पश्चिमोत्तानासन क्या है :-
पश्चिमोत्तानासन एक योगासन है | इस आसन को करते समय इसका प्रभाव शरीर के पिछले भाग पर प़डता है। इसलिए इसे पश्चिमोत्तानासन कहते हैं। और यह शब्द संस्कृत से लिया गया है | यह आसन मेरुदंड को लचीला बनाता है | यह आसन हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है इस आसन को करने से हमारे बहुत रोग दूर होते हैं| पश्चिमोत्तानासन योगासन को शीर्षासन के बाद ही दुसरे स्थान पर लिया गया है | आयें जानते हैं इसके लाभ और करने की विधि :-
पश्चिमोत्तानासन के लाभ या फायदे :-
1. इस आसन को करने से मानसिक व शारीरिक तनाव कम होता है।
2. मेरूदंड लचीला व मजबूत बनता है जिससे बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है और उसकी रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है।
3. शरीर की चर्बी को कम करने मैं साहयक है |
4. सुगर को ठीक करता है |
5. इस आसन को करने से मन प्रसन्न व शांत रहता है।
6. ब्लड स्र्कुलेसन मैं व्रधि होती है |
7. शरीर को कमजोरी दूर हो जाती है |
8. गुर्दे की पथरी ठीक हो जाती है |
9. वीर्य दोष को दूर करता है |
10. कब्ज को बिलकुल ठीक कर देता है |
11. शरीर की लम्बाई बढती है |
12. नीद सही आती है |
13. व्यक्ति के क्रोध को दूर करता है |
14. इस से पूरे शरीर में खून का बहाव सही रूप से होता है।
15. शरीर मैं से आलस खत्म हो जाता है |
16. यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
17. इस आसन से शरीर की वायु ठीक रूप से काम करती है|
18. इस आसन को करने से बौनापन दूर होता है।|
19. गर्भाशय की समस्या के लिए भी लाभदायक है।
20. नितमंबो का मोटापा दूर कर सुडोल बनाता है।
21. पेट के कीड़े मरते हैं और अच्छी भूख लगने लग जाती है।
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