उच्च रक्तचाप – Hypertension In Hindi
उच्च रक्तचाप को अंग्रेजी मैं Hypertension कहते हैं और इसको हाई ब्लड प्रेसर भी कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति को जीवित रहने के लिए उसके शरीर में रक्त संचारण का होना बहुत जरूरी है और धमनिया शरीर में रक्त के संचारण का कार्य करती हैं।
हमारा ह्रदय पम्प की तरह बंद व् खुलता है और इसके साथ ही रक्त को धमनियों व् नालिकायों में आगे बढाता है। इसी क्रिया को रक्तचाप या Blood pressure कहते हैं।
अगर यह क्रिया किसी भी कारण बस बंद हो जाये तो उसका हार्ट काम करना बंद कर देता है जिससे की व्यक्ति की मोत भी हो सकती है। जब व्यक्ति का रक्तचाप 140 mmhg – 90 mmhg या फिर इससे ऊपर हो जाता है तब उसे उच्च रक्तचाप कहते हैं।
उच्च रक्तदाब की समस्या बिना किसी संकेत या चेतावनी के होती है इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो उच्च रक्तचाप की समस्या तब होती है जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून की गति बहुत तेज हो जाती है।
उच्च रक्तचाप के प्रकार-Types of Hypertension In Hindi
1. प्राथमिक उच्च रक्तचाप : इस रक्तचाप के प्रभाव बहुत ही हल्के होते हैं और इस रक्तचाप को पहचानने के कोई भी योग्य कारण नहीं होते हैं।
2. माध्यमिक उच्च रक्चाप : माध्यमिक उच्च रक्तचाप वह बीमारी होती है जो किसी योग्य कारण जैसे रोग या विशिष्ट दवाई की वजह से होती है।
उच्च रक्तचाप के कारण-Hypertension Causes In Hindi
1. उम्र की वजह से : व्यक्ति की उम्र जैसे-जैसे बढने लगती है वैसे-वैसे उनका शरीर रोगों से ग्रस्त होता चला जाता है जिनमें से एक समस्या उच्च रक्तचाप की होती है। यह समस्या रोगी की उम्र के साथ-साथ बढती चली जाती है।
2. विरासत के कारण : जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों में किसी तरह की बीमारी रहती है तो कभी-कभी यह बीमारी उनके आने वाले वंशजों में भी उत्पन्न हो जाती है जैसे- अगर आपके पूर्वजों को घुटनों में दर्द, सिर दर्द, कैंसर, एड्स आदि समस्याएं किसी व्यक्ति को विरासत में भी मिल सकती हैं इसलिए उच्च रक्तचाप की समस्या भी आपको अपने पूर्वजों से विरासत के रूप में मिल सकती है।
3. मोटापे से : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक वसा वाले या कोलेस्ट्रोल युक्त भोजन का सेवन करता है तो उसके शरीर में वसा और चर्बी एकत्रित होने लगती है जिसकी वजह से उसका वजन बढना शुरू हो जाता है जो उच्च रक्तचाप का एक कारण होता है। यह भी पढ़ें : मोटापे के कारण लक्षण और इलाज
4. शराब के सेवन से : अत्यधिक शराब के सेवन से भी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
5. तनाव से : जब वह मानसिक विकारों से ग्रस्त हो जाता है तो उसके शरीर में रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है जिसे उच्च रक्तचाप की समस्या के नाम से भी जाना जाता है।
6. रक्त में कोलेस्ट्रोल बढने से : जब हमारे खून में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है तब भी हमारे रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है जिसकी वजह से भी उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
7. मांसाहारी भोजन से : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक मात्रा में मांस, मछली या मांसाहारी भोजन का सेवन करता है और वह बहुत अधिक तैलीय या तला हुआ हो तो इससे भी उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है क्योंकि ऐसे भोजन से हमारे शरीर का कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ जाता है जिससे उच्च रक्तचाप हो सकता है।
8. मानसिक विकारों से : अगर किसी व्यक्ति को चिंता, भय और तनाव अधिक होते हैं तो उस व्यक्ति के ह्रदय की गति बढ़ जाती है जिसकी वजह से ह्रदय तेज गति से खून को शुद्ध करने लगता है जिससे रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है जो उच्च रक्तचाप का ही एक कारण होता है।
9. रोगों के कारण : ऐसा नहीं है कि ह्रदय के रोग केवल अन्य कारणों से ही हो सकता है यह बीमारी रोगों के कारण भी हो सकती है जैसे – किडनी रोग, थायराइड रोग, पिट्युट्री ग्लैंड, प्रेगनेंसी, ओबेसिटी, अनिंद्रा या किसी दवाई के हानिकारक प्रभाव की वजह से पैदा होता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण-Hypertension Symptoms In Hindi
1. साँस लेने में तकलीफ होना : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून का प्रवाह बहुत अधिक तेज हो जाता है तो उस व्यक्ति को साँस लेने में कठिनाई होती है और उस व्यक्ति की सांसे फूलने लगती है। रोगी को चक्कर आने लगता है और बेचैनी भी होती रहती है।
2. सिर दर्द होना : रोगी के शरीर में खून का परवह तेज हो जाता है जिसकी वजह से रोगी के शरीर में खून तेजी से दौड़ने लगता है जो हमारे मस्तिष्क या सिर की कोमल नसों को नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से सिर में दर्द की समस्या हो जाती है जो उच्च रक्तचाप के लक्षणों में से एक होता है।
3. नाक से खून बहना : जब किसी व्यक्ति के शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है तो उस व्यक्ति को बहुत सी बीमारियाँ घेर लेती हैं जिनमें से एक होती है नकसीर। इस स्थिति में रोगी की नाक से खून बहने लगता है और तब तक बहता है जब तक उसे रोका नहीं जाता या उसके लिए कोई उपाय नहीं किया जाता।
4. छाती में दर्द रहना : रोगी को छाती में दर्द के साथ असहनीय पीड़ा होती है जिसकी वजह से उस व्यक्ति की साँस फूलने लगती है और उसे साँस लेने में बहुत कठिनाई महसूस होती है। रोगी की छाती में हल्का-हल्का दर्द रहने लगता है।
5. आँखें कमजोर होना : जब रक्त तेज प्रवाह के साथ हमारी आँखों की कोमल नसों में जाता है तो इससे हमारी आँखों को नुकसान पहुंचता जिससे हमारी आँखें कमजोर हो जाती हैं।
6. नींद न आना : रोगी के शरीर में रक्त का प्रवाह इतना तेज होता है कि रोगी के सिर और शरीर में दर्द होता है जिसकी वजह से रोगी को नींद नहीं आती है। रोगी को लेटे हुए भी चक्कर आते रहते हैं जिसकी वजह से वह सो नहीं पाता है।
7. दिल की धडकन बढना : रोगी के शरीर में खून का प्रवाह तेज होने की वजह से खून तेज गति में ह्रदय तक पहुंचता है जिसकी वजह से रोगी के ह्रदय की धड़कनें तेज हो जाती हैं।
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हाई बीपी का इलाज-Hypertension Treatment In Hindi
ये जो आपको 3 आयुर्वेदिक दवा बताई जा रही हैं इनको आप घर पर भी बना सकते हो। और एक बात और इन चारों में से सिर्फ इस रोग के लिए 1 ही दवा का प्रयोग करना।
उच्च रक्तचाप की आपातकालीन अवस्था में आप ये दो उपाय कर सकते हैं –
- बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा निंबू निचोडकर २-२ घंटे के अंतर से पीते रहें।
- जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पावडर एक चम्मच घोलकर २-२ घंटे के फ़ासले से पीते रहें।
1. दालचीनी के सेवन से इलाज :
आयुर्वेद में उच्च रक्तदाब को ठीक करने की सबसे अच्छी दवा है दालचीनी। दालचीनी को मसाले के रूप में भी सामिल किया जाता है।
इसको किसी भी चीज मैं कूट कर इसका पाउडर बना लें और प्रतिदिन इसमें से आधा चम्मच सुबह खाली पेट लें और ऊपर से गर्म पानी पी लें।
इससे उच्च रक्तदाब कुछ ही दिनों में बिलकुल क्योर हो जाता है अगर जल्दी ठीक करना है तो इस पाउडर को देशी व् शुद्ध शहद के साथ मिलाकर चाटें और ऊपर से गर्म पानी पी लें। यह भी पढ़िए : Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan
2. मेथी दाने के सेवन से इलाज :
उच्च रक्तदाब की दूसरी दवा है मेथी दाना। इससे भी उच्च रक्तदाब एक दम ठीक हो जाता है। आधा चम्मच मेथी दाना लेकर उसे एक गिलाश गर्म पानी में भिगो के रख दो।
अब सुबह उठकर मेथी दानों को चबाना है और ऊपर से वो गर्म पानी पीना है। इसका सेवन आपको 2-3 महीने सुबह-सुबह खाली पेट करना है। : Methi Ke Fayde Aur Nuksan
3. अर्जुन की छाल के सेवन से इलाज :
उच्च रक्तदाब के लिए ये भी एक अच्छी दवा है। अर्जुन एक पेड़ है। इसकी छाल लेके धुप में सुखा लेना फिर उसको पीसकर इसका पाउडर बना लें। अब इसको एक सीसी में भरकर रख लें।
अब इसमें से प्रतिदिन आधा चम्मच लेनी है और इसको आधा गिलास पानी में डाल दो और इसे खूब उबालो जब तक की ये काढ़े के रूप में आ जाए।
इसके बाद ये आपको चाय की तरह सुबह-सुबह खाली पेट पीना है। कुछ हप्तों मैं ये बीमारी ठीक हो जाएगी। यह दवाई आपको 2-3 महीने सुबह-सुबह खाली पेट लेनी है।
4. बेल पत्र के सेवन से इलाज :
पांच बेल पत्र ले कर पत्थर में पीस कर उसकी चटनी बनाइये अब इस चटनी को एक ग्लास पानी में डाल कर खूब गरम कर लीजिये, इतना गरम करिए के पानी आधा हो जाये, फिर उसको ठंडा करके पी लीजिये। ये सबसे जल्दी उच्च रक्तचाप को ठीक करता है।
5. गौ मूत्र के सेवन से इलाज :
हाई BP के लिए–देशी गाय का मूत्र पियें आधा कप रोज सुबह खाली पेट ये बहुत जल्दी हाई BP को ठीक कर देता है। और ये गोमूत्र बहुत अद्भूत है, ये हाई BP को भी ठीक करता है और लो BP को भी ठीक कर देता है–दोनों में काम आता है।
6. अलसी के बीज के सेवन से इलाज :
अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड में से एक है जिससे इसमें अल्फा लिनोलेनिक एसिड (Alfa Linolenic Acid) नामक यौगिक की उच्च मात्रा होती है। यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ ही केलॉस्ट्रॉल की मात्रा भी घटाता है जिससे हृदय भी स्वस्थ बनता है।
7. लौकी के रश के सेवन से इलाज :
एक कप लौकी का रस रोज पीना सबेरे खाली पेट नास्ता करने से एक घंटे पहले; और इस लौकी की रस में पांच धनिया पत्ता, पांच पुदीना पत्ता, पांच तुलसी पत्ता मिलाके, तीन चार काली मिर्च पिस के ये सब डाल के पीना ये आपके BP ठीक करेगा।
उच्च रक्तचाप से बचने के उपाय-Prevention of Hypertension In Hindi
- रोगी को जितना हो सके मानसिक विकारों जैसे- चिंता, भय, तनाव, दुःख आदि से दूर रखना चाहिए।
- रोगी को प्रतिदिन सुबह के समय उठाकर जितना हो सके उतना और बिना दबाव वाला व्यायाम करवाना चाहिए।
- रोगी को जितना हो सके अपने वजन को कम रखने की कोशिश करनी चाहिए अपने वजन को बढने नहीं देना चाहिए।
- रोगी को हल्का, स्वस्थ और पोष्टिक भोजन करने के लिए देना चाहिए।
- रोगी को धुम्रपान करने से रोकना चाहिए और अगर कोई बाहर का रोगी के पास धुम्रपान करता है तो उसे भी चेतावनी देनी चाहिए।
उच्च रक्तचाप में क्या खाएं-Eat In Hypertension In Hindi
1.चुकंदर का सेवन : चुकंदर में पर्याप्त मात्रा में नाइट्रेट होता है जो High Blood Pressure को नियंत्रित रखता है इसमें आप चुकंदर का आप जूस भी पी सकते हैं। : चुकन्दर के फायदे और नुकसान
2.अनार का सेवन : अनार में कुछ ऐसे एन्जायिम पाए जाते हैं जो Blood Pressure को नियंत्रित रखते हैं अनार के आप जूस का सेवन भी कर सकते हैं।
3.व्हीटग्रास जूस : इसमें मैग्नीशियम और पोटाशियम भरपूर मात्रा में होता है। ये मिनरल ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं।
4.लहसुन का सेवन : लहसुन में एक विशेष प्रकार का प्रोटीन होता है जो हमारी रक्त वाहिकाओं को कंट्रोल करता है। इसमें मौजूद एडिनोसिन रक्त धमनियों को फैला देता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। यह भी पढ़ें : लहसुन के फायदे और नुकसान
5.कैल्शियम का सेवन : कैल्शियम से भरपूर दूध, दही, पालक, पत्तेदार सब्जियां, काबुली चना, मेथी, ज्वार, बाजरा जैसी चीजें खाने से ज्यादा सोडियम का असर कम हो जाता है। जिससे blood pressure नियंत्रित रहता है।
6.मैग्नीशियम का सेवन : High Blood Pressure जादातर मैग्नीशियम की कमी से भी होता है इसलिए मैग्नीशियम के प्राकृतिक स्रोतों में मेवे, साबुत अनाज, चोकर, पत्तेदार सब्जियां का सेवन करना चहिये।
7.पौटेसियम का सेवन : रक्त धमनियों को राहत पहुंचाकर और शरीर से अतिरिक्त पानी व नमक को हटाकर पोटाशियम ब्लड प्रेशर को काबू करता है। केला, पपीता, तरबूज, खरबूजा और आड़ू में पोटाशियम होता है। आलू, टमाटर, संतरा, पालक, सोयाबीन, बादाम, साबुत अनाज, दालें और फलों के ताजे रस से भी पोटाशियम मिलता है।
8.आॅटस का सेवन : High Blood Pressure में आॅटस का सेवन बहुत फी फलदायक होता है क्यूंकि इसमें फाइबर होता है जो कोलेस्ट्राल को कम करता है और Blood Pressure को नियंत्रित रखता है।
उच्च रक्तचाप में क्या नहीं खाएं-Do Not Eat In Hypertension In Hindi
1.नशीले पदार्थ : उच्च रक्तचाप में नशीले पदार्थ जैसे शराब, मदीरा, भांग ,सिगरेट, बीडी , तम्बाकू आदि सक्रिय रूप से हाई ब्लडप्रेशर को बढ़ाने का काम करते है। शराब रक्त वाहिकाओं की दीवारों को खराब कर देती है।
2.आचार ना खाएं : आचार में लो कैलोरी होती है लेकिन इसमें सोडियम की मात्रा पर्याप्त होती है जिससे उच्च रक्तचाप होने की संभावना बढ़ जाती है।
3.बेकन ना खाएं : बेकन के तीन स्लाइस में 4.5 ग्राम फैट जबकि इसमें 270 एमडी सोडियम पाया जाता है। जो Blood Pressure को बढाता है इसलिए जो लोग उच्च रक्तचाप के मरीज हैं उन्हें बेकन कभी नहीं खाना चाहिए।
4.फास्ट फ़ूड से बचें : कभी कभी High Blood Pressure में तली हुई चीज या फ़ास्ट फ़ूड का सेवन नही करना चाहिए इनके सेवन से Blood Pressure नियंत्रित नही रहता इसलिए इन चीजो से बचे।
5.डेरी प्रोडक्ट से बचें : High Blood Pressure में डेरी प्रोडक्ट से बचाव करना चाहिए क्यूंकि इनसे Blood Pressure बढ़ता है अगर आप सेवन करना चाहते हैं तो घर के बने उत्पादों का सेवन ही करें।
6.चाय कोफ़ी से परहेज : High Blood Pressure में इन से परहेज करना चहिये क्योंकि इनमें उपस्थित कैफीन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इनका सेवन लो Blood Pressure में अच्छा रहता है।