अल्प रक्तदाब को निम्न रक्तचाप, लो ब्लड प्रेशर, हाइपोटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में शरीर की धमनियों के द्वारा रक्त की संचारण गति कम हो जाती है जिसके कारण हमारे कुछ भागों तक रक्त नहीं पहुच पाता।
जिससे की शरीर में रक्त की कमी हो जाती है जिसके कारण ही इस रोग को Low Blood Pressure कहा जाता है। वेसे तो सामान्य व्यक्ति का निम्न रक्त चाप 80 होता है। लेकिन ये 80 से नीचे पहुँच जाता है तो फिर व्यक्ति को निम्न रक्त चाप हो जाता है।
फिर उसके शरीर में रक्त का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। जिससे की व्यक्ति के शरीर के कुछ अंग काम करण बंद कर देते है। और यह रोग पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में ज्यादा होता है।
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण-Low Blood Pressure Symptoms In Hindi
1. ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन होना : अगर किसी व्यक्ति को बैठने के बाद खड़े होने पर चक्कर आते हैं या बेहोशी की समस्या हो जाती है तो उस व्यक्ति का बीपी बिलकुल गिर जाता है या कह सकते हैं कि उस व्यक्ति को बीपी लो की समस्या हो जाती है।
2. दिल की बीमारी होना : अगर किसी व्यक्ति को ह्रदय से संबंधित कोई समस्या है जैसे – उसका दिल जोर से धडकता है या उसका पूरा शरीर पसीने से गीला हो जाता है या उसकी नाड़ी की गति धीमी हो जाती है तो उस व्यक्ति को स्ल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।
3. किडनी के रोग होना : अगर किसी व्यक्ति को किडनी के रोग जैसे – किडनी में पथरी होना, या किडनी पर सूजन आना आदि हो जाए तो उस व्यक्ति को पेट में दर्द हो सकता है जिसकी वजह से उसे बीपी लो की समस्या हो जाती है।
4. शोक लगना : जब किसी व्यक्ति को किसी तरह का हल्का या गहरा शोक लगता है तो उस व्यक्ति को मानसिक या ह्रदय से संबंधित समस्याएं हो जाती है जिसकी वजह से उस व्यक्ति को अल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।
5. चक्कर आना : अगर किसी व्यक्ति को अपने बेड से उठकर खड़े होने पर आँखों के सामने अँधेरा छा जाता है और चक्कर आने लगते हैं या उसके शरीर में बहुत अधिक थकान महसूस होती है और धुंधला दिखाई देता है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को बीपी लो की समस्या हो।
6. चेहरे का रंग बदलना : कभी-कभी किसी व्यक्ति को अल्प रक्तदाब या बीपी लो की समस्या होने पर उसके चेहरे का रंग बदलकर फीका होने लगता है और उसकी आँखों का रंग धीरे-धीरे लाल हो जाता है।
7. सिरदर्द होना : अगर किसी व्यक्ति को हमेशा या हर समय सिर में दर्द की समस्या रहती है तो हो सकता है कि उस व्यक्ति को अल्प रक्तदाब की समस्या हो क्योंकि बीपी लो की समस्या होने पर हमारे शरीर में खून की गति धीमी हो जाती है।
8. भूख न लगना : रोगी के शरीर में खून की गति धीमी हो जाती है और उसे प्यास नहीं लगती है जिसकी वजह से उसे भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है जिसकी वजह से भी उसे अल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है। यह भी पढ़िए : भूक न लगने के कारण और इलाज
लो ब्लड प्रेशर के कारण-Low Blood Pressure Causes In Hindi
1. खून की कमी से : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती है तो उसका ह्रदय ठीक प्रकार से गति नहीं कर पाता है जिसकी वजह से उनके ह्रदय की गति बहुत धीमी होने लगती है। उनके शरीर में खून साफ होने की क्रिया धीमी हो जाती है जिसकी वजह से भी रोगी को अल्प रक्तदाब या बीपी लो की समस्या हो सकती है।
2. निर्जलीकरण से : जब किसी व्यक्ति के शरीर में पानी की अधिक कमी हो जाती है तो उस व्यक्ति को निर्जलीकरण की समस्या का सामना भी करना पड़ जाता है जिसकी वजह से भी उसके शरीर में खून की कमी हो जाती है जिससे उसे अल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।
3. ह्रदय की समस्याओं से : अगर किसी व्यक्ति को उसके ह्रदय से संबंधित कोई समस्या है जैसे – हार्ट फेल होने से या किसी और तरह की समस्या से उनके ह्रदय के काम करने की स्थिति ठीक नहीं रहती है जिसकी वजह से भी व्यक्ति को अल्प रक्तदाब की समस्या हो जाती है। जानिए : ह्रदय रोग के लक्षण
4. दवाईयों से : जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार की दवाईयों का सेवन करता है और वह दवाईयां उस व्यक्ति के ह्रदय को आघात पहुंचती हैं तो उस व्यक्ति को ह्रदय से संबंधित कई समस्याएं हो जाती हैं जिसकी वजह से उस व्यक्ति को अल्प रक्तदाब की समस्या हो जाती है।
5. पोषण की कमी से : शरीर में पोषण की कमी हो जाने से भी अल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।
6. गर्भावस्था से : जब कोई स्त्री गर्भवती हो जाती है तो उसके शरीर को खून की बहुत अधिक जरुरत होती है लेकिन जब उसके शरीर में ठीक तरह से खाना न खाने या और किसी वजह से खून की कमी हो जाती है तो उसे अल्प रक्तदाब की समस्या हो सकती है।
7. मधुमेह से : जब किसी व्यक्ति को खून में शुगर की समस्या होती है तो कभी-कभी देखा जाता है कि व्यक्ति के खून में शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है जिससे उसका खून गाढ़ा होने लगता है जिससे उसके शरीर में खून का संचार बहुत धीमी गति में होता है जिसकी वजह से उसे अल्प रक्तदाब की समस्या हो जाती है। यह भी पढ़ें : Home Remedies For Diabetes In Hindi
8. संक्रमण से : जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से खून के संक्रमण के संपर्क में आ जाता है तो उस व्यक्ति को भी खून में संक्रमण की समस्या हो जाती है जिसकी वजह से भी उसे अल्प रक्तदाब या बीपी लो की समस्या हो सकती है।
लो ब्लड प्रेशर का इलाज-Low Blood Pressure Treatment In Hindi
ये जो आपको 3 आयुर्वेदिक दवा बताई जा रही हैं इनको आप घर पर भी बना सकते हो और एक बात और इन चारों में से सिर्फ इस रोग के लिए 1 ही दवा का प्रयोग करें।
1. दालचीनी और गुड के सेवन से इलाज :
आयुर्वेद में निम्न रक्तचाप को ठीक करने की सबसे अच्छी दवा है दालचीनी व् गुड ।दालचीनी को किसी भी चीज मैं कूट कर इसका पाउडर बना लें फिर आधा गिलास पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर व् थोडा सा गुड डालें तथा इसका काढ़ा बना लें।
उसके बाद सुबह-सुबह खाली पेट पी लें। 2-3 महीने में ये बीमारी बिलकुल ही गायब हो जाएगी। दालचीन के बारे मैं जाने यहाँ से – दालचीनी के फायदे और नुकसान
2. गुड के सेवन से इलाज :
अगर बहुत Blood Pressure बहुत की कम है तो गुड उसकी सबसे अच्छी दवा है इस गुड को पानी में मिलाकर उसमें थोडा सा नामक व् नीबू का रस डालकर उसे अच्छी तरह से घोल लें फिर उसे पी लें यह आपको दिन मैं 3-4 बार लेनी है। यह भी पढ़ें : गुड के फायदे और नुकसान
3. अनार के सेवन से इलाज :
निम्न रक्तचाप की एक और अच्छी दवा है जिसका नाम है आनर का रस। इस रस में थोडा सा नमक डालकर सुबह- सुबह पीना है या फिर आप गन्ने के रस में नमक मिलकर भी इसका सेवन कर सकते हैं इससे भी निम्न रक्तचाप मई बहुत आराम मिलता है। इसका सेवन आपको 2-3 महीने सुबह-सुबह खाली पेट करना है। अनार के औषधीय गुण
4. कॉफी के सेवन से इलाज :
अगर आप अल्प रक्तदाब या बीपी लो की समस्या से परेशान हो गए हैं तो आप कॉफी का सेवन कर सकते हैं इससे आपकी समस्या ठीक हो जाएगी। आप सुबह के समय या खाना खाने के बाद एक कप कॉफी का सेवन करके अपनी अल्प रक्तदाब या बीपी लो की समस्या से निजात पा सकते हैं।
लो ब्लड प्रेशर से बचाव के उपाय-Prevention of Low Blood Pressure In Hindi
- रोगी को शराब का सेवन न करने दें उसे जितना हो सके शराब से दूर रखें।
- रोगी को स्वस्थ और धुले हुए भोजन, अनाज, फल, सब्जियों का सेवन करने के लिए देना चाहिए।
- रोगी को बैठने के बाद धीरे से खड़ा होना चाहिए और अपने एक पैर को दूसरे पैर पर चढ़ाकर नहीं बैठना चाहिए।
- रोगी को थोडा और कम कार्बनयुक्त खाना खाने के लिए देना चाहिए जैसे – आलू, चावल, पास्ता आदि।
- अगर रोगी को निर्जलीकरण की वजह से अल्प रक्तदाब की समस्या हो गई है तो अधिक-से-अधिक पानी का सेवन करके निर्जलीकरण को खत्म किया जा सकता है।
- अगर रोगी को चक्कर आते हैं तो तुरंत बैठ या लेट जाना चाहिए। रोगी को अपनी मुट्ठियाँ भीचनी और खोलनी चाहिए।
- रोगी को बार-बार नमक और चीनी के पानी का घोल बनाकर पिलाना चाहिए।
लो ब्लड प्रेशर में क्या खाएं-Eat In Low Blood Pressure In Hindi
- रोगी को गाजर, मूली, खीरा, ककड़ी, पालक, प्याज, मटर, ब्रोकली, टमाटर आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को चुकंदर, आंवला, बीटरूट, कैरेट, अनार, अंगूर, संतरा आदि फलों का सेवन करना चाहिए।
- रोगी को कैफीन, शहद, दूध, ब्लैक टी, डिब्बाबंद सूप, फलों का जूस आदि तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- इनके अतिरिक्त रोगी को नमक, तुलसी, बादाम, मुनक्का, पनीर, हींग, स्मोक्ड फिश, जैतून, आदि का सेवन भी करना चाहिए।
लो ब्लड प्रेशर में क्या न खाएं-Do Not Eat In Low Blood Pressure In Hindi
- रोगी को शराब, मसालेदार चीजें, प्रोसेस्ड फूड, तला हुआ, घी से बना भोजन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।