सिर दर्द :
सिर दर्द को अंग्रेजी में Headache भी कहते हैं। हर उम्र के लोग अकसर इसकी शिकायत करते हैं। हर किसी को कभी ना कभी सर दर्द अवश्य ही होता है। सिरदर्द- सिर, गर्दन या कभी-कभी पीठ के उपरी भाग के दर्द की अवस्था है। यह सबसे अधिक होने वाली तकलीफ है लेकिन सरदर्द के कारण अलग अलग हो सकते है।
सरदर्द का मुख्य कारण सर की धमनियॉं और मांस पेशी में तनाव पैदा होना है।लेकिन कभी कभी सरदर्द मस्तिष्क की बिमारी के कारण या कभी तनाव और अन्य कारणों से भी हो सकता है। वेसे देखा जाए तो सर दर्द अपने आप में कोई रोग नहीं है। माना जाता है कि जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका सिर दर्द बढ़ता है।
सिर दर्द के प्रकार :-
1. मंद – करोटि के विवर के शोथ के कारण मंद पीड़ा होती है।
2. स्पंदी – अति रुधिरतनाव पेट की गड़बड़ी या करोटि के भीतर की धमनी के फैलाव के कारण स्पंदन पीड़ा होता है।
3. आवेगी – तंत्रिकाशूल के कारण आवेगी पीड़ा होती है। यह दर्द झटके से आता है और चला जाता है।
4. तालबद्ध – मस्तिष्क की धमनी का फैलाव, धमनीकाठिन्य तथा अतिरुधिर तनाव से इस प्रकार की पीड़ा होती है।
5. वेधक – हिस्टीरिया में जान पड़ता है जैसे कोई करोटि में छेद कर रहा हो।
सिर दर्द के कारण :-
1. चिंता (Tention) से :- सर दर्द का प्रमुख कारण है चिंता करना। क्यूंकि जब हम चिंता करते हैं तो दिमाग की नसों में बहुत जोर पड़ता है जिसकी वजह से सिर दर्द होने लगता है|
2. मानसिक कार्य से :- मानसिक कार्य करने से सर दर्द हो जाता है। जब हम कोई भी मानसिक कार्य करते हैं तो mind पर बहुत force पड़ता है जिससे सिर दर्द होने लग जाता है|
3. उच्च रक्त से :- जिन लोगो को रक्त चाप की बीमारी है उन लोगों को अक्सर सिर में दर्द रहता है इसलिए पहले अपनी उच्च रक्त चाप की बीमारी को ठीक करें|
4. मस्पेसियों का सिकुड़ना : जब व्यक्ति के सिर की मस्पेसिया सिकुड़ने लगती है तब भी सिर दर्द होता है यह भी एक मुख्य कारण है सिर में दर्द होने का|
5. अधिक थकावट से :- जब व्यक्ति बहुत अधिक कार्य करता है तो वो थक जाता है जिसकी वजह से सिर में दर्द होने लगता है|
6. शर्दी जुकाम से :– अक्सर शर्दी जुकाम से भी सिर में दर्द होने लगता है क्यूंकि शर्दी सीधा दिमाग पर force डालती है|
7. आँखों में दर्द होने से :– आँखों में दर्द होने के कारण भी सर में दर्द हो जाता है।
अन्य कारण :-
1. धूप में ज्यादा बहार घुमने से।
2. किसी भी वस्तु पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने से।
3. मौसम परिवर्तन इसका मुख्य कारण है।
4. अधिक शराब, धुम्रपान का सेवन करने से।
5. ज्यादा छींकने व् खासने के कारण भी सर में दर्द हो जाता है।
6. पेट में कब्ज सर दर्द का भी एक कारण है।
7. दूसरी बीमारियां जैसे कि आंख, कान, नाक और गले की दिक्कत भी सिरदर्द दे सकती है।
ये भी पढ़ें :- sardi ka ilaj , khansi ka ilaj desi totkay in hindi
सिर दर्द के लक्षण :-
1. जब हम बाल ( केस ) काढते है तो सर दर्द होता है।
2. ज्यादा काम करने के बाद व् साम को सिर दर्द अधिक होता है।
3. जब सर दर्द होता है तब आँखें लाल हो जाती है।
4. सर में दर्द अचानक होता है और उसके पश्चात उल्टियाँ भी आती हैं।
5. रोशनी में जाने से सर में दर्द और हो जाता है।
सिर दर्द के उपाय :-
भाइयो जभ कभी भी आपको सर दर्द हो तो कभी भी एलोपेथी दवायों का प्रयोग न करके आयुर्वेदिक ओषधियों का प्रयोग करें। यहाँ पर कुछ ऐसे घरेलू उपचार हैं जिससे आपका सिर दर्द एक दम खत्म हो जाएगा।
1. देशी गौ के घी से इलाज :- पूरे आयुर्वेद में सर दर्द का सबसे अच्छा इलाज है देशी गौ माता का घी। ये घी आपको हल्का-सा गर्म करके रात को सोते समय अपनी दोनों नाकों में एक-एक बूंद डालना है। इससे आपका सर दर्द एक ठीक हो जाएगा | अगर इसका प्रयोग आपने 2-3 महीने तक लगातार कर लिया तो जिन्दगी में कभी भी आगे सर में दर्द नहीं होगा। इस घी से पुराने से पुराना नजला भी ठीक हो जाता है। इस घी को नाक में डालने से बहुत फायदे है।
ध्यान रहे की ये घी देशी गौ माता का ही होना चाहिए देशी गौ माता की पहचान उसकी पीठ पर हम्प होता है और गौ माता का घी पीला-पीला होता है यही इसकी पहचान है। भाइयो देशी गौ का घी ये ही एक एसी दवा है जो हमरे बहुत रोगों को ठीक करती है | यह तक की माईग्रेन की बीमारी का भी खात्मा कर देती है सर दर्द तो बहुत दूर की बात है। अगर आपने ये नियमित रूप से नाक में डाल लिया तो कभी भी आपको सर में दर्द नहीं हो सकता है। इतनी पॉवर है हमरी देशी गौ माता के घी मैं।
2. तुलसी की पत्तियों से इलाज :- सिर दर्द में तुलसी की पत्तियां भी बहुत लाभ करती हैं करना क्या है की आपको कुछ तुलसी की पत्तियां लेककर उन्हें थोड़े से पानी मैं पका लें और फिर उसका सेवन करें ऐसा करने से सिर दर्द में तुरंत लाभ मिलता है।
3. लौकी के गूदे से इलाज:- अगर आपके सिर दर्द में बहुत दर्द है तो लूकी के गुदे को निकालकर उसे अपने सर पर हल्के से रगड़ें इससे सर दर्द में बहुत जल्द लाभ होता है। यही ही अनहि आगर कोई व्यक्ति लौकी के जूस का प्रतिदिन सेवन करता है तो उसको कभी भी हार्ट ब्लोकेज नहीं हो सकती अगर हो भी गयी है तो वो भी ठीक हो जाती है।
4. चन्दन पाउडर से इलाज :- अगर आपके सिर मैं बहुत तेज दर्द है तो चन्दन पाउडर सिर दर्द में बहुत फायदा करता है। करना क्या है कि आपको थोडा सा चन्दन पाउडर लेकर उसमें थोडा सा पानी मिलाकर उसका pest बना लें और फिर इसे अपने ललाट पर लगा लें और आँख मीच कर लेट जाएँ ऐसा करने से सिर दर्द में बहुत लाभ होता है।
5. दालचीनी से उपचार :- दालचीनी सिर दर्द में बहुत जल्दी से काम करती है यह एंटी बायोटिक के तरह कार्य करती है करना क्या है की आपको थोडा सा दालचीनी पाउडर लें अब इसमें थोडा सा पानी मिला लें अब इसका पेस्ट बना लें अब इस पेस्ट को अपने सिर पर लगाएं फिर आधा घंटे बाद सिर को गुनगुने पानी से धो लें ऐसा करने से सिर दर्द में बहुत जल्दी लाभ मिलता है|
6. लौंग से उपचार :- लौंग भी एक बहुत अच्छी औषधी है सिर दर्द को खत्म करने के लिए 2-3 लौंग को लेकर उन्हें कूट लें अब इसे सूती कपडें में बाँध लें अब इसकी गंध को सूंघे सिर दर्द में लाभ मिलता है|
7. एक्यूप्रेशर के द्वारा : सालों से लोग सिर दर्द में राहत के लिए एक्यूप्रेशर का प्रयोग करते आ रहे हैं. सिर दर्द होने की स्थिति में आप अपनी दोनों हथेलियों को सामने ले आइए. इसके बाद एक हाथ से दूसरे हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच की जगह पर हल्के हाथ से मसाज कीजिए. ये प्रक्रिया दोनों हाथों में दो से चार मिनट तक दोहराइए. ऐसा करने से आपको सिर दर्द में आराम मिलेगा|
8. नारियल तेल से मसाज :- नारियल तेल से 10-15 मिनट मसाज करने से भी आपको सिर दर्द से राहत मिलेगा। अगर आप गर्मी के समय में सिर दर्द से जूझ रहे हैं तो यह नुस्खा प्रभावी तरीके से काम करेगा। यह सिर को ठंडक पहुंचाता है और दर्द कम करता है।
9. लहसुन का रस पीएं :- लहसुन के कुछ टुकड़े लें और इसे निचोड़ का रस निकालें। कम से कम एक चम्मच रस निकालें और पीएं। दरअसल लहसुन एक पेनकीलर के रूप में काम करता है, जिससे सिर दर्द से राहत पहुंचता है।
10. अनुलोम विलोम प्राणायाम करें:- सर दर्द में अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत फायदा करता है क्यूंकि जब हम एक नाक से सांस लेते हैं तो उस side वाला सिर दर्द खत्म होता है। और जब दूसरी side से साँस लेते छोड़ते हैं तो उस side वाला सिर दर्द खत्म होता है। इस तरीके से ये प्राणायाम सर दर्द में काम करता है।
यह पढना न भूलें :- Gomutra Benefits In Hindi , Migraine In Hindi
सिर दर्द में क्या खाएं :
सिर दर्द होने पर आपको खाने पर बहुत ध्यान देना चहिये अगर आप उल्टी -सीधी चीजो को सेवन में सामिल करेंगे को परेशानी बढ़ सकती है इसलिए सिर में दर्द होने पर उचित आहार ही लेने चहिये जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
1. सादा भोजन :- सर दर्द होने पर हमेशा सुद्ध और सादा भोजन करना चहिये सुपाच्य, हलका भोजन का सेवन ही करें|
2. फलों का सेवन :- फलों में आप सेब , आमला, आम, कच्चा नारियल, अंगूर अनार आदि का सेवन करें|
3. सब्जियों में :- सब्जियों में आप चुकंदर, करेला, बथुआ, नीबू, टमाटर, अदरक, लहसुन, परवल, हरा धनिया आदि का सेवन कर सकते हैं|
4. पेय पदार्थों में :- पेय पदार्थों में आप आम का रश , मिक्सर जूस, अनार का रश , मोसमी का रश आदि का सेवन कर सकते हैं|
5. अधिक पानी पीएँ– कई बार ध्यान व योग अभ्यास के बाद भी सिर दर्द होता है। ध्यान के समय शरीर में जमा विष निकलता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है की शरीर में पानी की कमी न हो, इससे शरीर के अंतः प्रक्षालन में आसानी होगी और सिरदर्द भी नहीं होगा।
6. गर्म दूध पीएं :- सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए गाय का गर्म दूध पीएं। साथ ही अगर आप सिर दर्द से ग्रसित हैं तो अपने आहार में घी को शामिल करें।
सिर दर्द में क्या नहीं खाएं :
सिर दर्द होने पर आपको कुछ चीजो से परहेज करना चाहिए जिनमें से कुछ इस प्रकार है|
1. दही और छाछ :- सिर दर्द होने पर दही और छाछ का सेवन नहीं करना चहिये क्यूंकि कभी कभी सिर दर्द ठंड या cold की वजह से भी होता है और ये दोनों ही ठंडे होते हैं अगर आप सेवन करना चाहते हैं तो दोपहर में कम मात्रा में कर सकते हैं रात्रि में न करें|
2. फ़ास्ट फ़ूड :- फ़ास्ट फ़ूड जैसे सभी तली हुई चीज जैसे मोमोज , पेटीज बर्गर , चिल्ली पटेटो आदि का सेवन बिलकुल भी नही करना चहिये और न ही मेदे से बनी चीजो का सेवन करें|
3. फलों में :- फलों में आप ठंडे फलों का कम सेवन करें जैसे केला इसकी तासीर बहुत ठंडी होती है इसलिए इसका जूस भी न पिये अगर पीना चाहते हैं तो कम मात्रा में लें|
4. चाय और कोफ़ी :- सिर दर्द होने पर चाय और कोफ़ी का कम से कम सेवन करें अगर आप इसका सेवन कर भी रहे तो इसके साथ बिस्कुट और नमकीन का सेवन न करें|
5. खट्टी चीजें :- सिर दर्द होने पर खट्टी चीजो से परहेज करें जैसे आमल , इमली , खटाई , अमचूर की खटाई आदि को सेवन में सामिल न करें|
6. नशीले पदार्थ :- नशीले पदार्थों का सेवन बिलकुल भी न करें जैसे गुटका , कुबेर , शराब , बियर, आदि से परहेज करें|
सिर दर्द से बचाव के उपाय :-
1.तनाव मुक्त रहें :– सर दर्द का सबसे मुख्य कारण होता है तनाव इस लिए तनाव भरे क्षेत्र में बिलकुल भी नही रहना चाहिए। और जितना हो सके खुश रहना चहिये|
2. पूरी नीद लें :- जादातर सिर में दर्द पूरी नीद ना लेने की वजह से भी हो जाता है इसलिए पूरी नीद पर्याप्त करनी चाहिए समय पर सोना व् जागना चाहिए और खाना भी समय पर ही खाना चाहिए।।
3.नशीले पदार्थ :- नशीले पदार्थों का सेवन बिलकुल भी न करें जैसे गुटका , कुबेर , शराब , बियर, आदि से परहेज करें।
4. rest करें :- सर दर्द होने पर पूरा विश्राम करना चाहिए। mind वाला काम बिलकुल भी न करें क्यूंकि सीधा सिर पर जोर पड़ता है|
5. वेगों को न रोकें :– वेग यानी हसी , छींक, मूत्र आना आदि वेगो को कभी नहीं रोकना चाहिए|
6. एलोपेथी दवाइया न लें :- सिर दर्द होने पर एलोपेथी दवाइया न लें क्यूंकि एलोपेथी दवाइया सिर दर्द को दबा देती हैं जो फिर से उठ जाता है अगर बहुत जादा एमरजेंसी है तो अप पेनकिलर ले सकते हैं|।
7. कम काम करें :- कभी भी गहराई वाला कार्य नही करना चाहिए जैसे laptop , mobile etc. अगर आप काम कर रहे हैं तो कम करें|
8. ध्यान करें :- प्रतिदिन सुबह-सुबह ध्यान करना चहिये मतलब अपनी आखें बंद करके अपनी साँसों पर ध्यान लगाना चहिये ध्यान करने से शरीर सभी रोगों से मुक्त होने लगता है|
9. गर्दन को स्ट्रेच करें : अपनी गर्दन और शरीर के बाकी ऊपरी हिस्से को थोड़ी – थोड़ी देर पर स्ट्रेच करना न भूलें, खासतौर से अगर आप डेस्क, कंप्यूटर या लैपटॉप पर देर तक काम करते हैं।
प्राणायाम करें :-
सुबह-सुबह थोड़ी-थोड़ी सेर कराएँ और और प्राणायाम कराएँ जेसे आलोम-बिलोम , कपालभाती इन दोनों प्राणायाम को करने से कोई भी बीमारी पास नहीं आ सकती और अगर कोई बीमारी है तो वो भी जल्द ही ठीक हो जाएगी।
कपालभाती | अनुलोम – विलोम |