कटिचक्रासन क्या है :-
कटिचक्रासन एक योग है जोकि तीन शब्दों से मिलकर बना है कटि + चक्र + आसन = कटिचक्रासन | जिसमें कटि = कमर , चक्र = पहिया और आसन = मुद्रा अथार्त क्त आसन में दोनों भुजाओं, गर्दन तथा कमर का व्यायाम होता है इसीलिए इसे कटि चक्रासन कहते हैं। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। आयें जानतें हैं कटिचक्रासन योग के फायदे और इस योग को कैसे किया जाए |
कटिचक्रासन योग को करने की विधि :-
पहली स्थिति :- सबसे पहले सावधान अवस्था में खड़े हो जाएँ |
दूसरी स्थिति :- इस तरह से खड़े हो ताकि दोनों पैरों के बीच डेढ़ से दो फुट की दूरी बन सके |
तीसरी स्थिति :- अब अपने कंधों की सीध में दोनों हाथों को फैलाएं। इसके बाद बाएं हाथ को दाएं कंधे पर रखें और दाएं हाथ को पीछे से बाईं ओर लाकर धड़ से लपेटे।
चौथी स्थिति :- सांस क्रिया सामान्य रूप से करते हुए मुंह को घुमाकर बाएं कंधों की सीध में ले आएं।
पांचवी स्थिति :- अब इस स्थिति में कुछ समय तक खड़े रहें और फिर दाईं तरफ से भी इस क्रिया को इसी प्रकार से करें।
छटवी स्थिति :- इस क्रिया को दोनों हाथों से 4-4- बार करें |
कटिचक्रासन योग करने का समय :-
इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 5-10 बार करे|
यह भी पढ़ें :- Karn Peedhasn In Hindi , Konasana Yoga In Hindi
कटिचक्रासन योग के फायदे :-
1. पेट की चर्बी को करता है कम :- यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है ।पेट की चर्बी या शरीर के अन्य भागों की चर्बी, वसा की एक विशेष रूप से हानिकारक प्रकार है जो आपके अंगों के आसपास जमा होती है।
2. कब्ज व् एसिडिटी में फायदेमंद :- इस आसन के नियमित अभ्यास से कब्ज व् एसिडिटी से मुक्ति पायी जा सकती है। कब्ज, पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है |
3. सुगर की बीमारी में फायदेमंद :- सुगर के रोगियों के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक है । डायबिटीज या मधुमेह उस चयापचय बीमारी को कहा जाता है, जहाँ व्यक्ति जिसमे व्यक्ति के खून में शुगर (रक्त शर्करा) की मात्रा जरुरत से ज्यादा हो जाती है| sugar ka ilaj
4. पाचन क्रिया में फायदेमंद :- यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है ।अगर हमारी पाचन क्रिया ठीक है तो पेट संबंधी सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही उत्पन्न होती हैं |और हम बीमारियों से बच सकते हैं|
5. तनाव से मुक्ति पाने के लिए :- तनाव कम करने और मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए इस आसन बहुत ही लाभदायक होता है। चिकित्सा शास्त्र डिप्रेशन का कारण मस्तिष्क में सिरोटोनीन, नार-एड्रीनलीन तथा डोपामिन आदि न्यूरो ट्रांसमीटर की कमी मानता है। तो आप इन सब से छुटकारा पाने के लिए इस आसन को करें । और इसके साथ-साथ इसको करने से व्यक्ति में आत्म विश्वास की भावना बढती है |
कटिचक्रासन के अन्य लाभ:-
1. कमर लिचीली बनती है |
2. कंधे मजबूत व चौड़े बनते हैं।
3. गर्दन और पीठ की जकड़न दूर करता है
4. शरीर में हल्कापन महसूस होता है
5. शरीर से आलस खत्म होता है |
कटिचक्रासन योग करते समय सावधानी बरते :-
1. ध्यान रखें कि कमर को घुमाते हुए घुटने न मुड़े तथा पैर भी अपने स्थान से बिल्कुल न हिले।
2. इस योग को हमेसा खाली पेट करें |
3. किसी प्रकार का झटका नहीं देना चाहिए |
4. तलवे ज़मीन से उठना नहीं चाहिए|
5. कमर या गर्दन में अत्यधिक दर्द की स्थिति में यह आसन न करें |
अगर ये पोस्ट आपको पसंद आती है तो आप इसे शेयर अवस्य करें और अपने दुसरे भाइयों और बहनों की मदद करें अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो आप मुझे नीचे comment कर सकते हैं मैं आपकी मदद अवस्य करूँगा। और अपने आस पास सफाई बनाये रखें – स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत।