजिकल प्रोसेसर की तरह और ओक्टा कोर आठ लॉजिकल प्रोसेसर की तरह काम करेगा। अधिक कोर होने का अर्थ है बहुत अच्छी प्रोसेसिंग स्पीड, ज्यादा तेज गेमिंग, फुल स्पीड मल्टी-टास्किंग, फास्ट-वीडियो एडिटिंग रेंडरिंग स्पीड, फुल एचडी वीडियो प्लेबैक करने की क्षमता आदि।
प्रोसेसर बनाने वाली कंपनी :
इंटेल और एएमडी दो बड़े नाम हैं प्रोसेसर्स बनाने वाली कंपनियों में लेकिन एआरएम प्रोसेसरर्स आज भी अधिकतर स्मार्टफोन में प्रयोग किया जाता है। Qualcomm और MediaTek अभी भी शीर्ष पर है। MIPS एक दूसरे प्रकार की प्रोसेसर आर्किटेक्चर है जो नेटवर्किंग डिवाइसों में अधिकतर प्रयोग किया जाता है। इस दुनिया में चारों तरफ प्रोसेसरर्स बहुत अलग-अलग कंपनियों के उपलब्ध हैं।
लेकिन इंटेल और AMD अपनी विशेषताओं के साथ बहुत लोकप्रिय है वहां दूसरे लोकप्रिय प्रोसेसरर्स निर्माता भी हैं जो अभी भी चुपचाप अपना काम कर रहे हैं जैसे – Qualcomm, NVIDIA, IBM, Samsung, Motorola, Hewlett-Packard, Dell, Acer, VIA, Marvell, Global Foundries, Media Tek, Atmel, Freescale, MSNCC Microcell, Transmeta, Cyrix, Rockchip आदि।
Processor के पार्ट :
सन् 1993 में इंटेल पेंटियम माइक्रोप्रोसेसर के लांच ने कंप्यूटर सिस्टम को एक साथ दो काम करने के लिए सक्षम बनाया जिनके द्वारा ऐसे कामों को निष्पादित करने की क्षमता जिसमें ज्यादा प्रोसेसिंग की जरूरत थी। इंटेल तब धीरे-धीरे विभिन्न प्रयोजनों के लिए पेंटियम2, सलेरों, पेंटियम3, पेंटियम4, ड्यूल कोर, कोर 2 डुओ, कोर 2 क्वैड, कोर i3, कोर i5 और कोर i7 प्रोसेसर विकसित करता चला गया।
Processor के मुख्यतः तीन पार्ट या भाग होते हैं जो अलग-अलग कार्य करते हैं वो इस प्रकार हैं – Arithmetic Logic Unit, Memory Unit, Control Unit etc.
Control Unit : यह भाग कंप्यूटर के सारे कार्यों को नियंत्रित करता है तथा कंप्यूटर के सारे भागों जैसे इनपुट, आउटपुट डिवाइसेज, प्रोसेसर इत्यादि के सारी गतिविधियों के बीच तालमेल बैठाता है।
Arithmetic Logic Unit : इसके भाग का उपयोग अंकगणितीय तथा तार्किक गणना में होता है। अंकगणितीय गणना के अंतर्गत तुलनात्मक गणना के अंतर्गत जोड़, घटाव, गुणा और भाग इत्यादि तथा तार्किक गणना के अंतर्गत तुलनात्मक गणना जैसे (<, > या =), हाँ या ना इत्यादि आते हैं।
Memory Unit : यह डेटा तथा निर्देशों के संग्रह करने में प्रयोग होता है। इसे मुख्यतः दो वर्गों प्राइमरी तथा सेकेंडरी मेमोरी में विभाजित करते हैं। जब कंप्यूटर कार्यशील रहता है, अर्थात वर्तमान में उपयोग हो रहे डेटा तथा निर्देशों का संग्रह प्राइमरी मेमोरी में होता है। सेकेंडरी मेमोरी का उपयोग बाद में उपयोग होने वाले डेटा तथा निर्देशों को संग्रहित करने में होता है।
ड्यूल कोर : ड्यूल कोर प्रोसेसर में दो कोर या प्रोसेसर होते हैं। वे सिंगल प्रोसेसर की तुलना में दोगुना तेजी से काम करते हैं।
क्वैड कोर : एक क्वैड कोर प्रोसेसर में चार इंडिपेंडेंट युनिट होते हैं जिन्हें कोर कहते हैं जो सेंट्रल प्रोसेसिंग युनिट के इंस्ट्रक्शंस को पढ़ते हैं और एक्सीक्यूट करते हैं।
हेक्सा कोर : यह एक और मल्टी कोर प्रोसेसर है जो छ: कोर के साथ आता है और इसमें ड्यूल कोर और क्वैड कोर प्रोसेसर की तुलना में तेज काम करने की क्षमता होती है।
ऑक्टा कोर : ओक्टा कोर प्रोसेसर आठ प्रोसेसर कोर से बना है।
डेका कोर : डेका कोर प्रोसेसर के एक ही चिप पर 10 सीपीयू कोर होते हैं।
कंप्यूटर प्रोसेसर काम कैसे करता है :
कंप्यूटर प्रोसेसर कंप्यूटर का एक बहुत important हिस्सा है क्योंकि कंप्यूटर के काम करने में इसके काम का बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण भाग है। इसके काम करने के लिए CPU सबसे पहले कंप्यूटर RAM और कंप्यूटर के दूसरे भागों से काम करने के लिए डाटा, प्रोग्राम इत्यादि लेता है। फिर वो सारी जानकारी कंप्यूटर प्रोसेसर के पास आती है जो उस सारी जानकारी को प्रोसेस करता है, पढता है, देखता है फिर जो आदेश कंप्यूटर को दिए गए हैं।
उसको ध्यान में रखते हुए जरूरी जानकारियों को दुबारा RAM के पास भेज देता है, ताकि RAM उस जानकारी को सही आर्डर में कंप्यूटर सिस्टम को दे सके। कंप्यूटर प्रोसेसर में मशीन लैंग्वेज कोड में कंप्यूटर की जानकरी को प्रोसेस करने की क्षमता होती है। हमारे कंप्यूटर में तीन मशीन भाषा होती हैं जिसे हमारे कंप्यूटर का CPU संचालित करता है।
Fetch : Fetch जैसे इसका अर्थ है किसी चीज को लाना। यहाँ प्रोसेसर कोर इंस्ट्रक्शनस को retrieve करता है जो वेटिंग में रहते हैं किसी मेमोरी में। लेकिन आज के समय के मॉडर्न प्रोसेसर में usually वो इंस्ट्रक्शनस पहले से ही वेट कर रहे होते हैं प्रोसेसर cache में।
प्रोसेसर में एक एरिया होता है जिसे प्रोग्राम काउंटर कहते हैं जो किसी बुकमार्क की तरह ही काम करता है जो प्रोसेसर को यह बात सूचित करता है कि कहाँ लास्ट इंस्ट्रक्शन खत्म हुई और कहाँ अगली वाली शुरू हुई।
Decode : एक बार इंस्ट्रक्शन fetch हो गई तब अगली प्रोसेस है उसे डिकोड करने के लिए एक इंस्ट्रक्शन में प्रोसेसर कोर के कई एरिया होते हैं जैसे – अरिथमेटिक और जिन्हें प्रोसेसर कोर को पहचानना पड़ता है। सभी हिस्सों में कुछ ऐसा भी होता है जिसे ओपकोड कहते हैं जो प्रोसेसर को बताता है कि क्या करना है उस इंस्ट्रक्शन को प्रयोग करके। एक बार प्रोसेसर यह पहचान ले कि उसे क्या करना है तब वह अपने आप ही सभी चीजें कर लेता है।
Execute : इस चरण में प्रोसेसर को पता होता है उसे क्या करना है और वो उसे कार्यकारी करता है। यहाँ एक्चुअली में क्या होता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसमें प्रोसेसर कोर का कौनसा एरिया उपयोग में आता है और इसमें क्या जानकारी डाली जाती है। यह युनिट दूसरे इनपुट और आउटपुट से जुड़ा होता है ताकि यह अपने काम को आसानी से कर सके और अंत में हमें हमारा रिजल्ट सही समय में दे सके।
Writeback : यह आकिर स्टेप के नाम से भी जाना जाता है जैसे इसका नाम है इसका काम भी समान है जो आकिर में पहले किए गए तीनों कामों के रिजल्ट को मेमोरी में प्लेस करता है। यह पता करना कि आकिर में आउटपुट कहाँ गया उस समय रन होने वाली एप्लीकेशन पर निभर करता है।
लेकिन यह आमतौर पर प्रोसेसर के रजिस्टर में ही होता है क्योंकि इसकी आवश्यकता बहुत अधिक होती है तो क्विक एक्सेस के लिए इसे यहाँ पर रखा जाता है। इस पूरे चरण को इंस्ट्रक्शन साइकिल कहा जाता है। जैसे-जैसे हम तरक्की कर रहे हैं वैसे-वैसे हमारे पास और भी बेहतर प्रोसेसर आ रहे हैं जो बहुत ही अधिक तेज और शक्तिशाली हैं।
हमारी CPU को कुछ इस तरह बनाया गया है कि यह किसी भी काम को डिवाइड कर देता है ताकि इसे जल्दी-से-जल्दी प्रोसेस कर सके और नए आविष्कारों से यह बिलकुल संभव भी लगता है।
इंटेल और एएमडी में अंतर :
जब आप पीसी या लैपटॉप खरीदने जाते हैं तो प्रोसेसर के लिए इंटेल या एएमडी ही आपके मुख्य विकल्प होते हैं। यह विकल्प और ज्यादा जटिल हो जाते हैं जब आप किसी ऑनलाइन स्टोर या रिटेल स्टोर पर जाते हैं क्योंकि यहाँ पर इंटेल और एएमडी के सैंकड़ों मॉडेल होते हैं।
आमतौर पर एएमडी प्रोसेसर उनके इंटेल समकक्षों की तुलना में सस्ते होते हैं। अगर आप बजट में पीसी या लैपटॉप देख रहे हैं तो आपको एएमडी प्रोसेसर का लैपटॉप सस्ते में और अच्छे परफौरमेंस के साथ मिल जाएगा। इंटेल एएमडी की तुलना में आमतौर पर बेहतर प्रदर्शन करता है और यह निश्चित रूप से एक पसंदीदा प्रोसेसर माना जाता है।
लेकिन कम कीमत के लिए एएमडी अच्छा प्रदर्शन करता है। इसका कोई भी ठीक जवाब नहीं है कि इंटेल या एएमडी में से कौन-सा प्रोसेसर आपके लिए अच्छा है क्योंकि हर पीसी विभिन्न आवश्यकताओं और बजटों के अनुसार होते हैं।
मोबाइल आर्किटेक्चर :
सर्वप्रथम इसके बारे में आपको जानना होगा। आर्किटेक्चर प्रोसेसर का डिजाइन होता है यह ऐसी डिजाइन है जैसे हम घर का डिजाइन करते हैं वैसे ही प्रोसेसर डिजाइनिंग होती है। सवर्प्रथम आपको यह ध्यान रखना है कि वह प्रोसेसर कौन सी कंपनी के लाइसेंस के द्वारा बनाया गया है।
जैसे – Cortex A-5, Cortex A-7, Cortex A-9, Cortex A-11, Cortex A-15, Cortex A-53, Cortex A-57, Cortex A-5. यह कंपनी अपना प्रोसेसर डिजाइन हर वर्ष बदलती रहती है क्योंकि प्रोसेसर जितना नया होगा उतना ही पावरफुल होता जाता है।
मोबाइल प्रोसेसर के प्रकार :
मोबाइल प्रोसेसर की शक्ति उसकी टेक्नोलॉजी पर निर्भर करती है। आर्किटेक्चर के हिसाब से कंपनी नैनो टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके मोबाइल प्रोसेसर बनाती है। मोबाइल प्रोसेसर को बनाने के लिए बहुत ही छोटे-छोटे ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जाता है। ट्रांजिस्टर का साइज जितना छोटा होता है उसका प्रोसेसर उतना ही पावरफुल हो जाता है।
यहाँ पर कुछ कंपनियों के नाम बताए गए हैं जिनका नैनोमीटर साथ में बताया गया है इससे आपको पता लगेगा कि कौन से प्रोसेसर अधिक पावरफुल हैं। बहुत सी कंपनियों Exynos-14 नैनोमीटर, Qualacomm-16-20 नैनोमीटर और Mediatek-26 नैनोमीटर आदि।
मोबाइल प्रोसेसर में कोर :
आप जब कोई भी मोबाइल खरीदते हैं उसमें ऊपर लिखा होता है कि इसमें Dual Core-2 Core, Quad Core-4 Core, Hexa Core-6 Core, Octa Core-8 core है। अब किसी भी प्रोसेसर में जितने अधिक कोर होंगे उतना ही अधिक प्रोसेसर पावरफुल होता जाएगा और इसे साथ-साथ उसका आर्किटेक्चर और टेक्नोलॉजी भी नई होनी चाहिए।
ताकि वह उसको ठीक तरह से सपोर्ट कर सके और अधिक-से-अधिक स्पीड मोबाइल के लिए प्रदान कर सके। यहाँ पर कुछ मोबाइल बताए गए हैं जिनमें उनके प्रोसेसर के विषय में बताया गया है जैसे –
1. Octa-Core : Samsung Galaxy S7 & Samsung Galaxy S 6 Edge
2. Hexa-Core : LG G4TM
3. Quad-Core : DROID TURBO Motorola
Frequency :
इन सभी पॉइंट्स में यह पॉइंट सबसे अधिक आवश्यक होता है क्योंकि यदि किसी मोबाइल के प्रोसेसर की Frequency नहीं जान पाएंगे तो प्रोसेसर की स्पीड भी नहीं जान पाएँगे कि वह कितने क्लॉक पर सेकेण्ड पर कार्य करता है और इसकी Frequancy को मापने की युनिट HZ है।
किसी भी मोबाइल के प्रोसेसर में 1 Ghz का अर्थ है कि वह एक सेकेण्ड में दस करोड़ बार कार्य करता है। जैसे-जैसे यह नंबर बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे प्रोसेसर की स्पीड में बढ़ती जाती है। यहाँ पर कुछ एंड्राइड में प्रयोग होने वाले प्रोसेसर के बारे में बता रहे हैं।
1. Exynos : इस प्रोसेसर को सैमसंग की कंपनी बनाती है और यह केवल मोबाइल के लिए ही प्रोसेसर बनाती है। एंड्राइड मोबाइल के लिए यह सबसे अच्छा प्रोसेसर है। इसमें आपको Quad कोर और ओक्टा कोर वाले प्रोसेसर मिल जाएंगे।
2. Qualcomm Snapdragon : यह मोबाइल प्रोसेसर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है जो ARM आर्किटेक्चर प्रयोग करती है। इसके 800 के सीरीज के प्रोसेसर सबसे अच्छे माने जाते हैं। यह कंपनी अपना खुद का प्रोसेसर डिजाइन करती है और इसके साथ-साथ अपना ही ग्राफिक प्रोसेसर डिजाइन करती है। इसके चार सीरीज के प्रोसेसर बनते हैं लेकिन 200 सीरीज के प्रोसेसर बहुत ही सस्ते मोबाइल के लिए बनाए जाते हैं।
उसके बाद 400 सीरिज के प्रोसेसर बनते हैं जो मिडल रेंज के स्मार्टफोन के लिए बनाए जाते हैं उसके बाद 600 सीरीज के प्रोसेसर बनते हैं जो अधिक रेंज वाले मोबाइल फोन के लिए बनाए जाते हैं और सबसे आखिर का प्रोसेसर 800 सीरीज वाला प्रोसेसर होता है जो सबसे महंगे फोन के लिए डिजाइन किया जाता है।
3. NVIDIA : इस कंपनी के प्रोसेसर में एक कोर अधिक प्रयोग करता है। यदि आप इसके चार कोर प्रोसेसर का कोई मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो उसमें आपको पांच कोर होते हैं। एक कोर का जो प्रोसेसर है वह स्लीप मोड़ पर काम करता है जिससे बैटरी बैकअप बढ़ जाता है।
4. Intel Atom : इंटेल प्रोसेसर स्मार्टफोन में बहुत ही कम प्रयोग किए गए हैं इसके प्रोसेसर Asus Zenfone में प्रयोग होते हैं। यह X86 Architecture पर डिजाइन किया गया है।
5. Mediatek : यह ताइवान की कंपनी है। यह आज के समय में सबसे सस्ते प्रोसेसर बनाती है और जिन मोबाइल में इस प्रोसेसर का प्रयोग होता है वह लगभग सस्ते मोबाइल होते हैं। यह कंपनी अपने प्रोसेसर में सबसे अधिक कोर का प्रयोग करती है। इन प्रोसेसरों की सबसे बड़ी कमी है कि यह पॉवर बहुत अधिक प्रयोग करते हैं।
जिससे फोन की बैटरी जल्दी डैड हो जाती है और कई ऐसे भी डिवाइस हैं जिनमें हीट की समस्या भी देखने को मिलती है। इसकी वजह प्रोसेसर पर लोड भी हो सकती है। जब हम मल्टीटास्किंग करते हैं तो प्रोसेसर पर लोड़ बहुत अधिक बढ़ जाता है इसकी वजह से मोबाइल गर्म होने लगते हैं लेकिन मार्केट में अभी तक यह सबसे सस्ते प्रोसेसर प्रोवाइड करवाती है।
6. HiSilicon Kirin : यह प्रोसेसर चाइना की कंपनी Huawei के द्वारा बनाए जाते हैं। इनके लेटेस्ट मॉडल में आपको Mali GPU देखने को मिलते हैं और इसमें ARM CPU Cores और अपग्रेड नेटवर्क टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है। इसमें 16 नैनोमीटर टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके प्रोसेसर बनाया जाता है।
इस प्रोसेसर में बैटरी की लाइफ बहुत अधिक होती है और आपका मोबाइल भी गर्म नहीं होता है। एवरेज के हिसाब से देखने पर यह प्रोसेसर सबसे अच्छा है। यदि आप मोबाइल खरीदना चाहते हैं तो आप Hi Silicon Kirin, Qualcomm, Exynos के प्रोसेसर का मोबाइल खरीद सकते हैं। इन प्रोसेसरों में सबसे अच्छा मोबाइल आपको सही दाम में मिल जाएगा।