तड़ासन क्या है :-
ताड़ासन एक योगासन है | अंग्रेजी में इसका नाम Plam Tree Pose है| जो की लम्बाई बढाने मैं काम आता है | यह पूरे शरीर को लचीला बनाता है और साथ ही साथ कड़ा एवं सख्त होने से रोकता है। यह एक एसा योगासन है जो मांसपेशियों को ही नही बल्कि सूछ्म मांसपेशियों को भी बहुत हद तक लचीलापन बनाता है। इससे शरीर की स्थिति ताड़ के पेड़ के समान हो जाती है, इसीलिए इसे ताड़ासन कहते हैं।
माना जाता है कि प्रोटिन युक्त भोजन करने से व नियमित रूप से दस मिनट ताडा़सन करने से हाइट बढती है। लेकिन यह आसन २३ साल की उम्र तक ही हाइट बढाने में मददगार है। ताड़ासन की खासियत यह है कि बच्चों की लंबाई निश्चित रूप से बढ़ती है| आइये जानते हैं ताड़ासन के फायदे और इसे करने का तरीका।
ताड़ासन करने की विधि :-
ताड़ासन को अभ्यास करना बहुत आसान है। इसके ज़्यदा से ज़्यदा फायदा पाने के लिए इसे आपको सही विधि से करना होगा।
पहली स्थिति :- इसको करने के लिए सबसे पहले जमीन पर कंबल बिछाए और सीधे खड़े हो जाएं| फिर अपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर रखे| और दोनों हाथों को सीधा कमर से सटाकर रखें|
दूसरी स्थिति :- इस वक्त आपका शरीर स्थिर हिलना डुलना नहीं चाहिए। मतलब की आपके दोनों पैरो पर शरीर का वजन सामान होना चाहिए| अब धीरे-धीरे हाथों को कंधों के समानान्तर लाएँ।
तीसरी स्थिति :- अब दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं| अब सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, जब तक आपको कंधों और छाती में खिंचाव मेहसुस नहीं होने लगता| जब तक खीचना है |
चौथी स्थिति :- अब अपने दोनों पैरों की एडियों को भी ऊपर उठाएं और सावधानी से पंजों के बल खड़े हो जाएँ। अब फिंगर लॉक लगाकर हाथों के पंजों को ऊपर की ओर मोड़ दें|
पांचवी स्थिति :- इस वक्त आपकी गर्दन सीधी होनी चाहिए और हथेलियाँ ऊपर की और मतलब आसमान की ओर होना चाहिए| ध्यान रखें कि आपकी पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बना रहे|
छटवी स्थिति :- कुछ देर इस स्थिति में रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं| धीरे धीरे एड़ियों को भी भूमि पर टिका दें और दोनों हाथों को भी नीचे लाते हुए कमर से सटाकर पहले वाली स्थिति याने की विश्राम मुद्रा में आ जाएँ। इस आसन को नियमित कम से कम 10-12 बार करे|
ताड़ासन करने का समय :-
इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 10-12 बार करे|
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ताड़ासन के लाभ (Tadasana Benefits) :-
1. लम्बाई के लिए:- यह आसन सबसे ज्यादा लम्बाई को बढाने में मदद करता है इस लिए इस आसन का प्रतिदिन अभ्यास करना चाहिए।जिन लोगों का कद सामान्य से कम रह जाता है, प्रायः उनमें हीनता की भावना उत्पन्न हो सकती है। यदि ये आनुवांशिक कारणों से है तो आप इसमें अधिक कुछ नही कर सकते और यह जाना आवश्यक है की हर व्यक्ति प्रकृति और परमात्मा की रचना है। और स्वयं को सदा ईश्वर की सुंदर कृति की तरह ही देखना प्रकृति का संम्मान है। – लंबाई बढ़ाने के तरीके
2. पेट की चर्बी को करता है कम :- यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है ।पेट की चर्बी या शरीर के अन्य भागों की चर्बी, वसा की एक विशेष रूप से हानिकारक प्रकार है जो आपके अंगों के आसपास जमा होती है।
3. पीठ दर्द में लाभ:- इस आसन के अभ्यास पीठ दर्द में बहुत जल्द लाभ मिलता है| पीठ दर्द (“डोर्सलाजिया ” के नाम से भी जाना जाता है) पीठ में होनेवाला वह दर्द है, जो आम तौर पर मांसपेशियों, तंत्रिका, हड्डियों, जोड़ों या रीढ़ की अन्य संरचनाओं में महसूस किया जाता है।
4. पाचन क्रिया में फायदेमंद :- यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है ।अगर हमारी पाचन क्रिया ठीक है तो पेट संबंधी सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही उत्पन्न होती हैं |और हम बीमारियों से बच सकते हैं|
5. गठिया के दर्द में लाभ:- इस आसन को करने से गठिया से होने वाला दर्द समाप्त होता है| संधि शोथ यानि “जोड़ों में दर्द” (लैटिन, जर्मन, अंग्रेज़ी: Arthritis / आर्थ्राइटिस) के रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया भी कहते हैं। – गठिया का सफल इलाज
6. शारीरिक ग्रोथ बढती है:- यह आसन बच्चों की रुकी हुई शारीरिक ग्रोथ को बढाने में मदद करता है| बाल विकास (या बच्चे का विकास), मनुष्य के जन्म से लेकर किशोरावस्था के अंत तक उनमें होने वाले जैविक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों को कहते हैं, जब वे धीरे-धीरे निर्भरता से और अधिक स्वायत्तता की ओर बढ़ते हैं।
7. बवासीर के रोगियों के लिए :- जो लोग बवासीर से पीड़ित हैं उन्हें ये आसन प्रतिदिन दिन चाहिए इस आसन से बवासीर रोग खत्म हो जाता है| बवासीर या पाइल्स या (Hemorrhoid / पाइल्स या मूलव्याधि) एक ख़तरनाक बीमारी है। बवासीर 2 प्रकार की होती है। आम भाषा में इसको ख़ूँनी और बादी बवासीर के नाम से जाना जाता है। कही पर इसे महेशी के नाम से जाना जाता है।- – Piles Treatment In Hindi
8. हृदय रोगों में फायदेमंद:- यह आसन ह्रदय के ज्यादातर सभी रोगों में फायदेमंद है इसलिए इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए|हृदय शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। मानवों मेंयह छाती के मध्य में, थोड़ी सी बाईं ओर स्थित होता है और एक दिन में लगभग एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है। यह हर धड़कन के साथ शरीर में रक्त को धकेलता करता है। हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त के द्वारा मिलता है जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।
ताड़ासन के अन्य फायदे:-
1. नसों एवं मांसपेशियों के दर्द मैं रहत मिलती है।
2. चलने की कला सिखाता है।
3. इसको करने से गठिया का दर्द दूर हो जाता है।
4. इस योग को करने से पेट व छाती के सभी प्रकार के रोग नष्ट होते हैं।
5. ताडासन करने से कंधों के जोड़ मजबूत होते हैं और सांस लेने-छोडऩे की प्रक्रिया सुधरती है।
6. वीर्यशक्ति में वृद्धि होती है।
7. इसको करने से आपका शरीर स्वस्थ और सुडौल बनता हैं।
8. कमर पतली और लचीली बनती है।
9. पेट के भारीपन को कम करके चर्बी घटता है।
10. हृदय रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
11. थकान और आल्सय भी इस आसन से दूर होते हैं।
ताड़ासन में सावधानियां बरतें :-
1. जिनके घुटने में बहुत ज्यादा दर्द हो उनको ये योग नहीं करना चाहिए।
2. गर्ववती महिला इस योग को न करें।
3. जिनको सर दर्द हो उनको नहीं करना चाहिए।
4. अगर आप इस आसन को करना सीख रहें हैं तो पैरों की अंगुलियों पर आकर इस योगाभ्यास को मत करें।
5. ताडा़सन करने से हाइट बढती है, लेकिन इस आसान को करने के साथ साथ आपको प्रोटिन युक्त भोजन करने की भी आव्यशकता है।
6. लो ब्लड प्रेशर वाले रोगी इस योग को न करें।
7. यदि आपकी हाथों या पैरों में कोई गंभीर समस्या हैं तो इस योग को न करें।
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