जुकाम को नैसोफेरिंजाइटिस, राइनोफेरिंजाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह ऊपरी श्वसन तंत्र का आसानी से फैलने वाला संक्रामक रोग है जो अधिकांशतः नासिका को प्रभावित करता है।
नाक, साइनस, गले या कंठनली (ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण (URI या URTI) का तीव्र संक्रमण शरीर के उन अंगों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है जो इससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। सामान्य ज़ुकाम मुख्य रूप से नासिका, फेरिंजाइटिस, श्वासनलिका को और साइनोसाइटिस, साइनस को प्रभावित करता है।
यह लक्षण स्वयं वायरस द्वारा ऊतकों को नष्ट किए जाने से नहीं अपितु संक्रमण के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न होते हैं।
सर्दी-जुकाम (नजला) के लक्षण-Cold Symptoms In Hindi
1. छीकें आना : व्यक्ति को लगातार छीकें आती हैं और रोगी को ठंड बहुत अधिक लगती है। जब रोगी को छींक आती है तो व्यक्ति की नाक से एक तरह का तरल पदार्थ निकलने लगता है।
2. सिर दर्द होना : इसमें व्यक्ति को लगातार छींकें आती हैं जिसकी वजह से उसके सिर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से उसे लगातार सिर में दर्द रहने की समस्या बनी रहती है जिसकी वजह से उसे सिर की नसें फटने का अनुमान होता है।
3. नाक बंद रहना : इस रोग के होने पर व्यक्ति की नाक बंद रहन लगती है और इसमें नाक से तरल पदार्थ बहता रहता है। नाक बंद रहने के कारण उसे गंध का अनुमान नहीं होता है।
4. थकान होना : जब व्यक्ति को यह समस्या हो जाती है तो उसके शरीर में दर्द होता है तो उसे बहुत अधिक तकलीफ होती है। व्यक्ति को गहरी साँस लेने में बहुत अधिक कठिनाई होती है जिसकी वजह से उसके सीने में बहुत अधिक दर्द होता है।
सर्दी-जुकाम (नजला) के कारण-Cold Causes In Hindi
1. मौसम परिवर्तन : जब अचानक से वातावरण में परिवर्तन हो जाता है तो हमारा शरीर अचानक उससे प्रभावित होता है जिसकी वजह से हमें जुकाम की समस्या हो जाती है। यह समस्या अधिकतर गर्मियों के सर्दियों में परिवर्तित होने पर होती है।
2. प्रदूषण से : दूषित वायु हमारे शरीर में प्रवेश करके हमें प्रभावित करती है और हम इस रोग से ग्रस्त हो जाते हैं।
3. गंदगी से : यह रोग अधिकतर गंदगी की वजह से फैलता है। यह वायु के द्वारा जानवरों के बाल और रेशे हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जो हमारे शरीर में अंदर पहुंचकर हमें नुकसान पहुंचाते हैं जिसकी वजह से भी यह रोग हो जाता है।
अन्य कारण :
- शरीर पर आते हुए पसीने पर स्नान करना।
- पसीने आने पर ठंडा पानी पीना।
- धुल मट्टी के कणो का नाक में चला जाना।
- जेनेटिक बिमारी जोकि हमारे माता या पिता से मिली हो।
- राइनोवायरस इसका सबसे आम कारण है।
- वायरल इन्फेक्शन इसका एक मुख्य कारण है।
यह भी पढ़ें :- Cholesterol In Hindi , Bimari In Hindi
सर्दी-जुकाम और नजला के घरेलु उपचार-Cold Treatment In Hindi
1. देशी गौ माता के शुद्ध देशी घी से उपचार :
जुकाम , नजला इन सभी बीमारियों का सबसे अच्छा इलाज है देशी गौ माता का शुद्ध देशी घी। पर ध्यान रहे ये घी देशी गौ माता का ही होना चाहिए उस गौ माता का घी लेना है जिसकी पीठ पर हम्प होता है।
अब इस घी को आप थोडा सा गर्म कर लो और फिर रात को सोते समय एक-एक टपका दोनों नाको में डाल लो और फिर सो जाओ। इस घी को नाक में डालने के लिए आप किसी खाली ड्राप या रुई(कॉटन) का use कर सकते हैं और ये घी आपको लगातार 3 महीने डालना है।
इस घी में इतनी ताकत होती है की ये 10 से ज्यादा साल पुराने नजले को भी ख़त्म कर देता है नजले के साथ-साथ ये सर दर्द को भी ठीक कर देता है। देशी गौ माता के घी के बारें मैं यहाँ से जाने – देशी गौ माता का घी
2. शहद के सेवन से इलाज :
शहद में कुछ ऐसे एंजाइम होते है जो जुकाम को ठीक करने में सहायता करते है। सबसे पहले एक चम्मच नीबू का रस और दो चम्मच शहद (शहद सुद्ध होना चाहिए) दोनों को अच्छी तरह से मिलाये और इसका सेवन करें कम से कम दिन में तीन या चार बार इसका सेवन करें।
3. लहशुन के सेवन से इलाज :
डेढ़ कफ पानी में 6-7 लहसुन की कटी हुई कली डाल दे और फिर उसे आग पर उबाले और उसमे एक चम्मच शहद की डाल दे फिर इसका सेवन करें दिन में कम से कम 3-4 बार इसका प्रयोग करें जुकाम जल्दी ठीक होगा।
- यह भी पढ़ें : लहसुन खाने के फायदे और नुकसान
4. भपारे के द्वारा इलाज :
अगर जुकाम ज्यादा है तो आधी सी पतीली में पानी गर्म करके उसमे थोड़ी सी विक्स डालके अब अपने ऊपर कोई एक कपडा डाल के उसको चारो तरफ से ढक ले अब पतीली से थोड़ी सी ऊपर मुख रखके सांस ले जब तक लेना है तब तक की पानी ठंडा न हो जाये। फिर उस कपडे मैं ही रहना है कम से कम आधा घंटे तक मुख भी नहीं उघाड़ना है। एक या दो बार मैं सही हो जाओगे।
5. तुलसी पत्ता और अदरख के सेवन से इलाज :
एक कप गर्म पानी में तुलसी की पांच-सात पत्तियां डाल दें और उसमें अदरख के एक टुकड़े को भी डाल दे और उसे कुछ देर तक उबलने दे और उसका काढ़ा बना ले और धीरे-धीरे पी ले। यह नुस्खा बच्चों के साथ बड़ों को भी सर्दी-जुकाम में राहत दिलाने के लिए असरदार होता है। जानिए : तुलसी के फायदे और नुकसान
6. दूध और हल्दी के सेवन से इलाज :
हल्दी एंटी वायरल और एंटी बैक्टेरियल होता है जो सर्दी जुकाम से लड़ने में काफी मददगार होता है। गर्म गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से सर्दी जुकाम में तेजी से फायदा होता है। यह नुस्खा ना सिर्फ बच्चों बल्कि बड़ों के लिए भी कारगर साबित होता है।
7. जायफल और दालचीनी के सेवन से इलाज :
जायफल और दालचीनी को बराबर मात्रा में ले कर पीस ले और दिन में 2 बार खाए ऐसा करने से जुकाम में बहुत लाभ मिलता है। जायफल और दालचीनी cold and cough treatment में रामबाण उपाय है।
- Also Read : Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan
8. अजवाइन के सेवन से इलाज :
गैस और मोटापा के इलाज के साथ-साथ अजवाइन सर्दी जुखाम ठीक करने में भी फायदा करती है। गुनगुने पानी के साथ सुबह शाम अजवाइन लेने से इस बीमारी में जल्दी आराम मिलता है।
9. काली मिर्च से इलाज :
काली मिर्च जलाकर उसका धुआँ सूंघने से बंद नाक खुलती है। और साथ ही शर्दी जुकाम में भी लाभ मिलता है।
यह भी पढ़ें – Khasi Ki Dawa , Sugar Ki Dawa
सर्दी-जुकाम (नजला) में क्या खाएं-Eat In Cold In Hindi
1. ताजा भोजन : हमेशा हल्का ताजा और गरम भोजन करना चहिये।
2. खाना बनाते समय : आप अपने घर में जो भी खाना बनाएं, उसमें बड़ी इलायची, लौंग, काली मिर्च, दालचीनी, तेजपत्ता और अदरक जैसे गरम मसालों का इस्तेमाल पर्याप्त मात्रा में करें। इन मसालों में सर्दी-जुकाम ठीक करने की क्षमता होती है।
3. शहद का पानी पियें : एक गिलास गुनगुने पानी में 2-3 चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीना चहिये रोग में आराम मिलता है।
4. देशी चाय : जड़ी-बूटियों से निर्मित आयुर्वेदिक चाय गरम-गरम पिएं इससे शर्दी में आराम मिलता है और नाक भी खुल जाती है।
5. फल खाएं : फलों में अमरूद, केला, सेब, चीकू, पपीता, आम, अंजीर, शहतूत, अनार, खीरा, नारंगी, संतरा, आंवला, नीबू खाएं। क्योंकि इन फलों में मौजूद विटमिन सी सर्दी-जुकाम को दूर करने में सहायक होता है।
Also Read : सभी फलों के फायदे और नुकसान
6. सब्जियां खाएं :- सब्जियों में आप मूली, ककड़ी, चुकंदर, पालक, टमाटर, शलगम, गोभी, लौकी, गाजर सेवन करें।
7. प्रटीन खाएं :- गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार की रोटी और छिलके वाली मूंग की दाल, मोठ, मसूर की दाल खाएं। क्यूंकि इनमें बहुत प्रोटीन होती है।
सर्दी-जुकाम (नजला) में क्या नहीं खाएं-Do Not Eat In Cold In Hindi
1. खटाई का सेवन न करें :- खटाई से reletid पदार्थ जैसे दही, मट्ठा, खटाई इनका सेवन बिलकुल भी न करें क्यूंकि इससे शर्दी जुकाम में परेशानी होती है।
2. भरी खाद्य पदार्थ :- भारी, गरिष्ठ, तली, मिर्च-मसालेदार, चटपटी आदि चीजो को सेवन में ना लायें इससे गले में बहुत परेशानी होती है।
3. चिकनाई के सामान :- चिकनाई के समान जैसे चावल, अरहर की दाल, दूध, वनस्पति घी, तेल आदि चिकनाई न खाएं। बहुत ज्यादा घी-तेल से बनी चीज़ें न खाएं।
4. ठंडे पदार्थ :- ठंडी तासीर की चीजें, बर्फ, आइसक्रीम, फ्रिज का पानी, कोल्ड ड्रिंक्स न पिएं। इससे शर्दी जुकाम और बढ़ता है।
5. लाल मिर्च :- अपने खाने में लाल मिर्च का जादा इस्तेमाल न करें लाल मिर्च की जगह आप हरी मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सर्दी-जुकाम (नजला) के रोकथाम के उपाय-Prevention of Cold In Hindi
निम्न तरीको से हम उपाय करके जुकाम होने से रोक सकते हैं। ज़ुकाम के फैलाव को रोकने का एकमात्र प्रभावी तरीका इसके विषाणु को फैलने से रोकना ही है।
- खाना खाने से पहले हाथों अच्छी तरह से धोना।
- धूल मट्टी वालें स्थानों पे चेहरे पर मास्क पहने।
- संक्रमित व्यक्तियों से अलग रहें।
- सर्दी-ज़ुकाम के दौरान आपके शरीर को आराम की जरूरत होती है, ताकि आपके शरीर का इम्यून सिस्टम इसके वायरस का अच्छी तरह मु़काबला कर सके।
- आंसू, डकार, मल-मूत्र के वेगों को न रोकें।
- ठंडे पानी से स्नान न करें।
- कूलर युक्त, वातानुकूलित ठंडे सीलनदार, अंधेरे कमरे में न रहें।
- गरम वातावरण में रहें।
- धूप में या अंगीठी/हीटर के पास बैठें।
- गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करें।
- इस रोग को दवाइयों के द्वारा दबाना नहीं चाहिए क्योंकि दबाने से और कई प्रकार के रोग उभर सकते हैं।
- रोगी को धुम्रपान न करने दें और उसके आसपास भी किसी को धुम्रपान न करने दें।
- रोगी को बालों वाले जानवरों से दूर रहना चाहिए और अगर पालतू जानवरों से एलर्जी है तो उन्हें घर में नहीं रखना चाहिए।